Exclusive : सोने का होगा श्री राम मंदिर निर्माण अयोध्या का शिखर
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Ayodhya Ram Mandir Nirman : सनातन धर्म का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल अर्थात श्री राम जन्मभूमि पर 500 वर्षों पश्चात रामलला विराजमान हुए हैं, जिसका साक्षी संपूर्ण विश्व बना।
सबसे पहले हम आपको श्री राम जन्मभूमि पर निर्माणाधीन मंदिर के निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति की Exclusive दृश्य प्रदर्शित करते हुए बता दें कि प्रभु रामलला अपने अयोध्या धाम से 22 जनवरी से ही भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। प्रभु रामलला के दर्शन के लिए देश भर से प्रतिदिन लगभग 2 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच रही है। मंदिर के दान की काउंटिंग टीम के सदस्य के अनुसार, 45 दिनों में मंदिर की चढावा और दान राशि भी 50 करोड़ के आसपास पहुंच गई है। राम लला के गर्भगृह में विराजने होने के पश्चात अब मंदिर में राम दरबार को शीघ्र स्थापित करने के लिए इसके प्रथम तल का भी निर्माण तीव्र गति से संचालित है। राम दरबार की स्थापना के लिए दिसंबर 2024 की तिथि का निर्धारण कर दिया गया है। अब इसी तिथि को आधार बनाते हुए निर्माण की गति को तेज किया गया है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मध्य निर्माण कार्य की भी गति बढ़ाई गई है।
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निर्माण कंपनी के कर्मचारियों के अनुसार, मंदिर के शिखर और गुंबदों के निर्माण को छोड़कर बचे प्रथम और दूसरे तल का निर्माण पूरा किया जाएगा। प्रथम तल का निर्माण दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर राम दरबार की स्थापना होगी। वास्तव में, पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात राम मंदिर ट्रस्ट और संघ परिवार की ओर से प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला दर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके पश्चात अब निर्माण की प्रक्रिया को गति दी जा रही है।
इस मध्य ग्राउंड फ्लोर में दर्शन का कार्यक्रम चलते रहने के साथ ही निर्माण कार्य भी चल रहा है। इसमें परकोटा और परकोटे में बनने वाले देवी- देवताओं के मंदिर के निर्माण का भी लक्ष्य तय किया गया है। मंदिर ट्रस्ट के अनुसार परकोटा का निर्माण के चारों ओर लगभग 800 मीटर लंबाई में हो रहा है। इसकी चौड़ाई 14 फुट है। इसके निर्माण में पिंक स्टोन के पत्थरों का प्रयोग किया जा रहा है।
ट्रस्ट के अनुसार निर्माण एजेंसी एलएंडटी कंपनी के इंजीनियरों का दावा है कि सारे काम तय टाइमलाइन के अनुसार ही चल रहे हैं। प्रथम तल पर जहां गुंबदों और शिखर का निर्माण होना है। उस क्षेत्र को कवर कर ढक दिया गया है। जब मंदिर का दूसरा तल बनेगा तो साथ में 5 गुंबदों और शिखर का भी निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। मंदिर निर्माण के साथ लाखों की संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को लेकर भी मंदिर ट्रस्ट योजनाए बना कर प्रशासन के सहयोग से लागू कर रहा है।
राम मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर मूर्तियों एवं खूबसूरत डिजाइनिंग का कार्य भी तेजी से पूरा किया जा रहा है। वर्तमान राम दरबार के लिए मूर्तियों को तराशने का काम अभी नहीं आरंभ हुआ है। रामलला की प्रतिमा तैयार करने मे 6 माह का समय लगा है। ऐसे में अनुमान लगाया गया है कि राम दरबार की मूर्तियों का निर्माण भी इतने समय में पूरा हो जाएगा।
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बता दें कि मंदिर ट्रस्ट के अनुसार वर्तमान में लगभग 1,500 कामगारों को लगाया गया है और तीन मंजिला मंदिर भवन की शेष दो मंजिलों को बनाने में तेजी लाने के लिए 3,500 से अधिक अतिरिक्त मजदूरों को अति शीघ्र ही निमित्त किया जाएगा।
मंदिर ट्रस्ट के अनुसार भव्य मंदिर के मुख्य शिखर और दूसरे शिखर के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है, जबकि शिखर 300 दिनों में बनकर तैयार हो जाएंगे। मंदिर में कुल पांच शिखर होंगे, जिनमें से तीन शिखर अभिषेक समारोह से पहले तैयार किए गए थे। मुख्य शिखर 161 फीट ऊंचा बनाया जा रहा है, जिस पर सोने की परत चढ़ाई जाएगी।
राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार भक्तों को बारिश और धूप से बचाने के लिए मंदिर का ‘परकोटा’ भी मानसून आने से पहले तैयार हो जाएगा। परकोटा के किनारे छह देवी-देवताओं के मंदिर बनाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त सात ऋषियों के मंदिर भी बनाए जाएंगे। परिसर में वाल्मिकी, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य के साथ-साथ निषादराज और अहिल्या सहित प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में वर्णित हिंदू संतों के मंदिर भी बनाए जाने हैं। बनाने वाली कंपनी एलएंडटी राजस्थान, गुजरात, बिहार और उत्तर प्रदेश से कामगारों की एक सेना को मैदान में उतारने जा रही है।
इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ने बीते दिनों दर्शनार्थी व श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बड़ा निर्णय किया है जिससे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के पश्चात भी सरलता से रामलला का दर्शन सुलभ हो सकेगा। तीर्थ क्षेत्र ने इसके लिए सुगम दर्शन व विशिष्ट दर्शन की दो नई श्रेणी तय की है। सुगम दर्शन के लिए तीन सौ श्रद्धालुओं को ‘पास’ निर्गत किए जाएंगे जिनमें 150 ‘पास’ की बुकिंग आनलाइन श्रीरामज भूमि तीर्थ क्षेत्र की वेबसाइट के माध्यम से होगी।
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सुगम दर्शन के स्लॉट हैं:-
• सुबह सात से नौ बजे तक
• सुबह नौ बजे से 11 बजे तक
• अपराह्न एक से तीन बजे तक
• अपराह्न तीन से सायं पांच तक
• सायं पांच बजे से सात तक
• सायं सात से रात्रि नौ तक
इसके अतिरिक्त यह भी बता दें कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निकट ही अब उत्तराखंड सदन का निर्माण होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए पूर्व में आवंटित 4700 वर्गमीटर के भूखंड के स्थान पर अब 5253.30 वर्ग मीटर का भूखंड उत्तराखंड सरकार को आवंटित किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार जताया है।
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बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए अयोध्या में श्रीराम मंदिर के समीप चार हजार वर्ग मीटर से अधिक का भूखंड उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। तत्पश्चात शासन की टीम ने स्थल का निरीक्षण कर भूमि चयनित करने के साथ ही इसका साइट प्लान मुख्यमंत्री धामी को सौंपा। इसके लिए सरकार की ओर से 28.47 करोड़ रुपये की राशि भी उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के संपत्ति प्रबंध कार्यालय में जमा कर दी है।
यह भूखंड श्रीराम मंदिर के निकट ही है। राज्य सरकार इस भूखंड में उत्तराखंड सदन का निर्माण कराएगी। पत्र के अनुसार सरकार को यह कार्य पांच वर्ष की अवधि के भीतर पूर्ण कराना होगा।
महत्वपूर्ण है कि नव्य मंदिर में रामलला का पहला जन्म उत्सव रामनवमी के दिन मनाया जाएगा। उत्सव को भव्यता देने की रूपरेखा भी तैयार की जाएगी। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के समय 22 जनवरी को जिस तरह पूरा देश राममय हुआ वैसा ही दृश्य फिर देखने के लिए तैयार हो जाइए। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र व संघ परिवार ने इस योजना पर अमल के लिए कार्य योजना तय कर ली है। इस योजना के अनुसार देश के लाखों गांवों में मंदिर-मंदिर राम नवमी के अवसर पर भगवान राम का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। इस बार राम नवमी पारम्परिक उत्सव से 50 गुना वृहद होगी।
मित्रों यदि दी हुई श्री राम मंदिर निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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