भूल जाओ गंगा एक्सप्रेसवे, यूपी में बन रहा अब सबसे लम्बा नया एक्सप्रेसवे
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Gorakhpur Shamli Tarai Expressway : भारत के विकास में अपना सर्वोच्च योगदान करने के उद्देश्य से देश का एक्सप्रेसवे स्टेट कहा जाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में एक और एक्सप्रेसवे का होने जा रहा है निर्माण जो एक दो या दस नहीं अपितु राज्य के पूरे 22 जिलों को आपस में जोड़ेगा।
Gorakhpur Shamli Tarai Expressway : मित्रों जहां एक ओर देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक तथा उत्तर प्रदेश की अति प्रतीक्षित परियोजना प्रवेश नियंत्रित मार्ग गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य तीव्रतम गति पकड़ रखी है। तो वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में और भी कई नवीन एक्सप्रेसवे पर कार्य संचालित है जिसमें से एक है गोरखपुर शामली तराई एक्सप्रेसवे। जो गोरखपुर को यूपी के अन्य 21 जिलों से सीधा जोड़ेगा।
देशभर में रोड कनेक्टिविटी को बढ़ाने और बड़े-बड़े नगरों को आपस में जोड़ने के लिए तेजी से एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण हो रहा है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में एक महत्वाकांक्षी एक्सप्रेसवे का निर्माण होने जा रहा है।
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बता दें कि योगी सरकार गोरखपुर से शामली के मध्य 700 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण करने जा रही है। पूर्वी यूपी से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मध्य बनने वाला यह एक्सप्रेसवे ना केवल उत्तर प्रदेश के नगरों से गुजरेगा अपितु अन्य राज्यों से भी कनेक्ट रहेगा।
वास्तव में इस एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट की तैयारियों को लेकर पिछले कई महीनों से कयास लगाए जा रहे थे। इस बीच लखनऊ में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यूपी में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर आरंभ हुई करोड़ों रुपये की परियोजना के शुभारंभ पर इस एक्प्रेसवे के निर्माण की घोषणा भी किया है।
बता दें कि लखनऊ में केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 2024 तक यूपी को 5 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी जाएगी। इसमें 25,000 करोड़ रुपये की लागत से गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 6 लेन का ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे हाईवे बनाया जा रहा है। वहीं, गोरखपुर से शामली तक तराई एक्सप्रेसवे 35,000 करोड़ रुपये की लागत से एक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की भी योजना बनाई गई है।
आइए आपको हम इस परियोजना की जानकारी विस्तार से देते हैं। बता दें कि यह एक्सप्रेसवे शामली जिले के गोगवान जलालपुर के पास से आरंभ होकर गोरखपुर तक प्रस्तावित है। तथा यह भारतमाला परियोजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के शामली जिले को एक और एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने जा रही है। यह लगभग 700 किलोमीटर लंबा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे होगा जो शामली को CM सिटी गोरखपुर से जोड़ेगा। वहीं डीपीआर को तैयार करने के लिए कंसलटेंट एजेंसी नियुक्त कर दी गई है।
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बता दें कि उत्तर प्रदेश के 22 जिलों की 37 तहसीलों से होकर यह एक्सप्रेसवे गुजरेगा जिनके नाम आपके स्क्रीन पर उपलब्ध हैं जहां पर भूमि अधिग्रहण होने हैं। शामली-गोरखपुर एक्सप्रेस-वे को लगभग 90 से 100 मीटर चौड़ा बनाया जाएगा और यह 700 किलोमीटर लंबा होगा।
जिलों के नाम :
1. गोरखपुर
2. बस्ती
3. संतकबीर नगर
4. गोंडा
5. अयोध्या
6. बाराबंकी
7. बहराइच
8. लखनऊ
9. सीतापुर
10. हरदोई
11. शाहजहांपुर
12. बदायूं
13. बरेली
14. रामपुर
15. मुरादाबाद
16. संभल
17. अमरोहा
18. बिजनौर
19. मेरठ
20. मुजफ्फरनगर
21. सहारनपुर
22. शामली जिले
37 तहसील क्षेत्र की भूमि होगी अधिग्रहण
1. गोरखपुर
2. सहजनवा
3. खजनी
4. बस्ती
5. खलीलाबाद
6. हरैया
7. अयोध्या
8. सोहावल
9. तरबगंज
10. करनैलगंज
11. केसरगंज
12. रामनगर
13. फतेहपुर
14. बख्शी का तालाब,लखनऊ
15. सिधौली
16. मिश्रिख
17. हरदोई
18. शाहाबाद
19. संडीला
20. शाहजहांपुर
21. तिलहर
22. दातागंज
23. फरीदपुर
24. बरेली
25. आंवला
26. मीरगंज
27. शाहाबाद
28. बिलारी
29. संभल
30. अमरोहा
31. धनौरा
32. चांदपुर
33. मवाना
34. खतौली
35. मुजफ्फरनगर
36. देवबंद
37. शामली
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यही नहीं बता दें कि शामली के बुटराडा क्रास जंक्शन में यह एक्सप्रेसवे दिल्ली देहरादून ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा। शामली से हरियाणा के अंबाला तक ग्रीन फील्ड इकोनामिक कॉरिडोर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जारी है जिससे यह जुड़ेगा। वहीं, गोरखपुर को सिलीगुड़ी से भी जोड़ने की तैयारी है। अर्थात गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे अन्य तीन एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा।
आपको हम गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे परियोजना के वर्तमान परिस्थिति की जानकारी हेतु बता दें कि इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। और इस गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे को 35,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा तथा यह एक एक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे होगा एवं शीघ्र ही इस परियोजना की निविदाएं जारी की जाएंगी।
विशेष बात है कि गोरखपुर- शामली एक्सप्रेसवे पंजाब नॉर्थ ईस्ट कॉरिडोर का भाग है। एक्सप्रेसवे पूरे क्षेत्र में सड़क कनेक्टिविटी और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से इस 700 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण कराया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के पश्चात विकास से अछूते क्षेत्रों को विश्व बाजार से जोड़ने में सफलता मिलेगी। यहां पर कच्चे माल को पहुंचाने और तैयार प्रोडक्ट को बाजार उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी।
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यही नहीं सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है यह एक्सप्रेसवे। जी हां गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे परियोजना सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। नेपाल के निकट से बन रहे इस एक्सप्रेसवे से चीन की गतिविधियों को कंट्रोल करने में सहायता मिलेगी। तथा पूर्वांचल तथा गंगा एक्सप्रेसवे की ही प्रकार से गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे पर भी हवाई पट्टी का निर्माण होगा। जिससे इस पर जेट विमानों की लैंडिंग की सुविधा रहेगी। जिससे आपात स्थिति में यहां पर युद्धक विमान लैंड कर सकेंगे। ऐसे में देश और प्रदेश की सुरक्षा में यह एक्सप्रेसवे अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
बता दें कि गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे का निर्माण भारत-नेपाल सीमा से सटकर हो रहा है। इससे सीमावर्ती इलाकों से कनेक्टिविटी बढ़ाने में सहायता मिलेगी। सीमावर्ती क्षेत्रों तक उद्योग-धंधों को पहुंचाने में सहयोग मिलेगी। कनेक्टिविटी बढ़ने से इन क्षेत्रों के प्रोडक्ट को एक विस्तृत बाजार मिलेगा। इससे ये क्षेत्र भी विकास में अपना योगदान दे सकेंगे।
सबसे महत्वपूर्ण है कि इस गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे की डीपीआर तैयार करने की दायित्व एक निजी फर्म को सौंपी गई है। और इसके बनने से हरियाणा और पंजाब भी जुड़ जाएंगे। और शीघ्र ही गोरखपुर जिले के लोग एक्सप्रेसवे से लगभग 8 घंटे में हरिद्वार पहुंच सकेंगे।
इसके अतिरिक्त आपको हम यह भी बता दें कि गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे बलरामपुर से होकर गुजरेगा। तथा श्रावस्ती में बने हवाई अड्डे का विस्तार भी होगा, जिसके लिए राज्य सरकार ने 300 करोड़ रुपए आवंटित कर दिए हैं।
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महत्वपूर्ण है कि वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Governement) के कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात प्रदेश में कनेक्टिविटी पर काफी जोर दिया जा रहा है। इस क्रम में पिछले 6 वर्षों में प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का काम पूरा कराया गया। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को पूरा कराया गया। गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण तीव्र गति से संचालित है। इसके पश्चात अब तराई एक्सप्रेसवे को धरातल पर उतारने की तैयारियां आरंभ की गई हैं।
मित्रों यदि आपको वीडियो में दी हुई तराई एक्सप्रेसवे की जानकारी पसंद आई हो तो वीडियो को लाइक कर कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं, इसके अतिरिक्त यदि आप नए दर्शक हैं अथवा अभी आपने चैनल सब्सक्राइब नहीं किया है तो हमारे मनोबल में वृद्धि करने के लिए चैनल सब्सक्राइब अवश्य करें।
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