दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन ने पकड़ी रफ़्तार

Getting your Trinity Audio player ready...

देश के विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से भारत में वृहद High speed trains का जाल बिछ रहा है जिसमें कि काशी अर्थात भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की भी मुख्य भूमिका सामने आ रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्‍ट बुलेट ट्रेन को लेकर परियोजना एक कदम और आगे बढ़ी है। दिल्ली से वाराणसी (Delhi-Varanasi) के बीच लंबे समय से बुलेट ट्रेन (Bullet Train) की मांग, शीघ्र ही पूरी होने वाली है। दिल्ली वाराणसी हाई स्पीड रेल कोरिडोर (High Speed Rail Corridor) देश का दूसरी बुलेट ट्रेन परियोजना है, इससे पहले यह मुंबई से अहमदाबाद (Mumbai-Ahmedabad) के बीच भी इस परियोजना पर काम किया जा रहा है। जिसकी जानकारी हम आपको अगली वीडियो में देंगे। दिल्ली से वाराणसी के मध्य में चलने वाली यह बुलेट एक ओर से 958 किलोमीटर लंबी होगी, जिसमें से 123 किमी. की लखनऊ (Lucknow) और अयोध्या (Ayodhya) के मध्य की दूरी को समानांतर लाईन के माध्यम से यह कवर करेगी।

बता दें की अब दिल्‍ली के सराय काले खां ले चलकर वाराणसी पहुंचने वाली बुलेट ट्रेन के लिए एलिविटेड ट्रैक यमुना एक्‍सप्रेस-वे, आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तथा गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे बिछाया जाएगा।

Also Read
वाराणसी का कायाकल्प करने के लिए 2022 में पुरे हो रहें ये टॉप 5 प्रोजेक्ट्स

विंध्याचल मंदिर का मार्ग अब गलियों से नहीं सीधा हाईवे से

इस बुलेट ट्रेन में दिल्ली से बनारस के मध्य में 12 स्टेशन प्रस्तावित हैं। दिल्ली के सराय काले खां से आरंभ होकर ट्रेन बनारस के मडुआडीह तक जाएगी। इस बीच दिल्ली के साथ नोएडा, मथुरा, आगरा, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, अयोध्या, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही और वाराणसी स्टेशन होंगे।

जानकारी के लिए बता दें की बुलेट ट्रेन के लिए प्रस्तावित हाइस्पीड कारिडोर की चौड़ाई साढ़े 22 मीटर होगी। इसमें साढ़े 17 मीटर चौड़ा ट्रैक होगा। यह हाई स्पीड कारिडोर ऊंचे-ऊंचे खंभे से होकर गुजरेगा। इससे भूमि की आवश्यकता कम होगी। इसके लिए प्रत्येक गांव में समितियां बनाकर किसानों की सहमति से भूमि क्रय की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल रेट से चार गुना तथा शहरी क्षेत्र में दो-गुना क्षतिपूर्ति दिया जाएगा। अधिकारियों ने विकास कार्य में सभी से सहयोग की अपील की है।

डीपीआर बनाने का कार्य नेशनल हाइस्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड की ओर से किया गया है। जो कि प्रस्ताव के सापेक्ष में बन चुका है। इसपर वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देते हुए बता दें की नई दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के लिए रेलवे को डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) मिल चुकी है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने बीते नवंबर में ही इससे जुड़ी DPR रेलवे को सौंप दिया है। जिसपर की फिसिबिलिटी टेस्ट किया जा रहा है। इसपर स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। डीपीआर में इस बात पर भी ध्यान दिया जा रहा है कि जिन रूट से बुलेट ट्रेन निकलेगी, उन क्षेत्रों में ट्रैफिक कितनी है और लोगों की भीड़भाड़ का क्या हाल रहता है।

बता दें की उत्‍तर प्रदेश में हाई स्‍पीड रेल का नेटवर्क बिछाने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। इसके अंतर्गत देश की राजधानी दिल्‍ली को तीर्थ नगरी वाराणसी से बुलेट ट्रेन से जोड़ने की योजना है।

Also Read
PM मोदी की काशी को मिली वाराणसी के पहले एक्सप्रेसवे की सौगात

अयोध्या श्री राम मंदिर निर्माण में चौथे चरण की चल रही है तयारी

पर्यटन के दृष्टि से उत्‍तर प्रदेश के प्रमुख नगरों में हाई स्‍पीड रेल की सुविधा देने की योजना पर तीव्र गति से काम चल रहा है। इसके अंतर्गत सबसे पहले दिल्‍ली-वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की प्‍लानिंग है। इसके लिए सर्वे के अतिरिक्त रूट फिजिबिलिटी टेस्‍ट का काम भी लगभग पूरा हो गया है। अब दिल्‍ली से वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन के ठहराव को लेकर स्‍टेशन बनाने की योजना पर काम चल रहा है। बताया जा रहा है कि सुर‍क्षा के दृष्टि से दिल्‍ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन रूट पर इलेवेटेड ट्रैक के साथ साथ कुछ स्थानों पर भूमिगत स्‍टेशन बनाने की भी प्‍लानिंग है। बता दें कि बुलेट ट्रेन के लिए अलग से पटरियां ब‍िछाई जाएंगी और इसके लिए अलग से विशेष स्‍टेशन भी बनाए जाएंगे।

जानकारी के अनुसार, नोएडा में बन रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के समीप अंडरग्राउंड स्‍टेशन बनाए जाएंगे। बता दें कि एयरपोर्ट के आरंभ होने पर यहां लोगों का यातायात बढ़ने की संभावना है, ऐसे में जेवर के पास बुलेट ट्रेन के लिए स्‍टेशन बनाने की योजना है।

दिल्‍ली और वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन के लिए कुल 12 स्‍टेशन बनाए जाएंगे। तथा इस दिल्‍ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन परियोजना के पूरा होने के पश्चात की भी योजना तैयार कर ली गई है। बताया जा रहा है कि बुलेट ट्रेन एक दिन में दिल्‍ली से वाराणसी के मध्य 18 फेरे लगाएगी। इसके अतिरिक्त दिल्‍ली से आगरा के मध्य 63, दिल्‍ली से लखनऊ के मध्य 43 और दिल्‍ली से अयोध्‍या के मध्य 11 फेरे लगाएगी।

लागत की जानकारी के लिए बता दें की वाराणसी- दिल्‍ली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्‍ट पर लगभग 2.3 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके माध्यम से उत्‍तर प्रदेश के प्रमुख तीर्थस्‍थानों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। बुलेट ट्रेन का रूट मैप इस प्रकार से तैयार किया गया है कि इसके अंतर्गत प्रमुख तीर्थस्‍थल इसकी परिधि में आ जाएं।

यह भी बता दें की पहले वाराणसी में बुलेट ट्रेन के लिए मण्डुआडीह पर स्टेशन के बनने की जानकारी सामने आई थी परंतु नवीन जानकारी के अनुसार इस हाई स्पीड ट्रेन को चलाने के लिए दिल्ली से वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन को चुना गया है। यहाँ पर बुलेट ट्रेन का भूमिगत स्टेशन बनेगा। ऐसे में कैंट स्टेशन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ट्रेन चलने लगी तो कैंट स्टेशन को सेंट्रल स्टेशन बनाया जाएगा। यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ही छोटी बड़ी हर चीजों की पूर्ति होगी। सुरक्षा व संरक्षा भी बढ़ेगी। कैंट स्टेशन से बुलेट स्टेशन को जाने के लिए अंदर से ही रास्ता होगा। जिससे कि यात्रियों को कोई कठिनाई नहीं होगी।

Also Read
PM मोदी की काशी को मिलने वाला है वाराणसी का पहला आइलैंड प्लेटफार्म

PM मोदी के जुमले को Varanasi में हकीकत बनते देखिये

जानकारी के लिए बता दें की दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्‍ट का काम चार चरणों में पूरा किया जाएगा।

पहला चरण दिल्‍ली से आगरा तक,
दूसरा चरण आगरा से लखनऊ,
तीसरा चरण लखनऊ से प्रयागराज
और अंतिम व चौथा चरण प्रयागराज से वाराणसी तक का होगा।
पहले फेज को वर्ष 2024-25 में पूरा करने का लक्ष्य है। तथा अंतिम चरण को 2030 तक पूर्ण करने की योजना है।

इस बुलेट ट्रेन की गति की जानकारी के लिए बता दें की वह होगी 320 किमी. प्रति घंटा तथा इस गति से दिल्‍ली से जेवर एयरपोर्ट के मध्य 62 किलोमीटर की दूरी को यह बुलेट ट्रेन 21 मिनट में तय करेगी।

इसी प्रकार से जेवर एयरपोर्ट से मथुरा के राया कट तक अगले 20 मिनट में पहुंचेगी. जबकि, दिल्ली से आगरा पहुंचने में इसे 55 मिनट और लखनऊ पहुंचने में 2 घंटे 50 मिनट लगेंगे। एवं दिल्‍ली से वाराणसी की यह दूरी 3 घंटे 41 मिनट में पूरा कर लेगी। आरंभ में में इस ट्रेन में एक साथ 800 पैसेंजर की व्‍यवस्‍था होगी, जिसे पश्चात बढ़ाकर 1250 तक किया जा सकता है।

बता दें की दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट दिल्ली हावड़ा हाई स्पीड रेल काॅरिडोर का एक भाग ही है जिसमें दिल्ली से वाराणसी पहले चरण में और दूसरे चरण में वाराणसी हावड़ा बुलेट ट्रेन कं चालाया जाना है जो कि पटना से ही होकर के गुजरेगा जिसकी विस्तृत जानकारी हम आपको अगली वीडियो में देंगे।

मित्रों यदि उपरोक्त दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की जानकारी आपको पसंद आई हो तो हर हर महादेव कमेन्ट बॉक्स में अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

विडियो

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *