50000 करोड़ की परियोजना सूरत चेन्नई एक्सप्रेसवे का हुआ शुभारंभ

विश्व में सबसे तेजी से बढ़ने वाले नगरों में से एक सूरत की विकास की गति और भी तेज करने के लिए एक नया कदम उठा है। सरकार द्वारा सूरत से चेन्नई तक एक सीधा एक्सप्रेस बनाने की घोषणा कर दी गई है और इसका डीपीआर बनाने का कांट्रैक्ट भी दे दिया गया है।

केंद्र सरकार के भारतमाला परियोजना के अंतर्गत इस नवीन एक्सप्रेसवे योजना की नींव रखी जा रही है। सूरत-चेन्नई नेशनल कॉरीडोर नाम से पहचाने जाने वाला यह नेशनल हाइवे एक्सप्रेसवे कुल 1271 किलोमीटर लंबा होगा। नए बनने वाले एक्सप्रेसवे के कारण से सूरत और चेन्नई के मध्य की 100 किलोमीटर का अंतर की दूरी कम हो जाएगी।

एवं नया बनने वाला यह एक्सप्रेस महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश होकर तमिलनाडु पहुंचेगा। सबसे बड़ी बात की इसके लिए सूरत से नासिक के लिए प्रयोग होने वाले किसी भी हाइवे का प्रयोग नहीं किया जाएगा। अर्थात सूरत से नवसारी और धरमपुर से नासिक तक यह एक्सप्रेस खेतों में से होकर गुजरेगा। सरल शब्दों में कहें तो सूरत से नासिक के मध्य में यह एक्सप्रेसवे ग्रीनफिल्ड होगी जिसके लिए अभी सर्वे हो रहा है। 

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बता दे की सूरत से गुजरने वाले नेशन हाइवे संख्या 48 से सूरत मुंबई और दिल्ली से जुड़ता है। आने वाले समय में वडोदरा और मुंबई के एक्सप्रेस वे को भी सूरत से जोड़ा जाएगा। इसके अतिरिक्त सूरत से जुड़ा हुआ नेशनल हाइवे संख्या 53 सीधा कोलकाता को जाता है। नए बनने वाले इस रूट से सूरत को दक्षिण भारत को जोड़ता हुआ एक नया रूट सूरतवासियों को मिलेगा।

बता दे की सूरत और चेन्नई के मध्य व्यापारीक संबंध भी काफी पुराना है। नये बनने वाले इस रूट से सूरत से महाराष्ट्र और दक्षिण भारत तक व्यपार बढ़ाया जा सकेगा। अभी तक अधिकतर ट्रक चेन्नई से मुंबई पहुँचने के लिए कर्नाटक से होकर गुजरते थे। पर नए रूट के बनने से ट्रकचालकों को भी 100 से 120 किलोमीटर की दूरी कम काटनी पड़ेगी। इसके अतिरिक्त वह मार्ग मात्र 2 लेन का है, इस लिए ट्रक चालक भी वह मार्ग अधिक पसंद नहीं करते। पर नया रोड बनने से यह समस्या भी दूर हो जाएगी।

आइए अब हम आपको इस नवीन एक्सप्रेसवे और अधिक जानकारी देते हैं। बता दें की 1271 किमी सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु को जोड़ने के लिए नासिक, अहमदनगर, सोलापुर, कलबुर्गी, कुरनूल, कडप्पा और तिरुपति से गुजरने वाले संरेखण के साथ एक स्वीकृत 6 लेन आंशिक रूप से प्रवेश-नियंत्रित राजमार्ग है। जिसे की 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति यातायात के लिए सज्ज किया जाना है। इस परियोजना की लागत लगभग 45000 से 50000 करोड़ रुपये है। वर्तमान समय में इसके निर्माण व भूमि अधिग्रहण आदि के लिए निविदा प्रक्रिया व कार्य संचालित है।

इस सूरत चेन्नई एक्सप्रेसवे की नोडल एजेंसी है नेशनल हाईवे अथाॅरिटी आॅफ इण्डिया अर्थात NHAI तथा इस परियोजना का क्रियान्वयन Hybrid Annuity Model (HAM) पर किया जाना है। एवं इस परियोजना के पूर्ण होने की निर्धारित तिथि है दिसंबर 2025 अर्थात लगभग 3.5 वर्ष में इस एक्सप्रेसवे को बन जाना सुनियोजित है।

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जानकारी के लिए बता दें की यह परियोजना ग्रीनफ़ील्ड और ब्राउनफ़ील्ड वर्गों के साथ 2 आंशिक रूप से प्रवेश-नियंत्रित आर्थिक गलियारों का एक संयोजन है।

