अयोध्या श्री राम मंदिर के लिए बना नया मार्ग
अयोध्या के श्री राममंदिर के निर्माण के साथ ही साथ अयोध्या में श्रद्धालुओं के मंदिर पहुंचने वाले नवीन मार्गों के विकास कार्यों ने भी गति पकड़ ली है तथा अब श्रीराम जन्मभूमि के दर्शन के लिए एक नहीं कई मार्ग (Ayodhya Ram Mandir Marg) उपलब्ध होंगे।
मित्रों जैसा की हम सभी जानते हैं कि देश के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल अर्थात अयोध्याजी की पावन धरा पर वर्तमान समय में भगवान श्री राम चंद्र के भव्य मंदिर के निर्माण कार्य तीव्र गति से संचालित है। तथा इसी के साथ अयोध्या आगमन के मार्ग तथा श्रद्धालुओं के दर्शन को सुगम बनाने के लिए मंदिर तक के पहुँच मार्ग को सुदृढ किया जाना है जिसके कार्य ने भी गति पकड़ ली है।
बता दें की श्रद्धालुओं को भव्य श्रीराम मंदिर में राम लला के दर्शन के लिए पहुंचने के लिए चारों ओर से चौड़े मार्गों के निर्माण की परियोजनाएं है।
जानकारी हेतु बता दें कि अयोध्या (Ayodhya) को जोड़ने वाले लगभग 28 सड़कों के चौड़ीकरण व निर्माण का प्रस्ताव है। जिनमें से 5 तो शासन से स्वीकृत भी हो चुकी हैं। तथा राम पथ के लिए धन उपलब्ध करवाया गया है। एनएच 27 से रामघाट दिगंबर अखाड़ा होते हुए अयोध्या फैजाबाद तक का चौड़ीकरण, बूथ नं-4 से रामघाट होते हुए हनुमान गुफा मार्ग का सुदृढ़ीकरण, टेढ़ी बजार अशर्फी भवन होते हुए राजघाट आदि मार्गों का चौड़ीकरण प्रस्तावित है।
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बता दें कि शासन से 209 करोड़ रुपये का बजट अयोध्या के विकास के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए स्वीकृत किया गया है। जिसमें विकास योजनाएं, पार्क व नागरिक सुविधाओं को सम्मिलित किया गया है।
इसके अतिरिक्त अयोध्या में राम मंदिर को जोड़ने वाले तीन मार्गों के चौड़ीकरण का काम के लिए 300 करोड़ का बजट स्वीकृत है। व्यापार मंडल से चौड़ीकरण को लेकर सहमति बन गई है। अब मुख्य मार्ग 20 मीटर व हनुमान गढ़ी के मार्ग पर 13 मीटर चौड़ीकरण पर सहमति बनी है।
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर तक भविष्य में श्रद्धालुओं के आगमन को ध्यान में रखते हुए चौड़े मार्ग का प्रबंध किया जाना आवश्यक है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर निर्माण की गति आगे बढ़ाने के साथ ही इस दिशा में भी प्रयत्न कर रहा है।
रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के साथ उससे जुड़ते मार्गों के भी निर्माण की तैयारी है। अभी तक रामनगरी के मुख्य आंतरिक मार्ग से हनुमानगढ़ी (HanumanGarhi) के सामने से राम मंदिर तक जो चार सौ मीटर लंबा मार्ग जाता है, वह लगभग 20 फीट चौड़ा है और आए दिन जाम लगा रहता है।

इसी लिए इसके साथ और भी वैकल्पिक मार्ग का निर्माण कार्य संचालित है। नया मार्ग है अशर्फी भवन को पार करते हुए राम मंदिर तक का मार्ग। जी हां, यह मार्ग सामान्यतः कम प्रचलित है और कम ही संख्या में लोग इस मार्ग का प्रयोग करते हैं। परंतु यह निकटतम मार्ग है कहें तो शॉर्ट कट है यदि आप सरयू नदी व नया घाट आदि की ओर से सीधा राम जन्मभूमि मंदिर (Ram JanmBhumi Mandir) पर दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तो यह मार्ग निर्माण के पश्चात एक अच्छा विकल्प होगा। तथा सबसे महत्वपूर्ण की यह मुख्य सड़क व मार्केट से गुजरने के अपेक्षा भीतरी स्थान से ही निकल जाता है। तो इसका लाभ यह होगा कि यदि मुख्य मार्ग पर यातायात धीमा है अथवा जाम लगा हुआ है तो भी आप भीतर वाले इस मार्ग से सरलता पूर्वक निकल जाएंगे।
बता दें कि भीतर वाले मार्ग को बहुत मजबूती से बनाया जा रहा है। जैसा कि हम आपको दर्शाने का प्रयास कर रहे हैं। आप देख सकते हैं कि यह RCC की ढलाई करके बनाई जा रही है। यह भी बता दें कि इस प्रकार से एक नहीं कई मार्गों का निर्माण कार्य संचालित है जो नगर में भीतर से राम मंदिर तक को जाते हैं।
जानकारी हेतु बता दें कि ढाई साल पूर्व रामलला के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के पश्चात से ही रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है और उसी अनुपात में मुख्य मार्गों पर भार भी बढ़ गया है।
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इसमें हनुमानगढ़ी सहित कनक भवन, दशरथ महल, रंगमहल, रामकचहरी जैसे प्रमुख मंदिर भी हैं और ऐसे में प्राय: ऐसे अवसर आते हैं, जब इस मार्ग पर तिल रखने तक की जगह नहीं होती। इस संकट से प्रशासन और राम मंदिर का प्रबंध करने वाला रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अनभिज्ञ नहीं रहा है।
बता दें कि अशर्फी भवन से रामकोट बैरियर तक यह नया सीधा मार्ग तैयार करने का काम जोरों पर चल रहा है। रामगुलेला के पास एक नया चौराहा भी बनाने की तैयारी है। जिसका नाम रामकोट चौराहा हो सकता है, फिलहाल अभी चौराहे का नाम तय नहीं है।
इसी योजना में हनुमानगढ़ी से रामजन्मभूमि आने वाले संपर्क मार्ग को जोड़ दिया जाएगा। आज के समय में तो रामलला के नित्य दर्शनार्थियों की औसत संख्या ४० से ५० हजार तक होती है, किंतु राम मंदिर बन जाने की दशा में यह संख्या प्रतिदिन एक लाख तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में राम मंदिर तक प्रशस्त मार्ग का प्रबंध किया जाना अपरिहार्य भी माना जा रहा है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर निर्माण की गति आगे बढ़ाने के साथ प्रशासन के समन्वय से रामलला के दर्शन मार्ग की भी चिंता करता रहा है।
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इसी के परिणाम स्वरूप राम मंदिर तक जाने के लिए भक्ति पथ एवं श्रृंगार पथ के नाम से दो मार्ग विकसित किए जाने का प्रयास भी आरंभ किया गया है। श्रृंगार पथ की चौड़ाई 13 मीटर (43 फीट 10 सेंटीमीटर) प्रस्तावित है और यह हनुमानगढ़ी के सामने से जाने वाला राम मंदिर का चिर-परिचित मार्ग है। इसके लिए प्रशासन ने भूमि क्रय कर ली है और अब सहमति बनाकर किनारे के भवनों को हटा कर मार्ग चौड़ीकरण की प्रयास चल रहा है। श्रृंगार पथ के अतिरिक्त भक्ति पथ भी राम मंदिर से जुड़ने वाले मार्ग का महनीय प्रकल्प है।
बिड़ला मंदिर के सामने से रामजन्मभूमि परिसर से जुड़ने वाला चार सौ मीटर लंबा भक्ति पथ 30 मीटर चौड़ा है। इस मार्ग के लिए भूमि क्रय के साथ अधिग्रहण और समतलीकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। समझा जाता है कि 2024 की मकर संक्रांति के अवसर पर जब रामलला मूल गर्भगृह में विराजमान होंगे, तब तक भक्ति पथ और श्रृंगार पथ का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।
बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा 1 जून को राम मंदिर के मुख्य भवन की आधार शिला रखने के साथ ही दिसंबर 2023 से भव्य मंदिर में दर्शन आरंभ करने के प्लान पर कार्य आरंभ हो गया है। साथ ही देश के कोने-कोने से अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ भी तेजी से बढ़ेगी। जिसे लेकर राम मंदिर को जोड़ने वाली सड़कों के चौड़ीकरण व विस्तार पर भी काम तेजी से किया जा रहा है, क्योंकि यदि यह नहीं किया गया तो अयोध्या में जाम से लेकर अन्य समस्याएं अनियंत्रित होने में विलंब नहीं होगा।
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