शुरू हुआ अयोध्या श्री राम मंदिर निर्माण कार्य का द्वितीय अध्याय
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Ayodhya Ram Mandir New Construction : सनातन धर्म का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल अर्थात श्री राम जन्मभूमि पर 500 वर्षों पश्चात रामलला विराजमान हुए हैं, जिसका साक्षी संपूर्ण विश्व बना। अयोध्या में बन रहा भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर अत्यंत अद्भुत है। विश्व भर में फैले करोड़ों रामभक्त अब अपने आराध्य के दर्शन को अयोध्या धाम में पधार रहे हैं।
![Ayodhya Ram Mandir New Construction](https://indiansrj.com/wp-content/uploads/2024/02/Picsart_24-02-07_15-31-15-414-1024x576.jpg)
Ayodhya Ram Mandir New Construction : राममंदिर के उद्घाटन के बाद पहली बार मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शनिवार से शुरू हुई। इसमें निर्माण कार्यों को गति देने पर चर्चा हुई।
वहीं, रामनवमी से पहले यात्री सुविधाएं विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। मंदिर के प्रथम तल पर भव्य राम दरबार की स्थापना की समयसीमा दिसंबर 2024 तय हुई है। भक्तों की सुविधा को देखते हुए निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने पर ट्रस्ट के पदाधिकारियों व कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों के साथ निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने चर्चा की।
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बता दें कि लगभग 20 दिनों के अंतराल के पश्चात मंदिर निर्माण का शेष कार्य आरंभ हो चुका है। जिसमें की मुख्य रूप से राममंदिर के परकोटे का कार्य पूर्ण किया जाएगा। 795 मीटर परकोटे के निर्माण का 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण भी हो चुका है। मंदिर के निचले चबूतरे पर आइकोनोग्राफी के माध्यम से पत्थरों पर मूर्तियां उकेरने का भी काम हो रहा है। प्रथम तल पर रामदरबार की स्थापना का कार्य भी आरंभ हो चुका है।
इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि जन्मभूमि परिसर में सप्त मंडपम की भी परिकल्पना शीघ्र साकार होगी। परिसर में एक बड़े आकार का मंडप बनाया जाएगा। इसमें श्रीराम के समकालीन सात पात्रों के छोटे-छोटे मंदिर होंगे। यही नहीं सप्त मंडपम में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषाद राज, माता शबरी व माता अहिल्या के मंदिर होंगे।
![Ayodhya Ram Mandir New Construction](https://indiansrj.com/wp-content/uploads/2024/02/Picsart_24-02-07_15-31-29-537-1024x576.jpg)
बता दें कि ट्रस्ट समयबद्ध निर्माण के प्रति गंभीर है और इसी क्रम में 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर में कुबेर टीला तक संपर्क मार्ग भी बन रहा है। यात्री सुविधा केंद्र का 50 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। शेष कार्य मार्च के अंत तक पूरा करने की योजना है। तथा दूसरे चरण की कार्ययोजना के अनुरूप आठ एकड़ के राममंदिर के परकोटा से बाहर रामजन्मभूमि परिसर के शेष भू-भाग पर निर्माण आरंभ किए जाने का विचार किया गया है। इस क्रम में यज्ञशाला, आडीटोरियम, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य प्रमुख है। रामलला के दर्शनार्थियों के आवागमन को ध्यान में रखते हुए यह भी तय किया गया कि मंदिर के शेष निर्माण की सामग्री लेकर आने-जाने वाले वाहन रात में ही आएं।
कार्यदाई संस्था एलएंडटी व टाटा कंसल्टेंसी ने मशीनों को इंस्टाल कर दिया है। क्रेन भी लगाए जा चुके हैं। निर्माण कार्य रविवार से शुरु कर दिए गए हैं। दूसरे फेज के निर्माण कार्यों को गति बढ़ाने पर मंथन हुआ है कि रामजन्मभूमि में चार प्रवेश द्वार बनने हैं। तीन का काम अभी शेष है। इन तीन प्रवेश द्वारों के निर्माण के लिए नाप जोख आरंभ हो चुका है। यूपीआरएनएन को प्रवेश द्वार की डिजाइन बनाने का दायित्व सौंपा गया है। तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी।
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इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि प्रदेश सरकार ने गत वर्ष ही अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय के संचालन का दायित्व ट्रस्ट को सौंप दिया था। इस दायित्व के अनुरूप ट्रस्ट संग्रहालय को नया कलेवर देने के प्रति गंभीर है। अनिल मिश्र के अनुसार इस दिशा में काम भी प्रारंभ हो गया है। राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्ययोजना को अंतिम रूप देने में लगे हैं। एक वर्ष में यह संग्रहालय दिव्य-भव्य रूप में भक्तों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। तथा यहां मंदिर आंदोलन का इतिहास भी दर्शाया जाएगा।
यह भी बता दें कि राममंदिर के ट्रस्टी अनिल मिश्र के अनुसार परिसर की सभी सड़कों का निर्माण, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा उपकरण लगाने के कार्य, तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र का शेष कार्य रामनवमी से पहले पूरा करने का लक्ष्य है। परिसर की सफाई के लिए एक कंपनी को ठेका दिया गया है, जिसके 50 कर्मचारी प्रतिदिन सफाई करते हैं। निर्माण कार्यों के मध्य निर्बाध दर्शन की कार्ययोजना भी तय की गई। मंदिर के प्रथम व द्वितीय तल के कार्य पर राजा राम के दरबार का कार्य अब आरंभ हो चुका है। तथा यह दिसंबर 2024 में पूर्ण हो जाएगा।
![Ayodhya Ram Mandir 2nd Phase](https://indiansrj.com/wp-content/uploads/2024/02/Picsart_24-02-07_15-32-16-470-1024x576.jpg)
चूंकि स्नान-पर्व व मेलों की विशेष तिथियों पर पांच लाख या इससे अधिक भी श्रद्धालु अयोध्या आएं तो इन्हें नव्य मंदिर में रामलला के सुगम दर्शन कराए जा सकेंगे। जिला प्रशासन ने इसके लिए रोडमैप तैयार कर लिया है।
और सबसे बड़ी बात की प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन 23 जनवरी जैसे हालात की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी। वर्तमान समय में प्रतिदिन एक से दो लाख श्रद्धालु अयोध्या आ रहे हैं। शनिवार, रविवार और मंगलवार को यह संख्या बढ़कर दो से तीन लाख तक भी पहुंच जाती है।
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23 जनवरी को पांच लाख से भी अधिक रामभक्तों के दर्शन के लिए उमड़ने की अप्रत्याशित स्थिति से सबक लेते हुए प्रशासन ने कई प्रकार के व्यवस्था किए हैं। ऐसे में अब प्रतिदिन सामान्य तौर पर एक से तीन लाख तक श्रद्धालु आराम से बिना किसी व्यवधान के रामलला के दर्शन कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि राम मंदिर में बालक राम के सामने रखे 6 दान पात्रों में चढ़ावे की धनराशि की गिनती हुई। भारी भीड़ के चलते 10 दिनों पश्चात यह खोले गए। जिसमें बड़ी संख्या में आभूषण आदि भी पाए गए। लगभग एक करोड़ से अधिक का चढ़ावा राशि दानपात्रो में पाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में कीमती सोने चांदी और अन्य धातुओं के जेवर भी थे।
![Ayodhya Ram Mandir New Construction](https://indiansrj.com/wp-content/uploads/2024/02/Picsart_24-02-07_15-30-45-497-1024x576.jpg)
यह भी बता दें कि दिव्य, नव्य और भव्य अयोध्या धाम अब सदैव जगमगाता ही रहेगा। रामलला के मंदिर में तो अनवरत बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए एक-दो नहीं अपितु तीन-तीन सब स्टेशनों से जोड़ा गया है। किसी एक लाइन से आपूर्ति में व्यवधान पर पलक झपकते ही दूसरी लाइन के माध्यम से श्रीराम मंदिर को बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी ताकि प्रभु श्रीरामलला पल भर के लिए भी अंधेरे में न रहें।
मंदिर के साथ ही अयोध्या की बिजली आपूर्ति व्यवस्था पर खासतौर से नजर रख रहे पावर कारपोरेशन ने 167 करोड़ रुपये से तीन-तीन सब स्टेशन ऋणमोचनघाट, राम की पैड़ी व साकेत से श्रीराम मंदिर परिसर को बिजली आपूर्ति बनाए रखने की व्यापक व्यवस्था की गई है।
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बता दें कि बिजली की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए वर्तमान के ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने का कार्य हो रहा है। सहादतगंज से नयाघाट तक (राम पथ) मार्ग पर बिजली के तारों का जाल न दिखाई दे इसके लिए डक्ट बनाकर 33 केवी से लेकर 11 केवी व एलटी लाइनों को पूरी तरह से भूमिगत किया गया है। तथा 67 करोड़ रुपये से नगर के 12 सब स्टेशनों की क्षमता वृद्धि कराए जाने के साथ ही 261 ट्रांसफार्मरों की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है।
अयोध्या शहर में यूं बढ़ रही बिजली की मांग
मार्च-2023-184 मेगावाट
जनवरी-2024-199 मेगावाट
जनवरी-2025-230 मेगावाट
![Ayodhya Ram Mandir Darshan](https://indiansrj.com/wp-content/uploads/2024/02/425751188_17993560361534043_8239084977251514204_n-819x1024.jpg)
वैसे हमें आप यह अवश्य बताएं कि आपने अभी तक रामलला के दर्शन किए या नहीं। यदि नहीं किए तो कब कर रहे हैं और कर लिया है दर्शन तो अपना अनुभव कमेंट बॉक्स में लिखकर अवश्य बताएं।
मित्रों यदि दी हुई श्री राम मंदिर निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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