अंतरिक्ष से टेलीस्कोपिक विधि से तैयार हो रहा है Ayodhya Ram Mandir
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Ayodhya : जैसा कि हम सभी जानते हैं कि देश के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर का निर्माण हो रहा है। जो भारत व हिंदुत्व के मान व सम्मान से भी जुड़ा है। तथा इस श्री राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) का निर्माण अयोध्या की पावन धरा पर हो रहा है इसके निर्माण पूर्ण होने की प्रतीक्षा देश व विश्व का समस्त हिंदू व सनातन धर्म में आस्था रखने वाला व्यक्ति अत्यंत प्रतीक्षा के साथ कर रहा है।
इन्हीं महत्ता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वह मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशन में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस पावन मंदिर का निर्माण कार्य अत्यंत सुंदर वह 1000 वर्षों तक सुरक्षित रहने योग्यता अनुसार कर रहा है।
हम सभी आस्थावान मनुष्यों को यह जानने की इच्छा रहती है कि श्री राम जन्मभूमि पर भगवान राम लला के मंदिर का निर्माण कितना हो गया अब तक तो आज हम आपको बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि (Shri Ram Janmbhoomi) के संपूर्ण मंदिर की बात की जाए तो वह 51% से अधिक काम पूर्ण हो चुका है। वहीं यदि भूतल पर हो रहे निर्माण कार्य की जानकारी दें तो आपको हम बता दें कि परिसर में बंसी पहाड़पुर के पत्थरों को लगाया जा रहा है। और यह भूतल का काम लगभग 35% पूरा हो चुका है।
भूमि स्तर से राम मंदिर की निर्माण की ऊंचाई 30 फुट से ऊपर तक पहुंच चुकी है। जन्मभूमि पर खंभों का लगना भी आरंभ हो गया है। राम मंदिर के गर्भगृह में मकराना पत्थरों के सफेद मार्बल के खंभो को लगाने का कार्य भी आरंभ कर दिया गया है। राम जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण का संतोषजनक चल रहा है। ज्ञातव्य है कि, मंदिर निर्माण का काम सामान्य दिनों में जब मौसम अनुकूल रहता है तो प्रातः 9 बजे से रात्रि 11 बजे तक जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण कार्य चलता है।
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श्री राम जन्मभूमि मंदिर को नागर शैली में बनाया जा रहा है और यह अष्टकोणीय है। मंदिर का नृत्य मंडप, गूढ़ मंडप और महापीठ तैयार हो चुका है। गर्भगृह का काम भी 30% से अधिक पूर्ण हो चुका है। गर्भ ग्रह में बंसी पहाड़पुर के पत्थरों की 10 लेयर डाली जा चुकी है। और अब श्री राम मंदिर के परकोटे का भी कार्य भी चल रहा है। परकोटा राम मंदिर से 27 मीटर दूर मंदिर के चारों ओर निर्मित किया जाएगा। जिसकी लंबाई 800 मीटर होगी और यह परकोटा 14 फीट चौड़ा होगा।
परकोटे के भीतर ही दर्शनार्थीयों के लिए कई सुविधाएं भी विकसित करने की योजना है। और इस परकोटे में छह और मंदिर बनाए जाएंगे। परकोटे में विष्णु पंचायतन की भी स्थापना की जाएगी। मंदिर के चारों कोनों पर गणेश जी, शिव जी व माता दुर्गा की मंदिर बनाया जाएगा। मंदिर के आग्नेय कोण पर हनुमान जी का मंदिर बनेगा। मंदिर के पश्चिम दिशा में रसोई होगी जिसमें देवी अन्नपूर्णा का मंदिर स्थापित किया जाएगा।
आपको हम बता दें कि भक्तों को गर्भ गृह में 30 फीट की दूरी से ही रामलला का दर्शन प्राप्त हो सकेगा। मंदिर में भक्तों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। मंदिर के प्रथम तल में राम दरबार की स्थापना की जाएगी। जबकि मंदिर के दूसरे तल में को अभी खाली छोड़ा गया है। यहां क्या होगा इसको लेकर ट्रस्ट संतों से राय ले रहा है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर निर्माण की प्रगति देखने दीपोत्सव में पहुंचे थे उन्हें मंदिर निर्माण की प्रत्येक गतिविधि से अवगत कराया गया है। वे पूरी तरीके से संतुष्ट दिखे और मंदिर में भक्तों के लिए सुविधाएं विकसित करने पर उन्होंने जोर दिया है।
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आपको हम यह भी बता दें कि मंदिर निर्माण को अंतरिक्ष से टेलीस्कोपिक विधि (Telescopic Process) से तैयारी की जा रही है जिससे रामनवमी के दिन भगवान राम के मस्तक पर सूर्य का प्रकाश सीधे जा सके। इसको लेकर राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) बना रही निर्माण एजेंसियां तेजी से काम कर रही हैं। राम मंदिर का मानचित्र सोमपुरा खानदान ने बनाया है, जिनके दादा ने सोमनाथ मंदिर का मानचित्र बनाया था। राम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा। जिसे एयरपोर्ट, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन सभी स्थानों से देखा जा सकेगा। उसमें 394 खंभे होंगे और हर खंभे पर 16 मूर्तियां रामायण से जुड़ी रहेंगी।
Ayodhya Ram Mandir का प्रत्येक तल 21 फीट का होगा। मंदिर का गर्भगृह 20 मीटर के भाग में बन रहा है। इसके लिए 6 मार्बल के पिलर बनाए जा रहे हैं। दिसंबर 2023 की गर्मियों तक गर्भ गृह तैयार हो जाएगा। और लगभग 6 महीने पश्चात 14 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे।
उस दिन सूर्य देव उत्तरायण होते हैं, जिसे शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इसी दिन रामलला गर्भ ग्रह में विराजमान (Ayodhya Ram Mandir) हो जाएंगे। इसी दिन से मंदिर के गर्भ गृह को आम जनता के दर्शनों के लिए खोल दिया जाएगा। जबकि मंदिर के बाकी भाग का काम चलता रहेगा।
अयोध्या में भगवान श्री राम की भव्य मंदिर का निर्माण राजस्थान के पत्थरों से किया जा रहा है। वैसे तो मंदिर निर्माण में 4 लाख घनफुट से अधिक पत्थर लगाए जाने हैं परंतु मंदिर की भव्यता के लिए 17 लाख घनफुट पत्थरों उपयोग किया जाएगा। ट्रस्ट की माने तो भारत का यह पहला भव्य मंदिर होगा। तो वही इस मंदिर की दिव्यता भी मंदिर परिसर के भीतर से प्रदर्शित होगी।
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वहीं दूसरी ओर परकोटे का निर्माण भी अति शीघ्र प्रारंभ होने वाला है और जैसे ही मानस भवन खाली होगा उसके पश्चात परकोटे का निर्माण आरंभ हो जाएगा। इसके लिए मानस भवन के उस स्थान को खाली कराने के लिए तोड़ने का कार्य आरंभ हो गया है।
आपको हम यह भी बता दें कि मंदिर निर्माण में किस पत्थर की कहां आवश्यकता है और उन पत्थरों को चिन्हित करने के लिए पत्थरों पर बारकोड दिया गया है जिससे स्कैन करके निर्माण कार्य में लगे इंजीनियर उस पत्थर को मंदिर में लगाए जाने वाले स्थल के पत्थर को पहचान सकते हैं।
वास्तव में संपूर्ण मंदिर बंसी पहाड़पुर के पिंक स्टोन से बन रहा है। इसके अतिरिक्त मंदिर में बलुआ पत्थर का भी प्रयोग किया जा रहा है। मंदिर के तीन तल के निर्माण में बंसी पहाड़पुर के राजस्थान की खदानों से लाए गए पिंक स्टोन का प्रयोग होगा। अयोध्या में राम जन्म भूमि की कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों के अतिरिक्त राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पत्थर तराशी की 2 कार्यशाला राजस्थान में भी लगा रखी है, जहां से मानक के अनुरूप पत्थरों की तरासी के साथ अयोध्या लाया गया हैं।
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लगभग 90% से अधिक पत्थरो की आपूर्ति राम जन्मभूमि परिसर में हो चुकी है। इन पत्थरों को उनकी आवश्यकता अनुसार लगाए जाने के लिए एक सीक्वेंस में रखा गया था परंतु कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों को इसमें समस्या हो रही थी। इसलिए पत्थरो पर बार कोड लगा दिया गया है। बारकोड लगाए जाने के साथ ही अब कार्यदाई संस्था के इंजीनियर उस पत्थर पर स्कैन करके यह जान सकेंगे कि मंदिर में उक्त पत्थर का प्रयोग कहां पर होना और किस स्थान लगना है जिससे की मंदिर की सतह और पत्थरों को उठाने और लगाने में कोई असुविधा ना हो।
आपको यह भी बता दें कि परिसर में महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र और महा ऋषि अगस्त की प्रतिमाएं लगाई जाएंगी। इसी प्रकार भगवान राम की जीवन से संबंधित निषाद राज, माता शबरी, अहिल्या और जटायु इनको भी सम्मानजनक स्थान पर रखा जाएगा। गणेश जी, और लक्ष्मण जी के मंदिर भी बनवाए जाएंगे। इन मंदिरों के निर्माण के लिए राम मंदिर के आसपास 70 एकड़ का क्षेत्र भी चयनित कर लिया गया है।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको श्री राम मंदिर निर्माण की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें।
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