संगम नगरी में ख़ुशी के लहर, प्रयागराज रिंग रोड परियोजना ने पकड़ी रफ़्तार

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उत्तर प्रदेश में नई सरकार का गठन होते ही अब विकास कार्यों में तेजी आने लगी है।तथा अब संगम नगरी प्रयागराज (PRAYAGRAJ) में अगले कुंभ मेले से पहले बहेगी विकास की गंगा। एवं इनर रिंग रोड (Inner Ring Road) परियोजना में गंगा-यमुना नदी पर तीन पुल भी बनेंगे।

विधान सभा चुनाव के परिणाम आने के पश्चात उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में विकास कार्यों ने भी गति पकड़ लिया है। प्रयागराज के विकास की महात्वाकांक्षी इनर रिंग रोड परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम रूप से पूरी कर ली गई है। इस परियोजना के लिए अधिग्रहीत की जाने वाली भूमि का रकबा भी जारी कर दिया गया है।

पहले आपको हम इस परियोजना की जानकारी देते हैं। बता दें की इस रिग रोड का निर्माण कौड़िहार ब्लाक में कानपुर-वाराणसी रोड से आरंभ होगा। गंगा पर ब्रिज बनाते हुए भगवतपुर के कई ब्लाक से होते हुए यह यमुना पार करेगा। यमुना पार रीवा रोड को पार करते हुए करछना तहसील के कई गांवों से गुजरते हुए गंगा पार झूंसी की ओर पहुंचेगा। फिर फूलपुर तहसील के कई गांवों से होते हुए वाराणसी रोड पर मिलेगा। यह रिग रोड कुल 65.066 किलोमीटर का होगा परंतु पहले चरण में रीवा रोड से वाराणसी रोड तक 29.466 किलोमीटर का ही बनेगा।

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बता दें की प्रयागराज रिंग रोड प्रोजेक्ट की लागत है लगभग 7300 करोड़ रुपये। तथा पहले फेज के रोड निर्माण की लागत 3068 करोड़ रुपये रहेगी। एवं दूसरे फेज में लगभग 35 किमी की दूरी में काम होना है जिसकी लागत लगभग 4000 करोड़ रुपये होगी।

जानकारी के लिए बता दें की कानपुर से वाराणसी जाने वाले राजमार्ग पर इनररिंग रोड का प्रथम चरण का निर्माण, कुंभ-2025 को देखते हुए अभी केवल 29 किमी का ही कराया जाएगा। इसके लिए रीवा रोड पर पालपुर गांव से इस इनर रिंग रोड आरंभ होगा। तत्पश्चात जीटी रोड पर महुआरी, लवाइन कला होते हुए अंदावा के रास्ते इस रिंग रोड को आगे ले जाकर सहसों में फिर एनएच-2 से मिला दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त रिंग रोड का दूसरा चरण रीवा रोड से कौडि़हार के बीच तैयार होगा।

बता दें की दो चरणों में बनने वाली लगभग 68 किलोमीटर लंबी यह इनर रिंग रोड छह तहसीलों के 155 गांवों से होकर गुजरेगी। इनमें सदर के साथ सोरांव, करछना, फूलपुर, बारा व हंडिया तहसील के गांव होंगे। परंतु, प्रथम चरण में केवल 45 गांव प्रभावित होंगे। इनर रिंग रोड के बन जाने से कानपुर से मध्य प्रदेश जाने वाले वाहनों को नगर में प्रवेश नहीं करना होगा।

वहीं, एमपी से कानपुर या वाराणसी जाने वालों को भी इससे अत्यंत सुविधा मिलेगी। बिना नगर में प्रवेश किए इनर रिंग रोड के रास्ते ही इन रूटों के वाहन निकल जाएंगे। इससे नगर के लोगों को जाम की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा। इसके अतिरिक्त कई स्थानों पर संपर्क मार्ग बनने से जिले के ग्रामीणांचल क्षेत्रों के लोगों को भी काफी सुविधा मिलेगी।

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यही नहीं 68 किमी की रिंग रोड के बीच में चार नए आरओबी और तीन पुल भी बनेंगे। इसमें दो पुल गंगा पर व एक यमुना पर बनाए जाएंगे। गंगा पर लवायन कला के पास तीन किमी लंबा पुल बनाया जाएगा। इसी तरह खुरेसर कछार में भी गंगा पर एक किमी लंबा पुल बनेगा। इसके अतिरिक्त यमुना नदी पर बसवार के पास एक किमी लंबा पुल बनाने का प्रस्ताव है।

अब यदि प्रयागराज रिंग रोड परियोजना की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी दें तो आपको बता दें की एनएचएआई की धारा 3-डी के अंतर्गत 45 गांवों के किसानों के भूमि अधिग्रहण प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई। अब इस परियोजना के अंतर्गत प्रभावित हुए चार हजार किसानों को क्षतिपूर्ति वितरित किया जाएगा।

नगर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-दो पर प्रस्तावित इनर रिंग रोड परियोजना के प्रथम चरण के लिए जिले के 45 गांवों के चार हजार किसानों की भूमि अंतिम रूप से अधिग्रहीत करने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। इसी के साथ भूमि अधिग्रहण के लिए 3-डी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। इसके पश्चात अब इस परियोजना के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

RING ROAD

जानकारी के लिए बता दें कि प्रयागराज के इस इनर रिंग रोड परियोजना में प्रभावित होने वाले किसानों के भूमि, भवनों, बगीचों, कुओं के स्वामित्व विवाद के अतिरिक्त क्षतिपूर्ति संबंधी आपत्तियों का निस्तारण करने के पश्चात चार हजार किसानों की भूमि इसके लिए अधिग्रहीत की जा रही है। 3-डी प्रस्ताव में प्रभावित किसानों का ब्यौरा और उनकी भूमि के अतिरिक्त भवन, बाग, कुएं का भी विवरण सम्मिलित किया गया है।

रीवा रोड से जीटी रोड पर महुआरी, लवाइन कला होते हुए अंदावा के रास्ते इस रिंग रोड को आगे ले जाकर सहसों में फिर एनएच-2 से मिला दिया जाएगा। कानपुर से वाराणसी को जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-दो पर इनर रिंग रोड के प्रथम चरण का निर्माण आगामी कुंभ मेले को ध्यान में रखकर कराया जाएगा।

प्रयागराज की तस्वीर बदलने वाली इनर रिंग रोड की आरंभ हो गया है। प्रथम चरण का शिलान्यास जनवरी में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कर दिया है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने दूसरे चरण की स्वीकृति भी दे दी है। उन्होंने कहा कि इनर रिंग रोड बनने से संगम में कुंभ, माघ और अन्य मेलों में यातायात व्यवस्था को संभालने में सुविधा होगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 3068 करोड़ की लागत से बनने वाले इनर रिंग रोड के प्रथम चरण का निर्माण पालपुर से मिर्जापुर, वाराणसी होते हुए सहसों तक 30 किमी तक फोरलेन के रूप में होगा। उन्होंने दूसरे चरण के अंतर्गत रीवा रोड से कानपुर रोड होते हुए कौड़िहार प्रयागराज बाईपास तक 36 किमी बनाने का वादा भी किया। इसके लिए लगमग चार हजार करोड़ की स्वीकृति पर हामी भरी है।

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बता दें कि आगामी कुंभ मेला को देखते हुए इस इनर रिंग रोड का निर्माण शिघ्र आरंभ कराया जाएगा। यह कुंभ की सबसे महत्वपूर्ण परियोजना होगी।

महत्वपूर्ण है प्रयागराज के निकट काशी में बना नया रिंग रोड जिस प्रकार से यूपी में हो रहे विकास की आधारभूत संरचना सुदृढ़ कर रहा है तथा वर्तमान सरकार की परिकल्पना को साकार कर रहा है ठिक उसी प्रकार से संगम नगरी प्रयागराज में भी ऐसे ही विकास को गति मिलने की अपेक्षा है जो कि कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा देने के साथ ही नगर का मान भी बढ़ाएगा।

मित्रों यदि आपको उपरोक्त दी हुई प्रयागराज रिंग रोड की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो आपने गाँव नगर अथवा जिले का नाम कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

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