वाराणसी में गंगा के बाद वरुण नदी में मचा हाहाकार
मोक्षदायिनी गंगा नदी किनारे बसे वाराणसी में मां गंगा ने विकराल रूप धारण कर लिया है और इसके चलते वाराणसी में गंगा की सहायक नदीयों में भी बाढ़ आया हुआ है (Varanasi Flood 2022).
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि यह बारिश मॉनसून और बाढ़ का सीजन है। तथा देश में इस समय है कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो रखी है। बात यदि भारत के महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश की करें तो उत्तर प्रदेश में भी कई नदियों ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है तथा उत्तर प्रदेश की सबसे प्रमुख नदी गंगा इस समय अपने उच्चतम जल स्तर के निकट है तथा वाराणसी जहां पर गंगा नदी उत्तरवाहिनी होकर के बहती है वहां भी इस समय गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु तथा खतरे के निशान से भी ऊपर बह रहा है।

जिसके फलस्वरूप वाराणसी (Varanasi) में गंगा नदी (Ganga River) की 2 सहायक नदियों में भी उलट प्रभाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है उलट प्रवाह के चलते वाराणसी की दो वरुणा एवं अस्सी नदी में भी बाढ़ का पानी नगर की भीतरी भागों में घुस गया है तथा इसके चलते नगर कि भीतर रिहायशी क्षेत्रों में भी जीवन यापन कठिन हो गया है आपको हम इस समय वरूणा नदी की कुछ ताजा तस्वीरें दिखा रहे हैं ताकि आपको समझने में सरलता हो।
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आपको जानकारी के लिए हम बता दें कि यह स्थान वाराणसी में कचहरी के निकट वरुणा नदी के ऊपर बनी दोनों फूलों के बीच शास्त्री घाट के ऊपर का है तथा आप देख सकते हैं कि जलस्तर के बढ़े होने के कारण से शास्त्री घाट पूरा पूरा जलमग्न है शास्त्री घाट पर जहां पर मंच लगा होता है या जहां पर आरती का स्थान है तथा पास में ही हनुमान जी का मंदिर भी है वह पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है।
इसके अतिरिक्त आपको हम यदि आसपास के दृश्य दिखाए तो आप देख सकते हैं कि जो नदी किनारे बने हुए घर हैं या जो बस्तियां हैं वह पूरी तरह से जल मग्न है तथा वरुणा नदी का पानी रिहायशी क्षेत्रों में घुस चुका है अधिकांश घर जो भी वरुणा नदी के किनारे बने हैं वह नदी के पानी से चारों ओर से घिर चुके हैं जैसा प्रतीत हो रहा है कि नदी में घर बना हुआ है।
आप यदि वरुणा नदी (Varuna River) के जल को थोड़ा ध्यान पूर्वक देखें तो आपको स्थिति को समझने में थोड़ी सरलता होगी क्योंकि आप देख सकते हैं कि वरुणा नदी में जो पानी का धार है या जो कहे धारा है वह उल्टी चल रही है जो यह स्पष्ट करती है कि वरुणा नदी का यह पानी नहीं है एक्चुअली में यह पानी गंगा नदी का है जोकि गंगा नदी से उलट कर जो प्रवाह है वह वरुणा नदी में उल्टा पीछे की ओर ढकेल रहा है जिसके कारण से वरुणा नदी का भी जलस्तर अत्यधिक ऊंचाई तक आ गया है।
आपको हम जानकारी हेतु बता दें कि यमुना(Yamuna) और चम्बल (Chambal) आदि नदियों में जलस्तर बढ़ने से उतर प्रदेश के 18 जनपदों में आम जन के प्रभावित होने का संकट गहरा गया है। इनमे वाराणसी जनपद भी सम्मिलित है, जहां केंद्रीय जल आयोग के अनुसार वाराणसी में गंगा का जलस्तर 72 मीटर के निकट है। गंगा के जलस्तर में एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा की गति से बढ़ोत्तरी हो रही है। इस समाया् गंगा का पानी वाराणसी में खतरे के निशान से जो कि 71.262 है उससे लगभग 70 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है।

बता दें कि शनिवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी चम्बल और यमुना नदी में आये उफान से वाराणसी सहित 18 जनपदों के प्रभावित होने और आम जन को कठिनाई आने को लेकर चिंता जताई है और सभी जनपद के आला अधिकारियों को इसपर दृष्टि बनाए रखने और आम जन को इससे कम प्रभावित होने की दिशा में किये जाने वाले कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि वाराणसी में गंगा के बढ़ाव के पश्चात पलट प्रवाह से असि और वरुणा नदी में बाढ़ आ गयी है और इनके तटवर्ती क्षेत्रों में हाहाकार मचा हुआ है। हजारों परिवार अभी तक पलायन कर चुके हैं और हजारी मकान जलमग्न हो चुके हैं। शासन के निर्देश पर एनडीआरएफ के रेस्कयूर्स इन नदियों में आयी बाढ़ में फसे लोगों का लगातार रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों और बाढ़ राहत शिविर में पहुंचा रहे हैं।
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आपको बता दें कि यूपी में गंगा-यमुना में आई बाढ़ से लोग परेशान हैं। वहीं प्रयागराज और वाराणसी की स्थिति इन दिनों बाढ़ से काफी खराब हो गई है। नगर के 20 वार्ड और जिले के 104 गांव बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हैं। कुल 7000 से अधिक बाढ़ प्रभावितों को राहत शिविर और रिश्तेदारों के घर पर विस्थापित किया गया है। वहीं गंगा अपने खतरे के निशान से भी ऊपर बह रही है। जलस्तर में 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी है।
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से 74 सेंटीमीटर ऊपर बह रहीं हैं।
वहीं जिला प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क है। लगातार कमिश्नर दीपक अग्रवाल और डीएम कौशल राज शर्मा बाढ़ ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण कर रहे हैं। घरों में फसे लोगों तक राहत सामाग्री पहुंचाई जा रही है। राहत शिविरों में भी लोगों को रखा जा रहा है।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई वाराणसी के बाढ़ की जानकारी पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें।
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