चोरी छिपे हुआ श्री केदारनाथ धाम में बड़ा खेल
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सनातन धर्म के धार्मिक स्थलों का निर्माण पुनरुद्धार तो समस्त विश्व में हो रहा परंतु भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यकाल में यह अपने आधुनिक युग के स्वर्णिम काल में है। इसी क्रम में श्री केदारनाथ मंदिर हुआ स्वर्ण मंडित (Kedarnath Gold Plating).
सनातन धर्म का इतिहास कितना समृद्ध रहा है यह हमें बताने की आवश्यकता नहीं है। तथा अंग्रेजों व मुगलों के भारतवर्ष में प्रवेश से पूर्व तक तो सनातन धर्म के धार्मिक स्थलों की चमक मानों जैसे सूर्य की प्रकाश जैसी तेज को धारण किए हुए थी। जिसे की मुस्लिम व अंग्रेज आक्रांताओं ने खूब लूटा व सनातन आस्था के केंद्रों का विध्वंस भी किया।
परंतु कहते हैं ना कि समय सदैव एक जैसा नहीं रहता तो आप यह मान लिजिए कि अब सनातन धर्म का सूर्योदय पुनः हो रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में यह अपनी पुनरुद्धार को ललाहित है।
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मित्रों जैसा कि हम जानते हैं कि भारतवर्ष में कई सारे मंदिरों का जीर्णोद्धार व पुनरुद्धार कार्य संचालित है। हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों काशी विश्वनाथ काॅरिडोर का निर्माण भी देखा महाकाल लोक का उद्घाटन भी देखा और अयोध्या में हो रहे श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य भी देख रहे हैं। इसी क्रम में आपको हम बता दें की देवभूमि उत्तराखंड में केदारनाथ धाम परिक्षेत्र का संपूर्ण विकास कार्य तो संचालित है ही इसी के साथ केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में भी स्वर्ण मंडन हो गया है।
जी हां केदारनाथ धाम के गर्भगृह को स्वर्णमंडित कर दिया गया है। 550 सोने की परतों से गर्भगृह की दीवारें, जलेरी व छत को नवीन रूप दिया गया है। एएसआई के दो अधिकारियों की देखरेख में बीते बुधवार को आखिरी चरण का कार्य पूरा कर दिया गया है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान व केंद्रीय भवन अनुसंधान रुड़की और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के छह सदस्यीय दल ने धाम पहुंचकर मंदिर के गर्भगृह का निरीक्षण किया था। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के पश्चात केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत लगाने का कार्य आरंभ किया गया था।
विभाग के दो अधिकारियों की उपस्थिति में दानीदाता के सहयोग से बीकेटीसी ने गर्भगृह, जलेरी व छत पर सोने की परत लगाने का काम आरंभ किया जो पूर्ण हो चुका है।
बता दें कि इन स्वर्ण परतों को एक सप्ताह पूर्व नई दिल्ली से विशेष स्कॉट और पुलिस की कड़ी सुरक्षा में गौरीकुंड पहुंचाया गया था। तत्पश्चात गौरीकुंड से 18 घोड़ा-खच्चरों से सोने की 550 परतें केदारनाथ पहुंचाई गईं थीं।
आप यदि सोच रहे होंगे कि इससे पहले गर्भ गृह की दीवार कैसी थी तो आपको हम बता दें कि इससे पूर्व मंदिर के गर्भगृह, जलेरी व छत चांदी की परत लगी हुई थी जिसे की स्वर्णमंडित करने के लिए बीते सितंबर में ही निकाला गया था। यह संपूर्ण कार्य विशेषज्ञों की उपस्थिति में 19 श्रमिकों के द्वारा लगभग 4 दिनों में संपन्न हुआ।
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वैसे आपको हम यह भी बता दें कि अस्सी के दशक में गर्भगृह की दीवारें टीन से सजाई गईं परंतु कुछ ही वर्षों पश्चात इन्हें हटा दिया गया। तथा वर्ष 2017 में दानीदाता के सहयोग से मंदिर के गर्भगृह में चांदी की परतें लगाई थी। एवं अब लगभग 5 वर्ष पश्चात यह स्वर्ण में परिवर्तित हो चुकी हैं।
श्री केदारनाथ धाम की और अधिक जानकारी हेतु आपको बता दें कि दशकों पूर्व केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को खाडू घास से सजाया जाता था। घास को उगाने के लिए केदारघाटी में कुछ खेत चिह्नित किए गए थे। इसके पश्चात घास की स्थान पर गर्भगृह की दीवारों व फर्श पर कटवा पत्थर लगाए गए थे।
स्वर्ण मंडन की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित (Gold Plating of Kedarnath Walls) करने के लिए सबसे पहले चांदी हटाई गई। मंदिर समिति के अधिकारियों की उपस्थिति में चांदी को हटाने के पश्चात मंदिर के भंडार गृह में सुरक्षित रख दिया गया।
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उसके पश्चात मंदिर के इंटीरियर को साफ किया गया। इसके पश्चात सोने की प्लेटों के वास्तविक आकार को प्राप्त करने के लिए तांबे की फिटिंग की गई, क्योंकि जितने स्थान को सोने की प्लेटों से कवर किया जाना था, वह चांदी से ढके हुए क्षेत्रफल से अधिक थी। अर्थात सोने की परतें अधिक चढ़ाई जानी थीं।
बता दें कि गर्भगृह की दीवारों पर तांबा चढ़ाने के पश्चात नाप लिया गया और फिर से इस तांबे को निकालकर वापस महाराष्ट्र ले जाया गया, जहां तांबे की परत की नाप पर सोने की परत (Gold Plating of Kedarnath Walls) तैयार की गई। सोने की ये परतें मंदिर के गर्भगृह, चारों खंभों व स्वयंभू शिवलिंग के आसपास की जलहरी में भी लगाई गई है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान व केंद्रीय भवन अनुसंधान रुड़की और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में बीकेटीसी ने गर्भगृह, जलेरी व छत पर सोने की परतें लगाने का कार्य किया। इस कार्य में 19 श्रमिकों का योगदान है। स्वर्ण मंडन से एक दिन पूर्व मंदिर छह महीने के शीतकालीन अवकाश के लिए बंद कर दिया गया। यह काम दिवाली के आसपास किया गया था। धाम के गर्भगृह को स्वर्णमंडित किए जाने का यह काम काफी चुनौतीपूर्ण था।
बता दें कि इस गोल्ड शीट पर भगवान शंकर के प्रतीक शंख, त्रिशूल, डमरू आदि उत्कीर्ण हैं। इसके अतिरिक्त इस पर जय बाबा केदार, हर हर महादेव भी लिखा हुआ है।
मंदिर के मुख्य भाग में खड़ी 230 किलो की सोने की इस दीवार को मुंबई के एक व्यापारी ने दान में दिया है। इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं। दिवाली के अवसर पर यह सुनहरा पतरा दीवार पर लगाया गया।
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आपको हम यह भी बता दें कि श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने केदारनाथ मंदिर में गर्भगृह की दीवारों पर चांदी की स्थान पर सोने की परतें चढ़ाने की अनुमति दी थी। हालांकि स्थानीय पुजारियों ने इस निर्णय का विरोध किया था। पुजारियों का कहना था कि यह मंदिर के गर्भगृह की पौराणिक परंपरा पर आघात है।
मंदिर समिति के अनुसार, उत्तराखंड सरकार से अनुमति मिलने के पश्चात गर्भगृह में चारों दीवारों पर लगी चांदी की परतों को उतार कर सोने की परतें चढ़ाते समय किसी प्रकार की परंपरा या धार्मिक मान्यताओं से छेड़छाड़ नहीं की गई है।
बता दें कि सोने की परत लगाने से पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान व केंद्रीय भवन अनुसंधान रुड़की और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के दल ने धाम पहुंचकर मंदिर के गर्भगृह का निरीक्षण किया था। उनकी रिपोर्ट के पश्चात ही गर्भगृह में सोने की परत लगाने का काम आरंभ किया गया था।
आपको यह भी बता दें कि अधिकारियों ने इस बात को अत्यंत गोपनीय रखा था। यह पूरा सोना महाराष्ट्र के एक व्यक्ति द्वारा दान किया गया, जिनकी पहचान को भी गोपनीय रखा गया है।
महत्वपूर्ण है कि कुछ लोगों को यह लग सकता है कि स्वर्ण मंडन की आवश्यकता नहीं है और यह धन का अनावश्यक प्रयोग आदि है।
परंतु यह सनातन आस्था का केंद्र है जो जितना सुन्दर व भव्य होगा उससे विश्व में भारत व हिंदूत्व का मान सम्मान उतना ही बढ़ेगा और आने वाली पीढ़ी को हमारे इतिहास पर गर्व होगा। जो दशकों तक समस्त विश्व में प्रेरणा स्रोत के साथ ही अपने गौरवशाली इतिहास को अगले कई सदियों तक जीवित भी रखेगा। आपके इसपर क्या विचार हैं वह हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर अवश्य बताएं।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको श्री केदारनाथ स्वर्ण मंडन की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें: