आ गई वो शुभ घड़ी रामलला होंगे विराजमान – Ayodhya Ram Mandir
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Ayodhya Ram Mandir : सनातनीयों के 500 वर्षों की तपस्या का परिणाम समस्त विश्व के समक्ष भव्य रूप में प्रस्तुत होने वाला है। बता दें कि वो शुभ घड़ी होगी 22 जनवरी की जब राम मंदिर (Ram Mandir) का उद्घाटन होगा। और रामलला गर्भगृह में विराजमान होंगे। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी भी सम्मिलित होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के एक हफ्ते पहले से पूजा आरंभ होगी।
Ayodhya Ram Mandir : सर्वप्रथम हम आपको श्री राम मंदिर निर्माण कार्य की जानकारी देने हेतु बता दें कि अयोध्या राम मंदिर में शीर्ष पर शिखर के अतिरिक्त पांच मंडपों का निर्माण होना है। इनमें नृत्य मंडप, रंग मंडप, गूढ़ी मंडप व कीर्तन और प्रार्थना मंडप सम्मिलित हैं। इनमें नृत्य मंडप, रंग मंडप के साथ कीर्तन और प्रार्थना मंडप एक साथ तैयार हो जाएंगे। इसके अतिरिक्त गूढ़ी मंडप व शिखर का निर्माण चल रहा है परंतु इसमें समय लग सकता है।
बता दें कि सिंहद्वार के पश्चात विभिन्न मडपो की ऊंचाई क्रमशः बढ़ते हुए क्रम में है। पहले नृत्य मंडप फिर रंग मंडप व गूढ़ी मंडप और शिखर सबसे ऊंचा होगा जबकि कीर्तन व प्रार्थना मंडप की ऊंचाई समान होगी चूंकि यह मंदिर की भुजाओं के प्रकार गूढ़ी मंडप के उत्तर-दक्षिण में स्थित है।
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ट्रस्ट के अनुसार राम मंदिर के भूतल में गर्भगृह का निर्माण पूरा हो चुका है। वहीं बाहर में फर्श व लाइटिंग के साथ आंतरिक सज्जा का कार्य भी तीव्र गति पकड़ चुका है। और आठ जनवरी को मंदिर की आंतरिक लाइटिंग का ट्रायल किया जाएगा। परिसर में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पावर कारपोरेशन की ओर से विद्युत संयोजन का कार्य शीघ्र हो जाएगा। और वर्तमान समय में भूमिगत लाइन विस्तार का कार्य हो रहा है। जिसमें परिसर में 33/11 केवी विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। श्री राम मंदिर से भूमिगत लाइन इसी सब स्टेशन तक पहुंचा कर ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। इसके लिए तीर्थ क्षेत्र ने सामान की आपूर्ति करवा दी है।
उद्घाटन कार्यों की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को अभिजीत मुहूर्त मृगषिरा नक्षत्र में दोपहर 12:20 बजे की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हाथों से भगवान की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। इस आयोजन को भव्य बनाने की तैयारियां अभी से आरंभ कर दी गई हैं। दीपोत्सव की ही प्रकार से प्राण प्रतिष्ठा आयोजन को भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर करने की योजना तैयार की गई है।
अयोध्या में जिस प्रकार से दीपोत्सव के शुभ अवसर पर मंदिर को सजाया गया था, उसी प्रकार भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के समय अयोध्या में सभी मठ मंदिरों को भी सजाया जाएगा और रामलला के मंदिर को विशेष फूलों से साज-सज्जा की जाएगी।
इस कार्यक्रम को चार चरणों में बांटा गया है। इन चरणों के गणना से ही आगे की तैयारियां की जाएंगी। पहले चरण का आरंभ हो चुका है। जो 20 दिसंबर तक चलेगा। इस समयावधि में पूरे समारोह की रूपरेखा तैयारी होगी, इसके अंतर्गत जिला व खंड स्तर दस-दल लोगों की टीम बनेंगी जो अधिक से अधिक लोगों को जोड़ेंगी।
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एक जनवरी से दूसरा चरण आरंभ होगा, जिसमें लगभग दस करोड़ परिवारों में पूजित अक्षत और रामलला के विग्रह का चित्र, पत्रक दिया जाएगा। इस समयावधि में घर-घर लोग जाएंगे और रामलला के उत्सव को मनाने की अपील करेंगे। तीसरा चरण 22 जनवरी से आरंभ होगा, जब भगवान रामलला के प्रतिमा की पीएम मोदी के हाथों प्राण प्रतिष्ठा होगी। उस दिन पूरे देश में उत्सव व घर-घर अनुष्ठान हो ऐसा वातावरण बनाया जाएगा।
