श्री राम मंदिर निर्माण में एक पत्थर को बनाने में लगेंगे 6 महीने

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वर्तमान समय में अयोध्याजी की पावन धरा पर भगवान श्री राम चंद्र के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य हो रहा है जोकी केवल अयोध्या ही नहीं अपितु समस्त भारतवर्ष तथा समस्त सनातनीयों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक विकासकार्य है।

आज हम आपको श्री राम मंदिर के निर्माण से जूड़ी उस पत्थर की जानकारी देने वाले हैं जिसके बनने में लगेगा 6 माहीने का समय। जी हाँ सही सुना आपने 6 माह में निर्मित होगा मात्र एक पत्थर जिसका होगा मंदिर निर्माण में प्रयोग। तो आइए जानते हैं उह पत्थर व निर्माण की संपूर्ण जानकारी।

पहले आपको हम राम मंदिर के निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी के लिए बता दें की प्रस्तावित मंदिर के 360 गुणे 235 वर्ग फीट के फुट प्रिंट पर निर्मित हो रहे प्लिंथ में ग्रेनाइट के 17 हजार टुकड़े प्रयुक्त होने हैं। जिसके लिए वर्तमान समय में मंदिर निर्माण कार्य के लिए प्लिंथ में बेंगलुरू की ग्रेनाइट का प्रयोग किया जा रहा है।

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राममंदिर की प्लिंथ कुल सात लेयर में तैयार होगी। एक लेयर की मोटाई तीन फीट होगी। इस प्रकार से राममंदिर की प्लिंथ को 21 फीट ऊंचा बनाया जाएगा। प्लिंथ निर्माण कार्य पूरा होने में लगभग छह महिने का समय लगेगा।

प्लिंथ का काम पूरा होने के पश्चात गर्भगृह को आकार देने का कार्य आरंभ होगा। गर्भगृह को आकार देने के लिए पत्थरों को आपस में जोड़ा जाएगा।

Ram mandir nirman

तथा पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए तांबे की प्लेट का प्रयोग होगा। जिनकी आपूर्ति के लिए विधिवत् कार्य संचालित है।

सबसे बड़ी बात यह है कि मंदिर निर्माण कार्य नियोजित अवधि के अनुरूप चल रही है और तय योजना की गणना से न केवल प्लिंथ निर्माण मई-जून माह तक कर लिया जाएगा, अपितु अगले वर्ष दिसंबर 2023 तक गर्भगृह में रामलला को स्थापित भी कर लिया जाएगा।

अयोध्या (Ayodhya) में राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) पर भगवान राम के मंदिर निर्माण कार्य लगातार हो रहा है। इसके साथ ही 90 के दशक में मंदिर निर्माण कार्य के लिए बनाए गए श्री राम जन्म भूमि न्यास कार्यशाला में रखे गए पत्थरों के दिन अब बहुरने लगे हैं। राम जन्म भूमि पर बन रहे दिव्य और भव्य राम मंदिर (Ram Temple) के प्रथम तल के छत के पत्थरों पर कार्यशाला में राजस्थान से आए कारीगरों का एक समूह नक्काशी कर रहा है। सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक कारीगर गर्भगृह की छतों पर अद्भुत कलाकृतियां उकेर रहे हैं। लगभग 15×20 के टुकड़े के आकार वाले इन पत्थरों पर अत्यंत बारीकी से आकर्षित कर देने वाली कलाकृतियां उकेरी जा रही है।

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18 वर्षों से पत्थर तराशी का कार्य कर रहे राजस्थान के कारीगर नरेश के अनुसार पिछले 3 महीनों से वह इस कार्य को अपने 12 साथियों के साथ कार्यशाला में कर रहे हैं। यह विशेष सावधानी से किए जाने वाला कार्य है। थोड़ी सी लापरवाही में पूरे पत्थर का टुकड़ा खराब हो सकता है और वह उपयोग में नहीं लाया जा सकता। इस कारण से इस कार्य को करने के लिए कुशल कारीगरों को ही दायित्व दिया गया है।

अधिक जानकारी के लिए बता दें की यहाँ कारीगर प्रतिदिन प्रातः 8:00 बजे कार्यशाला में अपने साथियों के साथ आ जाते हैं और दोपहर 12:00 बजे तक यह कार्य किया जाता है, उसके पश्चात लंच ब्रेक होता है दोपहर का भोजन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा उन्हें उपलब्ध कराया जाता है। 1 घंटे के ब्रेक के पश्चात पुनः वह 1:00 बजे काम पर वापस कार्यशाला में लौटते हैं और फिर 5:00 बजे तक नक्काशी का कार्य उनकी टीम के द्वारा किया जाता है। राममंदिर की एक छत के कार्य को पूरा करने में उनकी टीम को 6 महीने का समय लगेगा।

यह भी बता दें की पत्थर तराशी के कार्य में लगे कारीगरों को 1 दिन का 700-800 रुपए का भुगतान किया जाता है। तथा प्रत्येक माह में पड़ने वाले अमावस के दिन पत्थरों की तराशी का कार्य बंद रहता है और कारीगरों का अवकाश होता है।

बता दें की अयोध्या के कार्यशाला के अतिरिक्त राजस्थान के तीन अन्य कार्यशाला में भी राम मंदिर में लगने वाले पत्थरों की नक्काशी का कार्य चल रहा है। पिंडवाड़ा सोमपुरा मार्बल, लोहार फैक्ट्री में भी दर्जनों कारीगर राम मंदिर में लगने वाले पत्थरों को तराशने का कार्य कर रहे हैं।

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जानकारी के लिए बता दें की राम जन्मभूमि के परिसर के अंदर भी एक गेट का कार्य पूरा हो गया है जिसको श्रद्धालुओं को देखने के लिए वहां पर लगा भी दिया गया है। रामलला का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु राम जन्मभूमि पर बन रहे राम मंदिर निर्माण कार्य के अवलोकन के साथ-साथ भविष्य में राम जन्मभूमि पर बनकर तैयार होने वाले राम मंदिर के प्रथम द्वार का भी दर्शन कर रहे हैं।

इसके अतिरिक्त आपको बता दें की मंदिर के लिए पत्थरों के तराशने के क्रम में मुख्य मंदिर के निर्माण मे लगने वाले खंबे के पत्थरों पर देवी देवताओं की प्रतिमाओं को तराशा जा रहा है।

जानकारी के लिए बता दें की पूरे मंदिर में लगभग 16 लाख घनफुट पत्थर लगने हैं, जबकि पहले से तराश कर रखे गए 45 हजार घनफुट पत्थर ट्रस्ट के पास उपलब्ध हैं।

मित्रों यदि आपको उपरोक्त अयोध्या के श्री राम मंदिर निर्माण की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो जय श्री राम कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

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