PM मोदी की कल्पना हुई साकार, वाराणसी बनी पूर्वी भारत का गेटवे
नवरात्र के साथ प्रमुख त्योहारों का आरंभ हो चुका है। इसी शुभ अवसर पर पूर्वी भारत के गेटवे के रूप में विकसित हो रहे PM मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को नई सौगात मिली है।
मित्रों जैसा की आप जानते हैं कि वाराणसी के सांसद श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वाराणसी में सैकड़ों विकास परियोजनाओं पर कार्य हो रहे हैं और यदि वाराणसी के सबसे बड़े प्रोजेक्ट की बात करें तो वो है वाराणसी का रिंग रोड फेज़ 2 का निर्माण, जिसे की 2 पैकेजों में विभाजित कर निर्माण किया जा रहा है। यह रिंग रोड वाराणसी के राजातलाब से हरहुआ तक पैकेज 1 व वाराणसी के संदहा से लेकर चंदौली के पचफेड़वा तक पैकेज 2 के अंतर्गत निर्माणाधीन है। वर्तमान समय में इस रिंग रोड का वाराणसी टर्मिनल या Interchange कहें तो वो है वाराणसी प्रयागराज 6 लेन हाइवे के राजातलाब पर।
जी हाँ, वाराणसी के राजातलाब पर यह रिंग रोड वाराणसी प्रयागराज हाइवे को जोड़ रहा है और इस Interchange प्वाइंट पर ही वाराणसी का पहला गोल चक्कर अथवा कहें तो Trumpet Interchange का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा मार्किंग व साइनेज आदि का बचा हुआ कार्य हो रहा है।
यदि आप दिल्ली जैसे किसी बड़े नगर में गए होंगे अथवा किसी एक्सप्रेसवे आदि पर यात्रा किए होंगे तो आपको इस प्रकार के Trumpet Interchange का अनुभव अवश्य ही होगा।
आइए अब हम आपको यहाँ से आगे रिंग रोड की ओर ले चलते हैं और आगे बढ़ते हुए सभी दृश्य आपको दिखलाते हैं, देख सकते हैं कि यहाँ प्रयागराज 6 लेन हाइवे पर भी थोड़ा निर्माण व मरम्मत आदि का कार्य चल रहा है।
बता दें की यह वाराणसी रिंग रोड एक छोर पर राजातालाब में कोलकाता से दिल्ली तक जाने वाले नेशनल हाई वे को जोड़ता है, तथा दूसरे छोर पर हरहुआ में वाराणसी-लखनऊ नेशनल हाईवे को जोड़ता है, इसके अतिरिक्त लमही के आगे पांडेयपुर मार्ग पर वाराणसी-आजमगढ़ नेशनल हाईवे और चिरईगांव में वाराणसी-गोरखपुर नेशनल हाईवे को जोड़ता है जोकी पैकेज 2 में सम्मिलित है।
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सबसे महत्वपूर्ण की इस वाराणसी रिंग रोड आगे बढ़कर चंदौली के पचफेड़वा के निकट नेशनल हाईवे में मिलने से यह चंदौली के साथ ही बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों से आने वाले वाहन भी इस रिंग रोड के माध्यम से नगर में बिना प्रवेश किए आजमगढ़, गोरखपुर, लखनऊ, जौनपुर, गाजीपुर के लिए आवागमन कर सकते हैं।
वाराणसी रिंग रोड के लागत की जानकारी देते हुए बता दें की इस रिंग रोड के दूसरे फेज के पैकेज 1 की कुल लंबाई है 17 किमी जो कि कोईराजपुर (हरहुआ) से राजातालाब तक बना है जिसमें कि इसकी कुल लागत है निर्माण पर 450 करोड़ रुपये।
अब हम आपको इस नवीन रिंग रोड के दृश्य दिखाते हुए इसकी वर्तमान परिस्थिति की जानकारी के लिए बता दें की नवरात्र के साथ प्रमुख त्योहारों का आरंभ हो चुका है। इस समयावधि में वाराणसी नगर में जाम न लगे और यातायात व्यवस्था बेहतर हो इसके लिए हरहुआ से राजातालाब तक रिंग रोड के एक लेन से दो पहिया ओर छोटे चार पहिया वाहनों को इस सप्ताह से चालू कर दिया गया है। जानकारी के लिए बता दें की NHAI द्वारा निर्माणाधीन वाराणसी रिंग रोड के इस 17 किलोमीटर के भाग का निर्माण कार्य आरंभ हुआ था वर्ष 2019 में हुआ तथा निर्माण पूरा करने की निर्धारित अवधि है अक्तूबर 2021।
