अंतिम चरण में पहुंचा काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का निर्माण कार्य

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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों श्री काशी विश्वनाथ धाम के प्रथम चरण के उद्घाटन के पश्चात बाबा धाम से गंगधार को एकाकार कर रहे गंगा छोर पर बने गंगा द्वार की भव्यता में वृद्धि हो रही है तथा यह अपने पूर्णता की ओर अग्रसर है।

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के प्रथम चरण के पश्चात द्वितीय चरण के अंतर्गत निर्माणाधीन कार्यों का समापन होने जा रहा है। तथा अति अपेक्षित गंगा नदी किनारे वाली पंपिंग स्टेशन को भी हटा दिया गया है। पहले हम आपको टाइमलैप्स में कुछ दिन पूर्व तक उपस्थित पंपिंग स्टेशन की हटने तक के दृश्य दिखाते हैं। जिसमें की आप देख सकते हैं कि पहले यह टंकी विश्वनाथ धाम की सुंदरता में बाधक बन रहा था जिसे कि योजना अनुसार हटाया गया है। तथा इसको तोड़कर हटाने में भी कई दिनों का समय लगा एवं इस कार्य में पोकलेन मशीन व ड्रिल मशीनों की सहायता लिया गया है।

Kashi Vishwanath Corridor

इसी स्थान की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि यहां पर गंगा नदी किनारे के कार्य भी लगभग पूर्ण हो चुके हैं। जैसा कि हम आपको दर्शाने का प्रयास कर रहे हैं, आप देख सकते हैं कि यहां पर गंगा नदी किनारे की तलहटी तक की अंतिम सीढ़ी तक गुलाबी पत्थरों को लगाया जा चुका है।‌ आपको हम यह ललिता घाट से लेकर मणिकर्णिका घाट तक हुई कार्यों का संपूर्ण दृश्य दिखा रहे हैं।

आपको हम बता दें कि अब मणिकर्णिका घाट पर गंगा नदी किनारे पर शेष कार्यों को तीव्र गति के साथ किया जा रहा है जिसमें की मशीनों व श्रमिकों की सहायता लिया जा रहा है। एवं आपको हम दर्शाते हुए बता दें कि यहां पर यह अंतिम सीढ़ी है जिसपर की गुलाबी पत्थरों को लगाया जा रहा है एवं यहां बगल में ही गंगा द्वार की सीढ़ी व एस्कलेटर भवन आदि का कार्य भी संचालित है।

बता दें कि वर्तमान समय में गंगा नदी का यह जल स्तर अपने सबसे निचले स्तर पर है। जैसा कि आप जानते हैं कि लगमग 15 दिनों में मॉनसून का आगमन हो जाना है तत्पश्चात कुछ ही दिनों में गंगा के जलस्तर में भी वृद्धि स्वाभाविक है एवं इसी लिए इस स्थान के कार्यों को अत्यधिक तीव्रता व सक्रियता के साथ किया जा रहा है एवं इन सीढ़ियों के निचले भाग को बनाने का यह सबसे उपयुक्त समय भी है। तथा यह सभी कार्य कुछ ही दिनों में पूर्ण कर लिया जाएगा जिसके साथ ही विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के द्वितीय चरण का कार्य भी लगभग लगभग पूर्ण हो जाएगा।

Kashi Vishwanath Corridor

अब हम आपको यहां से भीतर ले चलते हैं और गंगा द्वार के भीतर में हो रहे निर्माण कार्यों की जानकारी देते हुए बता दें कि यहां गंगा और मणिकर्णिका घाट के मध्य में एस्कलेटर भवन का निर्माण कार्य जहां तीव्र गति से संचालित है तो वहीं दूसरी ओर भूमिगत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के ऊपरी भाग पर फिनिशिंग वर्क भी चल रहा है।

आपको हम बता दें कि गंगा नदी किनारे वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की टंकी को तोड़ने से पहले ही इस भूमिगत टंकी को संचालित कर दिया गया है तथा इसकी क्षमता में भी वृद्धि किया गया है।

इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि काॅरिडोर के अधिकांश स्थानों पर मार्ग चिन्हांकन व साइन बोर्ड लग चुका है जिससे की संपूर्ण कॉरिडोर की जानकारी आपको सभी स्थानों पर प्राप्त होती रहेंगी की कौन सा भवन व मंदिर आदि कहां पर है तथा स्थान विशेष पर दर्शनार्थी कहां पर है आदि।

इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के पश्चात से काशी में आए आर्थिक परिवर्तन का अध्ययन भी आरंभ हो चुका है। जी हां, इसके प्रथम चरण में पहले दिन शोधकर्ताओं की टीम ने नाव संचालकों से उनके आर्थिक स्थिति पर प्रभाव को जाना। टीम ने नाविकों से कॉरिडोर बनने के पूर्व एवं पश्चात की स्थिति के समयावधि के प्रश्न पूछे थे।

Kashi Vishwanath Corridor

वर्तमान में उनकी आय पर क्या प्रभाव पड़ा, इसके बारे में भी जाना। जिसमें की पहले दिन के सर्वे के समय यह स्पष्ट हुआ कि नाविकों के आर्थिक स्थिति पर अत्यंत सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, उनकी आय में 60 से 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। दो दर्जन से अधिक नाव स्वामी, नौका चालक, मजदूरों से बातचीत कर उनका मंतव्य समझा गया। नाविकों से जो उत्तर प्राप्त हुआ है वह काफी उत्साहजनक है। इससे सर्वेक्षण करने वाला दल भी काफी उत्साह में है।

काशी विश्वनाथ धाम के नव्य और भव्य विस्तारित स्वरूप को देख धाम में आने वाले मेहमान भी प्रशंसा करते नहीं थकते। कॉरिडोर के बनने के पश्चात काशी विश्वनाथ के स्वर्णिम धाम के आय में भी कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है।

बता दें कि ऐतिहासिक नव्य धाम का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) (Prime Minister Narendra Modi) ने 13 दिसंबर 2021 को किया था। एवं इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री ने 8 मार्च 2019 को किया था। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण कर प्रधानमंत्री ने विभिन्न मंदिरों को नवजीवन प्रदान करके वाराणसी (Varanasi) को धार्मिक व सामाजिक समृद्धि के केंद्र के रूप में पूरे देश में स्थापित किया है। सांस्कृतिक समन्वय व धार्मिक तथा नागरिक विकास की दृष्टि से भी काशी का इतिहास लगभग 5000 वर्ष पुराना है। काशी विश्वनाथ धाम अपने दिव्य एवं भव्य रूप में बन गया है। यहां श्रद्धालुओं का आवागमन एवं दर्शन पूजन पहले की अपेक्षा काफी सुगम हो गया है। साथ ही हिंदू धर्म का व्यापक प्रचार-प्रसार अब पूरी विश्व में हो रहा है।

Kashi Vishwanath Corridor

गंगधार से एकाकार कराने वाले इस ऐतिहासिक धाम के आधुनिक स्वरूप की परिकल्पना को साकार करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) (Prime Minister Narendra Modi) सदियों तक स्मरण किये जायेंगे। प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ मंदिर के पौराणिक महत्व धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर नए तरीके से प्रस्तुत किया है। तथा इससे काशी के विकास में नया अध्याय जुड़ा है। नूतनता में पौराणिकता के साथ विकास की गाथा है काशी विश्वनाथ धाम।

मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी हेतु वीडियो देखें।

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