राम भक्तों के होश उड़ने को तैयार है अयोध्या का राम जन्मभूमि पथ
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Ayodhya Ram Janmbhoomi Path : जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अयोध्याजी की पावन धरा पर वर्तमान समय में भगवान श्री राम चंद्र के भव्य मंदिर के निर्माण हो रहा है तथा इसी के साथ अयोध्या आगमन के मार्ग तथा श्रद्धालुओं के दर्शन को सुगम बनाने के लिए मंदिर तक के पहुँच मार्ग को सुदृढ किया जा रहा है।
आगे बढ़ने से पहले हम आपको मानचित्र की सहायता से इन परियोजनाओं की जानकारी देते हैं। बता दें कि रामलला के दर्शन को आने वाले भक्तों की सुविधाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए राममंदिर से जुड़ी तीनों पहुंच मार्गों को विकसित किया जा रहा है। जिनमें पहला है राम पथ जो की अयोध्या के स्पाइन रोड अर्थात सआदत गंज लेकर नयाघाट अयोध्या तक को आता है इस मार्ग के 13 किमी लंबे भाग पर चौड़ीकरण व सुदृढ़करण हो रहा है और इसे रामपथ का नाम दिया गया है।
इसी प्रकार से अयोध्या के रेलवे स्टेशन के समीप बिरला धर्मशाला के सामने से आरंभ होकर श्री राम मंदिर तक पहुंचने वाले मार्ग का नाम है जन्मभूमि पथ तथा तीसरा है श्रृंगार घाट से हनुमान गढ़ी होते हुए श्री राम मंदिर तक पहुंचने वाला मार्ग जिसे की भक्ति पथ के नाम से जाना जाएगा। आज हम आपको इस वीडियो में जन्मभूमि पथ मार्ग निर्माण की विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं।
बता दें कि राम जन्मभूमि से लेकर बिरला धर्मशाला तक 566 मीटर लंबा रामजन्मभूमि पथ का निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। मार्ग पर लाल संगमरमर के पत्थर लगाने का कार्य चल रहा है। रामजन्म भूमि पथ की चौड़ाई 30 मीटर है। इसके पश्चात नागरिक सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि संपूर्ण 566 मीटर में से 390 मीटर लम्बाई में मार्ग की चौड़ाई 30 मीटर तथा शेष भाग में 24 मीटर है। मार्ग पर 7 मीटर चौड़ाई में बिटुमिन्स मार्ग के साथ एवं 15 मीटर व 10 मीटर चौड़ाई में पैदल पथ का निर्माण हो रहा है।
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आपको हम इस मार्ग पर हो रहे निर्माण कार्य की एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट के अंतर्गत वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने हेतु बता दें कि पैदल पथ पर रेड सैंड स्टोन पत्थर लगाया गया है जिसे हम आपको दर्शनें का प्रयास कर रहे हैं, जिस पर अल्पना की प्रकार से सुंदर पैटर्न बनाये गये हैं। मार्ग के दोनों ओर औसत 3.50 मीटर चौड़ाई में रेज्ड (उठे हुए) फुटपाथ का कार्य किया गया है।
इसके अतिरिक्त अत्याधुनिक लाइट से युक्त जन्मभूमि पर एक ओर पत्थरों को लगाया जा रहा है। जन्मभूमि पथ को योगी सरकार अयोध्या के गरिमा के अनुरूप सज्ज करवा रही है। इस मार्ग पर पर्याप्त प्रकाश रहे, इसके लिए दो प्रकार की लाइटों को इंस्टाल किया जा रहा है। पथ के बीच में ऊंचे लैंप लगाए गए हैं। जैसा की आप देख सकते है कि मार्ग पर सुंदर डिजाइनर एवं आकर्षक पोल की स्थापना की गयी है। मार्ग पर यात्रियों की सुविधा के लिए स्टोन बेंच, वाटर कियोस्क एवं प्रसाधन की व्यवस्था स्थापित की जा रही है।
आपको हम निकटतम दृश्य दर्शाते हुए बता दें कि इस स्मार्ट मार्ग के दोनों ओर यूटीलिटी डक्ट का प्रावधान किया गया है, जिससे विद्युत तार ऊपर नहीं दिखाई देंगे तथा भविष्य में मार्ग बार-बार खोदने की आवश्यकता नहीं होगी। यह मार्ग भविष्य में दर्शनार्थियों की भारी संख्या बढ़ने एवं सुविधाओं को विशेष ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।
आपको इस परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि जन्मभूमि पथ का कार्य अगस्त 2022 में आरंभ हुआ था। और अति शीघ्र जुलाई अगस्त माह तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। तथा सबसे महत्वपूर्ण है कि इस पर 92 प्रतिशत से अधिक कार्य हो चुका है।
आपको हम निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति दर्शाते हुए बता दें कि भगवान रामलाल के जन्मभूमि मंदिर जाने के लिए यह मार्ग सबसे निकटतम मार्ग है। और इसी कारण से इस मार्ग का नाम भी जन्मभूमि पथ रखा गया है। जैसा कि आपको हम दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। आप देख सकते है कि यहां पर किस प्रकार से श्रमिक तीव्र गति से डक्ट बनाने, पत्थर काटने व लगाने आदि पर कार्य कर रहे हैं। तथा अधिकांश भाग में यह पत्थर लगाया भी जा चुका है। तथा कार्य की आकृति व गुणवत्ता के साथ परिस्थिति आपके स्क्रीन पर उपलब्ध है।
आपको हम इस मार्ग के धरातल दृश्य दिखाते हुए इसकी ड्रोन व्यू भी दिखाते हैं। तथा मुख्य सड़क से लेकर श्री राम मंदिर तक की संपूर्ण परिक्षेत्र का जो दृश्य होगा वह भी हम आपको ड्रोन भी उसे दिखाते हैं।
मित्रों ड्रोन व्यू से यहां पर आपको इस परिक्षेत्र का जो दृश्य है वह दिखाने का कारण है कि आपको इस पूरे परिक्षेत्र की जानकारी भली-भांति हो तथा आपको बिरला धर्मशाला से लेकर मंदिर की दूरी व महत्व तथा निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति को भी समझने में सरलता हो। आप इस समय जन्मभूमि पथ तथा इस परिक्षेत्र पर हो रहे निर्माण कार्य को देख रहे हैं।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि राम जन्मभूमि पथ बिरला धर्मशाला के सामने से सुग्रीव किला के बगल से होते हुए अमावा मंदिर रंग महल के पीछे होते हुए सीधे राम जन्मभूमि मंदिर परिसर तक जाएगा। इस पर कुल 39.43 करोड़ रुपये की लागत आ रही है, जिसमें से 23.79 करोड़ भूमि अधिग्रहण- पुनर्वास की लागत है। तथा इसकी निर्माण एजेंसी है उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग।
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यदि आपके मन में यह प्रश्न है कि अब तक कितना हुआ मार्ग निर्माण का कार्य पूर्ण तो हम आपको बता दें कि जन्मभूमि पथ के निर्माण कार्य 92% प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। और अगले एक से दो माह में कार्य पूर्ण हो जाएगा।
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर को जोड़ने वाले तीनों मार्गों, राम पथ, भक्ति पथ व जन्मभूमि पथ के दोनों पटरियों के किनारे के भवन एक ही रंग व राम कथा के अनुभूति कराने वाली डिजाइन के ही बनेगें। इसके लिए चौड़ीकरण के प्रभावित लोगों को आगे के निर्माण व मरम्मत करवाने के लिए एडीए गाइड लाइंस के अनुसार निर्देश भी शीघ्र जारी करने वाला है।
महत्वपूर्ण है कि श्रीराम जन्मभूमि को जोड़ने वाले इन सभी मार्ग पर सरकार की दृष्टि है। प्रधानमंत्री के जनवरी 2024 में प्रस्तावित आगमन को ध्यान में रखते हुए इसका निर्माण कार्य पूरा कराए जाने का लक्ष्य है। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ ही पूरी अयोध्या को सजाया और संवारा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य अयोध्या को दुनिया की सुंदरतम नगरी बनाना है। इसके अनुरूप शीघ्र ही अयोध्या का स्वरूप परिवर्तित प्रतीत होगा। सनातन धर्म के केंद्रबिंदु अयोध्या में पर्यटन, संस्कृति एवं धार्मिक रूप से तीव्र गति से सुनियोजित विकास किया जा रहा है। और हर कार्य प्राथमिकता से कराया जा रहा है।
योगी सरकार की मंशा है कि जनवरी के प्रथम सप्ताह तक मंदिर निर्माण पूर्ण हो जाए और देश और विश्व के श्रद्धालु यहां अपने आराध्य के दर्शन कर सकें। इसके लिए एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन समेत अनेक कनेक्टिविटी का विस्तार हो रहा है। जिनकी नवीन जानकारी शीघ्र ही आपको हम अगली वीडियो में देंगे।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई जन्मभूमि पथ निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-