PM मोदी के आगमन से पहले वाराणसी में विकास कार्यों ने पकड़ी गति
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के पहले चरण का कार्य पूर्ण होने वाला है और इसी 13 दिसंबर को स्वयं प्रधानमंत्री लोकार्पण करने के लिए आ रहे हैं तथा इस अभूतपूर्व पल पर भारत के 18 राज्यों के मुख्यमंत्री तथा समस्त 12 ज्योतिर्लिंगों के प्रमुख पुजारी तथा विभिन्न मठाधीश व महंतों का आगमन भी होगा एवं इस पल को इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखने के लिए प्रशासन वह सभी कार्य कर रहा है जिससे इस अवसर को अविस्मरणीय बनाया जा सके।
वाराणसी जिसको की घाटों का शहर व मंदिरों का शहर कहा जाता है जो इस शहर की पहचान भी है और विरासत भी।विश्व की इस प्राचीनतम जीवित शहर काशी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्मार्ट शहर बनाने का प्रयास धीरे-धीरे मूर्त रूप लेता दिख रहा है। वाराणसी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिये विभिन्न प्रकार की हजारों करोड़ की परियोजनाएं नगर में चल रही हैं। जिनका की समय समय पर उद्घाटन व शिलान्यास स्वयं मोदी जी करते भी रहते हैं।इसी क्रम में आपको बता दें की धर्म अध्यात्म व कला-संगीत की नगरी काशी में पर्यटन का क्षेत्र अब बढ़ने जा रहा है। अब यह बात गंगा, उसके घाट, गलियां, सारनाथ और श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर समेत देवालयों की विशाल शृंखला से भी आगे बढ़ कर पुराने शहर के नींव के पत्थरों तक जा रही है।
वाराणसी के सबसे प्रसिद्ध व पौराणिक घाटों में से एक है दशाश्वमेध घाट जिसका नाम तो आपने अवश्य ही सुना होगा और इस घाट को भली भाँति पहचानते भी होंगे यहीं पर वाराणसी की प्रसिद्ध गंगा आरती भी होती है इसी गोदौलिया दशाश्वमेध मार्ग से बाबा विश्वनाथ का भी पुराना मार्ग विश्वनाथगली से होते हुए जाता है। इन्हीं महत्ता को ध्यान में रखते हुए दशाश्वमेध तिराहे से लेकर गंगा घाट तक के मार्ग को नवीन जीवन प्रदान किया जा रहा है।
जैसा की आप देख सकते हैं कि यह दशाश्वमेध तिराहा है और यहीं से गंगा छोर तक देश विदेश के सभी पर्यटक जाते हैं और भीड़ भी होती है। यहाँ सभी लोग गंगा स्नान व गंगा जल लेकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए जाते हैं तथा कई लोग गंगा घाट घूमने आदि के लिए भी आते हैं, इन सब के बीच में यहाँ इस मार्ग पर निर्माण कार्य भी संचालित है जिसके अंतर्गत पहले सड़क को खोदा गया है तत्पश्चात उस स्थान पर सीमेंट मसाला लगाकर लाल पत्थर लगाने का कार्य किया जा रहा है। एवं इस संचालित कार्य की गति को आप इसी से समझ सकते हैं कि इतनी सुबह सवेरे भी कार्य तीव्र गति के साथ संचालित है तथा हमनें समय सुबह के 7 बज के 46 मिनट पर देखा तो भी यहाँ कार्य ने गति पकड़ रखा है और गति पकड़े भी क्यों ना आखिर प्रश्न बाबा विश्वनाथ के उद्घाटन से पहले काशी को सुंदर बनाने की जो है और इतना बड़ा अवसर आज से पहले कभी वाराणसी ने संभवतः देखा भी ना हो।
यहीं पर एक ओरउन पत्थरोंको भी रखा गया है जिनका प्रयोग इनमें होना है, और इन पत्थरों को यहीं कुछ दूर पहले सड़क किनारे रखा गया है, तथा यहीं पर आम जनता का आवागमन भी हो रहा है एवं जनता के वाहन भी यहीं पर इधर उधर लगे हुए हैं जो की कार्य में कहीं ना कहीं बाधा भी उत्पन्न कर रहे हैं और यह स्थिति तो सुबह 6 बजे से आधीरात तक बनी रहती है। यह मुख्य कारण है कि इस प्रकार के निर्माण कार्य व विकास कार्यों को पूर्ण करने में कठिनाई होती है तथा विलंब भी होता है।
बता दें की यही पास में ही वाराणसी टूरिस्ट प्लाजा का भी निर्माण हो रहा है, आइए आपको उसके भी दृश्य दिखाते हैं। तथा इस स्थान पर पहले एक आॅफिसर्स मेस हुआ करता था जिसे की हटा कर अब वाराणसी टूरिस्ट प्लाजा में ही सम्मिलित कर दिया गया है।
आपको बता दें की पर्यटकों व दर्शनार्थीयों की भारी संख्या के कारण से भी यहाँ पर कार्य सुबह सुबह किया जा रहा है तथा जो कंक्रीट मिक्स्चर को डाला गया है वह अभी भी गीली है क्यों कि अधिक देर नहीं हुई है इनके सूखने में अभी और समय लगेगा तथा इसी के ऊपर लाल पत्थर लगाया जाना है।
बता दें की जब से माननीय नरेंद्र मोदी जी वाराणसी के सांसद बन भारत के प्रधानमंत्री बने हैं तब से वाराणसी के गंगा घाटों का कायाकल्प हो गया है, और यह हमें बताने की आवश्यकता नहीं है यह आप अपने आँखों से स्वयं देख सकते हैं की साफ सफाई हो अथवा पर्यटन सुविधाओं में विकास यह सभी को मोह लेता है यही नहीं काशी के ऐतिहासिक व पौराणिक महत्ता का ध्यान रखा जाता है और इसके लिए भी वाराणसी के सभी घाटों पर हर घाट से जुड़े इतिहास व महत्व को बताने वाले शिलापट व साईनबोर्ड आदि भी लगाने का विशेष कार्य किया गया है।
जानकारी के लिए बता दें की वाराणसी के अस्सी घाट पर भी जमी मोटी मिट्टी व गाद की सतह को हटाने का कार्य तीव्रता से करने के लिए JCB की सहायता भी लिया जा रहा है। जिससे कि अस्सी घाट का पुराना स्वरूप कुछ ही दिनों में लौट सकेगा। तथा गंगा के पानी और घाट के मध्य की दूरी को समाप्त हो जाएगा। वहीं अस्सी घाट से लगभग 5.5 किलोमीटर दूरी पर खिड़कीया घाट के निर्माण कार्य के पहले चरण का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है और प्रधानमंत्री के आगमन पर वाराणसी के सबसे महत्वपूर्ण परियोजना व प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन होगा इसके पश्चात और भी कई परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण होगा जिसमें की खिड़कीया घाट का लोकार्पण होना है।
कुल मिलाकर कर कहें तो काशी के ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व के साथ नगर व पर्यटन के विभिन्न सुविधाओं का विकास वर्तमान सरकार के कार्यकाल में भलीभाँति होता दिख रहा है और इसी परिणाम है कि लागातार दूसरे वर्ष वाराणसी को गंगा नदी किनारे बसे नगरों की सूची में सर्वश्रेष्ठ पायदान पर होने का पुरस्कार मिला है।
महत्वपूर्ण है कि जहाँ एक ओर वाराणसी के सभी प्रमुख पौराणिक स्थानों का विकास व जीर्णोध्दार कार्य किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर काशीवासीयों के जीवनशैली को सुविधायुक्त करने के लिए नगर में कई सड़क, फ्लाइओवर, अस्पताल, स्मार्ट विद्यालय, कंवेंशन सेंटर आदि बन रहे हैं तथा शीघ्र ही वाराणसी भारत का पहला नगर बनने वाला है जहाँ पर यातायात साधन के लिए रोपवे का प्रयोग होगा, इन सभी कार्यों से वाराणसी की छवि को वैश्वीक स्तर उडा़न तो मिलेगी ही साथ ही भारत के धर्म नगरी होने के नाते यह भारत के सम्मान में भी वृद्धि करेगी।
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अति सुन्दर 👌