समय से पहले Ayodhya Ram Mandir पर मिलेगी बड़ी खुशखबरी
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Ayodhya Ram Mandir : 500 वर्षों की प्रतीक्षा का फल स्वरूप श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण हो रहा है। यूपी के अयोध्या जी में प्रभु राम का दिव्य और भव्य मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए बनकर तैयार है। ट्रस्ट के अनुसार, 22 जनवरी 2024 को प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होंगे, तो पूरी अयोध्या अद्भुत और अलौकिक प्रतीत होगी। अब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। इस समय भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या में अलग-अलग बैठकों का दौर भी जारी है।
Ayodhya Ram Mandir : बता दें कि अयोध्या राम मंदिर के 14 दरवाजे अब स्वर्णजहित होंगे। इसके अतिरिक्त रामलला का सिंहासन भी स्वर्ण का ही बनेगा।
जन्मभूमि पर बन रहे राम मंदिर के भूतल और प्रथम तल का निर्माण प्राण प्रतिष्ठा से पहले पूरा हो जाएगा। भव्य मंदिर में प्रवेश के लिए परकोटे के द्वार को भी तेज गति से तैयार किया जा रहा है।
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मंदिर के भूतल का कार्य स्ट्रक्चर की दृष्टि से पूर्ण हो गया है। प्रथम तल का भी कार्य लगभग 80 प्रतिशत पूर्ण हो गया है। आशा है कि 15 नवंबर तक प्रथम तल का काम पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही परकोटे का कार्य भी किया जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले परकोटे के द्वार को तैयार कर लिए जाएंगे। मंदिर तीन चरणों में पूरा होगा और अंतिम निर्माण 2025 तक पूर्ण होगा।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार तीन फिट ऊंचा, आठ फीट लम्बा और चार फीट चौड़ा सिंघासन होगा प्रभु श्री राम का, जिस पर सोने का पत्तल लगाया जाएगा। राम मंदिर के गर्भगृह में भगवान के विराजमान कराए जाने के लिए संगमरमर की शिला का सिंघासन राजस्थान में तैयार हो रहा है।
श्रीरामजन्म भूमि में पर निर्माणाधीन भव्य मंदिर की ताजा तस्वीरें साझा की गई है। ड्रोन कैमरे से ली गयी इन तस्वीरों में प्रथम तल पर गर्भगृह के अलावा पांचों मंडपों का एक साथ निर्माण दर्शाया गया है। इन तस्वीरों में पूरब पश्चिम 360 फिट लंबे मंदिर पर पांचों मंडपों रंग मंडप व नृत्य मंडप के अतिरिक्त गूढ़ मंडप और नृत्य मंडप के उत्तर-दक्षिण में प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप का निर्माण होता दिखाई दे रहा है।
गर्भगृह के ठीक आगे स्थित गूढ़ मंडप के अगल-बगल प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप मानों दो विशालकाय भुजाएं जैसी फैली प्रतीत हो रही है। इस काॅरिडोर में मार्बल फर्श का निर्माण दर्शाया गया है। निर्माण एजेंसी के कुशल कारीगर फर्श के पत्थरों की सेटिंग के साथ इन-ले वर्क को भी पूरा कर रहे हैं।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि रंग मंडप वह स्थान है जो मंदिर के प्रवेश का मुख्य द्वार जिसे सिंहद्वार कहते उसके ठीक बगल का भाग है। नृत्य मंडप के शिखर पर अर्द्ध गोलाकार आकृति धारण किए हुए हैं जबकि प्रथम तल का भाग अष्ट कोणीय है।
इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर के निर्माण पर 5 फरवरी 2020 से 31 मार्च 2023 तक 900 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और अभी भी ट्रस्ट के बैंक खातों में 3000 करोड़ रुपये शेष हैं। फिलहाल मंदिर निर्माण का कुल बजट 1800 करोड़ रुपये तय किया गया है।
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यह भी बता दें कि अयोध्या के सरयू तट पर स्थित राम कथा संग्रहालय एक कानूनी ट्रस्ट होगा और इसमें राम मंदिर का 500 वर्ष का इतिहास और 50 वर्ष के कानूनी दस्तावेज रखे जायेंगे।
बता दें कि भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ देश भर के लगभग 10,000 गणमान्य लोगों के सम्मिलित होने की आशा है। जन्मभूमि पर आने वाले प्रत्येक आगंतुक को प्रसाद के साथ भगवान राम की तस्वीरें वितरित की जाएंगी। तथा लक्ष्य रखा गया है कि विराजमान भगवान राम की तस्वीर दो वर्ष के भीतर 10 करोड़ घरों तक पहुंच जाए।
एक जनवरी से 15 जनवरी तक भारत के 5 लाख गांवों में पूजित अक्षत बांटा जाएगा। अक्षत से विभिन्न क्षेत्रों के मंदिरों में अयोध्या जैसा उत्सव मनाने की अपील की जाएगी। अभिषेक समारोह से पहले भगवान राम के सामने चावलों की पूजा की जाएगी और पूजित चावल पूरे भारत में बांटे जाएंगे।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि अयोध्या में जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, उसकी एक तस्वीर ली जाएगी और अयोध्या आने वाले प्रत्येक राम भक्तों को दी जाएगी। इसके अतिरिक्त भारत के 10 करोड़ राम भक्तों के घरों में वह चित्र पहुंचाया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात राम मंदिर में रामानंद परंपरा के अनुसार पूजन अर्चन होगा।
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यह भी बता दें कि प्रदेश सरकार से अयोध्या के पुराने बस स्टैंड की भूमि को मंदिर ट्रस्ट को ट्रांसफर किया जा चुका है। यहां पार्किंग अथवा मंदिर ट्रस्ट का बड़ा कार्यालय का प्रॉजेक्ट बन सकता है। इसकी उपयोगिता तय करने के लिए भी निर्णय किया गया है। बताया गया कि मंदिर ट्रस्ट कोई भी भूमि खरीदने के पहले इसकी पूरी जांच करवाएगा।
इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि जन्मभूमि पथ पर निर्माणाधीन केनोपी (छतरी) के विषय को लेकर राजकीय निर्माण निगम व टीईसी के द्वारा पहले फाउंडेशन का काम पूरा हो जाएगा। यहां पांच केनोपियों के फाउंडेशन की प्लेटें व बोल्ट यहां आ चुके हैं और उन्हें राफ्ट पर लगाने के पश्चात फाउंडेशन की बैंक फिलिंग कर दी जाएगी। जन्मभूमि पथ तीर्थ क्षेत्र कार्यालय से लेकर बैगेज स्कैनर के मध्य 190 मीटर लंबा केनोपी (छतरी) का निर्माण किया जाना है जो कि स्टील फैब्रिकेटेड होगा और सिंगल पोल पर रेलवे स्टेशन के यात्री शेड की तरह ही बनाया जाएगा। यहां 190 मीटर लंबाई में दो प्रकार की छतरियों का निर्माण किया जाएगा जिनमें छह छतरियां 22 गुणा 15 फिट लंबी-चौड़ी होंगी जबकि चार छतरियां 11 गुणा 15 फिट लंबी-चौड़ी होंगी। इनका फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर 25 अक्तूबर से आकर इंस्टाल होना आरंभ हो जाएगा। इसका निर्माण मल्टी नेशनल कंपनी किर्बी कर रही है। कनोपी (छतरी) का निर्माण 15 दिसम्बर तक पूरा होने की जानकारी दी गई।
आपको हम बता दें कि 15 दिसम्बर तक मुख्य मंदिर के भूतल व प्रथम तल सहित शेष सभी प्रस्तावित कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। भूतल में गर्भगृह सहित 25 हजार वर्ग फिट मार्बल फर्श का निर्माण होना है जिसमें छह हजार वर्ग फिट से अधिक फर्श का निर्माण हो चुका है।
मंडपों की कारीगरी के साथ भित्तिचित्रों को भी प्रकाशित करेगी लाइटिंग फर्श के साथ निर्माणाधीन मंदिर में इलेक्ट्रिफिकेशन का भी आरंभ हो गया है। इस इलेक्ट्रिफिकेशन का काम देश की नामचीन कंपनी फिलिप्स करा रही है। मंदिर की लाइटिंग का संयोजन इस प्रकार किया जा रहा है कि पांचों मंडपों (रंग मंडप, नृत्य मंडप, गूढ़ मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप) की बारीक कारीगरी एवं दीवारों से लेकर स्तम्भों तक आइकोनोग्राफी से निर्मित भित्तिचित्र भी प्रकाशमान हों सके। यह परिकल्पना की गयी कि दिन के उजाले में जिस प्रकार से श्रद्धालु इन्हें देख सकते हैं, उसी प्रकार से रात्रि में भी वह देख सकें। इसी परिकल्पना के अनुरूप लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है।
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यह भी महत्वपूर्ण है कि राम मंदिर का भूतल व प्रथम तल दिसम्बर 2023 में अवश्य पूरा हो जाएगा परंतु परकोटे का निर्माण दिसम्बर 2024 में दूसरे चरण में पूरा हो सकेगा। वर्तमान में इस परकोटे से राम मंदिर में प्रवेश के लिए द्वार का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य समय से पहले हो जाएगा। परकोटे के प्रवेश द्वार के सभी कालम खड़े हो गये है और अब छत निर्माण की बारी आई गयी है।
ट्रस्ट ने अपील भी की है कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन सूर्यास्त के समय देशभर के नागरिकों को अपने घरों के सामने पांच दीपक जलाने चाहिए।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई श्री राम मंदिर निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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