जिसमें एक है 564 किमी का सूरत – नासिक – अहमदनगर – सोलापुर आर्थिक गलियारा इसके निर्माण की लागत है 30000 करोड़ रुपये। तथा दूसरा है 707 किमी का सोलापुर – कुरनूल – चेन्नई आर्थिक गलियारा इसके निर्माण की लागत है 15000 करोड़ रुपये।

तथा इनमें से जो ग्रीनफील्ड अर्थात नवीन मार्ग का अनुभाग हैं, उनमें पहला है गुजरात और महाराष्ट्र में सूरत-नासिक-अहमदनगर खंड जिसकी लंबाई है लगभग 291 किमी। इसकी डीपीआर बन चुकी है।

इसके अतिरिक्त दूसरा ग्रीनफील्ड अनुभाग हैं महाराष्ट्र में अक्कलकोट – महबूबनगर खंड से लेकर कर्नाटक – तेलंगाना तक जिसकी कुल लंबाई है 230 किमी। अर्थात 230 + 291 कुल 521 किलोमीटर के भाग नवीन मार्ग का निर्माण होगा एवं शेष कॉरिडोर को वर्तमान के टू-लेन सड़कों को चौड़ा करते हुए सुधारा जाएगा।

इस परियोजना की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी के लिए बता दें की चेन्नई-सूरत आर्थिक गलियारा तमिलनाडु, आंध्र, तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात में निष्पादन के विभिन्न चरणों में है। कुछ पैकेज पहले ही बोली के चरण में पहुंच चुके हैं।

कर्नाटक में, NHAI ने पहले ही कुल 177 किलोमीटर के तीन पैकेजों के लिए निविदाएं जारी की हैं, राज्य में संरेखण कलबुर्गी जिले के बडाडल गांव से रायचूर जिले के सिंगनोडी तक होगा।
महाराष्ट्र के अक्कलकोट से कर्नाटक के बादलल तक 26 किलोमीटर के पैकेज का टेंडर नहीं हुआ है। तेलंगाना में NHAI ने कॉरिडोर के दोनों पैकेज का टेंडर भी दे दिया है।

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जानकारी के लिए बता दें की केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) वर्तमान में अपने प्रमुख भारतमाला परियोजना कार्यक्रम के अंतर्गत 1271 किलोमीटर के चेन्नई-सूरत आर्थिक गलियारे को लागू कर रहा है।

यह आर्थिक गलियारा उन परियोजनाओं में से है, जिन्हें अक्टूबर 2021 में नई दिल्ली में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ की गई गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के भाग के रूप में सम्मिलित किया गया है। एनएमपी ने विभागीय सीमा को तोड़ने और अधिक समग्र और लाने की परिकल्पना है। तथा परियोजनाओं की अधिक समग्र और एकीकृत योजना और निष्पादन लाना गति शक्ति राष्ट्रीय मिशन का उद्देश्य है।

महत्त्वपूर्ण है कि लगभग 50 हजार करोड़ के खर्च पर बनने वाला यह सूरत चेन्नई एक्सप्रेसवे रोड अब सूरत को सीधा चेन्नई को जोड़ेगा। इसके साथ ही सूरत अब चारों महानगर दिल्ली, मुंबई, कलकत्ता और चेन्नई के साथ सड़क मार्ग से जुड़ जाएगा।

यह भी बता दें की समृद्धि महामार्ग के पश्चात, सूरत-चेन्नई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना के अंतर्गत नासिक जिले से होकर गुजरेगा, जो नासिक की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में सहायता तो करेगा ही। तथा सबसे महत्वपूर्ण की नाशिक में यह सिन्नार के वावी में समृद्धि एक्सप्रेसवे को पार करेगा।

नाशिक वासियों को एक ही स्थान पर सूरत चेन्नई एक्सप्रेसवे तथा मुंबई नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे दोनों का लाभ मिलेगा। एक्सप्रेसवे का प्रवेश बिंदु राज्य में रक्षाभुवन (ताल सुरगना) होगा, और अक्कलकोट (ताल। सोलापुर) राज्य में निकास बिंदु होगा। इससे नासिक से सोलापुर की दूरी 50 किमी कम हो जाएगी। तथा नासिक और सूरत के मध्य की दूरी घटकर 176 किलोमीटर हो जाएगी। जिससे नाशिक से केवल दो घंटे में सूरत नगर पहुंचा जा सकता है।

मित्रों यदि उपरोक्त सूरत चेन्नई एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट की जानकारी आपको पसंद आई हो तो अपने गांव अथवा जिला का नाम कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

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