वहीं चौथे चरण में प्रयास की जाएगी कि अधिकाधिक राम भक्तों को राम मंदिर के दर्शन कराए जाएं। इसके लिए देशभर में एक अभियान चलाया जाएगा ताकि अधिकतम संख्या में रामभक्त अयोध्या पहुंचे और भगवान के दर्शन करें। आरंभ में अवध प्रांत के कार्यकर्ताओं को लाया जाएगा। और चौथा चरण 22 फरवरी तक चलेगा।
मंदिर निर्माण कार्यों की दृश्य दर्शाते हुए आपको हम बता दें कि भगवान राम की मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या की सीमाएं सील रहेंगी। यहां तक कि यहां आने वाले अतिथियों के लिए भी अपने निजी वाहनों का उपयोग नहीं करने दिया जाएगा। साथ ही सार्वजनिक वाहनों के प्रयोग करने पर भी प्रतिबंध रहेगा। प्रधानमंत्री समेत देश विदेश के विशिष्ट व अति विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति के चलते इस प्रकार की प्रतिबंध रहेगा।
प्रधानमंत्री व अन्य महत्वपूर्ण अतिथियों के चलते एक दिन पहले ही समूचा कार्यक्रम स्थल सुरक्षा एजेंसियों के हवाले रहेगा। इंटेलीजेंस से जुड़े सूत्रों की मानें तो राममंदिर व आसपास का क्षेत्र एक हफ्ते पहले से ही सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी निगरानी में आ जाएगा। राममंदिर के आसपास किसी भी प्रकार के सार्वजनिक व निजी वाहनों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
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प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ने देश के शीर्ष नेताओं, संघ के वरिष्ठ नेताओं, कई देश के राजनयिकों, प्रदेशों के राजनीतिक प प्रतिनिधियों, संतों व समाज के विभिन्न क्षेत्रों के शीर्षस्थ लगभग ढाई हजार हस्तियों को भी आमंत्रित किया है। इसके अतिरिक्त हर पंथ सम्प्रदाय व हर वर्ग के लगभग चार हजार संतों को भी आमन्त्रित किया है। इन सभी के लिए ठहरने व भोजन आदि की व्यवस्था होटलों, वीआईपी मठों, धर्मशालाओं व वीआईपी टेंट सिटी में रहेगी। तीर्थ क्षेत्र इन अतिथियों के कार्यक्रम स्थल तक लाने ले जाने के लिए अब तक 120 स्कूली बसों की व्यवस्था कर चुका है।
इसके अतिरिक्त आपको हम विराजमान होने वाले भगवान राम लला की प्रतिमा की विशेष जानकारी देने हेतु बता दें कि अगले वर्ष ‘रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। और इस वर्ष के अंत तक मंदिर का भूतल बनकर तैयार हो जाएगा। इसी के साथ भगवान राम के तीन विग्रह लगभग तैयार हो गए हैं। इनमें से एक विग्रह को अगले महीने तक फाइनल कर दिया जाएगा।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यहां मंदिर में स्थापित होने वाले रामलला की मूर्ति के तीन विग्रह लगभग तैयार हो गए हैं। अगले महीने अर्थात दिसंबर में तीन में से एक विग्रह का चयन हो सकता है। मंदिर में रामलला के 5 वर्ष के बाल्य रूप का विग्रह स्थापित होगा।
अयोध्या के रामसेवक पुरम में इन तीनों विग्रहों का निर्माण चल रहा है। यह बिल्कुल अंतिम चरण में है। अर्थात फिनिशिंग टच दिया जा रहा है, परंतु जिस स्थान पर रामलला के तीनों विग्रह तैयार हो रहे हैं, वहां किसी को जाने की अनुमति नहीं है। इन तीनों विग्रह में जो सर्वश्रेष्ठ होगा, उसका चयन गर्भ गृह में स्थापना के लिए किया जाएगा।
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यह भी बता दें कि रामलला की मूर्ति बनाने के लिए पहले शिलाओं को कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा। पिछले वर्ष नेपाल की गंडकी नदी से एक शिला लाई गई थी, जिसकी पूरे रास्ते में पूजा-अर्चना की गई. तत्पश्चात में यह शिला रामलला के विग्रह के लिए अयोग्य कर दी गई। फिर ओडिशा और महाराष्ट्र से भी शिलाएं चुनकर लाई गईं। बाद में उन्हें भी अमान्य कर दिया गया।
अंतिम में राजस्थान के मकराना की एक शिला और कर्नाटक की दो शिलाओं का चयन किया गया। इन्हीं तीन शिलाओं में से किसी एक से बनी भगवान रामलला की मूर्ति का चयन किया जाएगा। रामलला के जिस रूप का चयन किया गया है, वो 5 वर्ष की उम्र के बाल्यकाल की भाव-भंगिमाओं वाला है। इसके लिए चित्रकार वासुदेव कामत के बनाए गए चित्र का चयन किया गया है।
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