भूल जाओ दुबई सिंगापुर, PM मोदी की काशी ने मारी लम्बी छलांग

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यदि आप जल मार्ग से यातायात को पसंद करते हैं तो आपके लिए एक बहुत ही बड़ा शुभ समाचार है। उत्तर प्रदेश को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नई सौगात दी है। अर्थात काशी को विश्व की सबसे लंबी रिवर क्रूज़ (Ganga Vilas River Cruise Varanasi) की सौगात मिली है।

ऐसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के दिशा निर्देशन में काशी अर्थात विश्व की प्राचीनतम जीवित नगर वाराणसी का कायाकल्प हो रहा है जो कि समस्त विश्व के समक्ष है और वाराणसी में विकास की गंगा भी बह रही है। परंतु विकास की गंगा के साथ ही साथ अब वाराणसी की प्राण दायिनी मां गंगा की जल पर अब विश्व के सबसे लंबा रिवर क्रूज भी चलने वाला है। जिसका की मार्ग प्रशस्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर दिया है।

CM Yogi in Varanasi
Ganga Vilas Cruise Inauguration

अधिक जानकारी हेतु बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते शुक्रवार को यहां वाराणसी-डिब्रूगढ़ के बीच क्रूज की समय सारणी का विमोचन किया। साथ ही उन्होंने रविदास घाट पर केंद्रीय जलमार्ग मंत्री के साथ संयुक्त रूप से जेट्टियों का लोकार्पण भी किया।

अब बात करें उस क्रूज शिप ‘गंगा विलास’ (Ganga Vilas Cruise Ship) की। इसकी लंबाई 62.5 मीटर होगी और चौड़ाई 12.8 मीटर। यह भारत में बनने वाला पहला रिवर शिप है। इस पर 18 बेहतरीन सुइट होंगे जिनमें यात्री यात्रा करेंगे। इनमें बाथरूम, शावर, कनवर्टिबल बेड, फ्रेंच बॉलकनी, एलईडी टीवी, सेफ समेत आधुनिक जीवन रक्षक प्रणाली भी होगी। इसके अतिरिक्त इस ट्रिप को और स्मरणीय बनाने के लिए 40 सीटर रेस्‍टोरेंट है, सन डेक और स्‍पा भी है। यहां बुफे में कॉन्‍टीनेंटल और इंडियन डिशेज सर्व की जाएंगी।

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यात्रा की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि वाराणसी से आरंभ होकर असम तक जाने वाली यह यात्रा 3200 किलोमीटर लंबी होगी तथा इस यात्रा में कला, संस्‍कृति, इतिहास और आध्‍यात्मिकता का संगम होगा। वाराणसी से कोलकाता की हुगली नदी तक सभी प्रमुख स्थानों पर यह क्रूज रुकेगा। 50 दिनों की इस यात्रा में क्रूज 50 ऐसी स्थानों पर रुकेगा जो वर्ल्‍ड हेरिटेज के तौर पर प्रसिद्ध हैं अथवा जिनका नाम विश्व के अद्वितीय स्थानों में होता है। इनमें सुंदरबन डेल्‍टा और काजीरंगा नेशनल पार्क भी सम्मिलित हैं।

आपको हम बता दें कि किसी भी सिंगल रिवर शिप की यह यात्रा विश्व में सबसे लंबी यात्रा होगी। इससे भारत और बांग्‍लादेश, दोनों ही देश विश्व के रिवर क्रूज पर्यटन के मानचित्र पर प्रसिद्ध हो जाएंगे। इसके अतिरिक्त इससे भारत की दूसरी नदियों में भी रिवर क्रूजिंग को लेकर जागरुकता बढे़गी।

आपको हम बता दें कि जलमार्ग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वाराणसी से असम के डिब्रूगढ़ (Varanasi-Dibrugarh cruise) जिले के बोगीबील तक क्रूज सेवा का आरंभ अगले वर्ष जनवरी से होगा। यह विश्व का सबसे लंबा लग्‍जरी रिवर क्रूज होगा जो 50 दिनों में 3200 किलोमीटर का यात्रा करेगा।

Varanasi Dibrugarh Cruise
Varanasi Dibrugarh Cruise Route

अधिक जानकारी हेतु बता दें कि यह क्रूज 10 जनवरी को वाराणसी से प्रस्थान करेगा और कोलकाता व बांग्‍लादेश के ढाका होते हुए 1 मार्च को असम के डिब्रूगढ़ जिले के बोगीबील पहुंचेगा। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर चलने वाले इस क्रूज के टिकट के दाम भी ऑपरेटर ही तय करेंगे। जो कि कॉस्ट प्लस पर आधारित होंगे।

बता दें कि रिवर शिपिंग को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता में सम्मिलित है। रिवर शिपिंग के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं और सरकार इसका पूरा दोहन करने के‍ लिए कार्य कर रही है। नदियों पर यात्री यातायात को बढ़ावा देने के अतिरिक्त क्रूज सेवाएं पर्यटन के लिए भी लाभप्रद सिद्ध होंगी।

क्रूज़ संचालन की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि वाराणसी-डिब्रूगढ़ क्रूज (The Varanasi-Dibrugarh cruise) को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर चलाया जाएगा। इसके लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) और अंतरा लक्ज़री रिवर क्रूज़ व जेएम बक्सी रिवर क्रूज़ ने मेमोंरेंडम ऑफ अंडरस्‍टैंडिंग पर हस्‍ताक्षर किए हैं। क्रूज की टिकट की कीमत इसे चलाने वाली कंपनी ही निर्धारित करेगी और केंद्र सरकार इस मामले में कोई दखल नहीं देगी। सभी प्रकार के पर्यटकों को देखते हुए क्रूज पर सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जाएंगी। यात्री एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान तक और पूरे यात्रा भी इस पर कर पाएंगे।

