बन रहा है विश्व का सबसे ऊँचा श्री कृष्णा मंदिर Chandrodaya Mandir Vrindavan

Getting your Trinity Audio player ready...

Chandrodaya Mandir Vrindavan : मित्रों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि देश के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर का अयोध्या में उद्घाटन हो चुका है। जो भारत व हिंदुत्व के मान व सम्मान से भी जुड़ा है। परंतु विश्व के सबसे ऊंचे व भव्य मंदिर का निर्माण कार्य भी संचालित है जिसकी जानकारी कम ही लोगों को है।

Chandrodaya Mandir Vrindavan
Chandrodaya Mandir Vrindavan

जी हां हम बात कर रहे हैं वृंदावन स्थित चन्द्रोदय मंदिर की जो केवल विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर ही नहीं है अपितु यह विश्व के सबसे ऊंची इमारतों में से एक भी होगा। आईए हम आपको इससे जुड़ी सभी जानकारी विस्तार से देते हैं तो कृपया करके वीडियो को लाईक कर चैनल को सब्सक्राइब अवश्य करें क्योंकि हम ऐसी जानकारी आप तक लाते रहते हैं।

वृंदावन चंद्रोदय मंदिर विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर है, जो अभी मथुरा के वृंदावन में निर्माणाधीन है। यह मंदिर 5 एकड़ में फैला हुआ हैं, और इसकी ऊंचाई 700 फीट की है।

Read Also
अयोध्या को एक और बड़ी सौगात – Ayodhya Cantt Railway Station Redevelopment

अब वाराणसी की बदलेगी सूरत, Varanasi Airport New Terminal

सबसे पहले हम आपको इस मंदिर के कालचक्र की जानकारी देते हैं। बता दें कि इस मंदिर आधारशिला 16 नवंबर 2014 को भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रखी थी। मंदिर के भूमि पूजन में मथुरा की सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी भी उपस्थित थीं। परन्तु कहते हैं ना कि प्रत्येक शुभ और बड़े कार्य को करने में विघ्न बाधा अवश्य आती है तो इस मंदिर के निर्माण में भी कुछ ऐसा ही हुआ। इस चंद्रोदय मंदिर के निर्माण को रोकने के लिए भी प्रयास हुआ तथा नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में पर्यावरण को हानि होने का दावा करते हुए याचिका दाखिल किया गया, जिसके कारण से निर्माण में विलंब हुआ। और मूल वास्तुशिल्प डिजाइन को दो बार (2019 और 2022 ) परिवर्तित गया है।

परंतु होईहे सोई जो राम रची राखा। और आज तीव्र गति से होता हुआ विश्व के सबसे ऊंचे मंदिर का निर्माण अपने सभी अवरोधों को ध्वस्त कर अपने पूर्णता की ओर अग्रसर है। आइए अब हम आपको इस चंद्रोदय मंदिर की विशेषताओं की जानकारी देते हैं। बता दें कि वृंदावन का यह चंद्रोदय मंदिर 70 तलीय होगा और विश्व का सबसे ऊंचा चंद्रोदय मंदिर 210 मीटर ऊंचा होगा।

Chandrodaya Mandir Vrindavan
Chandrodaya Mandir Vrindavan

चंद्रोदय मंदिर के नींव की गहराई 55 मीटर है जो बुर्ज खलीफा से भी 5 मीटर अधि‍क है। ताकि इसकी ऊंचाई अधिक हो सके। 8 रिक्टर स्केल से अधिक तीव्रता का भूकंप भी इसे हानि नहीं पहुंचा सकेगा। 170 किलोमीटर की तीव्रता के तूफान को भी झेलने में सक्षम होगा यह चंद्रोदय मंदिर। इसका आकार कुछ पिरामिड के आकार में बनाया जा रहा है। इस फाउंडेशन में लगभग 511 कॉलम हैं। यह मंदिर वृंदावन में 700 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है।

यह दिल्ली स्थित कुतुब मीनार से लगभग 3 गुना ऊंचा होगा। यह इस्कोन बैंगलोर द्वारा बनाया जा रहा अब तक का सबसे महंगा मंदिर है। इस मंदिर को चारों ओर विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और पौधों से सजाया जाएगा। यह मंदिर 26 एकड़ भूमि में वनस्पतियों के साथ फैला हुआ रहेगा। इसमें कुल 12 वन भी होंगे, जिनका आध्यात्मिक महत्व होगा। जिसमें विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ, हरी चराई, विभिन्न दुर्लभ फलों और फूलों के पेड़ पौधे उपस्थित होंगे।

Read Also
वाराणसी को अंतर्राष्ट्रीय सौगात- International Cricket Stadium Varanasi

Exclusive : सोने का होगा श्री राम मंदिर निर्माण अयोध्या का शिखर

इसके अतिरिक्त साफ़ पानी का झील, झरना आदि जिनका वर्णन श्रीमद्भागवत श्री कृष्ण के अनमोल वचन में किया गया है, वे सब इस मंदिर में उपलब्ध होगा। ताकि यहाँ पर आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान श्री कृष्ण के समय के वृन्दावन का आभास हो पाए। इस मंदिर में विभिन्न प्रकार के लाइट शो, व्रजमंडल परिक्रमा आदि विशेष आकर्षण के रूप में होंगे।

आइए अब हम आपको यहां हो रहे वर्तमान समय में निर्माण कार्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं। बता दें कि इसका निर्माण बेंगलुरु स्थित इस्कॉन टेंपल करवा रही है और इस मंदिर की संरचना में आईआईटी दिल्ली के सिविल इंजीनियर डिपार्टमेंट के इंजिनियर लगे हुए हैं, जिनके स्ट्रक्चरल कंसलटेंट संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के थोर्नटन टॉमसटी हैं। इस मंदिर के निर्माण के लिए मुख्य आर्केटेक्ट के रूप में गुडगाँव का इंजीनियस स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड और नॉएडा स्थित क्विंटेस्सेंस डिजाईन स्टूडियो है‌ं। ये दोनों कम्पनियां इस मंदिर के लैंडस्केपिंग के सारे काम कर रही हैं।

Chandrodaya Mandir Vrindavan
Chandrodaya Mandir Vrindavan

जिस प्रकार से इस मंदिर के निर्माण में कई बड़ी बड़ी कम्पनियां एक साथ काम कर रही हैं। इससे ये अनुमान लगाया जाता है, कि यह मंदिर कितना भव्य होने वाला है। वर्तमान में निर्माणाधीन मंदिर के द्वितीय तल पर भगवान की स्थापना हो चुकी है। जिनके दर्शन हम आपको करवा रहे हैं।

आपको बता दें कि यहां 12 एकड़ भूमि पर गाड़ियों की पार्किंग व हेलिपैड की व्यवस्था होगी। खाने और पीने के लिए कैंटीन। इंडोर राधा कृष्णा रिक्रिएशन पार्क। कृष्णा हेरिटेज म्यूजियम भी होगा। यही नहीं यहाँ पर एक ऐसे स्थान का निर्माण किया जा रहा है, जहाँ पर टेलिस्कोप लगा हुआ रहेगा। इस टेलिस्कोप से श्रद्धालू पूरा वृन्दावन देख पायेगा। इसके साथ ही प्रांगण में विद्यामंदिर चंद्रोदय थीम पार्क भी होगा। मंदिर के अन्दर एक कैप्सूल एलीवेटर लगा होगा।

Chandrodaya Mandir Vrindavan
Chandrodaya Mandir Vrindavan

यह भी बता दें कि ब्रज के ग़रीब बच्चो के लिए यहां पर अक्षय पात्र मीड डे मील की व्यवस्था भी है। इसके अतिरिक्त वृन्दावन की विध्व्वाओं के लिए विभिन कल्याणकारी कार्य। यमुना नदी को उसके पुराने सौंदर्य में वापस लाना। तथा गौ सेवा के लिए गौशाला का निर्माण भी।

बता दें कि यह मिस्र के पिरामिड और वेटिकन स्थित सेंट पीटर्स बैसोलिका से भी ऊंचा होगा। साथ ही विश्व की सबसे ऊंची इमारतों में 12वें नंबर पर इसकी गिनती होगी। यह मंदिर एक प्रकार से से बहुत बड़ा महत्व रखने वाला मंदिर है। इस मंदिर के निर्माण से यह स्थान एक टूरिस्ट प्लेस के रूप में भी विकसित होगा और राज्य सरकार को भी इसका अच्छा लाभ प्राप्त होगा।

Chandrodaya Mandir Vrindavan
Chandrodaya Mandir Vrindavan

इस मंदिर में हिन्दू संस्कृति में आने वाले विभिन्न प्रकार के श्री कृष्ण सम्बंधित पर्व त्योहारों को मनाया जाएगा। यहाँ के मुख्य त्योहारों में रथयात्रा, पालकी उत्सव, झुलानोत्सव आदि बड़े धूम धाम से मनाया जाएगा। साथ ही सबसे अधिक धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार श्री कृष्ण जन्माष्टमी है जिसे यहाँ बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

Read Also
भारत के दुसरे बुलेट ट्रेन परियोजना पर आई बड़ी खुशखबरी

800 करोड़ से होगा Mathura Railway Station का भव्य Redevelopment

एक और विशेषता यह होगी कि गगनचुम्बी मंदिर की ऊंचाई का अनुमान ऐसे लगाया जा सकता है कि मंदिर के टॉप पर रखी जाने वाली टेलीस्कोप से आगरा के ताजमहल को देखा जा सकेगा। मंदिर से ताजमहल कि दूरी 80 किलोमीटर है। इमारत के प्रारंभिक तीन तलों पर चैतन्य महाप्रभु और राधा, कृष्ण बलराम के मंदिर होंगे। इसमें लगाई जाने वाली लिफ्ट की तीव्रता आठ मीटर प्रति दो सेकंड होगी।

द्रविड़, नागर और आधुनिक शैली में बनाये जा रहे मंदिर में 4डी तकनीक द्वारा देवलोक और देवलीलाओं के दर्शन भी किए जा सकेंगे। मंदिर के आसपास प्राकृतिक वनों का वातावरण तैयार किया जाएगा और यमुना जी का प्रतिरूप तैयार कर नौका विहार जैसी सुविधाएं भी होंगी। यहां पर एक साथ 10 हज़ार श्रद्धालु एकत्र हो सकते हैं।

Chandrodaya Mandir Vrindavan
Chandrodaya Mandir Vrindavan

महत्वपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश के पास न केवल हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण काशी अयोध्या व मथुरा के होने का गौरव है अपितु काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पश्चात अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण का द्वितीय अध्याय भी तीव्र गति से संचालित है जिसकी जानकारी हम आपको निरंतर देते आ रहे हैं तथा अब यूपी को विश्व के सबसे ऊंचे मंदिर के होने का सुअवसर भी प्राप्त होने वाला है। तथा भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में बन रहे इस मंदिर का निर्माण इसके अगले डेढ़ से दो वर्ष के अंदर तैयार होने की आशा की जा रही है।

मित्रों यदि दी हुई चंद्रोदय मंदिर निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री कृष्ण अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-

video

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *