भारतीय रेल में होने वाला है नए युग का प्रारंभ RRTS Delhi-Meerut

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RRTS Delhi-Meerut : किसी भी यात्रा में गति का कितना योगदान होता है। इसके लिए अब आपको और प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। क्योंकि अति शीघ्र विकास को नई गति प्रदान करने के लिए भारत में रेलवे का नया अध्याय लिखने वाली है रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम।

RRTS Delhi-Meerut
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Delhi-Meerut RRTS : मित्रों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि विकास और गति का आपस में एक महत्वपूर्ण संबंध है। क्योंकि यदि विकास की गति मध्यम हो तो वह विकास देश को प्रगति पथ पर अग्रसर नहीं रह सकता।

और इसलिए वर्तमान सरकार देश की गति को प्रगति से जोड़ने के साथ ही देश में आधारभूत संरचनाओं का निर्माण व पुनरुद्धार तीव्र गति के साथ कर रही है। और इसके लिए देश में वंदे भारत ट्रेनों के माध्यम से भारतीय रेलवे को अधिक गति भी प्रदान करने पर कार्य संचालित है। परंतु राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अर्थात एनसीआर के महत्व को समझते हुए वर्तमान सरकार ने एक विशेष पहल की है। जिसके अंतर्गत मेट्रो और भारतीय रेल के मध्य की कमी शीघ्र ही पूरी होने वाली है।

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बता दें साधारण रेल और मेट्रो के बीच का भी एक विकल्प अब एनसीआर क्षेत्र को मिलने जा रहा है और इसी को रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम कहा जाता है। आरआरटीएस एनसीआर में क्षेत्रीय नोड्स को जोड़ने वाली एक नई, समर्पित, उच्च गति, उच्च क्षमता, आरामदायक कम्यूटर सेवा है।

आरआरटीएस परियोजना के काल चक्र की जानकारी देते हुए बता दें कि मई 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार ने दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को स्वीकृति दी थी। 8 मार्च 2019 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना की आधारशिला रखी थी और जून 2019 से निर्माण कार्य आरंभ हुआ था।

Rapid Rail India
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आरआरटीएस परियोजना के रूट आदि की जानकारी हेतु बता दें कि इसमें कुल 8 गलियारों का निर्माण होना है। जिनके नाम हैं:-

1. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर
2. दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर कॉरिडोर
3. दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर
अन्य गलियारे
4. दिल्ली-फरीदाबाद-बल्लभगढ़-पलवल
5. गाजियाबाद – खुर्जा
6. दिल्ली-बहादुरगढ़-रोहतक
7. गाजियाबाद-हापुड़
8. दिल्ली-शाहदरा-बड़ौत

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बात करें दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की (दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस) तो यह 82.15 किमी लंबा, सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर है जो वर्तमान में निर्माणाधीन है जो दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को आपस में जोड़ेगा। यह लाइन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) द्वारा प्रबंधित क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत नियोजित तीन रैपिड रेल कॉरिडोर में से पहला है। 180 किमी/घंटा की अधिकतम गति के साथ, दिल्ली और मेरठ के मध्य की दूरी 60 मिनट से भी कम समय में तय की जाएगी।

82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर (Delhi-Ghaziabad-Meerut Corridor) में से 68 किलोमीटर का हिस्सा उत्तर प्रदेश में है जबकि शेष 14 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में है, जिसमें चार स्टेशन – जंगपुरा, सराय काले खां, न्यू अशोक नगर और आनंद विहार सम्मिलित हैं।

RRTS Delhi-Meerut
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दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लागत की जानकारी देने हेतु बता दें कि इस परियोजना की लागत लगभग ₹30000 करोड़ है। तथा इसमें भारत सरकार 20%, दिल्ली सरकार 3.22% और उत्तर प्रदेश सरकार 16.78% का योगदान है शेष राशि ADB (एशियन डेवलपमेंट बैंक) AIIB एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक और NDB (न्यू डेवलपमेंट बैंक) आदि सहायतार्थ है।

और इस दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस लाइन में 22 स्टेशन होंगे, जिसमें दुहाई और मोदीपुरम में दो डिपो सम्मिलित हैं। जिनके नाम हैं:-

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1. सराय काले खां
2. न्यू अशोक नगर
3. आनंद विहार
4. साहिबाबाद
5. गाजियाबाद
6. गुलधर
7. दुहाई
8. मुरादनगर
9. मोदीनगर दक्षिण
10. मोदीनगर उत्तर
11. मेरठ दक्षिण
12. प्रतापपुर
13. रिठानी
14. शताब्दी नगर
15. ब्रम्हपुरी
16. मेरठ सेंट्रल
17. भैशाली
18. बेगमपुल
19. MES कालोनी
20. दौरली
21. मेरठ उत्तर
22. मोदीपुरम

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दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस परियोजना की निर्माण व वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने हेतु बता दें कि देश की पहली आरआरटीएस रैपिड रेल का ट्रैक बिछाने का काम पूरा हो गया है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिडएक्स कॉरिडोर के दुहाई से मेरठ साउथ स्टेशन के बीच 25 किलोमीटर की लंबाई में वायडक्ट का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। इस वायडक्ट पर 50 प्रतिशत से अधिक ट्रैक बिछाया जा चुका है।

इसके साथ ही इस सेक्शन में ओवरहेड इक्यूपमेंट इंस्टालेशन का कार्य भी आरंभ कर दिया गया है। दिसंबर 2023 तक इस खंड में सिविल निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। तत्पश्चात रैपिडएक्स ट्रेन मेरठ से साहिबाबाद तक ट्रैक पर दौड़ती हुई नजर आएगी।

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हालांकि, इस ट्रेन में यात्री कब से यात्रा कर सकेंगे, इसको लेकर अभी तक कोई तिथि निर्धारित नहीं की गई है। देश की पहली रैपिडएक्स ट्रेन के लिए दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए मेरठ तक कॉरिडोर बनाने का कार्य तीन खंड में किया जा रहा है। प्राथमिक खंड साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर लंबा था, जहां पर सिविल निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। इस सेक्शन में आरआरटीएस को चालू करने के लिए लगभग 34 किमी ट्रैक बिछाया गया है।

प्राथमिकता खण्ड में पांच स्टेशन साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई डिपो होंगे। इसके अतिरिक्त दुहाई से मेरठ साउथ के बाकी खंड के लिए, ट्रैक बिछाने और OHE स्थापना का काम जारी है। दुहाई से मेरठ साउथ तक की 50 किलोमीटर की लाइन में से, लगभग 30 किलोमीटर के लिए ट्रैक बिछाने का काम पूरा हो चुका है।

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दूसरे खण्ड की बात करें तो वह है दुहाई से मेरठ के बीच का। और इस खंड में कुल चार स्टेशनों मुराद नगर, मोदी नगर दक्षिण, मोदी नगर उत्तर और मेरठ दक्षिण स्टेशन बनाने का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इन स्टेशनों का सिविल निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और वे शीघ्र ही आकार ले लेंगे।

इसके अतिरिक्त तीसरा खंड साहिबाबाद से दिल्ली के बीच का है और इस खंड में सबसे कठिन कार्य सुरंग बनाने का था जो कि पूरा हो गया है। दुहाई और मेरठ साउथ स्टेशनों के बीच के पुल का निर्माण भी पूरा हो गया है।

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महत्वपूर्ण है कि जब रैपिड रेल सुरंग से गुजरेगी, तब भी वहां यात्रियों को मोबाइल नेटवर्क की कठिनाई नहीं होगी। सुरंग के भीतर भरोसेमंद मोबाइल नेटवर्क सुविधा प्रदान की जाएगी। दिल्ली गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर में दिल्ली और मेरठ में लगभग 12 किमी का सेक्शन भूमिगत है, जिसमें 5 किमी का भाग दिल्ली में है। वहीं मेरठ में लगभग 7 किमी का भाग भूमिगत है।

ज्ञातव्य है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते माह परियोजना को लागू करने में देरी और परियोजना के लिए अपने हिस्से के धन का योगदान नहीं करने के लिए दिल्ली सरकार की खिंचाई की थी। क्योंकि दिल्ली सरकार इस परियोजना के लिए धन नहीं देना चाहती थी जिसके कारण से परियोजना में विलंब हुआ।

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उद्घाटन की जानकारी देने हेतु बता दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अगले सप्ताह में भारत की पहली रैपिड रेल ट्रेन रैपिडएक्स का उद्घाटन करने की संभावना है। रिपोर्टों के अनुसार, पीएम मोदी अगले सप्ताह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले गलियारे पर पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे, जो कि नवरात्रि उत्सव के अवसर पर होगी। परंतु संपूर्ण परियोजना 2025 तक ही चालू हो पाएगी।

कुछ विशेष जानकारी देने हेतु बता दें कि इस प्रत्येक ट्रेन में 2×2 लेआउट में व्यवस्थित 407 सीटें हैं, जबकि इस रेल के भीतर 1,061 यात्री खड़े हो सकते हैं। तथा सामान के लिए, प्रत्येक सीट पर पर्याप्त भंडारण स्थान है तथा ओवरहेड रैक भी हैं। इसके अतिरिक्त ट्रेन में निशुल्क ऑनबोर्ड वाईफाई के अतिरिक्त प्रत्येक सीट के अपने चार्जिंग पॉइंट भी होंगे।

Delhi Meerut RRTS
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यही नहीं दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिक खंड पर परिचालन में पुरुषों की तुलना में अधिक महिला कर्मचारी सम्मिलित होंगी।

मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिला का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-

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