दिव्य भव्य स्वरुप में दिखने लगा माँ विंध्यवासिनी धाम – Vindhyavasini Mandir Corridor
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Vindhyavasini Mandir Corridor, Vindhyachal : सनातन आस्था के धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार के क्रम में काशी विश्वनाथ धाम व माहाकाल लोक के पश्चात अब विंध्याचल पर्वत वाली आदिशक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर अब दिव्य और भव्य स्वरूप में आकार लेता दिख रहा है।
विंध्याचल जिसके नाम में ही पवित्रता का अनुभव होता हो। यहीं मार्कंडेय पुराण के अनुसार राक्षस महिषासुर का वध माता ने किया था तथा इस स्थान से होकर गंगा नदी ही नहीं बहती अपितु भारतीय मानक समय अर्थात IST भी होकर के गुजरती है। एवं विंध्य पर्वत श्रृंखला का यह सबसे महत्वपूर्ण स्थान भी है।
जो क्रम काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) के निर्माण कार्य से आरंभ हुआ था धार्मिक स्थलों के विकास व पुनरुत्थान का, वह अब सीएम योगी आदित्यनाथ के द्वितीय कार्यकाल में और भी वृहद स्वरूप धारण करता जा रहा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर तथा अयोध्या का निर्माणाधीन श्री राम मंदिर तो मात्र एक झांकी है। अभी प्रदेश वह देश में अन्य कई मंदिरों का जीर्णोद्धार कार्य इस क्रम में सूचीबद्ध है।
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इसी में से एक है विंध्याचल धाम काॅरिडोर जो कि सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है। विंध्याचल धाम कॉरिडोर की जानकारी सर्वप्रथम हमने आपको लगभग 3 वर्ष पूर्व ही दिया था। और निरंतर हम आपको इस स्थल पर हो रहे निर्माण कार्यों की वर्तमान प्रगति व परिस्थिति से अवगत करा रहे हैं।
विंध्य काॅरिडोर (Vindhya Corridor) परियोजना की अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें की 30 अक्टूबर 2020 को योगी कैबिनेट ने इसे स्वीकृति दी थी और नवंबर 2020 में अधिग्रहण और ध्वस्तीकरण का काम आरंभ हो गया था। तथा इस प्रोजेक्ट की लागत है लगभग 331 करोड़ रुपये जिसका उद्देश्य है विंध्याचल मंदिर का चहुमुखी विकास एवं श्रद्धालुओं को सुविधा के साथ पर्यटन को बढ़ावा देना। इस परियोजना में यहाँ के गंगा तट व विंध्यवासिनी मंदिर से लेकर विंध्य पर्वत तक का विकास सम्मिलित है। जिसमें की विंध्यवासिनी मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ के निर्माण के अतिरिक्त मंदिर तक आने वाले सभी मार्गों को संवारा जाना है तथा गंगा घाटों का निर्माण आदि भी सम्मिलित है।
आपको हम निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति की अधिक जानकारी के लिए बता दें की काॅरिडोर के पहले चरण में मंदिर के चारों ओर 50 फीट का परिक्रमा पथ बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मंदिर तक जाने वाले चार रास्तों को भी चौड़ा किया जाएगा। जिसमें की पुरानी वीआईपी गली का विस्तार 40 फ़ीट, न्यू वीआईपी गली का विस्तार 35 फ़ीट, गंगा घाट की तरफ जाने वाले पक्काघाट मार्ग के दो सौ मीटर तक गली की चौड़ाई 35 फ़ीट बढ़ाई जा गई है।
इसे इस प्रकार से विकसित किया जा रहा है कि हर कोना अपनी पारंपरिक धरोहर व्याख्या करे। बता दें की परिक्रमा पथ के निर्माण के लिये मकान, दुकान समेत 92 सम्पत्तियां और चारों मार्ग के चौड़ीकरण के लिये 671 सम्पत्तियां क्रयकर ध्वस्त किया जा चुका है और निर्माण कार्य तीव्रतम गति से संचालित है। और इन कार्यों को अधिक कुशलता से पूर्ण करने हेतु इन्हें ब्लॉक्स में विभाजित किया गया है। मार्ग पर पड़ने वाले भवनों को भी अलौकिक स्वरूप देने हेतु उन्हें समरूपता प्रदान किया जा रहा है।
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आपको हम बता दें कि वर्तमान समय में यहां पर मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ के निर्माण कार्य तो तीव्र गति से संचालित है ही। साथ ही साथ कॉरिडोर के अंतर्गत अन्य भवनों का निर्माण कार्य भी चल रहा है एवं मंदिर तक जो पहुंच मार्ग है उस पर भी कार्य चल रहा है अतः सर्वांगीण या यूं कहे तो चारों ओर से एक साथ तीव्र गति से निर्माण कार्य संचालित है।
दो तलीय परिक्रमा पथ व भवन का निर्माण अब अंतिम चरण में है। आपको बता दें कि यहां पर कई स्थानों पर तो भूमि पर मार्बल आदि भी लग चुका है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि परिक्रमा पथ के लिए कुल 130 पिलर बनकर तैयार हैं। जिनपर की परिक्रमा भवन का निर्माण हो चुका है। मंदिर के उत्तर की ओर पिलर बन चुके हैं। नक्काशी किए पत्थरों को भी लगा दिया गया है। मंदिर के पूर्व ओर भी सभी पिलर भी लगभग तैयार हैं। पत्थरों को डाल दिया गया है। भूतल का काम अंतिम चरण में है। प्रथम तल के साथ फिनिशिंग का काम चल रहा है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर का निर्माण कार्य तीव्र गति से संचालित है। अब कॉरिडोर का भव्य एवं दिव्य स्वरूप आकार लेने को तैयार है। राजस्थान के 150 से अधिक श्रमिक व कारीगर दिन-रात विंध्य कॉरिडोर को भव्यता प्रदान करने में जुटे हुए हैं। परिक्रमा पथ पर निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। मंदिर जाने वाले प्रमुख मार्गों पर निर्माणाधीन भव्य द्वार के पत्थरों पर की गई नक्काशी देखते ही बन रही है।
मार्गों की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि थाना कोतवाली रोड से मंदिर मार्ग जो मुख्य बाजार भी है और इसे सदर बाजार भी कहा जाता है। इसका चौड़ीकरण के पश्चात आगे का कार्य संचालित है। न्यू वीआइपी-मंदिर जाने का छोटा मार्ग है। इस रास्ते पर गुलाबी पत्थरों को बिछा दिया गया है।
पुरानी वीआइपी मार्ग- इस मार्ग को रिजर्व रखा जाता है। इस पर भी गुलाबी पत्थर बिछा दिया गया है। पक्का घाट से मंदिर-गंगा घाटा पर स्नान करने के पश्चात सीधे मंदिर पहुंच सकते हैं। जयपुरिया गली- चामुंडा की ओर जाता है और पुरानी वीआइपी मार्ग से मिलता है। इन सभी मार्गों पर तीव्र गति से कार्य संचालित है तथा भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य संचालित है जो कि अब पूर्णता की ओर अग्रसर है।
आपको हम गंगाद्वार को पहले यह बता दें कि यह विशेष है। क्योंकि जिस प्रकार से काशी विश्वनाथ धाम को मां गंगा से मिलाया गया है। उसी प्रकार से माता विंध्यवासिनी के धाम को भी गंगा मां से मिलाया जाना है और उसी के अंतर्गत यहां पर भव्य गंगाद्वार का निर्माण कार्य संचालित है।
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परियोजना के लागत की जानकारी देने हेतु बता दें कि 331 करोड़ रुपये में हो रहा है विंध्य धाम का विस्तारिकरण। जिसमें से 662 लाख रुपये में तैयार हो रही है वीवीआइपी गली। 1567 लाख रुपये से पुरानी वीआइपी गली। 1941 लाख में बन रहा है 50 फीट का परिक्रमा पथ। 902 लाख रुपये में पक्का घाट गली। और 235 लाख रुपये से कोतवाली रोड का कायाकल्प हो रहा है।
बता दें कि मंदिर तक पहुंचने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर भव्य द्वार तैयार किया जा रहा है। इसकी सुंदरता अब दिखने लगी है। कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विंध्य कॉरिडोर का निरीक्षण किया था और काम शीघ्र पूरा कराने का अधिकारियों को निर्देश दिया था।
जानकारी हेतु बता दें कि 1 अगस्त 2021 को गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना का शिलान्यास किया था। इस परियोजना पर तेजी विंध्य धाम तीर्थ विकास परिषद के अध्यक्ष का दायित्व विंध्याचल मंडल आयुक्त योगेश्वर राम मिश्रा को मिलने के पश्चात आई हैं।
यदि आपके मन में यह प्रश्न उठ रहा होगा कि कब तक यह कॉरिडोर का निर्माण कार्य होगा पूर्ण तो आपको हम बता दें कि सहायक परियोजना प्रबंधक वीरेंद्र कुमार सिंह के अनुसार विंध्य कॉरिडोर के परिक्रमा पथ का लगभग 75 प्रतिशत से अधिक निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस प्रोजेक्ट के प्रथम फेज का कार्य 2023 के दिसंबर माह तक पूरा करने का समय निर्धारित किया गया है, परंतु उससे पहले ही लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। संभावना है कि विंध्य कॉरिडोर का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अथवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण है कि शीघ्र ही सनातन आस्था का केंद्र विंध्यधाम का नया स्वरूप देश व विश्व के समक्ष होगा। इससे मीरजापुर की नई पहचान बनेगी । विश्व भर से आने वाले श्रद्धालु भी आकर्षित होंगे। तथा श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और विकास के नव्य द्वार भी खुलेंगे।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई श्री विंध्याचल कॉरिडोर निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय मां विंध्यवासिनी अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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