PM मोदी के जुमले को Varanasi में हकीकत बनते देखिये
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PM मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) अपने इतिहास में सबसे तीव्र गति से विकास कर रहा है, नगर में ऐसे सैकड़ों परियोजनाओं पर कार्य संचालित है जो नगरवासीयों के जीवनशैली को सुदृढ़ कर आधुनिक सुविधाओं को प्रदान तो कर ही रही हैं साथ ही काशी की धार्मिक और सांस्कृतिक छवि को भी प्रबल बना रही हैं।
बता दें की वाराणसी के प्रवेश द्वार अर्थात वाराणसी कैंट अथवा वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन के सामने बने चौकाघाट लहरतारा फ्लाइओवर जिसका उद्घाटन फरवरी वर्ष 2020 में मोदी जी ने ही किया था उसके नीचे का स्थान वर्तमान समय में अत्यधिक ट्रैफिक जाम व अवैध अतिक्रमण आदी की समस्याओं से ग्रसित था जिसके कारण से यह 1.9 किलोमीटर का पूरा चौकाघाट लहरतारा फ्लाइओवर के नीचे का अधिकतम क्षेत्र न केवल काशी नगर की सुंदरता को धूमिल कर रहा था अपितु यातायात में भी बाधा उत्पन्न कर रहा था। परंतु अब ऐसा अधिक समय तक नहीं रह पाएगा क्योंकि प्रशासन ने इस परियोजना पर कार्य प्रारंभ करवा दिए हैं।
जाम का नया अड्डा बन चुके वाराणसी के चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के नीचे के भाग की सूरत बदलने वाली है। ट्रैफिक सर्कुलेटेड स्मार्ट सिटी के अंतर्गत यातायात के सुगम संचालन व प्रबंधन के लिए निर्धारित ट्रैफिक सर्कुलेशन की स्कीम बनाई गई है। जिसके आधार पर जेब्रा क्रॉसिंग , ट्रैफिक साइनेज, मेडिया यू – टर्न तथा व्यवस्थित ऑटो रिक्शा, ई रिक्शा व पार्किंग बेज आदि का विकास होगा। यहां प्रचार के लिए एलईडी स्क्रीन, छोटी दुकानें, कियोस्क आदि लगाए जाएंगे। जिससे निर्माण के पश्चात रखरखाव सुलभ हो सके।
बता दें की इस परियोजना के अंतर्गत फ्लाईओवर के लगभग दो किलोमीटर क्षेत्र में मार्डन शेल्टर होम, फूड कोर्ट और ग्रीन एरिया का निर्माण भी होगा जिससे लोगों को कई सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही अव्यवस्थित यातायात को भी पटरी पर लाया जाएगा। यही नहीं यह ऐसा होगा वैसा होगा नहीं सबसे बड़ी बात यह है कि अर्बन प्लेसमेकिंग और ट्रैफिक रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के अंतर्गत यहां काम आरंभ भी करवा दिया गया है।
वर्तमान समय में यहाँ पर इस पूरे क्षेत्र में विकास कार्य संचालित है। जिसमें कि फ्लाईओवर के नीचे के लगभग दो किलोमीटर लंबे क्षेत्र में बनारसी खानपान से लेकर पार्किंग, वेटिंग एरिया सहित अन्य सुविधाएं विकसित करने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही फ्लाईओवर के दोनों छोर की दीवारों को काशी के धर्म, कला और संस्कृति का अनुसरण कराने वाली कलाकृतियों से संवारा गया है जैसा की आप देख सकते हैं कि फ्लाईओवर के पिलरों को काशी आधारित छवि से सुसज्जित किया गया है पिलर संख्या भी डाला गया है जिसमें कि अधिकांश हो चुके हैं। इस पूरे क्षेत्र को विकसित कर काशी की सुंदरता में वृद्धि करने की तैयारी है।
जानकारी के लिए बता दें की लहरतारा से आरम्भ होकर चौकाघाट में समाप्त होने वाले फ्लाईओवर के नीचे ही कैंट रेलवे स्टेशन और कैंट रोडवेज का मुख्य द्वार है। इस कारण से यहां प्रतिदिन हजारों लोग गुजरते हैं, ऐसे में फ्लाईओवर के नीचे के भाग में पब्लिक प्लाजा, वॉकिंग ट्रेल, पेवमेंट्स, यूरिनल, पीने के पानी की सुविधा, इंफॉर्मेशन कियॉस्क, स्ट्रीट बेंच और कूड़ेदान की भी व्यवस्था की जाएगी।
तथा आपको बता दें की इस परियोजना में कहाँ पर क्या बनेगा तो बता दें की स्मार्ट सिटी के अंतर्गत अर्बन प्लेसमेकिंग की योजना को साकार करने के लिए फ्लाईओवर के नीचे के भाग में कार्य संचालित है। कैंट रेलवे स्टेशन के सामने के भाग में फूड कोर्ट को विकसित करने की योजना है और रोडवेज बस अड्डे के पास वेटिंग एरिया बनाया जाएगा। कमलापति त्रिपाठी इंटर कॉलेज के सामने पार्किंग होगी। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में ठेला-पटरी व्यापारियों के लिए स्मार्ट सिटी द्वारा वेंडिंग जोन भी बनाया जा रहा है। हम आपको इन सभी निर्माण कार्यों की वर्तमान परिस्थिति का अवलोकन करा रहे हैं जिसमें कि आप देख सकते हैं की यहाँ पर पेड़ पौधे लगाने के लिए कई सारे स्थानों का निर्माण किया गया है और कई और का निर्माण हो भी रहा है। इसके साथ ही यहाँ पर लोहे के कई सारे निर्माण किए जा रहे हैं जिनका उपयोग वेंडिग जोन के दुकानों के लिए किया जाएगा। तथा इनमें लगभग 55 दुकानों का निर्माण होगा।
बता दें की अर्बन प्लेसमेकिंग और ट्रैफिक रोड इंफ्रास्ट्रक्चर योजना के अंतर्गत यह निर्माण कार्य संचालित है। तथा मार्च तक इस कार्य को पूरा करने की समय सीमा रखी गई हैै। परंतु यह हमें निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति के अनुसार थोड़ा कम प्रतीत हो रहा है। विलंब क्यों हुआ व कौन है विलंब का कारण ये भी हम आपको आगे बताएंगे।
यदि इस क्षेत्र की वर्तमान परिस्थिति को देखें तो कैंट रेलवे स्टेशन और रोडवेज़ बस अड्डे के निकट अव्यवस्थित तरीके से फ्लाईओवर के नीचे ऑटो और ई-रिक्शा खड़े रहते हैं। इसके चलते रेलवे स्टेशन से रोडवेज के बीच प्रतिदिन जाम लगता है। इसीलिये इस प्रोजेक्ट में ऑटो और ई-रिक्शा के लिए स्थाई पार्किंग का भी प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त फ्लाईओवर के नीचे पड़ने वाले चौराहों-तिराहों को ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम से लैस भी किया जाएगा।
बता दें की कैंट स्टेशन के सामने प्रतिदिन रात में काफी लोग शेल्टर लेते हैं। इसके लिए कैंट स्टेशन के सामने एक मार्डन शेल्टर और प्रसाधन भी बनवाया जाएगा। इसके अतिरिक्त इसी एरिया में वेंडिंग भी की जाती है। जिसे की ऑर्गनाइज़ करके एक प्रॉपर वेंडिंग ज़ोन बनाया जाएगा। तथा अब यहाँ टूव्हीलर पार्किंग बनाकर व्यवस्थित किया जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें की इंदौर के नाइट बाजार की तर्ज पर बनारस में भी इस चौकाघाट-लहरतारा फ्लाइओवर के नीचे स्मार्ट सिटी वाराणसी ने विकास करने की योजना बनाई है परंतु तेज गति से हो रहे नाइट बाजार निर्माण में उस समय ब्रेक लग गया जब रोडवेज के आरएम ने इसपर आपत्ति लगा दी।
हालांकि, स्मार्ट सिटी कंपनी के अफसरों ने साफ कहा कि जो भी डीपीआर बनी है वह हर पहलू को सोच-समझकर बनी है। फिलहाल, रोडवेज के आसपास नाइट बाजार का निर्माण बंद हो गया है। गतिरोध दूर होने के पश्चात स्मार्ट सिटी कंपनी पुनः कार्य आरंभ करेगी। डीपीआर के अनुसार प्रताप होटल के पास कट दिया गया है जहां से रोडवेज बसें घूम सकती हैं। इसके अतिरिक्त डिपो तक आने वाली बसों को फ्लाइओवर से होकर चौकाघाट चौराहे से घूमते हुए डिपो तक जाने का ब्लू प्रिंट तैयार हुआ है। इससे जाम की समस्या को दूर किया जा सकेगा। लहरतारा से चौकाघाट तक बने फ्लाईओवर के नीचे अति शीघ्र ही नाइट बाजार आरंभ होगा।
यहां पूरी रात शापिंग और बनारसी जायका चखने का अवसर मिलेगा। पहले चरण में 54 दुकानें बनाई जाएंगी। सुरक्षा के दृष्टि से यहां सदैव पुलिस पिकेट तैनात रहेगी और पूरा बाजार सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगा। जाम से मुक्ति के लिए तीन स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। लगभग छह करोड़ की लागत से बनने वाले नाइट बाजार के लिए काम आरंभ हो गया है, जो मार्च तक पूरा हो जाएगा। इससे पर्यटकों को सुविधा मिलेगी तो रोजगार के अवसर खुलेंगे। जो ट्रैफिक प्लान बना है उससे जाम की समस्या भी समाप्त होगी।
इन सब के अतिरिक्त चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे स्कल्पचर लोगों में आकर्षण का केंद्र होगा। इसके माध्यम से पर्यटकों को बनारस की संस्कृति देखने को मिलेगी। वहीं पुल के नीचे आई लव बनारस लिखा हुआ सेल्फी प्वाइंट बनाया जाएगा। जो नगर वासियों के साथ ही पर्यटकों में भी आकर्षण का केंद्र होगा।
महत्वपूर्ण है कि कहने को तो यह साधारण सा प्रतीत होने वाला मात्र एक परियोजना है परंतु इसके स्थान विशेष के कारण यह काशी के छवि को बनाने वाला मील का पत्थर सिद्ध होगा, क्योंकि पर्यटन की दृष्टि से वाराणसी उत्तर प्रदेश में दूसरा सबसे बड़ा स्थान व धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण काशी का प्रवेश द्वार जब सुंदर होगा तो आगे की यात्रा अवश्य अच्छी स्मृति का निर्माण करेगी। वो अंग्रेजी में एक कहावत है ना, First impressions is the last impression. इसपर आपके क्या विचार हैं वो हमें कमेंट बाॅक्स में लिखकर अवश्य बताएं। तथा यदि आपको उपरोक्त परियोजना की जानकारी पसंद आई हो तो हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।
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