बता दें की इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पूरी तैयारी की है। ताकि शगर में आने वाली भीड़ को रोका जा सके। वहीं रिंग रोड पर भारी वाहनों का संचालन अक्तूृबर के अंत से चलाने की योजना है। राजातालाब से हरहुआ होते हुए चिरईगांव के सदंहा से गंगा पार चंदौली के पचफेड़वा तक लगभग 58 किमी लंबा निर्माणाधीन रिंग रोड तीन राज्यों और चार नेशनल हाईवे को जोड़ेगा। जिसमें से पैकेज 1 का उद्घाटन शीघ्र ही होने वाला है। तथा वाराणसी-भदोही रेलखंड पर रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) और वरुणा नदी पर पर बनने वाले पक्के पुल के निर्माण की एक लेन पूरी हो चुकी है। जबकि दूसरी लेन का काम भी लगभग पूरा होने वाला है। जो लेन पूरी हो चुकी है, उसी एक लेन से दो पहिया और छोटे चार पहिया वाहनों के आवागमन के लिए खोला गया है। एनएचएआई के अनुसार भारी वाहनों के संचालन के लिए दो सप्ताह का समय लग सकता है। और वह भी शीघ्र आति शीघ्र होगा।
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बता दें की अभी तक प्रयागराज से आजमगढ़, गोरखपुर, गाजीपुर, बलिया या इन जिलों से प्रयागराज जाने के लिए भारी वाहनों को मोहनसराय से वाराणसी नगर में होकर जाना पड़ता है। इससे न केवल शगर की सड़कें खराब होती हैं अपितु जाम, दुर्घटना की आशंका बनी रहती हैं।
वहीं नो एंट्री के चलते चालकों को घंटों प्रतिक्षा करना पड़ता है। अब रिंग रोड बन जाने से इन जिलों को जाने वाले या आने वाले वाहनों को नगर में आने-जाने से मुक्ति मिलेगी और तेल की बचत के साथ कम समय में रिेंग रोड से गंतव्य को प्रस्थान करेंगे।
जानकारी के लिए बता दें की लोकार्पण से पहले ही रिंग रोड-2 को वाहनों के लिए आरंभ किया गया है। जिसमें कि रिंग रोड की दाहिनी लेन को आरंभ हुई है। इसमें दो से तीन स्थानों पर डायवर्जन लागू कर वाहनों का संचालन किया जा रहा है। तथा रिंग रोड की दूसरी लेन को भी 10 दिन में फर्राटा के लिए तैयार कर लिया जाएगा। 25 अक्तूबर से पहले रिंग रोड को पूरी तरह से वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा।
यही नहीं वाराणसी से जौनपुर के मछलीशहर तक प्रस्तावित नए नेशनल हाईवे एनएच-731 बी में जंघई और भदोही में दो बाईपास का निर्माण होना है। इसके अतिरिक्त भवन, पेड़ आदि को चिन्हित किया गया है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग वाराणसी चांदपुर चौराहे से भदोही, दुर्गागंज, जंघई होते हुए मछलीशहर में हाईवे में जोड़ा जाएगा। वाराणसी के जीटी रोड से मिलने वाली इस सड़क के बनने से भदोही और जौनपुर पहुंचना सरल हो जाएगा।
संक्षेप में बताएं तो वाराणसी रिंग रोड फेज़ 2 पैकेज 1 जो कि हरहुआ से राजातालाब के बीच 17 किलोमीटर फोरलेन का नवीन निर्माणाधीन मार्ग है उसका काम अंतिम काल में है। अब प्रशासन इस सड़क पर यातायात व्यवस्था आरंभ करने के पश्चात भविष्य की योजना बनाने में जुट गया है।
यहां बता दें कि रिंग रोड पर वाहनों के आवागमन शुरू होने के बाद राजातालाब से ही गाजीपुर, आजमगढ़, जौनपुर सहित अन्य जिलों में सीधे यात्रा किया जा सकेगा। प्रयागराज, भदोही, मिर्जापुर और लखनऊ से आने वाले वाहन रिंग रोड के जरिए नगर के बाहर निकलेंगे
महत्वपूर्ण है कि पूर्वी भारत के गेटवे के रूप में विकसित हो रहे वाराणसी रिंग रोड फेज़ 2 व वाराणसी के पहले गोल चक्कर आदि के सौगात मिलने से जहाँ एक ओर इसका लाभ वाराणसी आने व जाने वाले यात्रीयों को मिलेगा तो वहीं दूसरी ओर यह गोल चक्कर काशी की ऐतिहासिक व धार्मिक नगर की छवि में आधुनिकता का समावेश भी करेगा। यही नहीं काशीवासियों की नींद में विघ्न नहीं आएगी। यात्रीयों को रात में कोई बड़ा वाहन धक्का मारते हुए नहीं निकल पाएगा। तथा नगरवासियों को ओवरलोड ट्रकों और प्रेशर हार्न की तेज आवाज भी नहीं सुनाई देगी।
अधिक जानकारी के लिए ये विडियो देखें-