हो जाओ तैयार, काशी घुमने का मज़ा अब पूरा बदल जायेगा
विश्व की प्राचीनतम जीवित नगर काशी अर्थात वाराणसी में यदि आप घूमने के लिए आना चाहते हैं तो आपके लिए एक सुखद समाचार है क्योंकि वाराणसी नगर में प्रवास के साथ ही साथ अब आपको गंगा किनारे टेंट सिटी (Tent City Varanasi) में ठहरने की व्यवस्था भी मिलेगी।
मां गंगा किनारे अर्धचंद्राकार स्वरूप में बसी विश्व की प्राचीनतम जीवित नगर काशी अर्थात वाराणसी के पर्यटन को मिलने वाली है नई संजीवनी, क्योंकि घाटों के नगर के रूप में विश्व विख्यात काशी के संपूर्ण घाटों की छटा एक बार में मिलेगा वो भी सूर्य की उगती किरणों के साथ।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सप्तपुरीयों में सम्मिलित काशी में दर्शनार्थियों व श्रद्धालुओं की संख्या सदैव अधिक रहती है। तथा इस प्राचीन नगर के अल्हणपन जीवन का अनुभव करने हेतु भी कई पर्यटक यहां आते हैं एवं मोदी जी के वाराणसी का सांसद बनने के पश्चात तथा नित्य नवीन विकास कार्यों से नई अंगड़ाई लेती काशी में पर्यटकों व श्रद्धालुओं यह संख्या तीव्र गति से बढ़ रही है।
इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने नवीन पहल की है जिसके अंतर्गत विश्व प्रसिद्ध वाराणसी के अस्सी घाट के ठीक सामने ही श्रद्धालु व पर्यटकों के लिए लग्ज़री सुविधाओं से लैस टेंट सिटी को बसाने का निर्णय लिया गया है।
अध्यात्म की नगरी काशी में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और शीघ्र ही कई धरातल पर नजर आएंगी। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए गंगा पार रेती में टेंट सिटी प्रस्तावित है। और इस टेंट सिटी को बसाने का दायित्व मेसर्स प्रेवेग कम्यूनिकेशंस (इंडिया) व मेसर्स लल्लू जी एंड संस को मिला है।
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बता दें कि गुजरात की कच्छ की तर्ज पर यहां वाराणसी में भी टेंट सिटी में रहने का अवसर प्राप्त होगा। तथा काशी में इस परियोजना को वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से गंगा पार रामनगर क्षेत्र में बनाया जा रहा है।
वाराणसी टेंट सिटी परियोजना की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने से पहले हम आपको इस टेंट सिटी के बारे बता दें कि वाराणसी के अस्सी घाट के ठीक सामने (रामनगर की ओर) यह टेंट सिटी परियोजना कुल 30 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में स्थापित होगा। इसमें दस हेक्टेयर प्रति कलस्टर में 200 टेंट होंगे। इस प्रकार से कुल तीन क्लस्टर स्थापित होंगे।
इसपर अधिक जानकारी हेतु बता दें कि टेंट सिटी में तीन प्रकार के कैटेगरी वाइज़ क्लस्टर होंगे इसमें सबसे उच्च श्रेणी के एक क्लस्टर में विला होंगे जो 900 वर्गफीट में होगा, इसके पश्चात सुपर डीलक्स श्रेणी में 480-580 वर्गफीट का क्लस्टर होगा, तथा तीसरा क्लस्टर डीलक्स श्रेणी का होगा जिसमें 250-400 वर्गफीट में टेंट्स होंगे। और टेंट सिटी के एक क्लस्टर में 200 व्यक्तियों के ठहरने की सुविधा रहेगी।

अब हम आपको इस टेंट सिटी परियोजना की वर्तमान परिस्थिति व निर्माण कर्ता कंपनी आदि जानकारी देने हेतु बता दें कि इस टेंट सिट बसाने का दायित्व अहमदाबाद की कंपनी मेसर्स प्रावेग कम्यूनिकेशंस (इंडिया) लिमिटेड व मेसर्स लल्लूजी एंड संस अहमदाबाद को दी गई है। प्रावेग कम्यूनिकेशंस इंडिया लिमिटेड को 200 टेंट के दो क्लस्टर व मेसर्स लल्लूजी एंड संस अहमदाबाद गुजरात को एक क्लस्टर स्थापित करने की स्वीकृति दी गई है।
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यहां पर हम आपको बता दें कि पहले इस परियोजना के अंतर्गत देव दीपावली पर ही पर्यटकों को ठहराने की तैयारी थी। परंतु नदी में बाढ़ का पानी ही समय पर कम नहीं हुआ इसलिए अब यह योजना दिसंबर तक मूर्त रूप लेगी।
वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने हेतु बता दें कि गंगा में बाढ़ का पानी कम होने के साथ रेती में उस पार टेंट सिटी बसाने को लेकर वाराणसी विकास प्राधिकरण ने फिर तैयारी तेज कर दी है। वीडीए उपाध्यक्ष ने चयनित कार्यदायी संस्था को 15 नवंबर से कार्य आरंभ करने का निर्देश दिया था जिससे दिसंबर में तैयार टेंट सिटी में देश-विदेश से आने वाले पर्यटक आनंद उठा सके। वीडीए ने गंगा पार रेती में दो बड़े नलकूप के लिए बोरिंग का काम पूरा कर लिया है जिससे टेंट सिटी बसने के साथ अन्य काम के लिए पानी की समस्या ना हो।
वीडीए अधिकारी चयनित कार्यदायी संस्था के साथ कई बार निरीक्षण कर गंगा में जलस्तर कम होने का जायजा लेते रहते हैं। वीडीए की पूरा प्रयास है कि ठंड में आने वाले पर्यटक टेंट सिटी का आनंद उठा सकें। यदि दिसंबर में टेंट सिटी तैयार नहीं हो सका और विलंब हुआ तो अगले वर्ष अप्रैल के पश्चात पर्यटकों को ठहरने में कठिनाइ होगी। भीषण गर्मी में टेंट सिटी आबाद करने वाली एजेंसी को एसी लगाना पड़ेगा, इसके लिए एजेंसी पर अतिरिक्त खर्च आएगा।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इस परियोजना हेतु गंगा पार रेती पर बिजली विभाग ने दो करोड़ से 50 पोल लगवा दिया है। वहीं, वहां तार दौड़ाने से लेकर ट्रांसफार्मर लगाने की कार्यवाही आरंभ कर दिया है।
इसके अतिरिक्त टेंट सिटी की स्थापना के लिए आवश्यक मूलभूत अवस्थापना एवं अन्य सुविधाएं अर्थात जलापूर्ति, सीवेज व पहुंच मार्ग के विकास आदि के सुविधायें विकसित किये जाने हेतु स्थलीय आवश्यकता के अनुसार विभागों द्वारा कार्य संचालित कर दिया गया है। जिसके अंतर्गत पक्की सड़क का निर्माण संचालित है। लगभग 3 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाने के अतिरिक्त इसे रामनगर से कनेक्ट किया जा रहा है।

टेंट सिटी में मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी हेतु बता दें कि सिटी में स्वीस काटेजेस (टेंटेज एकोमोडेशन), रिसेप्शन एरिया, गेमिंग जोन, रेस्टोरेंट, डायनिंग एरिया, कांफ्रेंस स्थल, स्पा एवं योगा केंद्र, लाइब्रेरी एवं आर्ट गैलरी के अतिरिक्त वाटर स्पोर्टस, कैमल व हार्स राइडिंग समेत अन्य सांस्कृतिक एवं स्पोर्टस एक्टीविटी की भी सुविधा मिलेगी। टेंट सिटी के एक कक्ष लेने पर कितना खर्च करना होगा, यह तय नहीं है परंतु इतना अवश्य कहा जा रहा है कि होटल से किफायती होंगे।
सबसे बड़ी बात यह है कि इस स्थिति में तीन अलग-अलग ब्लॉक में टेंट सिटी बसाई जाएगी जिसमें डीलक्स, सुपर डीलक्स और कॉटेज विला शामिल किए जा रहे हैं। जिसके लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा दी जाएगी। यहां आने वाले पर्यटक पहले से ही टेंट और विला अपने अनुसार से बुक कर सकेंगे।
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इसमें कई प्रकार की सुविधाएं भी दी जाएंगी, जिसमें एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन से यहां तक लाने की व्यवस्था, यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन, गंगा इस पार से उस पार जाने के लिए मोटर बोट और नाव की व्यवस्था, गंगा आरती, विश्वनाथ मंदिर दर्शन कराने की सुविधा आदि सम्मिलित होगी।
वर्तमान में दिसंबर से इस टेंट सिटी को आरंभ किया जाएगा और होली के पहले फरवरी तक इसे संचालित करने की अभी योजना बनाई गई है, यदि रिस्पांस अच्छा मिला तो इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई वाराणसी टेंट सिटी की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें: