अब काशी में होगा बड़ा कमाल – Varanasi Airport New Terminal Extension
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Varanasi Airport New Terminal Extension : मित्रों हम सभी जानते हैं कि मोदी सरकार ने देश की आधारभूत संरचना को नवीन जीवन प्रदान करने के लिए कितना कार्य किया है, तथा यदि वाराणसी के संदर्भ में बात करी जाए तो विगत 10 वर्षों में वाराणसी का कायाकल्प ही कर दिया गया है। एवं वाराणसी बाबतपुर एयरपोर्ट हाईवे तो अपने आप में विकास का माॅडल है।
बता दें कि पर्यटक संख्या की दृष्टि से गोवा को पछाड़ चुकी वाराणसी एवं धार्मिक दृष्टि सर्वाधिक महत्वपूर्ण नगर काशी का पर्यटकों के इस नगर के प्रति आकर्षण के कारण से वाराणसी का लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश में लखनऊ एयरपोर्ट के पश्चात दूसरा सर्वाधिक व्यस्त हवाई अड्डा है।
इसी को ध्यान में रखते हुए वाराणसी के बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की तैयारी है। तथा इसके अंतर्गत एयरपोर्ट का स्वरूप अब पूर्णतया परिवर्तित होने वाला है।
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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बीते 19 जून को वाराणसी स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को विकसित करने के भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। जिसमें नए टर्मिनल भवन, एप्रन एक्सटेंशन, रनवे एक्सटेंशन, समानांतर टैक्सी ट्रैक और संबद्ध कार्यों का निर्माण करना भी सम्मिलित है।
बनने वाले नवीन एयरपोर्ट की जानकारी देने हेतु बता दें कि नवीन हवाई अड्डे पर यात्री प्रबंधन क्षमता को वर्तमान की 3.9 मिलियन यात्री प्रति वर्ष से बढ़ाकर 9.9 मिलियन यात्री प्रति वर्ष (एमपीपीए) करने पर अनुमानित वित्तीय व्यय 2870 करोड़ रुपये का होगा। तथा 75,000 वर्ग मीटर में विस्तारित उस नई टर्मिनल बिल्डिंग को 6 एमपीपीए की क्षमता और 5000 पीक ऑवर यात्रियों (पीएचपी) के उचित प्रबंधन के लिए डिजाइन किया गया है। इसे नगर की विशाल सांस्कृतिक धरोहर की झलक दिखाने के लिए डिजाइन किया गया है।
परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इस प्रस्ताव में रनवे को 4075 मीटर x 45 मीटर तक विस्तारित करना और 20 विमानों को पार्क करने के लिए एक नए एप्रन का निर्माण करना सम्मिलित है। नवीन वाराणसी हवाई अड्डे को हरित हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य ऊर्जा अनुकूलन, अपशिष्ट के पुनर्चक्रण, कार्बन उत्सर्जन में कमी, सौर ऊर्जा का उपयोग, तथा दिन के प्राकृतिक प्रकाश को सम्मिलित करके पर्यावरणीय निरंतरता सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही योजना, विकास और परिचालन के समस्त चरणों में अन्य टिकाऊ या सतत उपाय भी किए जाएंगे।
यही नहीं वाराणसी एयरपोर्ट भवन के पोर्टिको में वेद मंत्र भी लिखे होंगे। नए टर्मिनल में गंगा घाट, मंदिर के घंटों और सारनाथ के प्रतीक दिखेंगे। पूरे भवन में काशी की ऐतिहासिकता और पौराणिकता दिखेगी। काशी का एयरपोर्ट विश्व को प्राचीनता, सांस्कृतिक विरासत और भारतीय संस्कृति का संदेश भी देगा।
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एयरपोर्ट पर विभिन्न कलाकृतिक भारत की प्रगति का द्योतक होगी। नया लुक कई बड़े विकसित देशों की प्रकार से हाईटेक होगा। इसकी विशेषता होगी की ग्लास अर्थात कांच से नेचुरल लाइट अर्थात प्राकृतिक प्रकाश या सूर्य प्रकाश बढ़ेगी।
बता दें कि वाराणसी एयरपोर्ट (Varanasi Airport) की डिजाइन PPP model पर आधारित है। इसका अर्थ पीपुल (लोग), पर्पज (उद्देश्य) और प्लेस (स्थान) है। स्टील की छत और ग्रेनाइट की फर्श बनाई जाएगी। नई डिजाइन के अनुसार नया इंट्रीगेटेड टर्मिनल भवन और पांच एयरोब्रिज का निर्माण कराया जाएगा। एयरपोर्ट पर खानपान, शॉपिंग और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इस प्रस्ताव के अनुसार विस्तार की योजना में एक समानांतर अंडरग्राउंड टैक्सी ट्रैक का निर्माण भी सम्मिलित है।
एविऐशन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वाराणसी एयरपोर्ट पर देश और विदेशी विमानों के माध्यम से विगत वर्ष में लगभग 40 लाख यात्री आए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का विकास को स्वीकृति मिलने के पश्चात केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय का स्वागत किया है। सीएम योगी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है।
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यह भी बता दें कि वाराणसी एयरपोर्ट के विस्तार की योजना पीएम नरेंद्र मोदी के पहली बार बनारस का सांसद चुने जाने के बाद 2015 में बनी थी। हालांकि इस पर काम अब आरंभ होने जा रहा है। अब यहां अमेरिकी राष्ट्रपति के खास विमान अमेरिकी एयर फोर्स-वन के साथ बोइंग 777 जैसे बड़े विमान भी आराम से लैंड कर सकेंगे।
और अब एयरपोर्ट के विस्तार को केंद्र की स्वीकृति मिलने से यहां के लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट को सिडनी एयरपोर्ट की तरह विकसित किया जाएगा। वाराणसी एयरपोर्ट के रनवे का विस्तार होने से वाराणसी-सुल्तानपुर (एनएच-56) हाईवे तीन किलोमीटर लंबी टनल से गुजरेगा। यानी ऊपरी सतह पर विमान उतरेंगे और नीचे से वाहनों की आवाजाही होगी। टनल बनाने को आईआईटी विशेषज्ञों के साथ भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार, टनल इस प्रकार से बनाया जाना प्रस्तावित है कि भारी विस्फोटक से भी इसे क्षति नहीं पहुंचेगी।
भूमि अधिग्रहण की जानकारी देने हेतु बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने एयरपोर्ट विस्तार के लिए लगभग 300 एकड़ भूमि के अधिग्रहण को स्वीकृति दी थी।
एयरपोर्ट विस्तारीकरण योजना के लिए 300 एकड़ भूमि लिए जाने से एयरपोर्ट के आसपास के सगुनहा, घमहापुर, कर्मी, बैकंठपुर, मंगारी, पुरारघुनाथपुर और बसनी गांव का नामोनिशान मिटने के साथ बड़ी जनसंख्या विस्थापित होगी। प्रशासन इन गांवों के 857 किसानों की भूमि की रजिस्ट्री कराने में जुटा हुआ है।
वहीं अब यदि बात करें नव्य टर्मिनल भवन निर्माण व टेंडर की तो हम आपको बता दें कि इस टेंडर प्रक्रिया में नौ कंपनियां सामने आई थी।
जिनके नाम हैं
1. Ahluwalia Contracts (India) Ltd. (ACI)
2. Kalpataru Projects India Ltd. (KPIL)
3. KPC Projects Ltd.
4. Larsen & Toubro (L&T)
5. NCC Ltd.
6. PSP Projects Ltd.
7. Rail Vikas Nigam Ltd. (RVNL)
8. Tata Projects Ltd. (TPL)
9. Uttar Pradesh Rajkiya Nirman Nigam Ltd.
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जिसमें अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड (एसीआईएल) को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक नए टर्मिनल भवन के सिविल निर्माण कार्य के लिए कार्यदाई कंपनी घोषित किया गया। तथा इसपर निर्माण इस वर्ष अप्रैल से आरंभ होना था परंतु चुनावों के कारण से अब हो रहा है और समय-सीमा 36 महीने है।
केंद्र सरकार ने देश के सभी एयरपोर्ट के विकास के लिए 2050 तक का विजन तय किया है। मंशा है कि हवाईअड्डे से आवागमन के साथ-साथ निर्यात को भी बढ़ावा दिया जाए।
विस्तारीकरण परियोजना के अंतर्गत बाबतपुर एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बढ़ेंगी। साथ ही स्थानीय उत्पादों के निर्यात को भी प्रोत्साहन मिले। पूर्वांचल घरेलू व स्थानीय उत्पादों की सम्पन्नता वाला क्षेत्र है। दूर देशों तक उत्पादों की पहुंच सरल बनाने में यह बड़ा कदम होगा।
मित्रों यदि दी हुई वाराणसी एयरपोर्ट एक्स्टेंशन की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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