प्यारे भारत में बुलेट ट्रेन परियोजना ने पकड़ी अब तूफ़ानी रफ़्तार
Getting your Trinity Audio player ready...
|
दौड़ते भागते जीवन के लिए सबसे अधिक आवश्यकता होती है गति की। क्योंकि गति जितनी अधिक होगी समय की उतनी ही बचत होगी और लक्ष्य उतना ही शीघ्र प्राप्त होगा। इसी गति को बढ़ाने के लिए अब भारत में बुलेट ट्रेन (Mumbai Ahmedabad Bullet Train) का आरंभ हो रहा है।
Mumbai : भारत की पहली हाई स्पीड बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के मध्य में चलेगी। और मुंबई से अहमदाबाद के मध्य 508 किमी की दूरी में कुल 12 स्टेशन होंगे जिनके नाम आपके स्क्रीन पर उपलब्ध हैं।
परियोजना की संक्षिप्त जानकारी हेतु बता दें कि (Mumbai-Ahmedabad bullet train project) 508 किलोमीटर की है और इसका अधिकतर हिस्सा गुजरात में पड़ता है। हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन चलायी जाएगी। इसकी गति 320 किमी प्रति घंटे की होगी। ऐसे में दोनों नगरों के मध्य की दूरी मात्र तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी।
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना की कुल लागत 1 लाख 8 हजार करोड़ रुपये है, जिसमें केंद्र सरकार, गुजरात सरकार और महाराष्ट्र सरकार के साथ जापान का भी योगदान है। इस परियोजना की लागत का 81 प्रतिशत भाग जापान दे रहा है। किंतु ऐसे कई कल-पूर्जे लगाए जा रहे हैं, जो पूर्णतया स्वदेशी हैं।
Read Also
शिमला मसूरी गोवा नहीं पधारिये PM मोदी की नई नवेली काशी में
भारत का नया एक्सप्रेसवे यात्रा समय को आधा से भी कम कर देगा
आपको हम वह जानकारी दे दें जिसकी प्रतिक्षा आप वास्तव में कर रहे हैं। अर्थात कितना हुआ इस परियोजना में निर्माण कार्य अब तक पूर्ण। तो आपको हम बता दें कि नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के अनुसार अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 120 किलोमीटर के लिए pier work पूरा हो चुका है जबकि 15.7 किमी के लिए गर्डर्स पूरे हो चुके हैं।
यही नहीं एनएचएसआरसीएल के अनुसार लगभग 28500 से अधिक पाइलिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। और इसमें नवंबर में सबसे अधिक ढलाई 14.36 किलोमीटर है। भूमि अधिग्रहण की यदि बात करें तो आपको बता दें की समग्र रूप से इस बुलेट ट्रेन परियोजना में भूमि अधिग्रहण 98% से अधिक हो चुका है। विस्तृत जानकारी हेतु बता दें कि मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में गुजरात में 98.87% भूमि अधिग्रहण पूरा हो गया है जबकि महाराष्ट्र में यह 98.22% हो चुका है। और दादर और नगर हवेली में, भूमि अधिग्रहण पहले ही पूरा हो गया था, यहां पर और अधिक भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाना है।
और अधिक सरल भाषा में यदि आपको हम बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति अर्थात प्रोग्रेस रिपोर्ट की जानकारी दें तो आपको हम बता दें की NHSCRL के अधिकारियों के अनुसार अहमदाबाद से मुंबई तक 500 किलोमीटर से अधिक के खंड में कुल प्रगति लगभग 25% है।गुजरात में प्रगति लगभग 28% है जबकि महाराष्ट्र में यह लगभग 13% है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 2022 में अहमदाबाद में घोषणा की थी कि अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के भाग के रूप में साबरमती में आने वाला मल्टीमॉडल हब वर्ष 2023 के जनवरी या फरवरी तक सज्ज हो जाएगा।
Read Also
काशी को मिलने वाला है अत्याधुनिक घाट का भी बाप, सुपर घाट Namo Ghat 2.O Varanasi
देखिये अयोध्या में विकास से पहले का विनाश – Ram Path Marg Ayodhya
वहीं दूसरी ओर अब एनएचएसआरसीएल को बांद्रा-कुर्ला स्टेशन का नियंत्रण भी मिल गया है। इस परियोजना में पहली अंडरसी सुरंग सम्मिलित है जो महाराष्ट्र में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा में भूमिगत स्टेशन के मध्य में होगी। अर्थात जो भाग समुंद्र के भीतर से होकर के गुजरेगा। ठाणे क्रीक (इंटरटाइडल ज़ोन) में अंडरसी सुरंग का लगभग सात-किमी का भाग देश में आने वाली पहली ऐसी सुरंग होगी जो समुंद्र के भीतर से होकर के गुजरेगी।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि यह टनल अप और डाउन ट्रैक दोनों के लिए अर्थात ट्विन ट्रैक को समायोजित करने के लिए सिंगल ट्यूब वाली सुरंग होगी। जो अपने आप में विशेष है।
बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) को महाराष्ट्र में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और ठाणे, विरार तथा बोइसर में नेटवर्क विकसित करना है।
Read Also
बन रहा है माता का नया धाम, CM योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट Vindhya Corridor सुपर स्पीड में
सोच से परे है CM योगी का विकास मॉडल, बनेगा Prayagraj Ropeway व London Wheel भी
यह भी बता दें कि अधिकारियों मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का गुजरात में लगभग सभी सिविल कार्य का दायित्व सौंपा जा चुकी है, साथ ही पाया और नदियों के सभी छोटे और बड़े पुलों का निर्माण किया गया है। खंभों पर ऊपरी ढांचा लगाने का कार्य भी आरंभ हो गया है। बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (Bandra-Kurla Complex) में बुलेट ट्रेन स्टेशन और भूमिगत सुरंग के निर्माण के लिए अनुबंध भी दे दिया गया है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में पांच एकड़ भूखंड भी एनएचएसआरसीएल को मिल गया है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने मुंबई- अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में भूमिगत स्टेशन के निर्माण के लिए 3,681 करोड़ की निविदा स्वीकृत की है। एनएचएसआरसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बीकेसी स्टेशन निर्माण के लिए न्यूनतम बिड वाली कंपनी मेधा इंजीनियरिंग और एचसीसी को काम सौंपा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इंजीनियरिंग की दृष्टी से अत्यंत कठिन इस काम के लिए मेधा इंजिनियरिंग और एचसीसी के अतिरिक्त एफकॉन, एल एंड टी और जे कुमार जैसी कम्पनियां रेस में थी। इनमें जे कुमार को डिसक्वालीफाई कर दिया गया, जबकि एफकॉन ने 4,217 करोड़ और एल एंड टी ने 4,590 करोड़ की निविदा भरी थी। मेधा इंजीनियरिंग और एचसीसी की सयुंक्त निविदा कम होने के कारण उन्हें अधिकृत किया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि खंभों और ऊपरी ढांचे से जुड़ा कार्य जल्द ही गुजरात की ही प्रकार से महाराष्ट्र में भी दिखाई देगा। गुजरात में आणंद, सूरत, वडोदरा, भरूच, विलिमोरा, वापी और नवसारी जिलों में बुलेट ट्रेन स्टेशन का निर्माण आरंभ हो गया है।
Read Also
ऐसा है नव्य अयोध्या का पहला परिवर्तन – Common Building Code Ayodhya
अयोध्या श्री राम मंदिर निर्माण ने पकड़ी तूफ़ानी रफ़्तार
बुलेट ट्रेन के काम में तेजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 25 हजार कार्यबल दिन-रात काम कर रहे हैं। जिनके सहायता से मार्ग में पड़ने वाली नर्मदा, ताप्ती, माही एवं साबरमती जैसी बड़ी नदियों पर पुल तेजी से बनाए जा रहे हैं। देश में पहली बार फुल स्पैन लांचिंग तकनीक का प्रयोग किया जा रहा। प्रत्येक गर्डर का भार 970 मीट्रिक टन है। इसे बिना किसी जोड़ के एक ही टुकड़े में ढाला जा रहा है।
नेशनल हाई-स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के प्रबंध निदेशक राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि जून 2026 तक बुलेट ट्रेन का ट्रायल हो जाएगा। अगस्त 2027 से ट्रेन दौड़ने लगेगी।
यह भी बता दें कि वर्ष 2017 में आरंभ हुई बुलेट ट्रेन परियोजना को 2023 तक पूरा करना था, परंतु विभिन्न कारणों से इसकी डेडलाइन अब 2027 हो गई है। एनएचएसआरसीएल अधिकारियों के अनुसार, आरंभ में यह परियोजना 1 लाख 8 हजार करोड़ थी, परन्तु देरी के साथ अब लागत बढ़ रही हैं। तैयार होते होते 1.65 लाख करोड़ तक कॉस्ट बढ़ सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में शिंदे और फडनवीस सरकार आने के पश्चात बुलेट ट्रेन के मार्ग में आने वाली सभी अवरोधों को क्लियर किया गया है।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कर कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिला का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-