उद्घाटन को उत्सुक है उत्तर प्रदेश का नया बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल में यूपी को देश में नंबर एक बनाने का लक्ष्य तय किया है। और वे जानते हैं कि इसको मूर्तरूप रूप कैसे देना है। फलस्वरूप प्रदेश में विकास कार्यों ने अब पहले से भी अधिक गति पकड़ ली है।

योगी कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने औद्योगिक विकास विभाग का कार्यभार ग्रहण कर लिया। जिसका प्रभाव दिखाने लगा है। उससे पहले हम आपको बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) की संक्षिप्त जानकारी देते हैं।

बुंदेलखंड क्षेत्र में सर्व-दिशात्मक विकास के लिए, विशेष रूप से चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, और जालौन जैसे कम विकसित जिलों के विकास को तत्पर उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण का संकल्प लिया था। यह एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से बुंदेलखंड क्षेत्र को जोड़ेगा और साथ ही बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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इस ऐक्सेस कंट्रोलड बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे परियोजना का आरंभ बिंदु है – जिला चित्रकूट में झांसी-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -35 पर भरतकूप के समीप तथा परियोजना का अंतिम बिंदु है आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर जिला इटावा के गाँव कुदराईल के समीप।

परियोजना की कुल लंबाई है 296.07 KM एवं जहाँ से यह एक्सप्रेसवे होकर गुजर रहा है वह हैं चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया व इटावा अर्थात इन 7 जिलों को होगा सर्वाधिक लाभ।

इस एक्सप्रेसवे का निर्माण 04 लेन का हो रहा है जोकी 06 लेन तक विस्तारणीय है, जिसमें सभी संरचनाएँ 06 लेन चौड़ी हो रही हैं एवं परियोजना की आरओडब्ल्यू अर्थात Right of Way अथवा मार्ग की चौड़ाई है 110 मीटर; एक्सप्रेस मार्ग के एक ओर 3.75 एम चौड़ाई की एक सर्विस रोड का निर्माण staggered form में किया जा रहा है ताकि परियोजना क्षेत्र के आस-पास के गांवों के निवासियों को भी सुगम परिवहन सुविधा मिल सके।

इस प्रोजेक्ट की लागत है लगभग 15000 करोड़ रुपये। बुंदेलखण्ड एक्सप्रेसवे के संरेखण पर पड़ने वाली मुख्य नदियों की जानकारी दें तो आपको बता दें की उन नदियों के नाम हैं बागेन, केन, श्यामा, चंदावल, बिरमा, यमुना, बेतवा और सेंगर।

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एक्सप्रेसवे पर जिन संरचनाओं का निर्माण हुआ है अथवा हो रहा है वो हैं:1. 04 रेल ओवर ब्रिज,2. 14 बड़े पुल,3. 06 टोल प्लाजा,4. 07 रैंप प्लाजा,5. 266 छोटे पुल एवं 6. 18 फ्लाई ओवर भी एक्सप्रेसवे पर बनाए जाने हैं जिनका विकास ईपीसी अर्थात इंजीनियरिंग, क्रय, और निर्माण के आधार पर किया जा रहा है।

जानकारी हेतु बता दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 फरवरी 2020 को इस बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे परियोजना की नींव रखी थी साथ ही एक्सप्रेसवे को 2022 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया।

वहीं यदि इस परियोजना की वर्तमान परिस्थिति की बात करें तो आपको बता दें की यूपीडा द्वारा प्रकाशित ताजा आंकड़ों के अनुसार 18 अप्रैल 2022 तक इस बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का समग्र रूप से 92% से अधिक कार्य पूर्ण भी हो चुका है एवं इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य अपने निर्धारित गति से अधिक तीव्रता के साथ सम्पन्न हो रहा है।

यही नहीं परियोजना के मुख्य कैरिजवे में सौ प्रतिशत सीएंडजी कार्य पूर्ण हो चुका है। जबकि 881 में से 864 स्ट्रक्चर बनकर तैयार हो चुके हैं।

सबसे महत्वपूर्ण है कि शेष कार्य पूर्ण होने पर मई माह के अंत अथवा जून माह के पहले सप्ताह में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन कराया जा सकता है।
बता दें किबुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का फरवरी 2020 में कार्य आरंभ हुआ था और 36 महीने में सड़क बननी थी परन्तु केवल 25 महीने में बुंदेलखंड एक्सप्रेस के निर्माण का 92% प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा कर लिया गया है।

परियोजना के लाभ की बात करें तो आपको बता दें की एक्सप्रेसवे के बनने के पश्चात बुंदेलखंड की सीधी रोड कनेक्टिविटी लखनऊ और दिल्ली से हो जाएगी। जिससे पांच घंटे में दिल्ली पहुँचना भी संभव होगा।

परियोजना के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र को आर्थिक और सामाजिक रूप से विकसित किया जाएगा जिससे कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और औद्योगिक आय में वृद्धि होगी। राष्ट्रीय राजधानी के साथ विभिन्न विनिर्माण इकाइयों, विकास केंद्रों और कृषि उत्पादक क्षेत्रों को जोड़ने के लिए, एक्सप्रेसवे के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में, औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा जो क्षेत्र के सर्व दिशात्मक विकास में सहायता करेगा। बता दें की बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निकट हमीरपुर, जालौन में औद्योगिक पार्क बनाए जाएंगे ताकि उद्यमी उद्योग लगा कर  माल शीघ्र व सस्ते में एक्सप्रेसवे के जरिए गंतव्य तक पहुंचा सकें।

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इसके अतिरिक्त आपको बता दें की बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे किनारे साढ़े नौ सौ हेक्टेयर में वन क्षेत्र (पार्क) विकसित होंगे। इससे एक्सप्रेस-वे की सुंदरता और बढ़ेगी। एक्सप्रेस-वे से जुड़े सभी सात जनपदों में यूपीडा 2.70 लाख पौधे रोपित कराएगा। इसमें लगभग दो करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अतिरिक्त एक्सप्रेसवे में डिफेंस कॉरिडोर, पेट्रोल पंप, शौचालय इत्यादि की सुविधाएं भी रहेंगी।

बता दें कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर जून में वाहन दौड़ने लगेंगे। प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी यह दावा किया है। जब की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपीडा को दिसंबर (2021) में इसे चालू करने के निर्देश दिए था। चुनाव पश्चात अब फिर एक्सप्रेसवे के काम में तेजी लाई गई है।

इसपर यह भी बता दें कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के अंतिम छोर कुदरैल (इटावा) की ओर निर्माण कार्य लगभग समाप्त होने को है, परंतु आरंभिक छोर गोंडा (चित्रकूट) से लेकर बांदा और हमीरपुर आदि जनपदों में अभी काफी काम बाकी है। एक्सप्रेसवे जून तक चालू करने के लिए यहां युद्धस्तर पर काम करना होगा।

सरल शब्दों में कहें तो उत्तर प्रदेश को एक वर्ष के भीतर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के पश्चात एक और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने वाली है जिसका उद्घाटन भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शीघ्र ही करेंगे।

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महत्वपूर्ण है कि इस एक्सप्रेसवे के प्रयोग से जहाँ एक ओर वाहनों में ईंधन खपत कम व प्रदूषण घटेगा तो दूसरी ओर जनता का महत्वपूर्ण समय भी बचेगा। और सबसे महत्वपूर्ण की प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में विकास को नई गति मिलेगी।

यह भी महत्वपूर्ण है कि इस बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निकट चित्रकूट में से ही अयोध्या चित्रकूट फोरलेन राम वन गमन मार्ग का निर्माण भी आरंभ हो गया है तथा प्रयागराज से मेरठ तक बनने वाली गंगा एक्सप्रेसवे को भी वाराणसी तक विस्तार देने के लिए कार्य संचालित है तथा इस गंगा एक्सप्रेसवे का भी निर्माण आरंभ हो चुका है।जिसकी जानकारी हमने आपको पिछली वीडियो में दिया था।

मित्रों यदि आपको उपरोक्त दी हुई बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की जानकारी पसंद आई हो तो अपने गांव अथवा जिले का नाम कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

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