यूपी के गंगा एक्सप्रेसवे पर आई अबतक की सबसे बड़ी खुशख़बरी

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बीमारु व पिछड़ा प्रदेश नहीं भारत में सबसे तीव्र गति से विकास करने वाला एक्सप्रेस प्रदेश बन रहा है उत्तर प्रदेश जहाँ की सड़कों पर गाड़ीयाँ ही नहीं अपितु लड़ाकू विमान भी दौड़ते हैं।

देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक प्रवेश नियंत्रित मार्ग गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर कार्य ने गति पकड़ ली है। तथा इसे पर्यावरणीय स्वीकृति भी मिल चुकी है, यह स्वीकृति कितना महत्वपूर्ण है इसे बताने से पहले आपको हम गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना की संक्षिप्त देते हुए बता दें की गंगा एक्सप्रेसवे लगभग 36,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाली इस परियोजना है जो की यूपी के 12 जिले और लगभग 519 गांवों को आपस में जोड़ेगी। इस महत्वाकांक्षी मार्ग में 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 929 पुलिया, 7 आरओबी, 28 फ्लाईओवर और 8 डायमंड इंटरचेंज होंगे। इसके अतिरिक्त एक हवाई पट्टी भी बनना है। तथा एक्सप्रेस-वे पर गंगा नदी पर लगभग एक किलोमीटर लंबा पुल और रामगंगा नदी पर 720 मीटर लंबा दूसरा पुल बनाया जाएगा। एक्सप्रेसवे पर मेरठ और प्रयागराज में दो मुख्य टोल प्लाजा होंगे। इसके अतिरिक्त मार्ग में 15 रैंप टोल प्लाजा भी होंगे। अर्थात जहाँ से इस मार्ग में प्रवेश व निकासी संभव होगा।

यदि इस एक्सप्रेसवे पर यातायात की गति की जानकारी दें वह होगी 120 किलोमीटर प्रतिघंटा जिसके अनुसार इसे डिजाइन किया गया है। अर्थात 120 की गति से इस 6 लेन के एक्सप्रेसवे पर गाड़ीयाँ दौड़ सकेंगी। तथा इस एक्सप्रेसवे का निर्माण इस प्रकार से किया जाएगा कि भविष्य में 8 लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा।

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गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के मेरठ के बिजौली गांव के पास से आरंभ होकर प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव में समाप्त होगा। यह एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज सहित यूपी के 12 जिलों से होकर गुजरेगा।

एवं वर्तमान समय में मेरठ से लेकर प्रयागराज तक में सभी जिलों को मिलाकर भूमि अधिग्रहण का कार्य समग्र रुप से 94% से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है जितना कि किसी भी परियोजना के आरंभ होने के लिए आवश्यक होता है। तथा सबसे महत्वपूर्ण की उत्तर प्रदेश को पूर्वांचल एक्सप्रेस के उद्घाटन के पश्चात कुछ ही दिनों में एक और नये एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने वाली है। बता दें की देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए शिलान्यास इसी वर्ष दिसंबर में प्रधानमंत्री द्वारा होना है। तथा आरंभ होने के अगले 36 महीनों के भीतर इसके पूरा होने की आशा है।

जानकारी के लिए बता दें की आरंभिक स्तर पर गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों तथा 519 गांवों से जुड़ेंगी। और यदि इन सभी 12 जिलों में गंगा एक्सप्रेसवे की लंबाई की जानकारी दें तो औ कुछ इस प्रकार से है।

1. मेरठ में 15 किलोमीटर

2. हापुड़ में 33 किमी

3. बुलंदशहर में 11 किमी

4. अमरोहा में 26 किमी

5. संभल में 39 किमी

6. बदायूं में 92 किमी

7. शाहजहांपुर में 40 किमी

8. हरदोई में 99 किमी

9. उन्नाव 105 किमी

10. रायबरेली में 77 किमी

11. प्रतापगढ़ में 41 किमी और

12. प्रयागराज में 16 किलोमीटर

तथा गंगा एक्सप्रेसवे पर यदि 120 किमी प्रति घंटे गति से यात्रा करी जाए तो भविष्य में दिल्ली और प्रयागराज के मध्य यात्रा के समय को 10 से 11 घंटे से घटाकर मात्र 6 से 7 घंटे में ही कर लिया जा सकेगा।

गंगा एक्सप्रेसवे में आवारा पशुओं और स्थानीय लोगों की यातायात प्रतिबंधित करने के लिए एक्सप्रेस-वे के किनारे एक कंक्रीट की चारदीवारी का निर्माण भी किया जाएगा। तथा यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण अर्थात प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी UPEIDA इस गंगा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को समय पर काम पूरा कराने के लिए इसके निर्माण कार्य को 12 पैकेजों में विभाजित किया है।
गंगा एक्सप्रेसवे की अधिक जानकारी के लिए बता दें की प्रदेश सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण के लिए राज्यस्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन अधिकरण ने बीते शनिवार को पर्यावरणीय स्वीकृति जारी कर दी है। यह इसीलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत सरकार की अधिसूचना के अंतर्गत इस प्रकार की परियोजनाओं का निर्माण आरंभ करने से पूर्व पर्यावरणीय स्वीकृति आवश्यक होती है। जिसके पश्चात अब गंगा एक्सप्रेसवे के लिए टेंडर की प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर निर्माण कार्य प्रांरभ हो सकेगा।

बता दें की वर्ष 2007 में जब तत्कालीन मायावती की सरकार में गंगा एक्सप्रेसवे की पुरानी प्रोजेक्ट एलाइनमेंट को  उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने और उस समय वर्ष 2009 में मिली पर्यावरण स्वीकृति को अमान्य कर दिया था इसलिए यह स्वीकृति सरकार की ही नहीं अपितु उत्तर प्रदेश की जनता के लिए भी दशकों पश्चात एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

बता दें की इस एक्सप्रेस-वे परियोजना की कुल अनुमानित लागत 36230 करोड़ रुपये है। इस परियोजना के विकास के लिए पीपीपी (टॉल) मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (डीबीएफओटी) पद्धति पर निविदाएं आमंत्रित की गई हैं।

तथा वर्तमान भारत की एक महत्वपूर्ण समस्या का भी कुछ हद तक समाधान होगा और वह है रोजगार। बता दें की इस गंगा घाट एक्सप्रेसवे परियोजना के अंतर्गत लगभग 140 नदी, धारा, नहर और नाला सम्मिलित हैं। तथा जो आरओबी, पुल, फ्लाईओवर आदि का निर्माण होना है। उन निर्माण से रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। एक अनुमान है कि परियोजना के निर्माण के समयावधि में लगभग 12000 व्यक्तियों को अस्थाई रूप से काम मिलेगा। तथा टोल प्लाजा के निर्माण से लगभग 100 व्यक्तियों को स्थाई आधार पर रखा भी जाएगा। इसके अतिरिक्त गंगा एक्सप्रेसवे के दोनों ओर औद्योगिक कॉरिडोर बनेंगे जहाँ पर उद्योग लगेंगे। इससे 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। हाइवे कि किनारे शिक्षण संस्थाएं, कृषि आधारित उद्योग बनेंगे। इससे राजधानी एवं राष्ट्रीय राजधानी दोनों जुड़ेगी। यह एक्सप्रेस-वे हैंडलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, कोल्ड स्टोरेज, भंडारण गृह, मंडी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों आदि की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में सहायक होगा।

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ज्ञातव्य है कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लोकार्पण के पश्चात अब गंगा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट पर सरकार सक्रिय है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि पश्चिम से पूर्व तक की दूरी एक्सप्रेसवे के माध्यम से 5 से 6 घंटे में ही पूरी हो सके। इसके लिए यूपीडा ने एक्सप्रेसवे का जाल बिछा दिया है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को उन्नाव में गंगा एक्सप्रेसवे से लिंक किया जाएगा। तथा लखनऊ के आउटर रिंग रोड से भी जोड़ने की योजना है।

आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे व गंगा एक्सप्रेसवे की सौगात मिलेगी जिसे की यूपीडा तैयार कर रही है तथा बलिया लिंक एक्सप्रेसवे व दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे तथा मेरठ दिल्ली एक्सप्रेसवे की सौगात मिलेगी जिसपर की NHAI काम कर रही है। इन सभी एक्सप्रेसवे के निर्माण के पश्चात उत्तर प्रदेश में परिवहन अत्यंत सरल हो जाएगा। तथा आने वाले दो से आर्थिक तीन वर्षों के भीतर यह सभी एक्सप्रेसवेज़ उत्तर प्रदेश को मिल जाएंगे।

मित्रों यदि आपको वीडियो में दी हुई गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना की जानकारी पसंद आई हो तो वीडियो को लाईक कर हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।

अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें:

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