PM मोदी की वाराणसी में अब विकास का नया ब्रह्मास्त्र
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ CM Yogi Adityanath) के कार्यकाल में एक्सप्रेस प्रदेश बन रहे उत्तर प्रदेश में। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लिए भी एक सुखद समाचार है। अब वाराणसी (Varanasi) में भी एक नई एक्सप्रेस-वे का (Varanasi Kolkata Expressway) निर्माण आरंभ हो रहा है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं की डबल इंजन की भाजपा सरकार में उत्तर प्रदेश नित्य नवीन ऊंचाइयों को छू रहा है। तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशन में उत्तर प्रदेश एक एक्सप्रेस प्रदेश बन करके समस्त भारत को एक नई ऊंचाई पर ले जाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
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इसी क्रम में हम आपको बता दें की वाराणसी को भी एक्सप्रेसवे की सौगात मिली है और वाराणसी अब बिहार होते हुए सीधा कोलकाता से जा मिलेगी।
बता दें कि इस वाराणसी-रांची-कोलकाता सिक्सलेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाने का कार्य अगले वर्ष से आरंभ हो जायेगा। तथा यह भारतमाला परियोजना का भाग है। इसको बनाने के लिए निर्माण एजेंसी के चयन की प्रक्रिया भी आरंभ हो गयी है।
भारतमाला परियोजना (Bharatmala Pariyojana) के द्वितीय चरण के अंतर्गत देश के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में उच्च गति कनेक्टिविटी प्रदान करने की योजना बनाई गई है। जिसमें वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे प्रमुख है।
बता दें कि वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे का आरंभिक बिंदु राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) -19 और वाराणसी रिंग रोड (रेवासा गाँव के पास) के जंक्शन से आरंभ होता है और पश्चिम बंगाल राज्य में हावड़ा जिले के उलुबेरिया के पास NH-16 पर समाप्त होता है।
वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि 610 किमी की सिक्स लेन का ग्रीनफील्ड प्रवेश नियंत्रित अर्थात एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। तथा इसका निर्माण 30 हजार करोड़ रुपये की लागत से होगा।
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वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे की मार्ग संरेखण कि जानकारी हेतु बता दें कि यह उत्तर प्रदेश में 22 किमी, बिहार में 159 किमी, झारखंड में 187 किमी और पश्चिम बंगाल में 242 किमी की दूरी तय करेगा।
वाराणसी से आरंभ होने वाला ग्रीनफील्ड कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के चंदौली से होकर गुजरेगा; बिहार में यह कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया जिले से होते हुए झारखंड के चतरा, हजारीबाग, रामगढ़ और बोकारो जिलों से होकर गुजरेगा। यहां से यह पश्चिम बंगाल में पुरुलिया और बांकुरा, पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली और हावड़ा को जोड़ते हुए कोलकाता पहुंचेगा। इसमें ग्रीनफील्ड स्पर बनाकर खड़गपुर को भी जोड़ा जायेगा।
यह तो हुई वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे मुख्य जानकारी, अब हम आपको इस परियोजना की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने हेतु बता दें कि वाराणसी से कोलकाता के मध्य छह लेन के ग्रीन फील्ड हाइवे के बिहार में पड़ने वाले 22 किमी भाग के निर्माण को लेकर नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) ने बीते दिनों इसके 2 पैकेजों के लिए निविदा जारी कर दिया है। बिहार के 22 किमी भाग के निर्माण पर 945.24 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह सड़क जीटी रोड के 20 किमी पश्चिम से बनेगा।
इस सड़क के एक साथ चार राज्यों से बिहार को संपर्कता मिल रही है। छह लेन का यह नया हाइवे यूपी के चंदौली-चैनपुर रोड से आरंभ हो रहा। सड़क बिहार के भभुआ-अधौरा रोड होते हुए यह पलका गांव आएगी और फिर वहां से 22 किमी आगे तक जाएगी।
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बता दें कि बिहार में डालटेनगंज होते हुए यह सड़क हजारीबाग की ओर बढ़ेगी। वहां से इसका एक भाग रांची की ओर भी निकल रहा। इसके पश्चात यह सड़क पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा और खड़गपुर के समानांतर बढते हुए हल्दिया के रास्ते कोलकाता जाएगी।
यदि आप यह जानना चाहते हैं कि कब से आरंभ होगा इसका निर्माण तो आपको हम बता दें कि एनएचएआई ने फिलहाल हाइब्रिड एन्युइटी मोड (एचएएम) पर दो पैकेजों के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। अर्थात इसके लिए निर्माण एजेंसी के चयन के लिए टेंडर जारी हो चुका है। इस टेंडर को भरने की अंतिम तिथि 29 दिसंबर 2022 है। एनएचएआई ने इस प्रोजेक्ट के 54 किमी भाग की निविदा जारी की है।
वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण फिलहाल 54 किमी की लंबाई में किये जाने की योजना है। इस 54 किमी लंबाई में से उत्तर प्रदेश में 22 किमी और बिहार में करीब 32 किमी लंबाई में निर्माण किया जायेगा। इसमें से बिहार के क्षेत्र में लगभग 27 किमी के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हुई है। इस प्रोजेक्ट से जीटी रोड पर वाहनों का भार कम होगा। वर्तमान में प्रयागराज और वाराणसी होते हुए कोलकाता जाने को लेकर जीटी रोड ही प्रमुख मार्ग के रूप में है।
परंतु इस नवीन सड़क से कैमूर और रोहतास जिले के विकास को गति मिलेगी। पड़ोसी जिले बक्सर और भोजपुर के लोग भी इसका प्रयोग कर सकेंगे। इसके माध्यम से रांची की ओर जाने के लिए एक और मार्ग का विकल्प मिल जाएगा।
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एक महत्वपूर्ण जानकारी हेतु बता दें कि वर्तमान में NH-2 (स्वर्ण चतुर्भुज सड़क) के माध्यम से वाराणसी और कोलकाता के मध्य 644 किमी की दूरी है जिसे तय करने में कम से कम 12 से 13 घंटे लगते हैं। और वाराणसी- कोलकाता एक्सप्रेसवे जो NH-2 के समानांतर ही चलेगी, परंतु यह यात्रा के समय को घटाकर 6 घंटे कर देगा।
भले ही दोनों सड़कों की लंबाई में थोड़ा ही अंतर है, परंतु ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे नगरों की परिधि के बाहर उच्च गति सीमा की अनुमति देता है और प्रमुख चोक बिंदुओं को समाप्त करता है। इसलिए शीघ्र ही अपने गंतव्य तक पहुंचाने में सफल होगा।
अब हम आपको इस परियोजना से होने वाले लाभ की जानकारी देने हेतु बता दें कि इस एक्सप्रेसवे के बनने से वाराणसी से कोलकाता का यात्रा 12 घंटे से घटकर मात्र छह घंटे की रह जायेगी। साथ ही बिहार में 10 हजार करोड़ की लागत से 163 किमी का कॉरिडोर बनेगा।
यह पूर्वी भारत के प्रमुख खनिज उत्पादक क्षेत्रों – झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल की सेवा करेगा। इसके अतिरिक्त प्रधान मंत्री (पीएम) गति शक्ति के साथ सामंजस्य के भाग के रूप में, एक्सप्रेसवे को प्रमुख औद्योगिक नोड्स से भी जोड़ा जाएगा।
इनमें फाल्टा और नैहाटी में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण केंद्र, रांची, हावड़ा, नादिया और हुगली में फिशिंग सीफूड क्लस्टर; बेहाला में फार्मा और मेडिकल क्लस्टर और हावड़ा, वाराणसी और भदोही में टेक्सटाइल क्लस्टर सम्मिलित हैं। यही नहीं निर्बाध यातायात प्रवाह के साथ युग्मित यात्रा समय में बड़ी कमी से देश के पूर्वी क्षेत्र में/से माल ढुलाई की दक्षता में सुधार भी होगा।
सबसे महत्वपूर्ण वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस देश की दो सांस्कृतिक राजधानियों वाराणसी और कोलकाता को जोड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे पर सवार होकर, एक भक्त को वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से कोलकाता के कालीघाट मंदिर तक पहुंचने में लगभग 6 घंटे लगेंगे, जो एक ही दिन में शिव और काली दोनों की पूजा करते हैं।
इसके साथ ही सरकार पूर्वी भारत के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों को इस एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की रणनीति पर कार्य कर रही है। जिनमें प्रमुख धार्मिक स्थानों में कैमूर में मां मुंडेश्वरी मंदिर, औरंगाबाद में देव सूर्य मंदिर, गया में महाबोधि मंदिर, चतरा में भद्रकाली मंदिर, रामगढ़ के रजरप्पा और बोकारो में लुगुबुरु घंटाबारी सम्मिलित हैं।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको उपरोक्त वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे की जानकारी पसंद आई होगी तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें।
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