खुशखबरी- PM मोदी के हाथों इस दिन होगा कुशीनगर एयरपोर्ट का उद्घाटन, जानें सम्पूर्ण जानकारी

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उत्तर प्रदेश सबसे अधिक पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला राज्य बनने को तैयार है. प्रदेश के तीसरे कुशीनगर एयरपोर्ट का उद्घाटन व पहला अंतर्राष्ट्रीय उद्घाटन 20 अक्टूबर को होगा।

किसी भी देश व प्रदेश की प्रगति का दर्पण होती है वहाँ की आधारभूत संरचना का सुदृढ़ होना तथा जहाँ के एयरपोर्ट अर्थात प्रवेश स्थान सुंदर हो तो शेष यात्रा आनंदमय हो ही जाती है।

आइए सबसे पहले हम आपको कुशीनगर एयरपोर्ट के काल चक्र की जानकारी देते हैं। बता दें की अंतरराष्‍ट्रय एयरपोर्ट के लिए वर्ष 2010 में बसपा सरकार तत्पश्चात अखिलेश यादव की सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए लगभग 300 करोड़ रुपये दिए थे। इस रकम का भुगतान कर 590 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई थी। राज्य सरकार ने IL&FS इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड को पीपीपी माॅडल पर परियोजना सलाहकार के रूप में चुना था। परियोजना को सितंबर 2010 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय (भारत) से “सैद्धांतिक स्वीकृति” मिली थी।

सरकार को हवाई अड्डे के आधारभूत संरचना के विकास के लिए 15 प्रतिष्ठित कंपनियों से वर्ष 2013 बोलियां मिली थीं। राज्य मंत्रिमंडल ने परियोजना को स्वीकृति दी और जनवरी 2014 में वित्तीय बोली दस्तावेज को स्वीकृति दी। परंतु लागत और परियोजना के आकार को कम करने के कई प्रयासों के अपरांत भी, सरकार निजी कंपनियों को इसकी व्यवहार्यता के बारे में नहीं समझा सकी। मई 2015 में, राज्य सरकार ने परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए एएआई Airports Authority of India का समर्थन लेने का निर्णय किया।

वर्ष 2017 में यूपी की सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में एयरपोर्ट निर्माण की दिशा में तेजी से कार्य आरंभ किया। इसके लिए केंद्र सरकार से सामंजस्य बनाने का उत्तरदायित्व मुख्यमंत्री विभाग में प्रमुख सचिवों के कंधे पर डाली और यूपी में हवाई अड्डों के विकास में तेजी लाने की योजना तैयार की। मुख्यमंत्री योगी के प्रयास से यूपी में जेवर एयरपोर्ट, नोएडा के रूप में एशि‍या के सबसे बड़े एयरपोर्ट की नींव पड़ चुकी है। और अब तैयार हो चुके कुशीनगर एयरपोर्ट का उद्घाटन भी होने वाला है इसी माह के 20 तारीख़ को PM मोदी के हाथों।

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कुशीनगर एयरपोर्ट के लागत आदि की जानकारी के लिए बता दें की भूमि अधिग्रहण पर 300 करोड़ रुपये खर्च करने के पश्चात भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण ने 50 करोड़ रुपये खर्च कर टर्मिनल बिल्डिंग, इंडोर सड़क, एटीसी सिस्‍टम, पुराने टर्मिनल बिल्डिंग के उच्‍चीकरण और फाइबर केबल लगवाने में खर्च किया। राज्‍य सरकार ने 21 करोड़ रुपये खर्च कर एयरपोर्ट से फोरलेन तक पहुंचने के लिए मार्ग का निर्माण कराया है। अतिरिक्‍त भूमि के अधिग्रहण में 16 करोड़ और पुराने मार्ग के चौड़करण व उच्‍चीकरण में 8.5 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। एयरपोर्ट के रन-वे, चहारदीवारी, एटीसी के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने 190 करोड़ की रकम 2015-16 में भी जारी किए थे। इस परियोजना में पीपीपी मॉडल पर लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत आई है व भूमि का 300 करोड़, तो कुल मिलाकर लगभग 700 करोड़ रुपये में यह कुशीनगर एयरपोर्ट तैयार हुआ है।

आइए अब हम आपको कुशीनगर एयरपोर्ट की विशेषता व रनवे आदि की जानकारी देते हैं। बता दें की इस हवाई अड्डे पर एक एकल रनवे है जो 3.2 किमी (10,000 फीट)अथवा कहें तो 3200 मीटर लंबा है जो कि प्रदेश में सबसे लंबा है और यह 45 मीटर (148 फीट) चौड़ा है, जिसकी संख्या 11/29 है। हवाईअड्डा एप्रन एक बार में 5 बोइंग 737-900 प्रकार के विमानों को समायोजित कर सकता है। तथा जानकारी के लिए बता दें की भारतीय वायुसेना का बोइंग-737 विमान बीते सात जून को इस हवाई अड्डे पर उतारा जा चुका है, जो 19 मिनट तक यहां रुका था। कुशीनगर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा में 3200 मीटर लंबा रनवे, 21 किमी बाउंड्रीवाल, एप्रन तथा फायर बिल्डिंग बनी है। सुरक्षा के लिए एयरपोर्ट पर हाई वर्जन लैंडिंग सिस्टम लगाया गया है। सरल शब्दों में कहें तो प्रदेश के सबसे लंबे 3200 मीटर के रनवे वाले कुशीनगर एयरपोर्ट को बनाने में लगभग 700 करोड़ रुपये से अधिक लागत आई है। यह 600 एकड़ क्षेत्र में बना है। तथा यहाँ पर 5 बोइंग एयरक्राफट एक साथ हो खड़े सकते हैं।

