वाराणसी की तस्वीर बदलने को इन टॉप 5 परियोजनाओं का होगा 2022 में शिलान्यास
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विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान रखने वाला नगर वाराणसी अर्थात सनातन धर्म की सांस्कृतिक राजधानी काशी की चमक में कई गुना की वृद्धि होने वाली है क्योंकि उद्घाटन के साथ कई परियोजनाओं की इस वर्ष रखी जानी है आधारशिला।
जैसा की आप जानते हैं कि श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वाराणसी में सैकड़ों विकास परियोजनाओं (Varanasi Development Projects) पर कार्य संचालित हैं इतने की एक बार में समझना भी थोड़ा कठिन है इसलिए हम आपको सरलता से समझाने के लिए वाराणसी के उन 5 मुख्य परियोजनाओं की जानकारी देने जा रहे हैं जिनकी इस वर्ष अर्थात 2022 में रखी जानी है आधारशिला एवं इन परियोजनाओं की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी भी हम आपको देंगे।
वाराणसी के कायाकल्प परिवर्तित करने वाले परियोजनाओं की सूची में पहले No. पर है।
1. वाराणसी रोपवे
वाराणसी की अब अति महत्वाकांक्षी परियोजना में सम्मिलित हो चुका है वाराणसी रोपवे।
वाराणसी शीघ्र ही सार्वजनिक परिवहन में रोपवे सेवाओं का उपयोग करने वाला पहला भारतीय शहर बनने वाला है। विश्व भर से बनारस आने वाले यात्रीयों को अब कैंट स्टेशन से गिरिजाघर तक की यात्रा के लिए रोपवे की सुविधा मिलेगी।
वाराणसी के लगभग 4 किमी क्षेत्र में रोपवे सेवा 220 केबल कारों के साथ आरंभ होगी। प्रत्येक केबल कार में 10 सीटें होंगी। ये कारें 90 सेकंड अर्थात 1.5 मिनट के अंतराल में आगे बढ़ेंगी। अंतिम संरेखण के अनुसार, मुख्य टर्मिनस कैंट रेलवे स्टेशन पर स्थित पं. कमलापति त्रिपाठी इंटर कॉलेज के सामने से आरम्भ होगा। जो कि बनारस नगर में लगभग 45 मीटर से ऊंचाई से गुजरेगा तथा यह रोपवे साजन तिराहा सिगरा, रथयात्रा, लक्सा होते हुए गोदौलिया के समीप गिरिजाघर पर पहुंचेगा।
वाराणसी रोप-वे पर प्रतिदिन 80 हजार यात्री चलेंगे। वाराणसी में पीपीपी मॉडल पर रोप-वे का निर्माण कराया जाएगा। इसके निर्माण पर 410 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें 20 प्रतिशत वायबिल्टी गैप फंडिंग केंद्र और 20 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। शेष 60 प्रतिशत कंसेशनेयर अर्थात प्राइवेट पार्टनर द्वारा खर्च किया जाएगा। केंद्र सरकार ने अपनी भागिदारी देने के लिए अनुमति दे दी है।
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वाराणसी रोपवे की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने के लिए बता दें की रोपवे को आकार देने का दायित्व वाराणसी विकास प्राधिकरण को दी गई है। डीपीआर तैयार हो गई है। कैबिनेट ने स्वीकृति भी दे दी है। निविदा की प्रक्रिया दिसंबर माह से ही प्रारंभ हुई है। वर्तमान में 31 मार्च की तिथि सुनिश्चित की गई है टेंडर खोलने के लिए।
अब बात करते हैं वाराणसी में शिलान्यास होने वाली दूसरी परियोजना की वो है।
2. ट्विन टॉवर
बदलते बनारस में हजार चांद लगाने वाली पूर्वांचल की पहली सिग्नेचर बिल्डिंग का निर्माण होगा। वाराणसी के कमिश्नरी कंपाउंड में बनने वाली यह इमिरत ट्विन टॉवर होगी तथा यह 18 मंजिला होगी।
दोनों इमारतों के बीच 100 मीटर में डमरू के आकार की एक स्काई वाॅक भी बनेगा जहाँ से शिव की नगरी काशी का आकाशीय अवलोकन किया जा सकेगा तथा इन दोनों भवन व स्काई वॉक की आकृति डमरु के स्वरूप में होगी अर्थात भगवान शिव को समर्पित होगी।
यह बिल्डिंग साढ़े छह एकड़ में बनेगी तथा भूतल और 18 मंजिला दो इमारतों में से एक में शॉपिंग कांप्लेक्स के अतिरिक्त होटल, रेस्तरां और मॉल आदि होंगे, जबकि दूसरी इमारत में कमिश्नरी के 45 विभागों के कार्यालय बनाए जाएंगे। जिससे सरकारी विभागों को एक ही स्थान पर समाहित किया जा सकेगा।
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इसका डिजाइन कुछ इस प्रकार से होगा कि लोग जब बरामदे में आकर नजारा देखेंगे तो भवन के लिए डमरु आकार डिजाइन में नीचे कोई पिलर भी नहीं दिखेगा।
इस पीपीपी मॉडल पर बनाई जाने वाली इस परियोजना में करीब 250 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
अब बात करते हैं वाराणसी के कायाकल्प परिवर्तित करने वाले परियोजनाओं की सूची में तीसरे नंबर की और वो है
3. WTE Plant
कचरे से कोयला बनाने का देश का पहला प्लांट अब वाराणसी के रमना में बनने जा रहा है। अति शीघ्र ही कचरे से कोयला बनाने का प्लांट यहाँ पर लगाया जाएगा।
इस परियोजना की अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें की वाराणसी नगर निगम के सहयोग से एनटीपीसी (NTPC), वाराणसी के रमना में इस वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को लगाएगी। बात इस प्लांट की करे तो इसकी क्षमता 800 एमटी कूड़ा निस्तारण की होगी।
आपको इसपर वर्तमान समय की जानकारी के लिए बता दें की इस परियोजना पर कंपनी का चमन भी NTPC कि ओर से कर लिया गया है जिसने इस स्थान पर अपना एक छोटा कार्यालय भी स्थापित कर रखा है। तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अपने नव वर्ष के 8 जनवरी के आगमन में इसका शिलान्यास करने वाले थे परंतु चुनाव उद्घोष के साथ यह स्थगित हो गया था, शीघ्र ही शिलान्यास होने की आशा है।
अधिक जानकारी के लिए बता दें की इस प्लांट के निर्माण में लगभग 150 से 200 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
इसपर और अधिक जानकारी के लिए बता दें की एनटीपीसी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम (एनवीवीएन) लिमिटेड ने डब्ल्यूटीई प्लांट स्थापित करने के लिए वाराणसी नगर निगम के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। वाराणसी नगर निगम ने संयंत्र की स्थापना के लिए रमना में लगभग 20 एकड़ भूमि आवंटित की है जो कि रमना में स्थापित सीवेज ट्रीटमें प्लांट के ठिक सामने है।
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अब बात करते हैं वाराणसी के कायाकल्प परिवर्तित करने वाले परियोजनाओं की सूची में चौथे नंबर की और वो है4. Varanasi Kolkata Expressway
केंद्र सरकार वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने जा रही हैं। यह नवीन वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेस-वे पूरी तरह से ग्रीन फिल्ड होगा।
इस नवीन वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे रूट की जानकारी देने के लिए बता दें की यह एक्सप्रेस-वे बिहार के कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया होकर के जाएगी।
इस नवीन वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी बात यह है की इसका निर्माण आठ लेन के मार्ग के रूप में किया जाएगा। तथा इसकी चौड़ाई 100 मीटर से अधिक होगी।
बता दें की वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे लगभग 600 किलोमीटर लंबा होगा। वर्तमान समय में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। इसके निर्माण होने से उत्तर प्रदेश से बिहार, झारखंड और बंगाल के बीच तेज कनेक्टिविटी मिलेगी। लोगों का आवागवन सुगम हो जायेगा। साथ ही साथ समय की भी बचत होगा।
अब बात करते हैं वाराणसी के कायाकल्प परिवर्तित करने वाले परियोजनाओं की सूची में पाँचवें नंबर की और वो है5. Ramnagar Padao Fourlane Road
बता दें की वाराणसी में गंगा नदी के उसपार रेती के पश्चात एक फोरलेन सड़क बननी है जो सीधे पड़ाव को रामनगर से जोड़ेगा।
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गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर ही वाराणसी में गंगा पार रेती पर पर्यटन का नया केंद्र विकसित करने की तैयारी है। रामनगर से राजघाट तक गंगा के समानांतर लगभग आठ किमी लंबी फोरलेन सड़क पर कैबिनेट की मुहर के पश्चात अब 26 सौ करोड़ रुपये की प्रस्तावित योजना पर काम आरंभ होने भी वाला है।
इस सड़क का गंगा पार रेती से सीधा जुड़ाव होने के कारण चंदौली, मिर्जापुर, बिहार और मध्यप्रदेश सहित अन्य नगरों के यात्री व श्रद्धालु बिना नगर में प्रवेश किए सीधे गंगा घाटों पर पहुंच जाएंगे। इसके साथ ही यहां लगभग 10 हजार वाहनों की पार्किंग, पार्क, सौंदर्यीकरण सहित अन्य कार्य भी कराए जाएंगे।
इस 8 किलोमीटर लंबी नवीन सड़क के निर्माण की अधिक जानकारी के लिए बता दें की इसके एक एक मार्ग की चौड़ाई नौ नौ मीटर होगी तथा इसके साथ ही 7 मीटर चौड़ी एक सर्विस रोड का भी निर्माण होगा।
बता दें की इस फोरलेन सड़क के साथ जो हेलीपोर्ट बनना है उसपर 5 हेलीकाॅप्टर एक साथ उतर सकते हैं। तथा सबसे महत्वपूर्ण है कि इस परियोजना में एक सस्पेंशन ब्रिज का भी निर्माण होना है जो अपने आप में सबसे भिन्न होगा।
इसके अतिरिक्त वाराणसी में और भी कई बड़े प्रोजेक्टस् इस अति प्राचीन नगर के कायाकल्प करने के लिए सूचीबद्ध हैं जैसे कीa. सिग्नेचर ब्रिज व सस्पेंशन ब्रिजb. बुलेट ट्रेनc. International Stadium इत्यादि जिनके शिलान्यास भी शीघ्र ही होंगे।
मित्रों उपरोक्त दी गई वाराणसी के मुख्य परियोजनाओं की जानकारी पसंद आए तो वीडियो लाईक व शेयर अवश्य करें एवं कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव लिखें।
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