वाराणसी के गंगा रिवर फ्रंट परियोजना ने पकड़ी रफ़्तार

Getting your Trinity Audio player ready...

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi Development) में हो रहे विकास कार्यों की बढ़ने लगी है सीमा। और अब बाबा‌ विश्वनाथ (kashi Vishwanath) के धाम के साथ गंगा उस पार भी बहेगी विकास की गंगा, जो बदल देगी वाराणसी के रामनगर की भी सूरत।

Varanasi Ghat

मित्रों जैसा की हम जानते हैं कि वाराणसी नदी किनारे गंगा के पश्चिमी तट पर बसी हुई विश्व की प्राचीनतम जीवित नगर है, तथा यहाँ पर भगवान भोलेनाथ का द्वादश ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ मंदिर भी है जो की अब नव्य व भव्य स्वरूप में जनता को समर्पित है। श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन करने व वाराणसी नगर को अधिक जानने तथा यहाँ के जीवन का अनुभव लेने हेतु प्रतिदिन यहाँ लाखों की संख्या में यात्री व दर्शनार्थी आते हैं और इन आने वाले लोगों की मुख्यतः काशी के घाट पर जाने की इच्छा होती है जिसके कारण से वाराणसी के प्रसिद्ध गंगा घाटों पर भीड़ भी हो जाती है, जिसे कम करने के उद्देश्य से गंगा नदी के उस पार भी पर्यटन से जुड़े विकल्पों पर विचार हो रहा है।

Also Read
यूपी में विकास ने पकड़ी रफ़्तार, प्रदेश को मिली एक और एक्सप्रेसवे की सौगात

बदल गया वाराणसी का महा श्मशान मणिकर्णिका घाट

इसी क्रम में अब वाराणसी में गंगा पार रेती को गुलजार करने के लिए अब इस क्षेत्र को सीधे जीटी रोड से जोड़ने की तैयारी हो गई है। आपको हमने इस विषय पर पहले भी जानकारी दिए थे की रामनगर से पड़ाव के मध्य में गंगा के समानांतर सड़क बनाई जाएगी। आपको यह जानकार अत्यधिक प्रसन्नता होगी की इस परियोजना ने (Ganga River Front) अब गति पकड़ ली है तथा कैबिनेट से इसके लिए धन भी स्वीकृत हो चुका है। तथा अब आगे की प्रक्रिया भी आरंभ हो चुकी है।

आइए सबसे पहले आपको हम इस परियोजना की जानकारी देते हैं। बता दें की वाराणसी में गंगा नदी के उसपार रेती के पश्चात एक फोरलेन सड़क बननी है जो सीधे पड़ाव को रामनगर से जोड़ेगा।

गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर ही वाराणसी में गंगा पार रेती पर पर्यटन का नया केंद्र विकसित करने की तैयारी है। रामनगर से राजघाट तक गंगा के समानांतर लगभग सात किमी लंबी फोरलेन सड़क पर कैबिनेट की मुहर के पश्चात अब 21 सौ करोड़ रुपये की प्रस्तावित योजना पर काम आरंभ होने भी वाला है।

इस सड़क का गंगा पार रेती से सीधा जुड़ाव होने के कारण चंदौली, मिर्जापुर, बिहार और मध्यप्रदेश सहित अन्य नगरों के यात्री व श्रद्धालु बिना नगर में प्रवेश किए सीधे गंगा घाटों पर पहुंच जाएंगे। इसके साथ ही यहां लगभग 10 हजार वाहनों की पार्किंग, पार्क, सौंदर्यीकरण सहित अन्य कार्य भी कराए जाएंगे।

Also Read
काशी विश्वेश्वर व ज्ञानवापी के इतिहास का सम्पूर्ण काला सच

वाराणसी की बनेगी अब नई पहचान, तैयार है भारत का नया पर्यटन स्थल

बता दें कि दुनिया भर को रिझाने वाली गंगा की लहरों के समानांतर ही रेती के पास से गुजरने वाली सड़क बाढ़ के उच्चतम बिंदु के निकट से गुजरेगी। पड़ाव से रामनगर के बीच बनने वाली 6.8 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण गंगा के तल से 100 फीट की ऊंचाई से होगा। इसके सर्वे का काम पूरा होने के पश्चात इस रिवर फ्रंट परियोजना की लागत 2100 करोड़ रुपये आंकी गई है।

