CM योगी की नई ताकत बनेगा Ganga Expressway
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Uttar Pradesh : भारत में सबसे तीव्र गति से विकास करने वाला एक्सप्रेस प्रदेश बन रहा है उत्तर प्रदेश। यहां की सड़कों पर गाड़ीयाँ ही नहीं अपितु लड़ाकू विमानों भी दौड़ते हैं तथा प्रदेश के सबसे लंबा गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) समय से पहले जनता को होगा समर्पित।
Ganga Expressway : देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक तथा उत्तर प्रदेश की अति प्रतीक्षित परियोजना प्रवेश नियंत्रित मार्ग गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य ने तीव्रतम गति पकड़ ली है।
बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश (यूपी) राज्य में एक महत्वाकांक्षी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना है। गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण मेरठ जिले के बिजौली गांव को प्रयागराज जिले के जुदापुर दांडू गांव से जोड़ेगा।
इस मार्ग को छह लेन का बनाया जाएगा तथा इसे इस प्रकार से बनाया जाएगा की इसे आवश्यकता पड़ने पर 8 लेन तक बढ़ाया जा सके। परियोजना की कुल लंबाई 594 किमी है। Ganga Expressway (गंगा एक्सप्रेस वे) पर अधिकतम गति 120 किमी/घंटा तय की गई है।
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गंगा एक्सप्रेसवे मार्ग उत्तर प्रदेश के जिन जिलों से होकर के गुजरेगा। उनके नाम हैं
1. मेरठ
2. हापुड़
3. बुलंदशहर
4. अमरोहा
5. संभल
6. बदायूं
7. शाहजहांपुर
8. हरदोई
9. उन्नाव
10. रायबरेली
11. प्रतापगढ़, और
12. प्रयागराज
जानकारी के लिए बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे की वर्ष 2019 में काम आरंभ किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2021 में परियोजना की नींव रखी थी। और इसका निर्माण अक्टूबर 2022 में आरंभ हुआ था।
बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे की नोडल एजेंसी है उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA). एवं गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण को 12 अलग-अलग पैकेजों में विभाजित किया गया है।
गंगा एक्सप्रेसवे को उत्तर प्रदेश के 12 से अधिक जिलों को जोड़ने के लिए डिजाइन किया गया है। गंगा एक्सप्रेसवे कॉरिडोर का अत्यधिक महत्व है क्योंकि यह पूर्वी यूपी को राज्य के पश्चिमी हिस्से से जोड़ने वाला एक प्रमुख कॉरिडोर होगा। राज्य के पूर्वी और पश्चिमी नोड्स को जोड़ने से पूरे कॉरिडोर का ढांचागत और आर्थिक विकास हो सकेगा।
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गंगा एक्सप्रेसवे का उद्देश्य गंगा नदी के किनारे ग्रामीण क्षेत्रों को अंतिम मील तक कनेक्टिविटी प्रदान करना है। कहें तो इस महत्वाकांक्षी गंगा एक्सप्रेसवे कॉरिडोर को एक्सप्रेसवे के साथ क्षेत्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
लागत की जानकारी देने हेतु बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे की कुल निर्माण लागत 37,350 करोड़ रुपये है। इसमें 9500 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि अधिग्रहण लागत भी सम्मिलित है।
गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना पर निर्माण की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इसपर निर्माण कार्य को चार पैकेज में बांटा गया है जिसमें:-
पहला पैकेज 129.7 किलोमीटर का है और इसका निर्माण करने वाली कंपनी है आईआरबी।
दूसरा पैकेज है 151.7 किलोमीटर का जिसका निर्माण करने वाली कंपनी है अडानी।
इसके पश्चात तीसरा पैकेज 155.7 किलोमीटर तथा
चौथा पैकेज 156.8 किलोमीटर का है जिसका निर्माण करने वाली कंपनी अडानी ही है।
इस प्रकार से कुल 594 किलोमीटर के गंगा एक्सप्रेसवे को अदानी एंटरप्राइजेज बदायूं से प्रयागराज तक 464 किलोमीटर का निर्माण करेगी जो परियोजना का 80% है।
बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे पर शाहजहांपुर में एक हवाई पट्टी (3.5 किमी लंबी) बनेगी, जहां आपात स्थिति में वायुसेना के विमान उतर और उड़ान भर सकेंगे। गंगा एक्सप्रेस वे (Ganga Expressway) के मेरठ और प्रयागराज में मुख्य टोल प्लाजा होंगे। मुख्य टोल प्लाजा के अतिरिक्त 12 अतिरिक्त रैम्प टोल प्लाजा भी होंगे।
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इसके अतिरिक्त गंगा एक्सप्रेसवे पर दो पुलों की योजना बनाई गई है। जिनमें से एक है गंगा नदी पर 960 मीटर लंबा और दूसरा है रामगंगा पर 720 मीटर लंबा पुल।
यही नहीं गंगा एक्सप्रेस वे पर कुल 18 फ्लाईओवर और आठ रोड ओवर ब्रिज भी बनाए जाएंगे। जिनपर वर्तमान समय में निर्माण कार्य तीव्र गति से संचालित है।
निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने हेतु बता दें कि गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण लगभग पूरी की जा चुकी है। क्लियरिंग एवं ग्रबिंग – 100%, मिट्टी का काम – 41%, मुख्य कैरिजवे में डीबीएम – 11% तथा 1348 में से 485 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। पूरी परियोजना का समग्र रूप में 20 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है।
निर्माण की कुछ और जानकारी हेतु बता दें कि अमरोहा में मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेस वे पर निर्माण कार्य तेजी के साथ चल रहा है। यहां पर गांव मंगरौला में निर्माण के लिए प्लांट स्थापित किए गए हैं।
गंगा एक्सप्रेस-वे की परिधि में अमरोहा जनपद के 25 गांव आ रहे हैं। जिनसे 2,467 किसानों की 315.761 हेक्टेयर भूमि खरीदी गई है। जिस पर निर्माण कार्य चल रहा है।
बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे के लिए पत्थर ढुलाई का काम उत्तर रेलवे को मिला है। मालगाड़ियों से पत्थर चंदौसी और दबतोरी रेलवे स्टेशन पर उतरा जाएगा। रेलवे के अधिकारियों ने इसकी तैयारियां आरंभ कर दी हैं।
अधिक जानकारी हेतु बता दें उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण तो तेजी से चल ही रहा है। इसके साथ ही इसके किनारे औद्योगिक गलियारा विकसित करने की तैयारी भी है। एक्सप्रेसवे के आसपास फार्मा पार्क, टेक्सटाइल पार्क विकसित किए जाएंगे। एक्सप्रेसवे के आरंभिक छोर व अंतिम छोर पर भी बड़े औद्योगिक गलियारे बनाने की तैयारी है। एक्सप्रेसवे से निकटता के चलते बड़े स्तर पर निवेशक यहां अपने उद्योग लगाएंगे।
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वास्तव में यूपी सरकार की योजना एक्सप्रेसवे के बनने से पहले उससे संबंधित जिलों में उद्योग व निवेश के लिहाज से संभावना वाले स्थलों का विकसित करना है। गंगा एक्सप्रेस वे हापुड़ से भी गुजरेगा, यहां फार्मा पार्क बनने की तैयारी है। प्रयागराज में एनएच-2 प्रयागराज बाईपास पर समाप्त होना है। वहां पहले से औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है। मेरठ, जहां से इस एक्सप्रेसवे की आरंभ होनी है, वहां के प्रस्थान बिंदु के आसपास की भूमि को उद्योगों के लिए विकसित किया जाएगा। एक्सप्रेसवे को हरदोई से गुजरना जहां टेक्सटाइल पार्क के लिए भूमि ढूंढ ली गई है। टेक्सटाइल पार्क की सीमा लखनऊ तक है। ऐसे में आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे दोनों की निकटता एक्सप्रेसवे के किनारे शाहजहांपुर में वेयरहाउस विकसित किए जाएंगे। यहां से उपज आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अतिरिक्त इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, चिकित्सा संस्थान भी खोलने की तैयारी है। योगी सरकार शीघ्र ही संबंधित स्थलों के आसपास औद्योगिक गलियारे के लिए भूमि विकसित करेगी।
बता दें कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर गाजीपुर, आजमगढ़, जौनपुर और बाराबंकी में पहले से ही औद्योगिक गलियारे विकसित हो रहे हैं। वहीं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर जालौन और बांदा पर बन रहे हैं।
यह भी बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य लगातार हो रही वर्षा के कारण से प्रभावित भी हो रहा है। निर्माण में लगी मशीनें वर्षा में काम नहीं कर पा रही हैं। ऐसे में ठेकेदारों को बीच बीच में काम रोकना पड़ रहा है। तेज वर्षा होने पर गंगा एक्सप्रेस वे के प्लांट के आसपास पानी भर जाने से कार्य प्रभावित है। क्योंकि मिट्टी चिकनी हो जाने पर यहां मशीनें कार्य नहीं कर पाती हैं।
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कब यक होगा गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूर्ण यदि आप यह जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि प्रारंभ में, पूरा करने की समय सीमा दिसंबर 2025 थी। परंतु उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने NHAI और उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों को गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को दिसंबर 2024 तक पूरा करने का निर्देश दिया है। और कहा है परियोजना को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा हो जानी चाहिए ताकि 2025 में प्रयागराज में होने वाले कुंभ मेले के श्रद्धालु उत्सव का आनंद ले सकें।
महत्वपूर्ण है कि बीते 6 वर्ष में यूपी में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में रिकॉर्ड कार्य हुआ है। जहां वर्ष 2017 तक यूपी में सिर्फ 2 एक्सप्रेसवे थे। वहीं वर्तमान में यहां 6 एक्सप्रेसवे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग भी 6 वर्ष पहले की तुलना में लगभग दोगुने हो गए हैं। बॉर्डर एरिया कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है।
बेहतर कनेक्टिविटी विकास को गति देने का सबसे प्रमुख माध्यम है। और गंगा एक्सप्रेसवे के कारण से मेरठ से प्रयागराज के मध्य यात्रा का समय घटाकर 8 घंटे का हो जाएगा।
एक ओर, Ganga Expressway पूर्व-पश्चिम कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, तो दूसरी ओर यह एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट इकोसिस्टम को भी आगे बढ़ाएगा और कवर किए गए जिलों के औद्योगिक एवं आर्थिक विकास को लाभान्वित करेगा।
गंगा एक्सप्रेस वे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। गंगा एक्सप्रेस वे (Ganga Expressway) पूर्वी यूपी से राष्ट्रीय राजधानी तक सीधी कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित करेगा।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिला का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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