विश्व के सबसे बड़े मंदिर विराट रामायण मंदिर पर आई खुशख़बरी

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उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) के पश्चात अब बिहार के चंपारण में ‘विराट रामायण मंदिर’ के निर्माण की तैयारी आरंभ हो गई है। बनने के पश्चात यह देश के सबसे ऊँचे मंदिरों में से एक होगा, जिसकी चर्चा अभी से होने लगी है।

सदियों की प्रतीक्षा के पश्चात अयोध्या में श्री राम लला के मंदिर का निर्माण आरंभ होने के साथ अब करोड़ो सनातनीयों को दोहरी खुशी मिलने जा रही है क्योंकि अयोध्या काशी ही नहीं एक और ऐसे भव्य मंदिर का स्वप्न साकार होने वाला है जो हिंदू हृदय को प्रफुल्लित अवश्य कर देगा।

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं बिहार के चंपारण में बनने वाले विराट रामायण मंदिर (Virat Ramayan Mandir) की जिसकी हम आपको ग्राउंड रिपोर्ट देंगे 

Mandir layout

पहले हम आपको इस मंदिर की संरचना को दिखाते हुए इसके बारे में बताते हैं। बिहार के पूर्वी चंपारण के चकिया-केसरिया के पास जानकीपुर में ‘विराट रामायण मंदिर’ बन रहा है। यह बिहार का सबसे भव्य मंदिर होने के साथ ही देश के सबसे बड़े मंदिरों में एक होगा। मंदिर की विशेषता इसकी ऊंचाई है। यह 270 फीट ऊंचा, 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा।

वैशाली से 60 और पटना से 120 KM दूर इस भव्य मंदिर को बनाने का कॉन्सेप्ट पटना के महावीर मंदिर के सचिव आचार्य किशोर कुणाल का है। किशोर कुणाल पूर्व IPS हैं। उन्होंने महावीर मंदिर के साथ ही पटना में महावीर कैंसर संस्थान और महावीर आरोग्य संस्थान की स्थापना भी की है।

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जानकारी के लिए बता दें की मंदिर बनाने के लिए पहले वैशाली में भूमि देखी गई थी, परंतु वो कम पड़ गई। फिर सीतामढ़ी के पुनौरा धाम के पास भूमि मिली। पुनौरा धाम को ही माता जानकी का जन्मस्थान माना जाता है, परंतु वहां पर भी बात नहीं बनी इसके पश्चात चंपारण में भूमि फाइनल हुइ। इस स्थान की विशेषता यह है कि भूमि के पास से अयोध्या-जनकपुर (नेपाल) पथ अर्थात राम-जानकी मार्ग भी गुजरने वाला है। एक मान्यता यह भी है कि जब भगवान राम की बारात लौट रही थी, तब यात्रा की दूसरी रात सभी लोगों ने यहीं बिताई थी। मंदिर तैयार होने के पश्चात जो लोग भी अयोध्या से जनकपुर आएंगे-जाएंगे, उन्हें मार्ग में यह मंदिर ठीक सामने दिखेगा।

जानकारी के लिए बता दें की विराट रामायण मंदिर का भूमि पूजन 21 जून 2012 को गुजरात के आर्किटेक्ट पियूष भाई सोमपुरा व आचार्य किशोर कुणाल ने किया था। जिसका सीमांकन 25 दिसम्बर 2020 को किया गया था।

मंदिर के स्थान विशेष की जानकारी देने के पश्चात हम इसके इसकी विशेषता की जानकारी देते हैं। बता दें की इस मंदिर को ‘टेंपल ऑफ टावर्स’ के नाम से जाना जाएगा। इसके आसपास 13 मंदिर बनाए जा रहे हैं और सब ऊंचे शिखर वाले मंदिर हैं। बगल के जो 4 मंदिर हैं, वो 180 फीट ऊंचे हैं। साथ ही मंदिर में विश्व की सबसे विशाल काले ग्रेनाइट पत्थर का बने शिवलिंग की स्थापना की जा रही है, जो 33 फीट ऊँचा है। इसकी गोलाई भी 33 फीट ही है। जलाभिषेक के लिये चालीस फीट ऊंचा छत बनेगा। इसमें 3 सीढ़ियां और 4 लिफ्ट होंगे, जिससे भक्त ऊपर जाकर आराम से जल चढ़ा सकेंगे। इन सबके अतिरिक्त यहाँ पर पूजा मंडप भी बनेगा जिसमें पच्चीस हजार लोग एक साथ पूजा कर सकेंगे।