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यही नहीं भारतीय वेसल अधिनियम में संशोधन करके क्रूज लाइनों को राष्‍ट्रीय परमिट दिया जाएगा। ताकि एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में निर्बाध रूप से यात्रा किया जा सके।
रूट की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि गंगा विलास क्रूज वाराणसी से अपनी यात्रा आरंभ करेगा और बक्सर, रामनगर, गाजीपुर से गुजरते हुए 8वें दिन पटना पहुंचेगा। पटना से यह 20वें दिन कोलकाता पहुंचेगा। अर्थात बिहार की राजधानी पटना से पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता पहुंचने में 12 दिन लगेंगे।

अगले दिन यह बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश करेगा। 15 दिन यह बांग्‍लादेश की जलसीमा में रहेगा। वहां से यह कोलकाता आएगा और कोलकाता से बोगीबील (डिब्रूगढ़) पहुंचेगा। डिब्रूगढ़ के बोगीबील पहुंचने के लिए फिर से भारत में प्रवेश करने से पहले यात्री 15 दिनों तक पड़ोसी देश बांग्लादेश में रुकेंगे।

गंगा विलास क्रूज (Ganga Vilas cruise) अपनी 50 दिनों की सबसे लंबी नदी यात्रा में वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक 27 नदी प्रणालियों को कवर करेगा. यह विश्व धरोहर स्थलों सहित 50 से अधिक पर्यटक स्थलों पर जाएगा. विश्व में किसी रिवर क्रूज द्वारा की जाने वाली यह सबसे बड़ी नदी यात्रा होगी।

क्रूज भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट की सहायता से बांग्लादेश में लगभग 1,100 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम होगा, जिसने पहले ही दोनों पड़ोसी देशों के मध्य व्यापार और पारगमन चैनल खोल दिए हैं। यह मार्ग गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों को भी जोड़ता है।

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बता दें कि जलमार्ग विकास प्रोजेक्ट-2 (अर्थ गंगा) के अंतर्गत गंगा नदी पर 62 लघु सामुदायिक घाटों का विकास/उन्नयन किया जा रहा है जिसमें 15 उत्तर प्रदेश में, 21 बिहार में, 3 झारखंड में और 23 पश्चिम बंगाल में हैं।

उत्तर प्रदेश में वाराणसी और बलिया के मध्य ये घाट विकसित किए जा रहे हैं जो यात्री एवं प्रशासनिक सुविधाओं से युक्त होंगे। इन घाटों का परिचालन आरंभ होने से छोटे उद्योगों को बढ़ावा भी मिलेगा।

एक समझौते के अंतर्गत कोचिन शिपयार्ड आठ हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कैटामारन जलयानों का निर्माण करेगा। इस परियोजना के लिए केन्द्र ने 130 करोड़ रुपये स्वीकृति किए हैं।
अधिकारियों ने अनुसार वाराणसी और कोलकाता के मध्य कुल 60 जेटी बनाए जाने हैं। इनमें उत्तर प्रदेश में सात जेटी तैयार हुए हैं जिसमें वाराणसी में तीन, बलिया में दो और चंदौली, गाजीपुर में एक-एक जेटी है।

Varanasi Dibrugarh Cruise Route
Varanasi Dibrugarh Cruise Route

क्रूज़ की विशेषताओं की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इंटीरियर को जीवंत रंगों में रखा गया है जो उन क्षेत्रों की विशद संस्कृतियों के पूरक हैं जिनसे क्रूज गुजरेगा। मैजेंटा, नीले और पीले रंग के सभी रंग 50-दिवसीय यात्रा के समयावधि में देखे जा सकते हैं।

इसके फर्श से छत तक की बड़ी खिड़कियां यात्रियों को पूरे दिन नदी की सुंदरता का आनंद लेने की अनुमति देंगी। एक मनोरम लाउंज, एक अवलोकन मंडप और एक भोजन कक्ष यात्रियों के लिए यात्रा के अनुभव को बढ़ाएगा।

इसके अतिरिक्त, गंगा विलास क्रूज में लाउंज के लिए एक खुला सनडेक और यात्रियों को उनकी यात्रा के समयावधि में आराम करने के लिए एक स्पा भी है। जो जहाज की विलासिता को परिभाषित करते हैं। तथा यात्री ऐसे ऐसे स्वादिष्ट भोजन का भी आनंद ले सकेंगे जो जहाज द्वारा यात्रा की जाने वाली विभिन्न स्थानों से प्रेरित है।

यही नहीं पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए, जहाज में ऐसी प्रौद्योगिकियां भी सम्मिलित हैं जो प्रदूषण को कम करेंगी और शोर को नियंत्रित करेंगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इसकी यात्रा स्वच्छ और टिकाऊ रहे।

Ganga Vilas River Cruise Varanasi
Ganga Vilas Cruise

महत्वपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश की गंगा में अब पर्यटकों के लिए विशेष यात्रा की तैयारी की जा रही है। और इसमें काशी की सबसे बड़ी भूमिका रहेगी। काशी को सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है एवं अब संभव है कि रिवर क्रूज़ व जलमार्ग की राजधानी भी बन जाएगी।

मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको विश्व की सबसे लंबी वाराणसी रिवर क्रूज़ की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

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