800 करोड़ से होगा Mathura Railway Station का भव्य Redevelopment
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Mathura Railway Station Redevelopment : किसी भी देश को विकसित होने के लिए वहां की आधारभूत संरचनाओं का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। और इसकी महत्ता को समझते हुए देश की वर्तमान सरकार भारत के विभिन्न आधारभूत संरचना का अभूतपूर्व विकास कर रही है। फिर चाहे वो रेल व रोड नेटवर्क हो अथवा विकास की दौड़ में गति बनाने के लिए बुलेट ट्रेन मेट्रो व एक्सप्रेसवे आदि का निर्माण, या फिर एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण। इस समय संपूर्ण भारत में हर ओर कोई ना कोई विकास कार्य संचालित है जिसका अनुभव आप स्वयं भी अपने क्षेत्र में रहकर कर रहे होंगे।
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इसी क्रम में आज हम आपको उत्तर भारत के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन के विश्वस्तरीय होने की परियोजना की विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं। परियोजना की जानकारी देने हेतु बता दें की देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में सम्मिलित मथुरा जंक्शन पर अब प्लेटफार्म की संख्या बढ़ने जा रही है। यहां दो नए प्लेटफार्म तैयार किए जा रहे हैं। इनके बनने से स्टेशन पर प्लेटफार्म की संख्या 12 हो जाएगी। प्लेटफार्म संख्या 11 और 12 का विकास गोपाल नगर साइट की ओर हो रहा है।
परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार देश भर में रेलवे स्टेशनों का स्थापना दिवस एक महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। मथुरा रेलवे स्टेशन को स्थापित हुए 119 वर्ष हो गए हैं। इस स्टेशन का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रहा है, जो इसे देश के अन्य स्टेशनों से अलग करता है।
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आगरा मंडल में पुनर्विकास योजना के अंतर्गत दो स्टेशन आगरा व मथुरा का उच्चीकरण तथा विकास किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने ढेर सारी यात्री सुविधाओं के साथ मथुरा स्टेशन के पुनर्निर्माण के प्रस्ताव को अक्टूबर २०२३ को स्वीकृति दे दी है। मथुरा एक धार्मिक नगर है। मथुरा उत्तर मध्य रेलवे जोन के आगरा मंडल के अंतर्गत आता है। इस स्टेशन के पुनर्विकास में लगभग 800 करोड़ रूपए की लागत आएगी।
बता दें कि धार्मिक और व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्टेशन मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन देश के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक है, जो कि ऐतिहासिक महत्व रखता है। ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के समयावधि में स्थापित स्टेशन ने परिवहन और व्यापार को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की सबसे बड़ा तेल रिफाइनरियों में से एक रिफायनरी मथुरा में स्थित है।
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मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन की स्थापना वर्ष 1904 में हुई थी। मथुरा कैंट लाइन 1875 में बंबई, बड़ौदा और मध्य भारतीय रेलवे द्वारा खोली गई थी। यह 1952 में पूर्वोत्तर रेलवे को हस्तांतरित किया गया था। 2009 में मथुरा-कासगंज लाइन को मीटर गेज से परिवर्तित कर ब्रॉडगेज किया गया। इस जंक्शन से 7 लाइनें गुजरती हैं। यही कारण है कि मथुरा जंक्शन भारत का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन र्है। उत्तर से दक्षिण भारत तथा राजस्थान के लिए रेलवे लाइन इसी स्टेशन से होकर गुजरती है।
बता दें कि मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन से वर्तमान में 425 से अधिक ट्रेनों का आवागमन होता है। इनमें 200 से अधिक यात्री ट्रेनें और 225 मालगाड़ियां सम्मिलित हैं। ऐसे में वर्तमान के प्लेटफार्म अधिकतम समय व्यस्त रहते हैं। इस स्थिति को देखते हुए दो नए प्लेटफार्म बनाए जा रहे हैं। दोनों नए प्लेटफार्म स्टेशन की दो नंबर एंट्री गोपाल नगर की ओर तैयार हो रहे हैं। वर्तमान में यहां 10 प्लेटफार्म उपलब्ध हैं। नए प्लेटफार्म नंबर 11 और 12 का निर्माण होने से स्टेशन पर भीड़ का भार कम हो जाएगा।
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माना जा रहा है कि नए प्लेटफार्म से अलवर ट्रैक की दो पेसेंजर और दो एक्सप्रेस के साथ मथुरा-शकूरबस्ती और मथुरा गाजियाबाद शटल का संचालन होगा। शकूरबस्ती और गाजियाबाद शटल का रात्रि ठहराव भी इन प्लेटफार्म पर ही किया जाएगा। इसके अतिरिक्त दोनों प्लेटफार्म कोटा, अहमदाबाद की ओर जाने वाली ट्रेनों के लिए भी उपयोगी होंगे। इस ट्रैक पर बड़ी संख्या में ट्रेनों का आवागमन होता है। इन दोनों प्लेटफार्म को बनाने के लिए मिट्टी डालने का काम आरंभ कर दिया है।
बता दें कि मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन से पांच रूट निकलते हैं। इसमें मथुरा-दिल्ली, मथुरा-आगरा, मथुरा-कासगंज, मथुरा-अलवर, मथुरा-भरतपुर सम्मिलित हैं। यही कारण है कि यहां यात्री भीड़ का भार रहता है। यात्री गाड़ियों के साथ ही मालगाड़ियां भी यहां से विभिन्न रूट के लिए गुजरती हैं।
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रेलवे बोर्ड ने मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। जिसके अंतर्गत यहां प्लेटफॉर्म की संख्या और यात्री सुविधाओं को बढ़ाया जायेगा। मथुरा का यह रेलवे स्टेशन उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल के अंतर्गत आता है।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में हुई रेल यातायात में वृद्धि के कारण इस स्टेशन के नवीनीकरण की आवश्यकता की अपेक्षा की जा रही थी। इस प्रस्ताव के अंतर्गत स्टेशन पर दो नये प्लेटफॉर्म की सुविधा बढ़ेगी, एक प्लेटफॉर्म का विस्तार किया जाएगा और रेलगाड़ियों के सुरक्षित संचालन के लिए विद्युत इंटरलॉकिंग के साथ-साथ कई रेलवे पटरियों का पुनर्निर्माण किया जायेगा। जिससे रेलगाड़ियों का संचालन सुगम हो सकेगा।
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नवीनीकरण के पश्चात कासगंज होते हुए देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र और भरतपुर तथा अछनेरा से होते हुए देश के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र से दिल्ली आने वाली रेलगाड़ियों का समय बचेगा और उनकी गति में सुधार होगा। इसके साथ ही मालढुलाई रेलगाड़ियों के परिचालन में भी तेजी आएगी।
आगरा मंडल के मथुरा स्टेशन पर यार्ड रीमॉडलिंग के चलते नॉन-इंटरलॉकिंग का कार्य भी संचालित है। इसके कारण कई ट्रेनों को निरस्त, आंशिक निरस्त, मार्ग परिवर्तन और रेगुलेट किया गया है। ट्रेनों का संचालन कुछ कुछ समय तक प्रभावित रहा है। इसमें मेल एक्सप्रेस, पैसेंजर और ईएमयू तक सम्मिलित हैं।
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मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको मथुरा रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री कृष्ण अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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