कानपुर के नए एयरपोर्ट निर्माण ने उड़ाए होश
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Kanpur Railway Station Redevelopment : किसी भी देश को विकसित होने के लिए वहां की आधारभूत संरचनाओं का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। और इसकी महत्ता को समझते हुए देश की वर्तमान सरकार भारत के विभिन्न आधारभूत संरचनाओं का अभूतपूर्व विकास कर रही है। फिर चाहे वो रेल व रोड नेटवर्क हो अथवा विकास की दौड़ में गति बनाने के लिए बुलेट ट्रेन मेट्रो व एक्सप्रेसवे आदि का निर्माण, या फिर एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण। इस समय संपूर्ण भारत में हर ओर कोई ना कोई विकास कार्य संचालित है जिसका अनुभव आप स्वयं भी अपने क्षेत्र में रहकर कर रहे होंगे।
इसी क्रम में आज हम आपको उत्तर भारत के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन के विश्वस्तरीय होने की परियोजना की विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं। परियोजना की जानकारी देने हेतु बता दें कि रेलवे बोर्ड ने कानपुर रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तरह स्मार्ट बनाने के लिए बीते 6 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के 508 रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत कानपुर रेलवे स्टेशन को भी पुनर्विकसित करने के लिए वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर परियोजना का शिलान्यास किया।
रेलवे स्टेशनों को बेहतर लुक देने की प्रक्रिया पूरे देश में हो रही है। खासकर बड़े स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है। इसी क्रम में यूपी के कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन का नाम भी जुड़ा है। 712 करोड़ रुपये से होने वाले कार्यों के लिए टेंडर मांगे गए। कानपुर सेंट्रल स्टेशन का नजारा मुंबई एयरपोर्ट की तरह दिखेगा। घंटाघर चौराहे से सीधे पोर्टिको तक पहुंचने के लिए रिजर्व कॉरिडोर होगा। सिटी और कैंट साइड स्टेशन का लुक भी परिवर्तित होगा।
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पहले हम आपको कानपुर सेंट्रल स्टेशन की थ्रीडी मॉडल को दर्शाते हैं, जिसकी खूबसूरती देखकर लोग स्तब्ध हैं। कानपुर सेंट्रल स्टेशन किसी एयरपोर्ट जैसा लगेगा। एयरपोर्ट में पैसेंजर के लिए शॉपिंग की सुविधा होती है। स्टेशन पर एक कॉमर्शियल सेंट्रल डेवलप होगा। जो मेन बिल्डिंग है सिटी साइड की ओर बनकर तैयार हो रहा है। उसके दोनो साइड में कॉमर्शियल टॉवर है। उसके ऊपर भी कॉमर्शियल स्पेस होगा।
यात्रियों के साथ ही बाहर के लोग भी उस मॉल में जा सकते हैं। एसटीपी लगाए जाएंगे, गंदगी होते ही उसका निस्तारण हो जाएगा। रेलवे के दोनो साइड एक हो जाएंगे, किसी तरह का बटवारा नहीं होगा। मेट्रो के साथ भी जुड़ जाएंगे। यात्री स्टेशन पर उतरेंगे, और वहीं से उन्हे मेट्रो की सुविधा मिल जाएगी। यह नगर के लिए बड़ी उपलब्धी होगी। प्लेटफार्म की संख्या 10 के स्थान पर 13 हो जाएगी, जबकि अंदर आने व निकलने के अलग अलग रास्ते होंगे। हर प्लेटफार्म पर स्वचलित सीढियों के साथ लिफ्ट भी होगी।
विशेषताओं की अधिक जानकारी देने हेतु बता दें कि यहां पर
– सिटी साइड थ्री स्टार होटल कम मॉल
– 500 वाहनों की रिजर्व पार्किंग
– एक परिसर में जनरल कम रिजर्वेशन सेंटर
– 200 यात्रियों की क्षमता वाला यात्रिघर
– घंटाघर से पोर्टिको तक रिजर्व कॉरिडोर
– पोर्टिको से सीधे हैरिसगंज पुल को आउट लेन
– आटोमैटिक टिकट वेडिंग मशीनें हर प्लेटफार्म पर
– बुजुर्गों के लिए बैटरीचालित मोट्रर ट्राली
– प्रवेश गेट पर ट्रेन शेड्यूल डिस्प्ले बोर्ड आदि।
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कानपुर रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना की वर्तमान परिस्थिति आपको हम दर्शाते हुए बता दें कि कानपुर सेंट्रल स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने का दायित्व एचजी इन्फ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी को मिला है। पुनर्विकास योजना के अंतर्गत स्टेशन के कायाकल्प और सुविधाओं के लिए कंपनी को काम आवंटित कर दिया गया है। सेंट्रल के कायाकल्प के लिए प्रयागराज मंडल मुख्यालय से 655 करोड़ रुपए का काम कंपनी को दिया गया है। वैसे बजट में ही स्टेशन के कायाकल्प को बनाने का प्रावधान किया गया था। रेलवे स्टेशन के इस काम के लिए सात कंपनियों ने टेंडर डाले थे। सेंट्रल स्टेशन के कायाकल्प का काम कंपनी को तीन वर्ष में पूरा करना होगा। स्टेशन के सिटी साइड प्रस्तावित की गई है। बहुखंडीय इमारत में एक ही छत के नीचे जनरल कम रिजर्वेशन टिकट की सुविधा होगी।
बता दें कि सरकार द्वारा चल रही स्टेशन पुनर्विकास योजना के अंतर्गत सबसे पहले भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को पुनर्विकसित किया जा चुका है। बता दे कि उत्तर मध्य रेलवे के 17 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए लगभग पांच हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
पुनर्विकास योजना के अंतर्गत कानपुर सेंट्रल के सिटी साइड में वाहनों को खड़ा करने के लिए भूमिगत पार्किंग बनाई जाएगी। इसकी क्षमता एक समय में 500 वाहनों को खड़े करने की होगी। इसके ऊपर थ्री स्टार होटल होगा। इसी बहुउद्देश्यीय इमारत में शॉपिंग मॉल होगा। घंटाघर से आने वाले वाहन सीधे पोर्टिको में जाकर सवारियों को उतारेंगे और आगे चलकर हैरिसगंज पुल के सामने के गेट से बाहर निकलेंगे। इसमें एक ही बिल्डिंग में आरक्षण केंद्र, जनरल टिकटघर सिटी साइड में बनेंगे।
अधिक जानकारी देने हेतु बता दें कि सेंट्रल स्टेशन के अगस्त में शिलान्यास के पश्चात अब भूस्तर पर पुनर्विकास का कार्य तीव्र गति से आरंभ हो चुका है। कार्यदायी संस्था स्वाधीनता से पहले निर्मित जनरल टिकट भवन को ढहा रही है।
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जनरल टिकट भवन पहले तोड़ा जाना है। इसके लिए तकनीक बनाकर कार्य आरंभ कर दिया गया है। इसके थोड़े-थोड़े हिस्से को तोड़ा जाएगा, जिससे भवन ढहाते समय यात्रियों की आवाजाही पर कोई ब्रेक नहीं लगे।
बता दें कि कानपुर सेंट्रल स्टेशन 20 लाख रुपये की लागत से ब्रिटिश काल में बना था। इसको बनाने का काम मार्च-1928 में आरंभ हुआ था और मार्च-1930 में बनकर चालू हो गया था। परंतु यह भवन अब इतिहास बन जाएगा। इसे बुलडोजर से एकदम ढहाने के बजाय थोड़ी-थोड़ी जगह से ईंटें हटाने की तकनीक से तोड़ा जाएगा। इससे सिटी साइड पर यात्रियों का यातायात भी नहीं रुकेगी।
यह भी बता दें कि नई दिल्ली से हावड़ा के रूट पर पड़ने वाला कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन देश का तीसरा सबसे व्यस्त स्टेशन है। यहां पर 10 प्लेटफार्म हैं, जिनसे लगभग 350 ट्रेनें प्रतिदिन गुजरती हैं। 1930 में कानपुर सेंट्रल स्टेशन का आरंभ हुआ। और वर्तमान में यहां से प्रतिदिन लगभग 3 लाख यात्री यात्रा करते हैं।
परंतु इतिहास के भरोसे ऐसे भविष्य का निर्माण नहीं किया जा सकता जो नए इतिहास का सृजन करे। इसी उद्देश्य से भविष्य की आवश्यकता व वर्तमान गति के साथ कदमताल करने हेतु कानपुर रेलवे स्टेशन को पुनर्विकसित करने की योजना पर कार्य संचालित है। आपकी इसपर क्या विचार हैं वह हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर अवश्य बताएं।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-