Exclusive: PM मोदी ने काशी को दी विश्व के सबसे लम्बी रिवर क्रूज़ Ganga Vilas की सौगात

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जल मार्ग से यातायात को पसंद करने वालों के लिए एक बहुत ही बड़ा शुभ समाचार है। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी को एक नई सौगात दी है। अर्थात वाराणसी को विश्व की सबसे लंबी रिवर क्रूज़ (Ganga Vilas Cruise) की सौगात मिली है।

Ganga Vilas Cruise
Ganga Vilas Cruise

ऐसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशन में काशी अर्थात विश्व की प्राचीनतम जीवित नगर वाराणसी का कायाकल्प हो रहा है जो कि समस्त विश्व के समक्ष है और वाराणसी में विकास की गंगा भी बह रही है। परंतु विकास की गंगा के साथ ही साथ अब वाराणसी की प्राण दायिनी मां गंगा की जल पर अब विश्व के सबसे लंबा रिवर क्रूज भी चलना आरंभ कर दिया है। जिसको की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ भी कर दिया है।

बता दें कि विश्व की सबसे लंबी क्रूज यात्रा करने वाली गंगा विलास क्रूज आत्मनिर्भर भारत का एक उदाहरण है। क्रूज को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि पर्यटकों को प्लास्टिक की बोतलों की आवश्यकता ही ना पड़े। क्रूज में आधुनिक उपकरणों से लैस एसटीपी लगाई गई है।
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बता दें कि इस क्रूज में तीन डेक हैं। तीनों डेक पर अलग-अलग सुविधाएं हैं। क्रूज पूरी तरह से इको फ्रेंडली है। कचरों को एक स्थान पर एकत्र कर सुरक्षित रूप से निस्तारित किया जाता है। प्रदूषण का स्तर शून्य रखने के र्लिए इंधन के रूप में हाई स्पीड डीजल का प्रयोग किया जा रहा है। इसमें लगे ऑयल स्प्रेडर्स डीजल को गंगा में जाने से बचाते हैं। क्रूज में 60 हजार लीटर पानी स्टोर करने की क्षमता है।

Ganga Vilas Cruise
Ganga Vilas Cruise

गंगा में क्रूज के संचालन से पर्यटक उत्साहित हैं। विदेशी पर्यटक भी खूब आ रहे हैं। गंगा विलास काशी से बोगीबिल की यात्रा पूरी करेगी, फिर कोलकाता से वाराणसी की सैर पर लौटेगा। क्रूज से नदी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार बढ़ेगा। गंगा बेल्ट में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। प्राचीन संस्कृति और धरोहर पर्यटकों पसंद आते हैं। भारतीय खानपान भी विदेशी पर्यटकों को भा रहा है।

क्रूज़ संचालन की जानकारी देने हेतु बता दें कि गंगा विलास क्रूज की अपस्ट्रीम में गति 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा है। डाउनस्ट्रीम में इसकी गति दोगुनी हो जाती है। क्रूज के संचालन में एक दिन में एक हजार लीटर डीजल खर्च होता है। इसकी ईंधन क्षमता 40 हजार लीटर की है। इस लिहाज से 40 दिन तक यह लगातार पानी पर तैर सकता है।
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यह भी बता दें कि क्रूज के संचालन के लिए पानी की गहराई लगभग 1.5 मीटर ही चाहिए, इसलिए कोलकाता से वाराणसी आते समय कठिनाई नहीं होगी। इस आरंभिक यात्रा के पश्चात गंगा विलास क्रूज की आधिकारिक जलयात्रा सितंबर से आरंभ हो सकती है, फिर भी क्रूज की बुकिंग अगले दो वर्षों के लिए फुल हो गई। यह इस गंगा विलास रिवर क्रूज़ के प्रति आकर्षण को दर्शाता है।

अब बात करें उस क्रूज शिप ‘गंगा विलास’ की। इसकी लंबाई 62.5 मीटर है और चौड़ाई 12.8 मीटर है। यह भारत में बनने वाला पहला रिवर शिप है। इस पर 18 बेहतरीन सुइट हैं जिनमें यात्री यात्रा करेंगे। इनमें बाथरूम, शावर, कनवर्टिबल बेड, फ्रेंच बॉलकनी, एलईडी टीवी, सेफ समेत आधुनिक जीवन रक्षक प्रणाली भी होगी। इसके अतिरिक्त इस ट्रिप को और स्मरणीय बनाने के लिए 40 सीटर रेस्‍टोरेंट है, सन डेक और स्‍पा भी है। यहां बुफे में कॉन्‍टीनेंटल और इंडियन डिशेज सर्व की जाएंगी।

Ganga Vilas Cruise
Ganga Vilas Cruise

यात्रा की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि वाराणसी से आरंभ होकर असम तक जाने वाली यह यात्रा 3200 किलोमीटर लंबी होगी तथा इस यात्रा में कला, संस्‍कृति, इतिहास और आध्‍यात्मिकता का संगम होगा। वाराणसी से कोलकाता की हुगली नदी तक सभी प्रमुख स्थानों पर यह क्रूज रुकेगा। 50 दिनों की इस यात्रा में क्रूज 40 ऐसी स्थानों पर रुकेगा जो वर्ल्‍ड हेरिटेज के तौर पर प्रसिद्ध हैं अथवा जिनका नाम विश्व के अद्वितीय स्थानों में होता है। इनमें सुंदरबन डेल्‍टा और काजीरंगा नेशनल पार्क भी सम्मिलित हैं।

आपको हम बता दें कि किसी भी सिंगल रिवर शिप की यह यात्रा विश्व में सबसे लंबी यात्रा होगी। इससे भारत और बांग्‍लादेश, दोनों ही देश विश्व के रिवर क्रूज पर्यटन के मानचित्र पर प्रसिद्ध हो जाएंगे। इसके अतिरिक्त इससे भारत की दूसरी नदियों में भी रिवर क्रूजिंग को लेकर जागरुकता बढे़गी।
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बता दें कि रिवर शिपिंग को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता में सम्मिलित है। रिवर शिपिंग के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं और सरकार इसका पूरा दोहन करने के‍ लिए कार्य कर रही है। नदियों पर यात्री यातायात को बढ़ावा देने के अतिरिक्त क्रूज सेवाएं पर्यटन के लिए भी लाभप्रद सिद्ध होंगी।

क्रूज़ संचालन की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि वाराणसी-डिब्रूगढ़ क्रूज (The Varanasi-Dibrugarh cruise) के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) और अंतरा लक्ज़री रिवर क्रूज़ व जेएम बक्सी रिवर क्रूज़ ने मेमोंरेंडम ऑफ अंडरस्‍टैंडिंग पर हस्‍ताक्षर किए हैं। इसके लिए भारतीय वेसल अधिनियम में संशोधन करके क्रूज लाइनों को राष्‍ट्रीय परमिट दिया गया है। ताकि एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में निर्बाध रूप से यात्रा किया जा सके।

Ganga Vilas Cruise
Ganga Vilas Cruise

रूट की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि गंगा विलास क्रूज वाराणसी से अपनी यात्रा आरंभ करेगा और बक्सर, रामनगर, गाजीपुर से गुजरते हुए 8वें दिन पटना पहुंचेगा। पटना से यह 20वें दिन कोलकाता पहुंचेगा। अर्थात बिहार की राजधानी पटना से पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता पहुंचने में 12 दिन लगेंगे।अगले दिन यह बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश करेगा। 15 दिन यह बांग्‍लादेश की जलसीमा में रहेगा। वहां से यह भारत आएगा और बोगीबील (डिब्रूगढ़) पहुंचेगा। डिब्रूगढ़ के बोगीबील पहुंचने के लिए फिर से भारत में प्रवेश करने से पहले यात्री 15 दिनों तक पड़ोसी देश बांग्लादेश में रुकेंगे।

गंगा विलास क्रूज (Ganga Vilas cruise) अपनी 50 दिनों की सबसे लंबी नदी यात्रा में वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक 27 नदी प्रणालियों को कवर करेगा। विश्व में किसी रिवर क्रूज द्वारा की जाने वाली यह सबसे बड़ी नदी यात्रा होगी।
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क्रूज भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट की सहायता से बांग्लादेश में लगभग 1,100 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम होगा, जिसने पहले ही दोनों पड़ोसी देशों के मध्य व्यापार और पारगमन चैनल खोल दिए हैं। यह मार्ग गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों को भी जोड़ता है।

क्रूज़ की विशेषताओं की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इंटीरियर को जीवंत रंगों में रखा गया है जो उन क्षेत्रों की विशद संस्कृतियों के पूरक हैं जिनसे क्रूज गुजरेगा। मैजेंटा, नीले और पीले रंग के सभी रंग 50-दिवसीय यात्रा के समयावधि में देखे जा सकते हैं।
इसके फर्श से छत तक की बड़ी खिड़कियां यात्रियों को पूरे दिन नदी की सुंदरता का आनंद लेने की अनुमति देंगी। एक मनोरम लाउंज, एक अवलोकन मंडप और एक भोजन कक्ष यात्रियों के लिए यात्रा के अनुभव को बढ़ाएगा।

इसके अतिरिक्त, गंगा विलास क्रूज में लाउंज के लिए एक खुला सनडेक और यात्रियों को उनकी यात्रा के समयावधि में आराम करने के लिए एक स्पा भी है। जो जहाज की विलासिता को परिभाषित करते हैं। तथा यात्री ऐसे ऐसे स्वादिष्ट भोजन का भी आनंद ले सकेंगे जो जहाज द्वारा यात्रा की जाने वाली विभिन्न स्थानों से प्रेरित है।

उल्लेखनीय है कि गंगा विलास क्रूज 3200 किमी. की दूरी जलमार्ग से तय करेगा। 13 जनवरी को गंगा विलास क्रूज़ के उद्घाटन में 32 पर्यटक स्विट्जरलैंड तथा एक जर्मनी, कुल 33 पर्यटक सम्मिलित हैं।

गंगा विलास क्रूज
गंगा विलास क्रूज

महत्वपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश की गंगा में अब पर्यटकों के लिए विशेष यात्रा की तैयारी की जा रही है। और इसमें काशी की सबसे बड़ी भूमिका रहेगी। काशी को सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है एवं अब संभव है कि रिवर क्रूज़ व जलमार्ग की राजधानी भी बन जाएगी।

मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको विश्व की सबसे लंबी वाराणसी रिवर क्रूज़ की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-

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