भारत के दुसरे बुलेट ट्रेन परियोजना पर आई बड़ी खुशखबरी
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Varanasi Kolkata Bullet Train : देश के विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से भारत में वृहद High speed trains का जाल बिछ रहा है जिसमें कि काशी अर्थात भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की भी मुख्य भूमिका सामने आ रही है।
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Varanasi Howrah Bullet Train : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन को लेकर दिल्ली और हावड़ा के मध्य प्रस्तावित हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर में नवीन जानकारी सामने है। उत्तर प्रदेश, बिहार व पश्चिम बंगाल को शीघ्र बुलेट ट्रेन की सौगात मिलने वाली है। वाराणसी हावड़ा के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी की जा रही है।
जहां एक ओर मुंबई कर्णावती बुलेट ट्रेन परियोजना पर कार्य तीव्र गति से संचालित है तो वहीं दूसरी ओर बुलेट ट्रेन पर चढ़ने का स्वप्न बिहार के लोगों का भी शीघ्र ही पूरा होने वाला है। वास्तव में भारतीय रेल ने बिहार की चार स्थानों को स्टेशन बनाने के लिए चिह्नित कर लिया है। नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने बिहार में जो रूट जारी किया है उसके अनुसार बक्सर के पश्चात आरा के उदवंतनगर पटना और गया में स्टेशन बनने हैं। और वाराणसी से हावड़ा की दूरी साढ़े तीन घंटे में होगी तय। भोजपुर में एरियल सर्वे के पश्चात अब भूमि का सर्वे आरंभ हो चुका है।
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बता दें कि भोजपुर, पटना और गया के रास्ते दिल्ली से हावड़ा तक बुलेट ट्रेन का सपना भविष्य में पूरा होने वाला है। इसे लेकर एरियल सर्वे के पश्चात अब धरातल पर सर्वेक्षण का काम आरंभ हो चुका है। रूट को लेकर बनी भ्रम की स्थिति भी समाप्त हो चुकी है।
नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने बिहार में जो रूट जारी किया है, उसके अनुसार बक्सर के पश्चात आरा के उदवंतनगर, पटना और गया में स्टेशन बनने हैं। बुलेट ट्रेन रूट का एरियल सर्वे हो चुका है और अब सर्वे एजेंसी पिछले दिनों से इसके रास्ते में पड़ने वाले भोजपुर के विद्यमान ढांचा सर्वे का कार्य कर रही है। इसके अंतर्गत सर्वे कंपनी आइडियल इंप्रेशन मार्केट रिसर्च उदवंतनगर में गांव के लोगों से मिलकर उन्हें परियोजना के बारे में बता रही है और उनकी स्वीकृति प्राप्त कर रही है।
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बता दें कि वाराणसी- हावड़ा बुलेट ट्रेन कॉरिडोर दिल्ली-हावड़ा परियोजना का भाग है। इसके अंतर्गत अलग फेज में दिल्ली से वाराणसी वाया लखनऊ-अयोध्या कॉरिडोर पर भी सर्वे का काम भी चल रहा है। जिसकी जानकारी हमारे चैनल पर उपलब्ध है। तथा वाराणसी हावड़ा बुलेट ट्रेन परियोजना के पूरा होने पर भोजपुर से हावड़ा की दूरी तीन घंटे में तय की जा सकेगी। बक्सर से कोलकाता की लगभग 760 किलोमीटर की दूरी मात्र ढाई घंटे में तय की जा सकेगी। वहीं, वाराणसी से हावड़ा की दूरी साढ़े तीन घंटे की रह जाएगी।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि आईआईएमआर कंपनी के सुपरवाइजर रमेश कुमार यादव के अनुसार सोशियो और स्ट्रक्चरल सर्वे के पश्चात मिट्टी जांच की प्रक्रिया आरंभ होगी। तत्पश्चात भूमि के अधिग्रहण का कार्य किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण का कार्य वर्ष 2025 तक आरंभ होने की संभावना है।
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अभी स्ट्रक्चरल और सोशियो सर्वे की जा रही है। साथ ही हाई स्पीड रेल कॉरिडोर में अधिग्रहण की जाने वाली भूमि के प्लाट का वेरिफिकेशन करते हुए रैयतों की स्वीकृति ली जा रही है।
रैयतों से भूमि के कागजात तैयार करने को कहा जा रहा है, जिससे क्षतिपूर्ति की राशि मिलने में कठिनाई न हो। चिह्नित प्लाट में घर, बोरिंग अथवा किसी प्रकार का कंस्ट्रक्शन, पेड़ आदि का क्षतिपूर्ति अलग से देने का प्रावधान है।
वहीं परियोजना में बनने वाले स्टेशनों की जानकारी देने हेतु बता दें कि बनारस कोलकाता हाई स्पीड रेल नेटवर्क के अंतर्गत बक्सर और पटना के बीच उदवंतनगर पहला प्रस्तावित स्टेशन होगा जहां बुलेट ट्रेन का ठहराव हो सकेगा।
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इस रूट से कॉरिडोर की कुल लंबाई लगभग 760 किलोमीटर होगी जिसमें एलिवेटेड रूट, अंडरग्राउंड रूट और एट ग्रेड अर्थात समतल भूमि पर ट्रैक भी सम्मिलित होगा। हालांकि, बक्सर से आरा के मध्य एलिवेटेड रूट ही बनेगा, जिसकी ऊंचाई 20 फीट होगी।
जानकारी के अनुसार, हाई स्पीड बुलेट ट्रेन की गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। कम समय में अधिक दूरी तय करने के उद्देश्य से जापानी तकनीक पर आधारित रेलवे ट्रैक का निर्माण किया जाना है। एलिवेटेड रेलवे ट्रैक के लिए भूमि अधिग्रहण की तैयारी आरंभ हो गई है। हाई स्पीड रेल नेटवर्क तैयार होने पर आवागमन के साथ ही व्यापार सरल होगा।
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बता दें कि हाई स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) 2026 तक मुंबई से कर्णावती तक दौड़ने लगेगी। साथ ही वाराणसी से हावड़ा वाया पटना हाई स्पीड रेल कारिडोर परियोजना भी पटरी पर आती दिखने लगी है।
नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) दिल्ली-हावड़ा बुलेट ट्रेन चलाने पर काम कर रहा है। इसके प्रथम फेज में वाराणसी से हावड़ा कारिडोर बनाया जाएगा। दूसरे फेज में दिल्ली से वाराणसी वाया लखनऊ का निर्माण किया जाएगा। पहले फेज के लिए 760 किलोमीटर की हाई-स्पीड रेल परियोजना प्रस्तावित है।
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इसमें वाराणसी जिले में चिरईगांव विकास खंड के नरायनपुर, उकथी, सिरिस्ती, अमौली, रैमला, छितौनी, बकैनी, देवरिया, धराधर आदि गांवों में सर्वे पूरा हो गया है। भूमि चिह्नित कर ली गई है। परियोजना में जितने किसानों की भूमि चिह्नित की गई है, उनकी सूची भी जारी कर दी गई है।
कई स्थानों पर निशान के पत्थर भी गाड़ दिए गए हैं। अब क्षतिपूर्ति के संबंध में किसानों से उनका आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज लिए जा रहे हैं। कुछ स्थानों पर गांवों को जोड़ने वाली सड़कों पर अंडरपास बनाने के लिए पिलर का स्थान भी तय कर लिया गया है। कारिडोर में एलिवेटेड, भूमिगत होने के साथ ग्रेड (समतल भूमि) पर बिछाई जाएगी। एलिवेटेड भाग की उंचाई 20 फीट होगी।
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वाराणसी हावड़ा बुलेट ट्रेन परियोजना में बनने वाले सभी स्टेशनों की जानकारी देने हेतु बता दें कि इसमें वाराणसी, बक्सर, आरा, पटना व नवादा, धनबाद, आसनसोल, दुर्गापुर, वर्धमान और हावड़ा में कुल 10 स्टेशन बनने हैं। हाई स्पीड रेल से लगभग साढ़े तीन घंटे में वाराणसी से कोलकाता पहुंचना संभव होगा। प्रस्तावित हाई स्पीड रूट पर अधिकतम गति 350 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है।
इस रेलवे लाइन को एक्सप्रेसवे, नेशनल हाईवे व ग्रीनफील्ड क्षेत्र के साथ चलाने की योजना है। कई नगरों में इसकी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मुख्य सड़क के पास से इसे ले जाया जा सकता है। जहां से रेल कारिडोर गुजरेगा उस क्षेत्र में समृद्धि के द्वार खुलेंगे। रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
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महत्वपूर्ण है कि महादेव की नगरी काशी को बहुत बड़ी सौगात मिलेगी। वाराणसी अगले वर्ष तक एशिया के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे भी आरंभ हो जाएगा साथ बुलेट ट्रेन के जुड़ाव से इस विश्व की प्राचीनतम नगर तक आवागमन भी विश्वस्तरीय हो जाएगा।
मित्रों यदि दी हुई वाराणसी बुलेट ट्रेन परियोजना की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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