PM Modi के बनारस का हुआ कायाकल्प दुनिया भौंचक्का
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Namo Ghat Varanasi : भगवान शिव की नगरी काशी जो घाटों के नगर के नाम से विख्यात है, और इस वाराणसी में विश्व का सबसे आधुनिक घाट बन चुका है। जो अब केवल नावों से ही नहीं अपितु रोड व रेल के अतिरिक्त वायु मार्ग से भी जुड़ा होगा।
Namo Ghat Varanasi : मित्रों हम सभी जानते हैं कि काशी विश्व की प्राचीनतम जीवित नगर है, भगवान शिव की प्रयतम नगरी है। इस नगर को घाटों का नगर, मंदिरों का नगर, गलीयों का नगर आदि भी कहा जाता है। वाराणसी को अत्याधुनिक घाट कि सौगात तो पहले ही मिल चुकी थी परंतु अब सुपर घाट की सौगात मिलने वाली है।
वाराणसी में लगभग 84 घाट हैं और उन्हीं में से एक था खिड़कियां घाट जो कि पुनर्विकसित होकर नमो घाट के रूप में जनता के समक्ष है। जो अब वाराणसी का सबसे प्रसिद्ध घाट तो है ही साथ ही पर्यटकों के साथ स्थानीय निवासीयों का प्रमुख भ्रमण स्थल बन चुका है।
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आपको हम पहले ड्रोन व्यू प्रदर्शित करते हुए बता दें कि इस खिड़किया घाट का नाम परिवर्तित कर के नमो घाट कर दिया गया था और इस नमो घाट पर नमस्ते के स्वरुप में तीन सकल्चर भी स्थापित किए गए जो इस घाट के पहचान तथा घाट ही नहीं अपितु काशी का पहचान भी बन चुके हैं। परंतु विकास का क्रम यहीं थमने वाला नहीं। इस नमो घाट परियोजना का जो द्वितीय व तृतीय चरण है वह और भी भव्य है क्योंकि इसमें कई सारी ऐसे सुविधाएं मिलने वाली है। जो कि घाट पर होने का कभी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। और इसलिए हम इस द्वितीय व तृतीय चरण के अंतर्गत बनने वाले घाट को सुपर घाट की संज्ञा दे रहे हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमो (खिड़किया) घाट के द्वितीय चरण का कार्य अब पूर्ण हो चुका है। इसमें नमो घाट से आदिकेशव घाट तक पुनर्विकास किया गया है।
बता दें कि काशी के उत्तरी छोर पर आकार पा रहे नमो घाट का आदिकेशव घाट तक विस्तार किया जा रहा है। इसमें सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जा रहा है।
नमो घाट के दूसरे चरण का कार्य पूरा हो चुका है। इसमें इस घाट पर पार्क और रेस्टोरेंट बनाए गए हैं। तथा यह घाट वायु मार्ग से जुड़ गया है। फेज दो के अंतर्गत घाट पर पार्क, गंगा विसर्जन कुंड, गेस्ट हाउस, फूड कोर्ट के साथ रेस्टोरेंट का निर्माण कराया गया है। जिसकी वर्तमान परिस्थिति आपके स्क्रीन पर उपलब्ध है।
बता दें कि यह पुनर्विकास परियोजना वाराणसी स्मार्ट सिटी द्वारा संपन्न हुआ है। तथा इस परियोजना के अंतर्गत जल मार्ग की व्यवस्था के लिए घाट पर फ्लोटिंग जेटी बनाई गई है।
नमो घाट की दीवारों पर काशी की कला और संस्कृति की झलक दिखेगी। यहां सेल्फी प्वाइंट भी बना है। यह काशी का एकमात्र घाट है तो जल, थल और वायु मार्ग से जुड़ेगा।
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नमो घाट परियोजना के विशेषताओं की जानकारी देने हेतु बता दें कि प्रथम चरण में घाट का निर्माण, सूर्य नमस्कार स्टेचू, जेटी, ओपन एयर थियेटर, शौचालय, फूट कोर्ट, स्मारिका प्लाजा आदि बनाया गया है। द्वितीय व तृतीय चरण मे विसर्जन कुंड, हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए मल्टीपरपज ग्राउंड, किड्स प्ले एरिया, ओपन थियेटर, वाटर स्पोर्ट्स, रैंप, कैफेटेरिया, शौचालय आदि का निर्माण हुआ है।
इस मल्टीपरपज ग्राउंड पर तीन-तीन हेलीकॉप्टरों की एक साथ लैंडिंग हो सकती है। इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड ने द्वितीय व तृतीय चरण का कार्य पूरा किया गया है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि वाराणसी स्मार्ट सिटी के नमो घाट पर हेलीपैड बाढ़ रेखा के उच्चतम स्थान पर बहुउद्देश्यीय कार्यों के लिए बनाया गया है। काशी में हेली टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ ही आपदा और आपातकाल में भी इसका उपयोग किया जाएगा। यह 140×60 मीटर के आकार का है
आपको समझने में सरलता हो इसलिए हम आपको ड्रोन व्यू दर्शाते हुए बता दें कि शीघ्र ही इस घाट का औपचारिक उद्घाटन कर जनता को समर्पित किया जाएगा। प्राचीनता और आधुनिकता के साथ तालमेल मिलाकर चलती काशी के घाटों की श्रृंखला में एक और पक्का घाट व वाराणसी के पहले मॉडल घाट के रूप में नमो घाट जुड़ गया है। इसका विस्तार नमो घाट से आदिकेशव घाट तक लगभग 1.5 किलोमीटर में हुआ है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि घाट की बनावट और अंतर्राष्ट्रीय सुविधा के साथ नमस्ते की स्कल्पचर पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। जल, थल और नभ से जुडऩे वाले यह पहला घाट होगा, जहां पर हेलीकाप्टर उतर सकेगा। यहां फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन, ओपन एयर थियेटर, विसर्जन कुंड, फ्लोटिंग जेटी पर बाथिंग कुंड व चेंजिंग रूम का भी निर्माण हुआ है। योगा स्थल, वाटर स्पोर्ट्स, चिल्ड्रन प्ले एरिया, कैफेटेरिया के अतिरिक्त अन्य सुविधाएं भी होंगी। इसका निर्माण 81000 स्क्वायर मीटर में 91.06 करोड़ से किया गया है।
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यही नहीं, नमो घाट के पुनर्विकास में मेक इन इंडिया का विशेष ध्यान दिया गया है। इस घाट पर वोकल फॉर लोकल भी दिखेगा। यहां से पर्यटक सुबह-ए-बनारस का नजारा और गंगा आरती में सम्मिलित हो सकेंगे।
इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि यहां पर आप वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स का आनंद ले सकेंगे, सेहतमंद रहने के लिए सुबह मॉर्निंग वाक, व्यायाम और योग कर सकेंगे। दिव्यांगजन और बुजुर्गों के लिए मां गंगा के चरणों तक रैम्प बना है। ओपेन थियेटर है, लाइब्रेरी, वीआईपी लाउंज, बनारसी खान-पान के लिए फूड कोर्ट और मल्टीपर्पज प्लेटफार्म है। यहां हेलीकाप्टर उतरने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हो सकता है।
गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सीएनजी से चलने वाली नाव के लिए एशिया का पहला फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन भी नमो घाट पर बना है। इसके अतिरिक्त अन्य गाडिय़ों के लिए भी यहां अलग से सीएनजी स्टेशन है। नमो घाट से क्रूज के माध्यम पास के अन्य नगरों का भ्रमण भी किया जा सकता है।
बता दें कि नमो घाट पर खास विसर्जन कुंड बना है, जिससे लोग पूजन सामग्री माला फूल, मूर्ति विसर्जन इत्यादि कर सके और मां गंगा को प्रदूषित भी न करें। घाट के किनारे हरियाली के लिए और मिट्टी का कटान न हो इसके लिए पौधरोपण होगा। आस्था की डुबकी लगाने के लिए अन्य घाटों की प्रकार से पक्का घाट बना है। यहां सीढिय़ों के साथ ही रैम्प भी बनाया गया है।
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घाट का निर्माण गेबियन और रेटेशन वाल से तैयार किया गया है। इससे बाढ़ में घाट सुरक्षित रहेगा। तथा इस खिड़किया घाट तक गाडिय़ां जा सकती हैं। घाट पर ही वाहन के पार्किंग की व्यवस्था है। नमो घाट का पुनर्निर्माण दो चरणों में हुआ है। पहले चरण के निर्माण के पश्चात ये स्थान जनता के लिए खोल दी गई थी। इसका आनंद पर्यटक ले रहे हैं। अब दूसरे चरण के निर्माण के पश्चात पूरा नमो घाट उद्घाटन के लिए लगभग तैयार हो गया है, जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।
आपको हम ग्राउंड जीरो से निर्माण कार्य कि वर्तमान परिस्थिति दर्शाते हुए आपको बता दें कि यहां पर एक और 75 फीट का नमस्ते स्कल्पचर ब्रांज का लगेगा, जो फेज -1 में लगे नमस्ते स्कल्पचर से काफी ऊँचा होगा। वाराणसी के नमों घाट पर नमस्ते के आकार के पहले से तीन स्कल्पचर हैं। जहां पर बड़ी संख्या में लोग सेल्फी लेते भी दिखाई देते हैं। यह स्कल्पचर सूर्य का अभिवादन तथा माँ गंगा को प्रणाम करता हुआ है।
जानकारी हेतु बता दें कि यहां पर नमस्ते के आकार के तीन स्कल्प्चर के अतिरिक्त चौथा स्कल्प्चर भी लगाने का कार्य संचालित है जिसे शीघ्र ही पूरा कर स्थापित कर दिया जाएगा।
वर्तमान में जो नमस्ते आकार का तीन स्कल्प्चर स्थापित किया गया है उसमें दो की ऊंचाई 25-25 फीट है जबकि एक थोड़ा कम 15 फिट ऊंचा है। चौथा स्कल्प्चर जो स्थापित होगा उसकी ऊंचाई लगभग 75 फीट होगी। वर्तमान में तीन स्कल्प्चर जो स्थापित हुए हैं वे मोल्डेड एलाय धातु से बने हैं जबकि चौथा स्कल्प्चर कापर का बनाया गया है। जो कि इस घाट को हिंदूत्व से जोड़कर समग्र विश्व में सनातन आस्था व संस्कृति को बढ़ावा देगा।
सबसे महत्वपूर्ण है यहां एक ओर नगर के मुख्य घाट जैसे कि दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, मणिकर्णिका घाट इत्यादि पर पर्यटकों को पहुंचने में अत्यधिक कष्ट का सामना करना पड़ता है। तो वही दूसरी ओर इस खिड़कियां घाट अर्थात नमो घाट पर आप अपनी कार अथवा दो पहिए से ही सरलता से सीधा नीचे तक अर्थात घाट तक पहुंच सकते हैं। जिससे की समय व धन की बचत होगी तथा इस इको टूरिज्म से पर्यावरण को भी लाभ होगा।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको नामो घाट की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें: