तीन दशक पुरानी समस्या का अब होगा समाधान
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Kajjakpura ROB Varanasi : हम सभी जानते हैं कि मोदी सरकार ने देश की आधारभूत संरचना को नवीन जीवन प्रदान करने के लिए कितना कार्य किया है, तथा यदि वाराणसी के संदर्भ में बात करी जाए तो विगत 9 वर्षों में वाराणसी का कायाकल्प ही कर दिया गया है। परंतु इतना सब होने के पश्चात भी नगर का एक ऐसा पुल जिसकी प्रतीक्षा काशी वासीयों को पिछले तीन दशकों से है। तथा निर्माण आरंभ होने के पश्चात भी यह परियोजना पिछले 4 वर्षों से निर्माणाधीन ही है।
Kajjakpura ROB Varanasi : वाराणसी के ट्रैफिक जाम की समस्या से कज्जाकपुरा का क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित है। जीटी रोड होने के पश्चात भी इस रोड पर अक्सर जाम लगा रहता है। और ट्रकों की लंबी-लंबी कतार लग जाया करती है जिससे की आवागमन घंटों तक बाधित रहता है। ऐसे में नगर से राजघाट जाना हो या पुराना पुल से सारनाथ अथवा सारनाथ से वाराणसी नगर में आना हो हर हाल में लोगों घंटों-घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ता है।
और इसी को ध्यान में रखते हुए फरवरी 2019 में बनारस में प्रस्तावित सबसे लंबे कज्जाकपुरा आरओबी को हरी झंडी मिली एवं शासन स्तर से इस परियोजना के डीपीआर को स्वीकृति मिलने से इस ROB के बनने का रास्ता साफ हुआ।
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वाराणसी के कज्जाकपुरा क्षेत्र में बन रहा यह आरओबी काशी के भदऊ चुंगी से लेकर पुराने पुल तक बनेगा जो उत्तर रेलवे के अंडर पास के साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे के कज्जाकपुरा को भी क्राॅस करेगा। यह पुल दो लेन का होगा। इस कज्जाकपुरा रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम कर रही है।
यह रेलवे ओवरब्रिज वाराणसी सिटी रेलवे स्टेशन एवं सारनाथ रेल खंड के 23A Crossing पर स्थित है। इसलिए सेतु निगम के अतिरिक्त रेलवे को भी आरओबी निर्माण की उत्तरदायित्व उठानी है। कज्जाकपुरा रेलवे ओवरब्रिज लगभग सवा किलोमीटर लंबा होगा जिससे जीटी रोड पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिल जाएगी।
आपको हम संपूर्ण परिक्षेत्र की ड्रोन व्यू दर्शाते हुए बता दें कि कज्जाकपुरा रेलवे ओवरब्रिज का प्रस्ताव प्रदेश के राज्यमंत्री डा. नीलकंठ तिवारी द्वारा फोर लेन का दिया गया था परंतु परिस्थिति मूल्यांकन में फोर लेन पुल का निर्माण संभव नहीं होता देख प्रस्ताव को दो लेन का कर दिया गया।
परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इस पुल की लंबाई है 1355.51 मीटर तथा पहले इसे लगभग 100 करोड़ रुपए से बनना था परंतु वर्तमान में इसकी लागत है 145 करोड़ रुपए। इस पुल के निर्माण में कुल 55 पिलर बनने हैं जिसमें से सड़क पर 51 पिलर तथा रेलवे क्रासिंग पर चार पिलर बनने हैं।
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यह भी बता दें कि वाराणसी के कज्जाकपुरा स्थित रेलवे फाटक से सितंबर 2022 से आवागमन बंद है ताकि रेलवे ओवरब्रिज निर्माण से मार्ग पर वाहनों के यातायात से अवरोध ना हो।