इस पूरी परियोजना में अधिकतर सरकारी भूमि का ही उपयोग किया जाएगा, परंतु लगभग 20 प्रतिशत निजी भूमि को अधिग्रहित करने के लिए चिन्हांकन कर लिया गया है।रामनगर से पड़ाव के बीच बनने वाली फोरलेन सड़क गंगा के किनारे बांध की तरह ऊंचाई से गुजरेगी।

सांकेतिक छवि

आप सोच रहे होंगे कि इस परियोजना पर कार्य आरंभ कब से होगा तो आपको बता दें कि वर्तमान समय में कैबिनेट से स्वीकृत परियोजना की अनापत्ति (एनओसी) के लिए वन मंत्रालय, नमामि गंगे और पर्यावरण मंत्रालय से अनापत्ति का आवेदन कर दिया गया है। माना जा रहा है कि 15 अप्रैल तक मंत्रालयों से एनओसी मिलने के पश्चात निविदा जारी कर दी जाएगी।

इस फोरलेन सड़क की विशेषताओं की जानकारी के लिए बता दें कि इस रामनगर से पड़ाव के मध्य में बनने वाली फोरलेन सड़क के मध्य में पांच फीट चौड़ा डिवाइडर होगा और दोनों किनारों पर 30 फीट चौड़ी सर्विस लेन बनाई जाएगी। सड़क के पश्चात 8-8 फीट की पटरी बनेगी, इसके पश्चात 3-3 फीट के नाले का निर्माण भी होना है। इस प्रकार से अब यह सड़क कुल 86 मीटर चौड़ी बनेगी, ताकि आने जाने वाले यात्रियों को सुविधा मिले, साथ ही इस सड़क को बाईपास के चौड़ीकरण के साथ मिलाया जाएगा।

Also Read
यूपी के करोड़ों लोगों को होली बाद भी मिलेगी ये बड़ी सौगात

विश्व के सबसे बड़े मंदिर विराट रामायण मंदिर पर आई खुशख़बरी

यहां बता दें कि इस सड़क का गंगा पार रेती से सीधा जुड़ाव होने के कारण चंदौली, मिर्जापुर, बिहार और मध्यप्रदेश सहित अन्य नगरों के यात्री व श्रद्धालु बिना नगर में प्रवेश किए सीधे गंगा घाटों पर पहुंच जाएंगे।

तथा इसका एक लाभ यह भी होगा कि सड़क बनने के पश्चात इस पूरे क्षेत्र में निर्माण भी संभव होगा। जी हां गंगा से सटे इस क्षेत्र के दर्जनों गांव हाई फ्लड लैंड (एचएफएल) में सम्मिलित हैं। जिसके कारण इस क्षेत्र में विकास प्राधिकरण द्वारा मानचित्र स्वीकृति की सुविधा नहीं है।

परंतु गंगा किनारे एचएफएल की ऊंचाई से इस रामनगर पड़ाव फोरलेन सड़क निर्माण की योजना है। इसके बनने से आसपास के गांव एचएफएल से बाहर हो जाएंगे। और यहां की जनता अपना घर भी बना सकेगी।

योजना अनुसार रामनगर से सेमरा तक एक सड़क बनने से कई क्षेत्र एचएफएल से बाहर हो जाएंगे। उसी तर्ज पर रामनगर से पड़ाव की सड़क को तैयार किया जाएगा।

यहां पर हम जानकारी देते हुए बता दें कि पड़ाव से रामनगर तक 6.8 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए रामनगर में सड़क मापन की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। तथा इस प्रक्रिया को 1946 के मानचित्र के आधार पर भूमि का चिन्हांकन और नपाई कराई जा रही है। इसमें कई स्थानों पर निजी भूमि को भी चिन्हित किया गया है।

वाराणसी मंडलायुक्त, दीपक अग्रवाल के अनुसार रामनगर से पड़ाव के मध्य एक बांध के स्वरूप के ऊपर से सड़क बनाई जाएगी। 21 सौ करोड़ रुपये की परियोजना के लिए तीन मंत्रालयों से अनापत्ति मांगी गई है। एनओसी मिलने के पश्चात निविदा जारी कर दी जाएगी।

Aerial View

बता दें कि यह प्रक्रिया अप्रैल माह में होने की संभावना है। इसपर थोड़ा विलम्ब विधानसभा चुनाव के कारण से भी हुआ है।

वैसे यदि आपने अभी तक की जानकारी समझ ली और प्रसन्न हुए अथवा यह सोच रहे हैं की इस परियोजना में यही सब है तो हम अपको बता दें कि इस परियोजना में और भी बहुत कुछ है जिसे हम अब आपको बताने जा रहे हैं।

बता दें की इस फोरलेन सड़क के साथ जो हेलीपोर्ट बनना है उसपर 5 हेलीकाॅप्टर एक साथ उतर सकते हैं। तथा सबसे महत्वपूर्ण है कि इस परियोजना में एक सश्पेंशन ब्रिज का भी निर्माण होना है जो अपने आप में सबसे भिन्न होगा इसके साथ ही यहाँ गंगा नदी में तीन स्थानों पर जेटी भी बनेंगी जहाँ से फिंगर रोड का निर्माण होगा। यह फिंगर रोड ललिता घाट, दशाश्वमेध घाट व असी घाट के सामने आएगी। जहाँ पर इसे जेटी से जोड़ा जाएगा। यह जेटी भी सामान्य नहीं होगी, बता दें की इसके डिजाइन पर नोएडा की एक कंसलटेंट कंपनी कार्य कर रही है।

इसके अतिरिक्त आपको सश्पेंशन ब्रिज की अधिक जानकारी के लिए बता दें की इस सश्पेंशन ब्रिज की ऊँचाई भी इतनी होगी की इसके नीचे से जलयान व जलपोत भी निकल जाएं। इस सश्पेंशन ब्रिज की अनुमानित चौड़ाई छह मीटर होगी। और इसपर लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च होने की आशा है। तथा इसके डिजाइन को फ्रांस की कंपनी द्वारा तैयार किया जाना है।

काशी विश्वनाथ धाम के नए स्वरूप के निर्माण के साथ ही अब नगर में बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने गंगा पार रेती पर रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना बनाई है। इस योजना में यात्रीयों को लघु काशी की अनुभूति कराई जाएगी। फोरलेन सड़क के किनारे बाहर से आने वाले यात्रीयों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

अधिक जानकारी के लिए बता दें की गंगा उस पार सड़क बनने के साथ ही पीपीपी माडल पर इस क्षेत्र का विकास होगा। बेहतर पार्किंग, होटल, ठहरने की अन्य व्यवस्था होगी। वहीं गंगा किनारे तक आने के संसाधन उपलब्ध होंगे। इसके साथ गंगा पार करने के पश्चात अस्सी घाट व अन्य घाटों से बीएचयू व नगर में आने के लिए सिटी बसें मिलेंगी। तथा 50 हजार से एक लाख लोगों के प्रतिदिन इस मार्ग पर पहुंचने की आशा है।

Also Read
PM मोदी का कमाल, दर्शन के साथ इतिहास व संस्कृति का संगम बना काशी विश्वनाथ धाम

देव भूमि के हरिद्वार रिंग रोड प्रोजेक्ट ने पकड़ी रफ़्तार

इसके साथ ही आपको यह भी बता दें की इस परियोजना के क्रियान्वयन में पांच लाख मानव कार्य दिवस के कारण रोजगार का सृजन भी होगा। इससे नाविकों को रोजगार मिलेगा। सावन व भादो में आने वाले कांवरियों को भी सुविधा होगी। फूड प्लाजा, किड्स प्ले जोन आदि के विकसित होने से रोजगार तथा राजस्व में वृद्धि भी होगी।

मित्रों यदि आपको उपरोक्त दी हुई वाराणसी के रामनगर पड़ाव मार्ग की जानकारी पसंद आई हो तो हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

video

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *