CM योगी ने तराई एक्सप्रेसवे से निकाली चीन की हवा

CM योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में तीव्र गति से आगे बढ़ रहे उत्तर प्रदेश को विकास की मिलने वाली है नई संजिवनी, तथा अब इस एक्सप्रेस प्रदेश को मिलने वाला है एक और सामरिक महत्व का प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे (Terai expressway).

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जबसे देश का नियंत्रण संभाला है, तब से पूर्वांचल के विकास को अत्यधिक गति मिली है। तथा योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के मुख्यमंत्री बनने पश्चात यहां के विकास को पंख से लग गए हैं। पूर्वांचल में विकास को और गति देने के लिए रेल, विमान के साथ-साथ सड़क मार्ग का जाल बिछाया जा रहा है। इसी क्रम में अब गोरखपुर (Gorakhpur) को एक और नए एक्सप्रेसवे का पुरस्कार मिलने वाला है।

परियोजना की जानकारी देने हेतु बता दें कि भारतमाला परियोजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के शामली जिले को एक और एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने जा रही है। यह लगभग 700 किलोमीटर लंबा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे होगा जो शामली को CM सिटी गोरखपुर से जोड़ेगा। वहीं डीपीआर को तैयार करने के लिए कंसलटेंट एजेंसी नियुक्त कर दी गई है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के 22 जिलों की 37 तहसीलों से होकर यह एक्सप्रेसवे गुजरेगा जिनके नाम निम्नलिखित हैं जहां पर भूमि अधिग्रहण होने हैं। शामली-गोरखपुर एक्सप्रेस-वे को लगभग 90 से 100 मीटर चौड़ा बनाया जाएगा और यह 700 किलोमीटर लंबा होगा।

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जिलों के नाम :1. गोरखपुर
2. बस्ती
3. संतकबीर नगर
4. गोंडा
5. अयोध्या
6. बाराबंकी
7. बहराइच
8. लखनऊ
9. सीतापुर
10. हरदोई
11. शाहजहांपुर
12. बदायूं
13. बरेली
14. रामपुर
15. मुरादाबाद
16. संभल
17. अमरोहा
18. बिजनौर
19. मेरठ
20. मुजफ्फरनगर
21. सहारनपुर
22. शामली

37 तहसील क्षेत्र की भूमि होगी अधिग्रहण
1. गोरखपुर
2. सहजनवा
3. खजनी
4. बस्ती
5. खलीलाबाद
6. हरैया
7. अयोध्या
8. सोहावल
9. तरबगंज
10. करनैलगंज
11. केसरगंज
12. रामनगर
13. फतेहपुर
14. बख्शी का तालाब,लखनऊ
15. सिधौली
16. मिश्रिख
17. हरदोई
18. शाहाबाद
19. संडीला
20. शाहजहांपुर
21. तिलहर
22. दातागंज
23. फरीदपुर
24. बरेली
25. आंवला
26. मीरगंज
27. शाहाबाद
28. बिलारी
29. संभल
30. अमरोहा
31. धनौरा
32. चांदपुर
33. मवाना
34. खतौली
35. मुजफ्फरनगर
36. देवबंद
37. शामली

बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के माध्यम से गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे बनाए जाने की शासन की ओर से तैयारी आरंभ कर दी गई है। साथ ही डीपीआर भी तैयार की जा रही है। इससे संबंधित जिलों के डीएम को इसकी सूचना दी गई है।

इसमें सबसे महत्वपूर्ण है कि यह एक्सप्रेसवे पंजाब-नॉर्थ ईस्ट कॉरिडोर का भाग है। इस एक्सप्रेसवे को 110 किलोमीटर लंबे अंबाला शामली एक्सप्रेसवे के साथ मिलाया जाएगा। जिसके लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई आरंभ हो गई है। अंबाला-शामली एक्सप्रेस-वे 2024 तक बनकर तैयार होगा।

बता दें कि इस एक्सप्रेसवे के बनने से गोरखपुर से शामली तक की यात्रा अत्यंत सुगम हो जाएगी। वर्तमान में गोरखपुर जाने के लिए दिल्ली होकर फिर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से होकर जाना पड़ता है और इसकी दूरी 912 किलोमीटर है। परंतु इस प्रोजेक्ट से लगभग 200 किलोमीटर की यात्रा कम हो जाएगी।

अधिक जानकारी हेतु बता दें कि 700 किलोमीटर लंबा ये एक्सप्रेसवे गोरखपुर के सोनौली फोरलेन पर पीपीगंज के निकट से आरंभ होकर यूपी के 20 जिलों से गुजरते हुए शामली तक जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे पूरी तरह से ग्रीन फील्ड (Green Field Expressway) होगा अर्थात इसके लिए नए सिरे से भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।

Bundelkhand Expressway
Expressway

आपको यह भी बता दें कि गोरखपुर से आरंभ होने वाला यह तीसरा एक्सप्रेसवे होगा। जी हां गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे यहां से आरंभ होने वाला तीसरा एक्सप्रेस-वे होगा। इसके पहले गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पर तेजी से काम चल रहा है। जिसका 52 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है। शीघ्र ही ये एक्सप्रेसवे आजमगढ़ में जाकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से मिल जाएगा। जिससे दिल्ली जाने का एक और बेहतर मार्ग लोगों को मिल जाएगा। इसी के साथ गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 519 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे की डीपीआर भी तैयार किया जा रहा है।

तराई एक्सप्रेसवे परियोजना की एक और महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने हेतु बता दें कि सीएम योगी की पहल पर गोरखपुर से शामली तक बनने वाले इस 700 किमी लंबे एक्सप्रेसवे से एक ओर जहां तराई क्षेत्रों में विकास को गति मिलेगी, तो वही भारत का सामरिक महत्व भी बढ़ेगा। जी हां इस तराई एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी भी बनेगी। इस हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमान उतरेंगे।

चीन की सीमा के पास होने के कारण इस हवाई पट्टी का विशेष महत्व माना जा रहा है। प्रथम चरण में ऐसे स्थान की खोज की जा रही है, जहां तीन किलोमीटर लंबाई में बिल्कुल सीधी सड़क बनाई जा सके, जिससे एयर स्ट्रिप बनाने में सरलता हो। जिसका प्रयोग नेपाल के रास्ते चीन से मिलने वाली चुनौतियों से निपटने में किया जाएगा।

Aircraft on Highway
Fighter Plane on Highway

वैसे अभी इसके आरंभ बिंदु पर ठोड़ा संशय है।इसका आरंभ गोरखपुर के जंगल कौड़िया से अथवा कैंपियरगंज से हो सकती है। लागत कम करने के लिए इसे ग्रीन बेल्ट से निकाला जाएगा साथ ही सर्वे में इस पर ध्यान दिया जाएगा कि मार्ग में नदी-नाले व चौराहे कम आएं, जिससे कि कम से कम अंडरपास और पुल बनाने पड़े। एनएचएआइ अधिकारियों ने संभावना जताई है कि यह एक्सप्रेस-वे 90 से 100 मीटर चौड़ा हो सकता है। यह एक्सप्रेस वे पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिम से जोड़ेगा इसके लिए वर्तमान में सर्वे किया जा रहा है।

बता दें कि जिस प्रकार से उतर प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र पिछ़डा माना जाता है उसी प्रकार से पूर्वाचल में तराई क्षेत्र भी पिछड़ा माना जाता है। सीएम योगी ने इन क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देने के लिए गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे को इन तराई के क्षेत्रों से होकर गुजारने का निर्देश दिया है। जिससे नि:संदेह इन क्षेत्रों में एक्सप्रेस-वे के निर्माण के पश्चात आर्थिक विकास को गति मिलेगी। व्यापार व रोजगार का सृजन भी होगा।

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यही नहीं गोरखपुर व आस-पास में पर्यटन स्थलों की अच्छी संख्या है। एक्सप्रेस वे के निर्माण से बाहरी लोगों का आवागमन सुलभ होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
इस परियोजना की वर्तमान स्थिति की जानकारी हेतु बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरपर्सन ने पिछले दिनों गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इसकी प्रगति से अवगत कराया था। मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता के पश्चात भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने इस तराई एक्सप्रेस-वे का सर्वे आरंभ कर दिया है।

महत्वपूर्ण है कि वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Governement) के कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात प्रदेश में कनेक्टिविटी पर काफी जोर दिया जा रहा है। इस क्रम में पिछले पांच सालों में प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का काम पूरा कराया गया। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को पूरा कराया गया। गंगा एक्सप्रेसवे की रूपरेखा तैयार की गई। योजना पर काम भी आरंभ हो गया है। इसके पश्चात तराई एक्सप्रेसवे को धरातल पर उतारने की तैयारियां आरंभ की गई हैं।

700 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे भारत और नेपाल की सीमा के पास से गुजरेगा और यह इस पूरे क्षेत्र में रोड कनेक्टिविटी को बूस्ट देगा। साथ ही, आपात स्थिति में इसका उपयोग लड़ाकू विमानों को उतारने के लिए भी किया जा सकेगा।

मित्रों यदि आपको उपरोक्त दी हुई तराई एक्सप्रेसवे की जानकारी पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

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