बता दें कि कज्जाकपुरा आरओबी का निर्माण जगह के हिसाब से तेज कराया जा रहा है। भारी यातायात के बीच काम कराने में आ रहीं कठिनाईयों को सेतु निगम दूर करा रहा है। यहां सीवर लाइन, पेयजल लाइन और बिजली के खंभों का स्थान परिवर्तन का अभी काम पूरा नहीं हुआ है। इस कारण से जहां स्थान मिल रही है वहां काम को पूरा कराया जा रहा है। इसके लिए मजदूरों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इस सवा किलोमीटर लंबे और दो लेन वाला आरओबी भदऊ चुंगी से लेकर पुराना पुल तक बनेगा। जो उत्तर रेलवे के अंडर पास के साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे के कज्जाकपुरा क्रॉसिंग को पार करेगा। सेतु निगम के अतिरिक्त रेलवे को भी आरओबी निर्माण कराना है। यहां बिजली के तारों के कारण निर्माण में कठिनाई हो रही है। साथ ही सीवर और पेयजल लाइनों का स्थान बदलने का कुछ काम बाकी है। पिलर के साथ स्टील बीम का काम कराया गया है। अब भी 50 प्रतिशत के आसपास कार्य होना शेष है। यातायात के चलते सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर निर्माण कार्य कराने में कठिनाई हो रही है। अब तक लाइनों को शिफ्ट करने केलिए बिजली विभाग को 19 करोड़, जल निगम को 4.73 करोड़, जलकल संस्थान को 63 लाख रुपये दिए गए हैं।
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यह भी बता दें कि सेतु निगम के पूर्व अभियंताओं की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है। उन्होंने 24 माह में मात्र आठ पीलर तैयार कर सके। बचे नौ माह में 47 पीलर तैयार करना सरल नहीं है। कई माह तक काम भी बंद रहा। सड़क पर मैटेरियल, निर्माण के अन्य सामान होने के चलते अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है।
कज्जाकपुरा रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) पर फर्राटा भरने के लिए लोगों को फिलहाल एक साल और इंतजार करना पड़ेगा। इसके बाद ही जाम से राहत मिलेगी। सितंबर 2019 में जब इसका निर्माण शुरू हुआ तो लोगों को आशा थी कि यह निर्धारित समय में जून 2022 तक पूरा हो जाएगा। लेकिन भीड़ग्रस्त क्षेत्र होने और अन्य तकनीकि कठिनाईयों के कारण निर्माण में दो वर्ष का विलंब हो चुकी है। निर्माण की गति अत्यंत धीमी होने के कारण अबतक आरओबी का मात्र 50 प्रतिशत कार्य ही पूर्ण हुआ है। वर्तमान में इसके जून 2024 में पूरा होने की आशा है। परंतु हमारे आंकलन में कम से कम एक वर्ष और लगेंगे।
बता दें कि अभी गाजीपुर रूट आने जाने वाले लोगों को सारनाथ, पांडेयपुर, हुकुलगंज, कैंट आदि के जाम से जूझना पड़ता है। आरओबी बनने से गाजीपुर से आने वाले इससे होकर कज्जाकपुरा में उतर जाएंगे। यहां से वे नगर के किसी क्षेत्र में सरलता से जा सकेंगे। यहां निर्माण कार्य के समयावधि में मौसम के चलते थोड़ी कठिनाई आ रही है। परंतु जीटी रोड से सटे पहले रेलवे क्रॉसिंग पर इस समय ओवरब्रिज निर्माण का कार्य तीव्र गति से संचालित है जिसके हम आपको निकटतम दृश्य दर्शा रहे हैं।
सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक एसके निरंजन ने बताया कि कज्जाकपुरा आरओबी का निर्माण कार्य चल रहा है। आवश्यकता अनुसार, मजदूरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। अभी 50 प्रतिशत से अधिक काम हुआ है। बाकी काम जून 2024 तक पूरा हो जाएगा।
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यह भी बता दें कि मुख्य ओवरब्रिज निर्माण के साथ ही साथ रेलवे ट्रैक के नीचे से अंडरपास का निर्माण भी किया जा रहा है जिसकी हम आपको निकटतम दृश्य दर्शा रहे हैं।
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