उद्घाटन को सज्ज है उज्जैन का श्री महाकाल धाम कॉरिडोर
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हमारे देश में भगवान भोलेनाथ के कुल 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित है, जिनमें से एक है उज्जैन में महाकालेश्वर महादेव (Mahakal Corridor) । तथा वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Dham Corridor) की ही प्रकार से महाकाल कॉरिडोर भी बन रहा है जो उद्घाटन को ललाहित है।
शिप्रा नदी के उत्तरी छोर पर बसा उज्जैन जिसे महाकाल की नगरी व चक्रवर्ती राजा विक्रमादित्य की नगरी कहा जाता है। जहां पर तीन गणेश और दो शक्तिपीठ व भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग है तथा जहाँ पर 12 वर्षों में एक बार होने वाला कुंभ स्नान भी सिंहस्थ बन जाता हो तथा जहाँ की काल गणना विश्व मानक हो, उसकी महत्ता को आप समझ ही सकते हैं। इतिहास के अनुसार सन् 1235 ई में मुस्लिम आक्रांता इल्तुत्मिश के द्वारा माहाकालेश्वर के प्राचीन भव्य मंदिर का विध्वंस किए जाने के पश्चात मराठाओं तथा राजा भोज द्वारा इस मंदिर का पुनर्उद्धार व विस्तार किया गया था।
हिंदू धर्म के इस प्रमुख पवित्र उज्जैन (Ujjain) में भगवान शिव के महाकालेश्वर धाम का वर्तमान समय में नवीनीकरण व विस्तार कार्य संचालित है। बता दें की प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 12 जनवरी 2021 को महाकालेश्वर मंदिर के विकास और विस्तार के लिये 500 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी थी। तथा लगभग 800 करोड़ की लागत से महाकाल मंदिर परिसर का क्षेत्रफल वर्तमान क्षेत्रफल से लगभग आठ गुना अधिक विस्तारित होगा। बता दें कि, वर्तमान समय में मंदिर परिसर 2.82 हेक्टेयर में विस्तारित है, जबकि परियोजना पूर्ण होने के पश्चात मंदिर का क्षेत्रफल बढ़कर के 20.23 हेेक्टेयर हो जाएगा। अर्थात काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के क्षेत्रफल जो की वर्तमान में 5 हेक्टेयर है उससे भी चार गुना बड़ा होगा।
परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि मंदिर विस्तारीकरण प्रोजेक्ट लगभग 800 करोड़ रुपये की लागत की है। इसके अंतर्गत पहले चरण में महाकाल पथ, रूद्र सागर का सौंदर्यीकरण, विश्राम धाम आदि काम पूरे होने हैं। विस्तारीकरण के कामों के मध्य जून 2022 में महाकाल पथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। त्रिवेणी संग्रालय के पास से महाकाल पथ का बड़ा द्वार बन रहा है। महाकालेश्वर मंदिर परिसर में 9 अलग अलग द्वार रहेंगे, जेके सीमेंट की ओर से लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये की धर्मशाला बनाकर महाकाल मंदिर को संचालन के लिए दी जाएगी। महाकाल मंदिर के सामने का मार्ग 70 मीटर चौड़ा किया जा रहा है। महाकाल मंदिर चौराहे तक का मार्ग 24 मीटर चौड़ा किया जाएगा।
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जानकारी हेतु बता दें कि महाकाल कॉरिडोर में फेसिलिटी सेंटर बन रहा है, जिसमें जूता स्टैंड, क्लॉक रूम, वेटिंग रूम, रेस्टोरेंट, पेयजल और अन्य सुविधाएं होंगी। पब्लिक प्लाजा बन रहा है जिसमें यात्रियों के लिए कियोस्क, टिकट काउंटर, शौचालय ब्लॉक आदि होंगे। साथ ही श्री महाकालेश्वर वाटिका में गणेश कुंड एवं नंदी द्वार, सप्त ऋषि सहित शिव स्तंभ, कमल कुंड, टिकट घर, मुक्ताकाशी रंगमंच, ई-रिक्शा स्टेशन ,अल्प आहार क्षेत्र और छायादार बैठक स्थान बनाए जाएंगे। महाकाल मंदिर स्थित आगंतुक सुविधा 210 मीटर लंबे पुल के अतिरिक्त महाकाल मंदिर परिसर को अत्याधुनिक एवं आकर्षक लाइट एन्ड साउंड से प्रकाशमय किया जाएगा। पार्किंग, सूचना केंद्र ,कोटि तीर्थ एवं रुद्रसागर में म्यूजिकल फाउंटेन एवं वाटर स्क्रीनशॉट, आपातकालीन प्रवेश द्वार एवं निर्गम मार्ग आदी उन्नयन के कार्य किए जा रहे हैं। विस्तारीकरण योजना के पहले चरण में महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर पथ , शिव अवतार वाटिका, रूद्र सागर तट विकास, नूतन विद्यालय परिसर, गणेश विद्यालय परिसर ,पार्किंग, धर्मशाला, प्रवचन हॉल एवं अन्य क्षेत्र वितरित किए जा रहे हैं।
इसके अतिरिक्त मंदिर के रिक्त स्थान बढा़ने के लिए मंदिर के आसपास से सभी भवन हटाए जा रहे हैं। इसके परिणाम स्वरूप श्रद्धालु दूर से ही शिखर दर्शन कर सकेंगे। आगे और पीछे दोनों ओर शिखर दर्शन क्षेत्र बनाया जा रहा है। जिससे परिसर क्षेत्र भी बढ़ रहा है।
रुद्रसागर के किनारे दो नए द्वार नंदी द्वार व पिनाकी द्वार के मध्य विकसित किए जा रहे, यात्री संकुल में 20 हजार से अधिक यात्रियों का आवागमन हो सकेगा।
इसके अतिरिक्त नंदी द्वार से 900 मीटर लंबा दर्शन कॉरिडोर बनाया गया है। 400 से अधिक वाहनों के पार्किंग क्षेत्र, धर्मशाला व अन्नक्षेत्र परिसर से यात्री सीधे नंदी द्वार में प्रवेश करेंगे।
तो वहीं पौराणिक रुद्रसागर में साफ पानी भरने की व्यवस्था किया गया है। इसके किनारे एक घाट भी बनाया गया है, जहां यात्री बैठ कर रुद्रसागर का अवलोकन कर सकेंगे।
इतना सब सुनकर आप यदि यह सोच रहे हैं कि वास्तव में इन सभी कार्यों का कितना कार्य हुआ पूर्ण तथा कबतक होगा यह जनता को समर्पित। तो हम आपको बता दें कि महाकाल कॉरिडोर के कार्यों का अवलोकन स्वयं अब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान कर रहे हैं तथा उन्होंने इसे 20 मई तक पूरा करने को कहा है।
आपको हम बता दें कि महाकाल-रुद्रसागर विस्तारीकरण परियोजना के पहले चरण का कार्य लगभग 93% पूरा हो चुका है। इसमें भी नृसिंहघाट पंपिंग स्टेशन तथा पाइप लाइन (शिप्रा से रूद्रसागर), रूद्रसागर कैचमेंट क्षेत्र में सीवर लाइन और परिसर की आकर्षक लाइटिंग और साउंड सिस्टम के कार्य पूरे हो चुके हैं। तथा इसमें भी पार्किंग एवं भूमि विकास में 95 प्रतिशत, महाकाल द्वार तथा रामघाट प्राचीन मार्ग के संरक्षण का काम 95 प्रतिशत, मंदिरों एवं विरासतों पर सौन्दर्यीकरण के लिए लाइटिंग का 98 प्रतिशत काम पूरा हो गया है।
बता दें कि महाकाल मंदिर परिसर विस्तार योजना के पहले चरण में महाकाल कारिडोर का निर्माण पूर्ण होने की कगार पर है। सब कुछ ठीक रहा तो शीघ्र ही इसका लोकार्पण हो सकता है। प्रदेश सरकार महाकाल मंदिर क्षेत्र को आठ गुना बड़ा एवं सुन्दर बना रही है।
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इसमें यह भी बता दें कि त्रिवेणी संग्रहालय के पीछे मंदिर में प्रवेश के लिए दो नए भव्य प्रवेश द्वार, 920 मीटर लंबा खूबसूरत कारिडोर, हार-फूल-प्रसाद, श्रृंगार की दुकानें, टिकट काउंटर और सोलर सिस्टम युक्त सरफेस पार्किंग जोन का निर्माण समाप्त हो रहा है। कारिडोर के पास स्थापित पत्थर एवं फाइबर आदि से बनीं भगवान शिव और अन्य देवी देवताओं की विशाल 127 मूर्तियों का रंग-रोगन जारी है। सप्त सागरों में सम्मिलित प्राचीन रुद्रसागर की सफाई का कार्य भी आरंभ हो गया है। सफाई उपरांत इसमें नर्मदा-शिप्रा नदी का उपचारित जल भरा जाना है। नीलकंठ वन का निर्माण भी आरंभ होने में है।
कहा गया है कि लोकार्पण के पश्चात सभी श्रद्धालु यहां स्थापित देवी-देवताओं की विशाल मूर्तियां समिप से देख पाएंगे, परंतु वे इन्हें स्पर्श नहीं कर पाएंगे। कारिडोर के एक ओर 108 आकर्षक स्तंभ और दूसरी ओर 15 फीट ऊंची दीवार पर शिव महापुराण में उल्लेखित देवी-देवताओं के भित्ती चित्र देखने को मिलेंगे।
आपको हम दूसरे चरण की भी जानकारी देने हेतु बता दें कि दूसरे चरण में महाराजवाड़ा परिसर विकास, रुद्रसागर जीर्णोद्धार ,छोटा रूद्र सागर तट, रामघाट का सौंदर्यकरण, पार्किंग एवं पर्यटन सूचना केंद्र, हरी फाटक पुल का चौड़ीकरण, रेलवे अंडरपास, रुद्रसागर पर पैदल पुल, महाकाल द्वार एवं प्राचीन मार्ग बेगम बाग मार्ग आदि का विकास होगा।
तथा वर्तमान समय की सबसे महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि उज्जैन (Ujjain) में महाकाल कॉरीडोर (Mahakal Corridor) का उद्घाटन करने के लिए जून महीने के दूसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आने वाले हैं। इसे लेकर अभी से तैयारियां आरंभ हो गई हैं। काशी की तर्ज पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) का परिसर भी तैयार किया गया है। इस परिसर का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले हैं। महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण योजना का द्वितीय चरण अगले वर्ष तक पूरी होनी है।
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प्रथम फेज का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के पश्चात एक लाख लोगों की आम सभा को संबोधित भी कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण है कि हमारे देश में कुल 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित है, जहां भगवान शंकर लिंग के रूप में विराजमान हैं। इन सभी ज्योतिर्लिंग का न केवल अपना महत्व है अपितु सभी मंदिर देखने में भी अत्यंत भव्य व सुंदर भी हैं। इन्हीं में से एक महाकालेश्वर, जहां देवों के देव महादेव महाकाल के रूप में विराजमान हैं। दूर से दूर से लोग यहां इनके दर्शन व इनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पहुंचते हैं।
इन्हीं महत्ता को ध्यान में रखते हुए महाकाल कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है, जिससे न केवल भगवान महाकाल के दर्शन सुगम होंगे अपितु दर्शनार्थीयों को अन्य कई सुविधाएं भी प्राप्त होंगी। एवं भारतीय संस्कृति को नवीन पहचान भी मिलेगी।
जिस तरह वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन में बड़ा आयोजन हुआ था उसी प्रकार से उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर के माध्यम से एक बड़ा आयोजन करने की तैयारी है।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई महाकाल कॉरिडोर की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय महाकाल अवश्य लिखें।
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