अब यदि कुशीनगर एयरपोर्ट की महत्व की जानकारी दें तो आपको बता दें की कुशीनगर एयरपोर्ट का कैचमेंट एरिया बहुत बड़ा है। यूपी के साथ बिहार और नेपाल के लोगों के लिए भी यह अत्यंत महत्वपूर्ण हवाई अड्डा होगा। बिहार में केवल एक गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो सीजन में बुद्धिस्ट सर्किट के लिए खुलता है। ऐसे में यहां एयर ट्रैफिक बढ़ेगा। और उड़ान आरंभ होने के पश्चात विदेश से आने-जाने में सुविधा होगी तथा समय की बचत भी होगी। यह बौद्ध देशों से तो जुड़ेगा ही तथा इसके अतिरिक्त यहाँ खाड़ी देशों के लिए भी यात्री मिलेंगे। श्रीलंका, चीन, म्यांमार, जापान, कोरिया, मलेशिया, भूटान, थाईलैंड के लिए यहाँ से सीधी उड़ान होगी।

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अब आपको कुशीनगर एयरपोर्ट की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी दें तो बता दें की अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कुशीनगर में नवनिर्मित भवनों को प्रदेश सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को सौंप दिया है। कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (डीजीसीए) डीजीसीए ने सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए अंतरराष्ट्रीय उड़ान का लाइसेंस जारी कर दिया है। यह एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश का तीसरा व देश का 87वां लाइसें प्राप्त अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बन गया है। जानकारी के लिए बता दें की कुशीनगर एयरपोर्ट को फोर सी कैटेगरी में लाइसेंस मिला है। यह लाइसेंस रनवे और जहाज की कैटेगरी को लेकर जारी किया गया है। यहां छोटे से लेकर बड़े जहाज सरलतापूर्वक से आ-जा सकते हैं. इस एयरपोर्ट से डोमेस्टिक व इंटरनेशनल दोनों प्रकार की उड़ानें होंगी। दूसरी ओर एएआई ने एयरलाइंस कंपनियों को कुशीनगर एयरपोर्ट से उड़ान आरंभ करने के लिए आमंत्रित किया है. स्पाइस जेट, इंडिंगो, गो एयर, एयर इंडिया, थाई एयरवेज, मिहिर लंका समेत दो दर्जन से अधिक देशी-विदेशी कंपनियों को न्योता गया है।

यही नहीं यदि सब कुछ ठीक रहा तो 20 अक्टूबर को प्रस्तावित कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन के दिन ही एक साथ छह विमान लैंड करेंगे। श्रीलंकाई दल के साथ आ रहे वहां के राष्‍ट्रपति के बोइंग विमान के अतिरिक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विमान यहां उतरेगा। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के विमान भी लैंड करेंगे। तथा मेगा टूर व ट्रेवल और एयरलाइन कंपनियों के सीईओ को दिल्ली से चार्टड विमान से आने की चर्चा है। कुछ अन्य प्रमुख लोगों के आने का कार्यक्रम फाइनल हो गया तो यह संख्या और भी बढ़ सकती है। सभा स्थल व महापरिनिर्वाण मंदिर जाने की संभावना के चलते प्रधानमंत्री का हेलीकाप्टर फ्लीट भी आएगा। इसके दृष्टिगत एयरपोर्ट प्रशासन भी तैयारियां कर रहा है।

महत्वपूर्ण है कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कुशीनगर एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ान आरंभ कर रही है। केंद्र व राज्य सरकार वर्ष 2022-23 तक अयोध्या और 2024 तक जेवर से भी अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाएं आरंभ करने की तैयारी में है। देश में इस समय कुल 34 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं. सबसे अधिक चार-चार अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तमिलनाडु और केरल राज्य में हैं। उत्तर भारत के किसी भी राज्य में दो से अधिक एयरपोर्ट नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में केवल वाराणसी और लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें हैं। मात्र तीन वर्ष में गोरखपुर, हिंडन, आगरा, प्रयागराज और अब बरेली सहित पांच अन्य एयरपोर्ट क्रियाशील हो गए हैं. यही नहीं, देश के सबसे बड़े प्रदेश में मात्र दो इंटरनेशनल एयरपोर्ट थे, परंतु कुशीनगर के पश्चात जेवर और अयोध्या एयरपोर्ट के साथ अति शीघ्र यहां पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे होंगे।

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