काशी को मिला नया तीर्थस्थल ‘गढ़ौली धाम ‘
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भारतवर्ष की धर्म नगरी तथा भोलेनाथ की प्रिय नगरी काशी में जड़ने जा रहा है एक नया हीरा। अति शीघ्र वाराणसी (Varanasi) में भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन के साथ ही होगा अब गौरी शंकर (Gauri Shankar) के विशाल प्रतिमा का दर्शन भी।
जैसा की हम सभी जानते हैं की वाराणसी अपने आप में पूर्ण है अनंत है। तथा काशी की व्याख्या शब्दों के माध्यम से कर पाना भी कदाचित् संभव नहीं है। काशी अर्थात वाराणसी आने के तो अनेक कारण हैं जिसके लिए लाखों लोग प्रतिदिन काशी की धरती पर उतरते हैं। परंतु इसमें अब एक और उपलब्धि जुड़ रही है जो संभवतः काशी की नवीन पहचान भी बन सकती है।
आइए हम आपको अब वीडियो के विषय पर ले चलते हैं और आपको बता दें कि वाराणसी के दक्षिण पश्चिम छोर पर कछवां के गढौली में एक ऐसे स्थल का निर्माण हो रहा है जो पूरे परिक्षेत्र के लिए समृद्धि लेकर तो आएगा ही साथ ही एक नवीन पहचान भी इस क्षेत्र को देगा।
बता दें कि इस काशी व प्रयाग के मध्य विध्य धरा पर मां गंगा की गोद में 108 फीट ऊंची गौरी-शंकर की दिव्य प्रतिमा स्थापित हो रही है। इससे एक ही स्थान पर गऊ-गंगा और गौरी-शंकर का दर्शन सुलभ होगा। काशी या प्रयागराज से जो भी आएगा, वह इस धार्मिक स्थल को देखने अवश्य आएगा। इससे निश्चित तौर पर पर्यटन के साथ धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। और क्षेत्र की आर्थिक प्रगति भी होगी। आपको हम आगे बताएंगे की यह संपूर्ण परियोजना कैसी है और किस प्रकार की प्रतिमा का निर्माण होगा तथा प्रतिमा के साथ और क्या होगा तथा सबकुछ कैसा होगा।
जानकारी के लिए बता दें की बीते अक्टूबर माह में इस स्थान पर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था जिसमें उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि गऊ-गंगा गौरी-शंकर हमारी संकल्पना है। गऊ-गंगा के आर्थिक समृद्धि से शिव-शक्ति की परिकल्पना साकार होगी।
बता दें की कछवां के गढ़ौली में यहाँ पर 108 यज्ञ आहूतियाँ हुईं हैं तथा यहाँ पर वैदिक मंत्रोंच्चार के साथ शिवलिंग की स्थापना भी करी गई है।
बता दें की यहाँ पर एक दर्शनीय गौरी शंकर जी की प्रतिमा तो बनेगी ही जिसकी ऊँचाई 108 फिट होगी तथा इसी के साथ एक पूजनीय शिवलिंग भी स्थापित हो रही है एवं यह बालेश्वर महादेव के नाम से जाना जाएगा इसके लिए एक मंदिर का निर्माण हो रहा है।
यहाँ केवल मंदिर ही नहीं वेद विद्यालय, आयुर्विज्ञान केंद्र, ऑडिटोरियम गौ मंदिर आदि भी बनेंगे। तथा यह सब कैसा बनेगा उसका डिजाइन आदि कैसा होगा यह आपको हम आपको विडियो में दिखाने का प्रयास किये हैं।
यह भी बता दें की यह सभी निर्माण के लिए वर्तमान में लगभग 13 एकड़ क्षेत्रफल का भूमि आरक्षित है तथा इन सभी निर्माण को लगभग 2 वर्षों में पूरा करने की योजना है। शेष समय साथ व सहयोग पर निर्भर करेगा।
बता दें की 20 फरवरी से तीन दिवसीय महायज्ञ शुरू हुआ है। तथा 22 फरवरी को इसकी प्राण प्रतिष्ठा हो रही है।
