अलौकिक होता अयोध्या में भगवन श्री राम का मंदिर निर्माण

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अयोध्या (Ayodhya) में श्रीराम जन्मभूमि (Ram Janmbhumi) परिसर पर राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir Nirman) के लिए कार्य तेजी से जारी है। सबसे पहले आपको हम बता दें कि अयोध्या में बन रहे श्रीराम जन्मभूमि में निर्माणाधीन मंदिर के प्लिंथ का 80 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। तथा यह कार्य 15 अगस्त तक पूरा हो जाएगा। इसी के साथ मंदिर के गर्भगृह मे महापीठ बनने के पश्चात अब परिक्रमा पथ का निर्माण भी आरंभ कर दिया गया है।

अधिक जानकारी हेतु बता दें कि मंदिर के प्लिंथ को बनाये जाने के लिए कर्नाटक के 17000 ग्रेनाइट पत्थरों का उपयोग किया जा रहा हैं। इसमें अब तक लगभग 12000 से अधिक पत्थरों को लगाए जाने का कार्य भी पूरा हो चुका है। एवं अगस्त माह में शेष लगभग 4500 पत्थरों को लगाए जाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। जिस पर की राजस्थान के तरासे गए पत्थरों से मंदिर का निर्माण किया जाएगा।

Ram Mandir Nirman

आपको बता दें कि श्रीरामजन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण तेजी से चल रहा है। अगस्त माह में प्लिंथ निर्माण पूरा हो जाएगा। वर्तमान समय में गर्भगृह पर प्लिंथ की सातवीं लेयर निर्मित हो रही है।

यह भी बता दें कि राम मंदिर की प्लिंथ का कार्य गत 24 जनवरी को आरंभ हुआ और अब जाकर पूरा होने को है। प्लिंथ को राफ्ट की ऊपरी सतह के ऊपर साढ़े छह मीटर की ऊंचाई तक उठाया जा रहा है।

बता दें कि श्री राम मंदिर के निर्माण का कार्य बिना किसी बाधा के दिन-रात चल रहा है। संध्या होते ही दूधिया प्रकाश में निर्माण स्थल का दृश्य आलौकिक हो जाता है। श्री राम मंदिर निर्माण कार्य में महापीठ का निर्माण भी चल रहा है तो उसकी वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने हेतु बता दें कि गर्भगृह निर्माण में डिजायन किए हुए अबतक 215 पत्थर लगाए जा चुके हैं।‌ जिसमें की प्रतिदिन 15 से 20 घंटे कार्य संचालित है।

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यही नहीं जहां एक ओर ग्रेनाइट पत्थरों से मंदिर का चबूतरा बन रहा है तो वहीं दूसरी ओर दिसंबर 2023 तक मंदिर के भूतल के निर्माण का कार्य पूरा करने व भगवान श्री रामलला को गर्भगृह में विराजमान कराये जाने के लक्ष्य को साधने के लिए राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के साथ रिटेनिंगवाल व परकोटे के निर्माण का कार्य भी किया जा रहा है।

ट्रस्ट के अनुसार रिटेनिंगवाल के निर्माण में तीन दिशा में लगभग 12 मीटर ऊँचे भराई का कार्य किया जा चुका है। अर्थात भूतल के बराबर कार्य किया जा रहा है। जिसके पश्चात उस पर परकोटे का निर्माण किया जाएगा।

बता दें कि अयोध्या में बन रहे रामलला के भव्य मंदिर के गर्भगृह में 14 द्वार होंगे। इनके द्वारों पर मकराना मार्बल से चौखट और बाजू बनाए जा रहे हैं। मंदिर के चौखट राममंदिर कार्यशाला में लाए जा चुके हैं। इन्हीं पत्थरों से मंदिर के गर्भग्रह के सभी द्वार की चौखट बाजू बनाए जा रहे हैं। विशेष बात ये है कि इनकी नक्काशी मुस्लिम कारीगर कर रहे हैं। जी हां मकराना के जिन पत्थरों की नक्काशी जिस फर्म को दी गई है वो मुस्लिम फर्म ही‍ है यह भी बताना हमारा कर्तव्य है।

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इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि अयोध्या में रामलला के मंदिर में रामलला का बालस्वरूप भी स्थापित होगा। ट्रस्ट ने इसे लेकर हाल ही निर्णय लिया है। यह बालस्वरूप 5 फुट का और सफेद पत्थर से निर्मित होगा। बताया जा रहा है कि रामलला के मंदिर की अचल प्रतिमा को अयोध्या में ही कुशल कारीगर प्रकांड विद्वानों के निर्देशन में तैयार करेंगे।

राम मंदिर में भगवान रामलला को दिसंबर 2023 तक विराजमान कराए जाने की तैयारी है। गर्भगृह में भगवान की वर्तमान मूर्ति के साथ एक बड़ी मूर्ति को भी स्थापित करने की योजना है।

ट्रस्ट के अनुसार भगवान श्री रामलला के बाल रूप को सफेद मार्बल से बनाए जाने के लिए ट्रस्ट विचार कर रहा है। इस मूर्ति को राजस्थान के मकराना के कारीगर अयोध्या में ही तैयार करेंगे।

बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर के गर्भगृह के निर्माण कार्य के लिए दिसम्बर 2023 तक का समय निर्धारित किया है। वहीं, जनवरी 2024 में भगवान श्री रामलला के चल व अचल मूर्ति को विराजमान कराए जाने की तैयारी भी कर रहा है। ट्रस्ट के अनुसार भगवान के सभी मंदिरों में चल व अचल मूर्ति की व्यवस्थाएं हैं। वर्तमान में यहां पर जो मूर्ति है, उसका स्वरूप छोटा है। लोग दूर से भगवान के दर्शन कर सकें इसलिए एक बड़ी मूर्ति लगाने पर विचार किया है।

Ram Mandir Nirman

ट्रस्ट के अनुसार मंदिर के गर्भगृह में लगभग 5 फुट की मूर्ति लगाई जाएगी। उतर भारत में सफेद रंग के शिला का पूजन होता है इसलिए संगमरमर से ही रामलला की मूर्ति उचित होगी।
यही नहीं आपको बता दें कि रामनवमी के दिन सूर्य देव की किरणों से गर्भगृह जगमगा उठे, इस पर आर्किटेक्ट काम कर रहे हैं। जी हां, रामनवमी के दिन भगवान सूर्य अपनी पहली किरण से रामलला का अभिषेक करेंगे। मंदिर निर्माण में इस प्रकार की व्यवस्था की जा रही है कि सूर्य की पहली किरण रामलला के मस्तक को प्रकाशित करे।

इसके अतिरिक्त 70 एकड़ के मंदिर परिसर में 50 एकड़ क्षेत्र में हरियाली रहेगी। केवल 20 एकड़ में ही मंदिर और इससे संबंधित निर्माण होंगे। मंदिर परिसर के आस-पास रिक्त भूमि नहीं है ऐसे में पार्किंग की व्यवस्था परिसर से दूर की जाएगी। सरकार इसको ध्यान में रखकर योजनाओं पर काम कर रही है। इसमें सड़कों का चौड़ीकरण भी सम्मिलित हैं।

इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि भारत सरकार की संस्था दूरदर्शन प्रसार भारती राम मंदिर के 500 वर्षों के इतिहास और संघर्षों का डाटा कलेक्ट कर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाएगी। इस कार्य को करने के लिए प्रसार भारती ने एजेंसी का चयन भी कर लिया है। डॉक्यूमेंट्री फिल्म पर खर्च होने वाले रुपए, फ़िल्म के इंस्पान्सर, 500 वर्षों का डाटा और फोटो कलेक्ट करने सहित सारे टेक्निकल कार्यों के लिए संस्था का चयन करने का दायित्व प्रसार भारती ने लिया है।

महत्वपूर्ण है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राममंदिर में श्रीरामलला को भव्य गर्भगृह में विराजित करने का समय दिसंबर 2023 निर्धारित कर रखा है। इसके लिए मंदिर के निर्माण का कार्य तेज गति से किया भी जा रहा है। राममंदिर की फर्श लगभग तैयार हो चुकी है। जिसे अब फाइनल टच दिया जा रहा है। इसके पश्चात राममन्दिर का सुपर स्ट्रक्चर अर्थात गृभगृह का निर्माण कार्य तेज होना है। गृभगृह में लगने वाले सवा दो सौ बीम की नक्काशी के लिए अभी तक डेढ़ दर्जन कारीगर थे इनकी संख्या को बढ़ाकर सवा सौ किया जा रहा है।

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विशेष यह है कि अयोध्या में बनने वाला भगवान राम का मंदिर इतना भव्य और दिव्य होगा जिसकी कल्पना करना भी कठिन है। रामलला के मंदिर की कई विशेषताओं में से एक विशेषता ये होगी कि रामनवमी के दिन रामलला का अभिषेक सूर्य की पहली किरण से होगा। यही नहीं मंदिर परिसर में रामायणकालीन वृक्ष लगाए जा रहे हैं। अर्थात आने वाले दिनों में जब राम मंदिर बनकर तैयार होगा और आप उसके दर्शन करने जाएंगे तो आप अपनी आखों से उस दिव्यता का अनुभव कर पाएंगे जो राम राज्य में मिला करती थी।

मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई श्री राम मंदिर निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

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