अयोध्या में शुरू हुआ भगवान राम लाला के सिंहासन का निर्माण कार्य

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Ayodhya : रामनगरी में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य (Ayodhya Ram Mandir Construction) अत्यंत तीव्र गति से संचालित है। मंदिर ट्रस्ट का दावा है कि जनवरी 2024 तक भव्य मंदिर का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। समय-समय पर मंदिर निर्माण से जुड़ी जानकारियां ट्रस्ट के पदाधिकारियों की ओर से राम भक्तों तक पहुंचाई भी जाती हैं। परंतु इस बार जो जानकारी सामने आई है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है।

वास्तव में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भव्य राम मंदिर के गर्भ गृह को लेकर बड़ी जानकारी साझा की है। उनके अनुसार गर्भ गृह का आकार 20 फीट त्रिज्या का होगा और इसे आक्टोगोनल अर्थात अष्टकोणीय बनाया जा रहा है। इसमें मकराना का उच्च क्वालिटी का पत्थर लगाया जाएगा।

परंतु क्या आप जानते हैं किसी मंदिर के गर्भ गृह का निर्माण अष्टकोणीय क्यों किया जाता है? आपको हम बता दें कि सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का बड़ा महत्व है। इसके अनुसार जब भी कोई भवन अथवा मंदिर बनाया जाता है, तो उसमें कोण रखे जाते हैं। अष्टकोणीय मंदिर बनाने का अर्थ होता है मंदिर में साधना, भजन, दर्शन अथवा उपासना करने वाले आठों प्रकार की सिद्धियों को प्राप्त कर लें।

Ram Mandir
Ram Mandir Nirman

और इन अष्टकोणों के नाम हैं अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, इशित्व और वशित्व। इनको ही आठ सिद्धियां कहा जाता है इसलिए अष्टकोणीय गर्भ गृह का निर्माण महत्वपूर्ण होता है।

आपको यह जानने‌ की भी उत्सुकता होगी कि अब तक कितना हुआ श्री राम लला के मंदिर का निर्माण कार्य तो हम आपको बता दें कि श्री राममंदिर निर्माण का अब तक 47 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। गर्भगृह के निर्माण का कार्य तीव्र गति से संचालित है। अष्टकोणीय गर्भगृह में अब तक बंशीपहाड़पुर के लगभग 550 पत्थर बिछाए जा चुके हैं। गर्भगृह निर्माण में ही केवल पांच सौ कारीगर व श्रमिक लगे हुए हैं।

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इसके साथ ही गर्भगृह में लगने वाले मकराना के संगमरमर की भी आपूर्ति तीव्र गति से हो रही है। और शीघ्र ही नक्काशीदार खंभों को जोड़ने का कार्य प्रारंभ भी कर दिया जाएगा।

बता दें कि मंदिर के गर्भगृह में सर्वाधिक 160 स्तंभ लगाए जाएंगें जिन पर मंदिर टिका होगा। इसी प्रकार से प्रथम तल में 132 व दूसरे तल में 74 स्तंभ लगाए जाने हैं। तथा मंदिर में कुल 12 द्वार होंगे, जो कि सागौन की लकड़ी से बनेंगे।

इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि मंदिर के गर्भगृह की दीवारों के पश्चात अब प्रभु श्रीराम के सिंहासन को बनाने का कार्य भी आरंभ किया जाएगा। जिस स्थल पर भगवान को विराजमान कराया जाएगा, वहां एक स्थान पर स्नानामृत (अर्थात भगवान के अभिषेक का जल) सुरक्षित करने के लिए भगवान के सिंहासन के नीचे पाइप लगाई जा रही है। यह पाइप मंदिर के उत्तर दिशा में स्नानामृत संरक्षित करेगा। सूत्रों के अनुसार, इस स्थल से रामभक्तों को भगवान श्री रामलला का नीर प्राप्त करने की सुविधा भी दी जाएगी।

Ram Temple Ayodhya
Ram Mandir Nirman

बता दें कि सनातन धर्म के हर मंदिर में भगवान के स्नान के जल को एक स्थान पर सुरक्षित किया जाता है। अभिषेक के जल को श्रद्धालु अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रयोग करते हैं। विराजमान भगवान के अभिषेक जल को लोग नीर भी कहते हैं। भगवान के अभिषेक जल का प्रयोग विशेष अवसरों पर किया जाता है। सनातन धर्म के सभी मठ-मंदिरों में भगवान के स्नान जल को सुरक्षित करने की परंपरा है‌। इसी क्रम में रामलला के मंदिर में विराजमान रामलला के अभिषेक जल को सुरक्षित करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है।

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मंदिर निर्माण की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि राम मंदिर के प्लिंथ का कार्य पूर्ण हो गया है, जिसमें लगभग 17 हजार ग्रेनाइट के पत्थर लगे हैं। इसके अतिरिक्त मुख्य मंदिर में 3 लाख घनफुट से अधिक पत्थर लगने का अनुमान है।

भूतल के निर्माण कार्य की एक भव्य तस्वीर भी सामने आई है। बड़े-बड़े ग्रेनाइट के रंगीन पत्थरों से बने आधार के ठीक केंद्र में एक चबूतरा बना है, जिसे जिग-जैग के आकार की चहारदीवारी से घेरा गया है। इस चबूतरे पर एक स्तंभ लगा है, जिस पर एक भगवा पताका लहरा रहा है। भगवा पताका के आगे भी एक ऊंचा स्थान बना है।

यही राम मंदिर का गर्भगृह है। रामलला की पावन प्रतिमा इसी स्थान पर स्थापित की जाएगी। मंदिर के गर्भगृह का आकार 20 फीट चौड़ा और 20 फीट लंबा होगा।
बता दें कि 5 अगस्त वर्ष 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी थी तथा बीते 1 जून को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर के गर्भगृह की पहली ईंट रखी थी।

Ayodhya Ram Mandir
Ayodhya Ram Mandir

राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir Nirman) योजना के अनुसार दिसंबर 2023 तक गर्भगृह का निर्माण पूरा करना है। वहीं वर्ष 2024 का लक्ष्य पूरे मंदिर का निर्माण पूरा करना है। तथा वर्ष 2025 में पूरा राम मंदिर परिसर बनकर तैयार करने की योजना है। राम मंदिर में रामलला की मूर्ति स्थापित करने की तिथि बीते दिनों मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्रदास जी ने तय ही कर दी थी। उन्होंने घोषणा किया था कि 24 जनवरी 2024 को भगवान सूर्य उत्तरायण होने पर शुभ मुहूर्त में रामलला की मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

यही नहीं राम जन्मभूमि परिसर में हिंदू धर्म से जुड़ी महान विभूतियों और साधु-संतों की प्रतिमाओं को भी स्थान दिया जाएगा। इसके अंतर्गत महर्षि वाल्मिकि, महर्षि विश्वामित्र व महर्षि अगस्त के साथ निषादराज व माता शबरी, जटायु को सम्मान पूर्वक पूजा के लिए स्थान देने पर चर्चा हुई है।

इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि श्री राम मंदिर के निर्माण में 1800 करोड़ रुपए व्यय होने का अनुमान है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार जब मंदिर का निर्माण आरंभ हुआ तो अनुमान था कि इसकी लागत 400 करोड़ आ सकती है, परंतु 18 महीनें के पश्चात अब इसकी लागत 1800 करोड़ आ सकती है।

मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई श्री राम मंदिर निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें।

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