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जानकारी के लिए बता दें की यह विशेष आयोजन व संकल्प ओएस बाल कुंदन फाउंडेशन की ओर से हो रहा है तथा फाउंडेशन के संस्थापक व भाजपा प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा का स्वप्न है जो अब शीघ्र ही साकार होगा। इसके लिए कुछ वर्षों से वे गंगा किनारे भूमि की खोज में जुटे थे। यह खोज गड़ौली गांव में आकर समाप्त हो गई है। बीते शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा का नौ दिन अनुष्ठान के पश्चात कदम आगे बढ़ चले हैं।
वास्तव में मां गंगा की गोद में जो यह बीजारोपण हो रहा है, यह विशाल वटवृक्ष के रूप में आने वाली पीढ़ी को छाया, दिशा, संस्कार के साथ संस्कृति को जानने-समझने व गऊ माता कितनी उपयोगी हैं यह बताने का काम करेगा।
गोबर हो, गो-मूत्र हो, दुग्ध हो अथवा गऊ माता से उपलब्ध हर वह सामग्री जो हम सभी श्रद्धाभाव से ग्रहण करते हैं। उसकी यहां से संस्कार व शिक्षा मिलेगी। यही नहीं, गऊ सेवा की भी प्रेरणा मिलेगी। गाय का पालन पोषण हम नहीं अपितु गाय हमारा पालन पोषण करेंगी। यह गऊ-गंगा का मूल मंत्र है।
जानकारी के लिए बता दें की इस आयोजन में देश व प्रदेश के कई प्रमुख हस्ती व MLA आदि लोगों का आगमन हुआ है जैसे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई तथा BJP की Tamilnadu की MLA।
महत्वपूर्ण है कि महादेव की नगरी काशी में 108 फुट ऊंची गौरीशंकर की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र होगी। यह निर्माण आपको हम दिखा दें की इस मंदिर के ठिक सामने इस स्थान पर बनेगी। तथा यह स्थान गंगा नदी के ठिक किनारे स्थित है।
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यहाँ पर यज्ञशालाएं हैं और इसमें 108 यज्ञाहुति पूर्णाहुति पर धर्म शास्त्रीय विधान से शिवलिंग की स्थापना की जा रही है। राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने वाले सनातन धर्म के मूल तत्वों गौ, गंगा और गौरीशंकर के पावन संगम के उद्देश्य से भाजपा नेता सुनील ओझा इसे मूर्त रूप दे रहे हैं।
इस निमित्त ओएस बालकुंदन फाउंडेशन की ओर से काशी व विध्यधाम के मध्य क्षेत्र कछवां के गढ़ौली में गंगा तट पर निर्जन स्थल पर सेना के टेंट में नवरात्र के अवसर पर बीते सात अक्टूबर 2021 को दुर्गासप्तशती का पाठ व भंडारा आरंभ किया गया था। 15 जनवरी को प्रदोष के अवसर पर शिवमंदिर और गौ मंदिर का शिलान्यास किया गया था।
और अब गौ मंदिर का निर्माण किया गया है, जिसमें गायों से घिरी भगवान श्रीकृष्ण की सुंदर मूर्ति उपस्थित है।
आप यदि इस स्थान पर आने की इच्छा रखते हैं तो बता दें कि इस स्थान पर आने के लिए आपको वाराणसी प्रयागराज 6 लेन हाईवे से कछवां की ओर आना होगा तथा भटौली पुल के समीप से होते हुए इस स्थान अर्थात गढ़ौली धाम तक पहुँच सकते हैं।
महत्वपूर्ण है कि जिस प्रकार से धर्म संस्कृति व शास्त्र आदि का ज्ञान एक ही स्थान पर मिलने का मार्ग प्रशस्त हो रहा है और यदि यह अपने उद्देश्य में सफल होता है तो हमारा समाज संभवतः पुनः अपने इतिहास की प्रकार से समृद्ध होगा तथा विश्व को सनातन संस्कृति के प्रति आस्थावान बनाएगा जो इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
मित्रों यदि आपको उपरोक्त गौरी शंकर की प्रतिमा की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।
अधिक जानकारी के किये वीडियो देखें: