अब वाराणसी से होगा श्वेत क्रांति – Amul Milk Plant Varanasi
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Amul Milk Plant Varanasi : देश में हो रहे विभिन्न आधारभूत संरचना विकास कार्यों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी ने स्वयं को अग्रणी भूमिका में स्थापित किया है। इसी क्रम में वाराणसी जहां एक ओर भारत का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे नगर बन रही तो वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा दूग्ध प्लांट भी वाराणसी में स्थापित हो चुका है।
Amul Milk Plant Varanasi : सबसे पहले हम बात करते हैं इसे परियोजना के कालचक्र की। बता दें कि दिसंबर 2021 में वाराणसी के अतिप्रिय सांसद व भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस दूग्ध प्लांट का शिलान्यास किया था जिसकी जानकारी हमने आपको अपनी वीडियो में दिया था। तथा अब लगभग 2 वर्षों पश्चात ही वह घड़ी आ गई है जब इस परियोजना को जनता को समर्पित किया जाना प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से हर माह प्लांट के प्रगति की समीक्षा की जाती है। फ़रवरी माह के अंतिम सप्ताह अथवा मार्च माह में प्रधानमंत्री की अगले आगमन पर अमूल प्लांट के उद्घाटन की तैयारी है।
इसके प्रांरभ होने पर प्रदेश में श्वेत क्रांति आने की बात तय मानी जा रही है। पूर्वांचल के दुग्ध उत्पादकों की आमदनी बढ़ेगी तो लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। खेती-बाड़ी व पशुपालन की तरफ एक बार बड़े पैमाने पर लोग लौटेंगे। युवाओं को बड़े पैमाने पर परोक्ष व अपरोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
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परियोजना के स्थान विशेष व लागत आदि की जानकारी देने हेतु बता दें कि यह वाराणसी जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर वाराणसी-जौनपुर मार्ग पर स्थित है। जहां जिला का औद्योगिक विकास क्षेत्र UPSIDA है। इस दुग्ध प्लांट का निर्माण 30 एकड़ में लगभग 500 करोड़ रुपए की लागत से हुआ है। इस अमूल दुग्ध प्लांट के पहले चरण दूध, दही व छाछ तैयार होगा। वहीं दूसरे चरण में दूध से बनने वाले विभिन्न उत्पाद बाजार में लांच किए जाएंगे। अमूल की ओर से पहले चरण में पांच लाख लीटर पैकेट दूध के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इससे लगभग डेढ़ लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। अमूल की ओर से चंदौली, गाजीपुर, मिर्जापुर व शाहगंज आदि स्थानों पर दूध कलेक्शन प्वाइंट स्थापित किए जाएंगे।
वाराणसी के सपने को सच करने वाले इस अमूल दूध प्लांट की अधिक जानकारी के लिए बता दें की इस नवीन प्लांट का नाम है बनास काशी संकुल और इसमें प्रतिदिन 5 लाख लीटर दूध प्रसंस्करण की क्षमता होगी। इसके अतिरिक्त इस प्लांट में 50,000 लीटर आइसक्रीम, 20 मीट्रिक टन पनीर, 75,000 लीटर बटर मिल्क, 50 मीट्रिक टन दही, 15,000 लीटर लस्सी और 10,000 किलोग्राम अमूल मिठाई का भी उत्पादन होगा। तथा भविष्य में इसकी क्षमता को प्रति दिन 10 लाख लीटर तक उत्पादन में विस्तार भी किया जा सकेगा।
बता दें की इस संयंत्र में अमूल बेकरी और महिलाओं तथा बच्चों के लिए पूरक उत्पादन के लिए घर ले जाने वाला राशन संयंत्र भी सम्मिलित होगा। जानकारी अनुसार यहां पर साइलो के साथ ही प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, चिलिंग, ब्यावलर समेत लगभग शत प्रतिशत मशीनें इंस्टाल हो चुकी हैं।
जानकारी के लिए बता दें की अमूल की ओर से इसके लिए योजना नवंबर 2020 में ही घोषणा की गई थी कि अगले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में 2,500 करोड़ रुपये का निवेश वह कर सकती है। तथा गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन जिसे की अमूल के नाम से जाना जाता है उसने अगले 10 वर्षों में उत्तर प्रदेश राज्य का संगठित दूध उत्पादन को 110 मिलियन लीटर के मुकाबले 300 मिलियन लीटर करने की बात कही थी। इसी क्रम में बनास डेयरी ने अगस्त 2021 में वाराणसी में 100 परिवारों को गिर गाय भेजी थी।
जानकारी के लिए बता दें कि गिर गाय गुजरात में गायों की एक स्वदेशी नस्ल है, जो एक दिन में 20-25 लीटर दूध दे सकती है, जो उत्तर प्रदेश में गंगातीरी गायों की स्थानीय नस्ल से अधिक है, गंगातीरी गाय 5-7 लीटर दूध देती है।
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बता दें की इन गायों ने पहले ही दूध देना आरंभ कर दिया है। जिसे की इकट्ठा कर के एक थोक दूध वाहक के माध्यम से कानपुर में अमूल की वर्तमान दूध प्रसंस्करण इकाई में ले जाया जाता है। बनास डेयरी वर्तमान में वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों से 30,000 लीटर दूध एकत्र करती है जिसमें गिर गायों और देशी गंगातिरी के दूध सम्मिलित हैं।
यह भी बता दें की अमूल के इस दूध प्लांट के शिलान्यास के पश्चात इसका निर्माण पूर्ण होना था 18 महीनों में, तथा जैसा की आप देख सकते हैं कि अब इसके उद्घाटन की घड़ी निकट आ गई है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि प्लांट निर्माण के पहले चरण में पांच लाख लीटर पैकेट बंद दूध का उत्पादन का लक्ष्य है। इस समयावधि में डेढ़ लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। तथा प्लांट विस्तार के पश्चात 10 लाख लीटर पैकेट बंद दूध का प्रतिदिन उत्पादन, तो तीन लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
इसके अतिरिक्त पशुओं के नस्ल सुधार के लिए अमूल की ओर से शहंशाहपुर में केंद्र खोला गया है। गिर व साहीवाल गाय का संवर्धन भ्रूण प्रत्यारोपण टेक्नोलाजी के माध्यम से बनास डेरी के माध्यम से किया जा रहा है।
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यही नहीं पीएम की सोच के अनुसार अमूल लोकल बनारसी मिठाई लौंगलता व लाल पेड़ा भी बनाएगा। ताकि अमूल प्लांट से बनारस की यह देसी मिठाई देश के कोने-कोने में जा सके व ब्रांड बनारस की धाक बनी रहे।
महत्वपूर्ण है कि इस दूध प्लांट से पूर्वांचल में दुग्ध क्रांति होगी। पूर्वांचल के हजारो लोगो को रोजगार मिलेगा। हर गांव में दूध कलेक्शन सेंटर खोले जाएंगे। इसके लिए हर गांव में दूध क्रय समिति बनाई जाएगी। इस डेयरी प्लांट से वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, भदोही, गाजीपुर, मिर्जापुर और आजमगढ़ जिले के 1000 गांवों के किसानों को लाभ होगा। इन किसानों को प्रतिमाह उनके दूध के बदले 10000 से 12 हजार रुपए तक मूल्य मिलेगा।
महत्वपूर्ण है कि वाराणसी के सांसद श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में वाराणसी नगर के आधारभूत संरचना को सुदृढ करने व नगर वासियों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए नगर में सैकड़ों विकास परियोजनाओं पर कार्य हो रहे हैं। तथा मोदी जी समय समय पर इन परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन भी करते रहते हैं। तथा अमूल दूध प्लांट के अतिरिक्त और भी कई छोटे बड़े प्रोजेक्टस का उद्घाटन व शिलान्यास होना है जिनके वीडियो हमारे चैनल पर उपलब्ध है।
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