PM मोदी की काशी में बनेगा एशिया का पहला सुपर रनवे

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विकासपथ पर तीव्र गति से आगे बढ़ रही वाराणसी Varanasi के लिए एक और शुभ समाचार आया है, शीघ्र ही भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को एशिया के पहले अनोखे एयरपोर्ट Airport की सौगात मिलने वाली है।

मित्रों हम सभी जानते हैं कि मोदी सरकार ने देश की आधारभूत संरचना को नवीन जीवन प्रदान करने के लिए कितना कार्य किया है, तथा यदि वाराणसी के संदर्भ में बात करी जाए तो विगत 8 वर्षों में वाराणसी का कायाकल्प ही कर दिया गया है। एवं वाराणसी बाबतपुर एयरपोर्ट हाईवे तो अपने आप में विकास का माॅडल है।

बता दें कि पर्यटन की दृष्टि से पूरे उत्तर प्रदेश में द्वितीय एवं धार्मिक दृष्टि सर्वाधिक महत्वपूर्ण नगर काशी अर्थात वाराणसी में पर्यटकों के मन में इस नगर के प्रति आकर्षण के कारण से वाराणसी का लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश में लखनऊ एयरपोर्ट के पश्चात दूसरा सर्वाधिक व्यस्त हवाई अड्डा है।

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इसी को ध्यान में रखते हुए वाराणसी के बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट Lal Bahadur Shastri International Airport Babatpur Varanasi) को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की तैयारी है। तथा इसके अंतर्गत एयरपोर्ट के रनवे का विस्तार किया जाना है।

कितना लंबा किया जाना है रनवे,‌ क्यों लंबाई बढ़ाने की आवश्यकता आई, कितनी भूमि का होगा अधिग्रहण, कौन कौन से गांव का होगा इसमें विलय, कब तक होगा भूमि अधिग्रहण का कार्य पूर्ण यह सभी जानकारी हम आपको अब देने जा रहे हैं।

सबसे पहले हम आपको इस परियोजना के काल चक्र की जानकारी देते हैं। बता दें कि वर्ष 2015 में ही एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की योजना बनाई गई थी, उस समय 350 एकड़ भूमि की आवश्यकता बताई गई थी। उस समय भूमि के चिह्नाकंन का भी कार्य आरंभ हुआ था। परंतु तकनीकी कारणों से इस योजना को धरातल पर नहीं उतारा जा सका था।

क्यों कि इसमें एक नई एयर टर्मिनल बिल्डिंग सहित कई निर्माण की योजना भी थी। इसी के साथ वर्तमान समय में रनवे व एयरपोर्ट के बाहर से गुजरने वाली हाईवे के चौड़ीकरण की भी परियोजना थी। तो पहले हाईवे का निर्माण ही आरंभ हुआ जो की कब का पूर्ण हो चुका है। परंतु एयरपोर्ट के विस्तार का कार्य लंबित रहा।

चूंकि जनभार इस हवाई अड्डे पर अधिक होता है इसलिए एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को भी अधिक समय तक लंबित नहीं किया जा सकता था। परंतु रनवे की एक ओर हाइवे तो दूसरी ओर रेलवे स्टेशन पड़ता है इस कारण से बार बार यह ‌परियोजना लंबित होती रही इसी मध्य हमारे पड़ोसी देश से उपजी विशेष बिमारी का आगमन हुआ जिसके कारण से हवाई यात्रीयों की संख्या में भी कमी हुई तो इस ओर प्रशासन भी सुस्त रहा परंतु अब हवाई यात्रा में बढ़ौतरी होने के कारण से इस परियोजना का स्मरण प्रशासन को हुआ और अब एक बार पुनः इस परियोजना पर कार्य आगे बढ़ा है।

Varanasi Airport

वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने हेतु बता दें कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अब तीन चरणों में विस्तारीकरण की योजना बनाई है। पहले चरण के लिए लगभग 250 एकड़ भूमि की आवश्यकता है और पूरी योजना को धरातल पर उतारने के लिए लगभग 700 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। प्रशासनिक मशीनरी की मानें तो बाबतपुर एयरपोर्ट को सिडनी एयरपोर्ट की प्रकार से विकसित किया जाना है।

सिडनी ही क्यों, इसके लिए हम आपको बता दें कि सिडनी एयरपोर्ट के रनवे के नीचे से सड़क गुजरती है और उसी प्रकार से अब एशिया में पहली बार भारत के वाराणसी में ऐसा होने वाला है।

इस परियोजना के क्रियान्वयन हेतु आस पास के 12 गांवों से भूमि ली जाएगी। शासन स्तर पर आरंभ हुई प्रक्रिया के पश्चात अब जिला प्रशासन स्थानीय स्तर पर तैयारियों में जुट गया है। शासन से स्वीकृति मिलने के पश्चात एयरपोर्ट के आसपास गांवों में सर्वे आरंभ किया जाएगा। आशा है कि इसी वर्ष से यह प्रक्रिया होगी।

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एवं इस एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए जिला प्रशासन की ओर से अब नए सिरे से जो सर्वे कराया जाएगा। उसमें एयरपोर्ट परिसर के आसपास के गांव कर्मी, धमलपुर, सरायतक्की, बाबतपुर, घमहापुर, सुगनहां, रघुनाथपुर, पुअरा, सिसवा, रामपुर, बसनी और पठकान आदि को पहले चिह्नित किया गया है। यही नहीं अब इसके विस्तार को लेकर कागजी कार्यवाही आरंभ की गई है। बाबतपुर के राजस्व निरीक्षण कानूगो के अनुसार 350 एकड़ भूमि का सर्वे किया गया है। इसमें पहले चरण में पुरारघुनाथपुर, कर्मी, बैकुंठपुर, मंगारी से 109.20 एकड़ भूमि ली जानी है। प्रशासन को इसकी रिपोर्ट भेजी जा चुकी है।

इस‌ परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण में रनवे की लंबाई बढ़ाए जाने का प्रस्ताव भी है, परंतु एयरपोर्ट के पास से गुजर रहे नेशनल हाईवे के लिए एनएचआईए ने रनवे के नीचे से टनल बनाकर हाईवे निकालने की योजना बनाई है। हालांकि सुरक्षा के दृष्टि से इस योजना को कई मंत्रालयों की स्वीकृति की आवश्यकता है। यदि इस टनल को बनाने की स्वीकृति मिलेगी तो यह एशिया का पहला ऐसा रनवे होगा, जिसके नीचे से टनल होगी।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का एयरपोर्ट अब बड़े विमानों की यातायात के लिए तैयार किया जाएगा। इस एयरपोर्ट से ‘कोड-4ई’ प्रकार अर्थात ए 340-500/600 जैसे बड़े विमान उड़ान भर सकेंगे। इसके लिए 4075 मीटर लंबाई का रनवे बनाया जाएगा।

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मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में बीते दिनों वाराणसी एयरपोर्ट के विस्तारीकरण बैठक में कई बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा हुई। एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना, यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने, एयरपोर्ट को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने, विस्तारीकरण व प्रतिकूल मौसम के बीच सुरक्षित लैंडिंग कर यात्रा को सुरक्षित बनाने के प्रयासों पर विस्तार से चर्चा हुई। जिसमें प्रस्तावित रनवे के अंतर्गत नेशनल हाईवे-56 के लिए अंडरपास भी बनाया जाना है।

अधिकारियों ने बताया कि एयरपोर्ट का विस्तार करने के लिए कुल 260.4 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। इसके साथ ही रनवे की एयरक्राफ्ट हैंडलिंग क्षमता बढ़ाने के लिए पूर्ण लंबाई के समानांतर टैक्सी ट्रैक का निर्माण व रनवे पर एप्रोच लाइट की स्थापना की जाएगी।इसके अतिरिक्त टर्मिनल भवन व अन्य के लिए 89.6 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी।

जानकारी हेतु बता दें कि वर्तमान में एयरपोर्ट का रन-वे छोटा है। अभी इसकी लंबाई 2745 मीटर ही है। एयरपोर्ट विस्तार के पश्चात रनवे 4075 मीटर लंबा हो जाएगा। एयरपोर्ट के विस्तार के पश्चात बोइंग विमान 777, ए 340-600, ए350-600, 747 जैसे बड़े विमान भी यहां लैंड कर पाएंगे। इन्हें टेकऑफ और लैंडिंग में कोई कठिनाई नहीं आएगी।

तथा महत्वपूर्ण यह है कि एयरपोर्ट के रनवे विस्तार एवं अन्य सुविधाएं बढ़ने से दूसरे बड़े देशों से कनेक्टिविटी भी बढ़ जाएगी। वर्तमान समय में प्रतिदिन 18 से 20 उड़ानों से लगभग 5 से 6 हजार यात्रियों का आवागमन हो रहा है।  रनवे की लंबाई बढ़ाए जाने के पश्चात एयरपोर्ट पर बड़े विमान सरलता से लैंड हो पाएंगे जिससे पर्यटन कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा।

वाराणसी एयरपोर्ट पर अभी एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट, विस्तारा, गो फर्स्ट, बुद्धा एयर और एयर इंडिया एक्सप्रेस आदि विमानन कंपनियों द्वारा विमान संचालित किये जाते हैं। जिसमें अंतरराष्ट्रीय रूट पर बुद्धा एयर और एयर इंडिया एक्सप्रेस द्वारा शारजाह के लिये विमान सेवाएं हैं। कोरोना के पहले यहां से बैंकाक, श्रीलंका, मलेशिया के लिये भी विमान संचालित किये जाते थे।

मित्रों यदि आपको उपरोक्त दी हुई वाराणसी के एयरपोर्ट प्रोजेक्ट की जानकारी पसंद आई हो तो हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

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