वाराणसी कोलकाता बुलेट ट्रेन कहाँ से गुजरेगी, हुआ फाइनल!

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देश के विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से भारत में वृहद High speed trains का जाल बिछ रहा है जिसमें कि काशी अर्थात भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की भी मुख्य भूमिका सामने आ रही है।

इस वर्ष प्रस्तुत हुए बजट में देशभर के सात रूटों पर बुलेट ट्रेन चलाने के लिए हाई स्पीड रेल कारिडोर (High Speed Rail Corridor) निर्माण की घोषणा हुई है जिसमें हावड़ा से वाराणसी रूट भी सम्मिलित है। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि परियोजना के लिए सर्वे होगा और डीपीआर तैयार होगा। बजट की घोषणा के पश्चात अब धनबाद में चल रहे सर्वे ने बुलेट ट्रेन की आशा में और ज्योत जगा दी है।

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इसी के साथ नित्य नवीन समाचार सुनने व देखने को मिल रहे हैं जो वाराणसी हावड़ा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट (Varanasi Howrah Bullet Train Project) पर कई दुविधा भी उत्पन्न कर रहे हैं, इसलिए हमने इस वीडियो में आपके लिए समाधान स्वरूप कुछ जानकारी लाने का प्रयास किया है।

बता दें की वाराणसी के कैंट से लेकर हावड़ा तक 760 लंबी होगी यह बुलेट ट्रेन परियोजना, जिसके लिए पूरे मार्ग पर फ्लाई ओवर बनाया जाएगा, अर्थात बुलेट ट्रेन रूट को इलेवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने पर कैंट से हावड़ा तक की दूरी मात्र कुछ घंटों में ही तय की जा सकेगी।

इसके अतिरिक्त कुछ स्थानों पर भूमिगत स्टेशन बनाए जाने की भी योजना है। बुलेट ट्रेन के लिए अलग से पटरियां बिछाई जाएंगी और इसके लिए अलग से स्पेशल स्टेशन भी बनाए जाएंगे। रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन व बुलेट ट्रेन के स्टेशनों को कुछ इस प्रकार से जोड़ा जाएगा कि यात्रियों को परिवहन का कोई भी साधन पकड़ना हो तो उन्हें बाहर न जाना पड़े। यात्री इस मल्टी माडल ट्रांसपोर्ट हब के अंदर ही अपनी आवश्यकता के अनुरूप परिवहन का माध्यम चुन सकेंगे। स्टेशन को स्काई वे या फुट ओवर ब्रिज के माध्यम से जोड़ने की योजना पर भी काम किया जा रहा है ताकि यात्रियों को एक स्थान से दूसरी स्थान पर पहुंचने में सरलता हो। फ्लाई ओवर पर अप व डाउन रेल ट्रैक बिछेगी। मार्ग में कम से कम यू टर्न आए और ट्रेन कहीं घूमे नहीं इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

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जानकारी के लिए बता दें की भूमि के ऊपर गुजरने वाली बुलेट ट्रेन के लिए वाराणसी से हावड़ा तक नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड 12 स्टेशनों का निर्माण कराएगा। जिसके लिए बनारस, बक्सर, आरा, पटना, गया, धनबाद, अखनौल, दुर्गापुर, बर्धमान, हावड़ा सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थानों को चिह्नित किया जा रहा है।

हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए दिल्ली से वाराणसी कैंट और कैंट से हावड़ा को चुना गया है। ऐसे में कैंट स्टेशन विशेष महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ट्रेन चलने लगी तो कैंट स्टेशन को सेंट्रल स्टेशन बनाया जाएगा। यात्री सुविधाआें को बढ़ाने के साथ ही छोटी बड़ी हर चीजों की पूर्ति होगी। कैंट स्टेशन से बुलेट स्टेशन को जाने के लिए भीतर से ही मार्ग होगा। जिससे कि यात्रियों को कोई कठिनाई नहीं होगी।

यही नहीं यात्रियों को कम समय में यात्रा कराने के साथ ही सुपर मार्केट की सुविधा मिलेगी। वाराणसी कैंट से हावड़ा तक दस स्थानों पर अंडरग्राउंड के साथ दो या तीन मंजिला स्टेशन बिल्डिंग बनाने की योजना है। 2030 तक काम पूरा करने का लक्ष्य है। स्टेशनों पर ब्रांडेड कलेक्शन के साथ लुभावने शोरूम बनाए जाएंगे। यात्री इन अत्याधुनिक मार्केट का लाभ उठा सकेंगे।

वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने के लिए बता दें की जयपुर की कंपनी को इस बुलेट ट्रेन परियोजना की डीपीआर बनाने काम मिल चुका है। अधिकारी ट्रेनों को चलाने के लिए गंगा किनारे नमी व हवा की गति की जांच कर रहे हैं।

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वाराणसी से हावड़ा तक प्रस्तावित बुलेट ट्रेन के लिए धनबाद में नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पाेरेशन लि. का सर्वे आरंभ हो चुका है। हाई स्पीड ट्रेन तोपचाची के पंचारी, रोआम, बिशुनपुर और रथटांड़ गांव से गुजरेगी। इसके लिए बीते दिनों एनएचएसआरसीएल की सर्वे एजेंसी ने इन गांवों का सर्वे किया। सर्वे करने वाली एजेंसी ने नेशनल हाईवे के समानांतर बिछने वाली हाई स्पीड रेल कारिडोर के लिए भूमि देखी और भूस्वामीयों से बातचीत भी की। कई गांववालों से मोबाइल नंबर और ई-मेल अड्रेस भी लिया। उन्हें यह सुझाव भी दिया कि वो अपनी भूमि से जुड़े कागजात तैयार रखें। सर्वे एजेंसी हाई स्पीड रेल परियोजना के लिए अभी प्रारंभिक सर्वे कर रही है। इस समयावधि में रेल लाइन बिछाने के लिए उपलब्ध भूमि, संबंधित गांव से जुड़ी जानकारी और पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट तैयार की जा रही है। विस्तृत रिपोर्ट तैयार होने के पश्चात ही आगे की प्रक्रिया आरंभ होगी। इससे पहले राजगंज व तोपचांची के ब्राह्णडीहा व आसपास के गांवों में सर्वे कर चुकी है। धनबाद से पहले गिरिडीह के बगोदर क्षेत्र में अक्टूबर में ही सर्वे हो चुका है।

एक और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए बता दें की जिस प्रकार से दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन रूट में अयोध्या को सम्मिलित करने के लिए एक समानान्तर 130 किलोमीटर के ट्रैक बनाने की योजना है उसी प्रकार से हावड़ा से वाराणसी के मध्य बुलेट ट्रेन के लिए नेशनल हाईवे के समानांतर हाई स्पीड रेल कारिडोर बिछाने की योजना है। तथा हावड़ा से धनबाद, पारसनाथ व बोधगया से पटना, बक्सर होकर वाराणसी तक लाइन प्रस्तावित है। हालांकि अभी यह रूट फाइनल नहीं है। ऐसी भी संभावना है कि बोधगया से वाराणसी तक वर्तमान रेल लाइन के समानांतर ही हाई स्पीड कारिडोर बिछाई जाए क्योंकि पटना होकर रेल लाइन बिछाने के लिए उसे घुमावदार बनाना होगा। दोनों विकल्प पर मंथन जारी है।

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बुलेट ट्रेन उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड होते हुए कोलकाता पहुंचेगी। एक वर्ष में डीपीआर तैयार होगा जाएगा और 2030 में काम को पूरा कर लिया जाएगा। कोविड के कारण से छह माह का विलंब हुआ है।

हवाई और जमीन सर्वे के बाद इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर काम को आगे बढ़ाया जाएगा। इसके पूरा होने के पश्चात कैंट से हावड़ा तक की यात्रा मात्र पांच घंटे में पूरा हो सकेगा। प्रोजेक्ट की किसानों को जानकारी दी जा रही है। नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड ट्रेन के संचालन में सुरक्षा संबंधित तकनीकी कारणों को ध्यान में रखते हुए, इसे पूरे ट्रैक को एलिवेटेड बनाएगा। इसलिए इस प्रोजेक्ट के प्रत्येक कदम पर बेहद सतर्कता बरती जा रही है। हर कदम फूंक-फूंककर रखा जा रहा है। इसके सर्वे रिपोर्ट के आधार पर शीघ्र ही विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई जाएगी।

सूत्रों से मिली सूचना के अनुसार बिहार की पहली बुलेट ट्रेन राजधानी पटना नहीं, गया-सासाराम से गुजरेगी। वाराणसी-हावड़ा के बीच बिहार-झारखंड होकर प्रस्तावित बुलेट ट्रेन के लिए हाईस्पीड रेलवे ट्रैक बिछाने और उस पर बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी आरंभ हो गई है। पूर्व मध्य रेल मुख्यालय में भी रेल मंत्रालय से इस संदर्भ का पत्र आ गया है।

बता दें कि पटना के साथ बक्सर, आरा, बिहारशरीफ और नवादा को जोड़ने वाली बुलेट ट्रेन का प्रस्ताव दूसरे फेज में आने की आशा है।

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वाराणसी-हावड़ा के लिए सासाराम, गया, कोडरमा, हजारीबाग, गिरीडीह, धनबाद के रास्ते हाई स्पीड रेलवे ट्रैक बिछाई जाएगी। इस रूट की बुलेट ट्रेन के लिए उच्चस्तरीय बैठक में चर्चा हुई है। इसको ध्यान में रखते हुए गया जंक्शन को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है।

सरल शब्दों में कहें तो वाराणसी हावड़ा बुलेट ट्रेन पहले चरण में गया होते हुए जाएगी तथा दूसरे चरण में पटना से ऐसी ही वर्तमान समय में योजना बन रही है।

इसके अंतर्गत बुलेट ट्रेन बिहार के बक्सर, आरा, पटना, बिहारशरीफ, गया, सासाराम और नवादा से होकर गुजरेगी। वहीं, झारखंड में कोडरमा, हजारीबाग, गिरिडीह और धनबाद से गुजरेगी। बिहार में जिस रूट के लिए सर्वे किया जा रहा है, उसमें बक्सर, आरा, पटना, बिहारशरीफ और नवादा में स्टेशन बनाए जा सकते हैं।

यह भी महत्वपूर्ण है कि काशी विश्वनाथ की नगरी वाराणसी एक पर्यटन स्थल है। इसी प्रकार से गया भी भगवान बुद्ध व विष्णु की नगरी है, इसलिए इस प्रोजेक्ट को गया रेलवे स्टेशन होते हुए बुलेट ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है। तथा झारखंड के पारसनाथ में विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल भी है। इसलिए नई बुलेट ट्रेन रूट के लिए पटरी पारसनाथ से गुजरेगी और यहाँ पर बुलेट ट्रेन का स्टेशन भी बनेगा। इसे ध्यान में रखकर भी सर्वे किया गया है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में जुटी है।

मित्रों यदि उपरोक्त वाराणसी हावड़ा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की जानकारी आपको पसंद आई हो तो अपने गांव अथवा जिला का नाम कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

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