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अब हम आपको यह भी बता दें की इस परियोजना में विलंब क्यों हुआ तो बता दें कि पहले मंदिर विश्व प्रसिद्ध कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की शैली में बनना था। इसकी जैसे ही चर्चा फैली कंबोडिया के राजदूत ने निर्माण स्थल का निरीक्षण कर मानचित्र को देखा था। उन्होंने अंकोरवाट मंदिर को वहां के लोगों की आस्था का प्रतीक बताकर उसी तर्ज पर मंदिर बनाने पर रोक लगाने की रिपोर्ट सरकार को दी थी। जिस कारण से विलंब हुआ परंतु अब इसके पश्चात मंदिर के  मानचित्र में परिवर्तन कर दिया गया है और अब अड़चनें दूर हो चुकी हैं।

Virat Ramayan Mandir

बता दें की महावीर मंदिर न्यास की ओर से केसरिया के पास निर्माणाधीन विराट रामायण मंदिर 250 वर्ष से अधिक का होगा। इसके लिए मंदिर के स्ट्रक्चरल डिजाइन में विशेष परिवर्तन किए जा रहे हैं।

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के पूर्व महानिदेशक विनीत कुमार जायसवाल को विराट रामायण मंदिर का मुख्य परामर्शी, तकनीकी सेवाओं के लिए बनाया गया है। उनके सुझाव पर मंदिर की स्ट्रक्चरल डिजाइन में महत्वपूर्ण परिवर्तन किये जा रहे हैं।

जानकारी के लिए बता दें की केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के सर्वोच्च पद से हाल ही में सेवानिवृत्त हुए विनीत जायसवाल नये संसद भवन के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। वे विराट रामायण मंदिर निर्माण समिति के सदस्य भी होंगे। बताते चलें कि केंद्रीय लोक निर्माण द्वारा ही नये संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है।

Mandir Model

आइए अब हम आपको विराट रामायण मंदिर के निर्माण से जुड़ी और जानकारी देते हैं। बता दें की इस मंदिर को पारंपरिक पत्थर से ना बनाकर कंक्रीट से बनाया जाएगा, क्योंकि बिहार में पत्थरों की बहुत कमी है। आसपास जो भी पत्थरों वाले स्थान हैं, सब अयोध्या के राम मंदिर को दी जा रही हैं। मंदिर को इस प्रकार से बनाया जा रहा है कि यह 300 से 400 वर्षों तक रहे। इसमें कंक्रीट के साथ ट्फेन ग्लास का भी प्रयोग किया जाएगा। इससे मंदिर देखने में अत्यंत सुंदर लगेगा।

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बता दें की पहले इसमें लोहा, सीमेंट और टफेन ग्लास से पूरा मन्दिर बनना था। अब विशेष किस्म के स्टील का प्रयोग मन्दिर निर्माण में होगा। अभी मन्दिर के बाहरी परिसर का कार्य चल रहा है। मुख्य मन्दिर के निर्माण की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

बता दें की वर्तमान समय में मुख्य मंदिर के बाहरी परिसर का काम चल रहा है। यहाँ पर एक भवन का निर्माण हो रहा है और हम आपको बता दें की यह भवन मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय के लिए बन रहा है।

Virat Ramayan Mandir

आप सभी को यह भी जानने की उत्सुकता होगी कि कब बनना आरंभ होगा तथा कब तक अंततः बन कर सज्ज होगा यह मंदिर तो हम आपको बता दें की आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस वर्ष मार्च के अंत तक मंदिर बनाने का कार्य आरंभ हो जाएगा। एवं अगले ढाई वर्ष में स्ट्रक्चर खड़ा हो जाएगा और फिर अगले ढाई साल इसकी फीनिशिंग में लगेंगे। अर्थात अगले कुल 5 वर्षों में मंदिर बनकर के सज्ज हो जाएगा। तथा फीनिशिंग के लिए दक्षिण भारत के कलाकारों को बुलाया जाएगा। मंदिर बनाने के लिए महावीर मंदिर ट्रस्ट के पास इतने रुपए हैं कि फाउंडेशन से लेकर शिखर तक का स्ट्रक्चर तैयार हो जाएगा। उसके पश्चात यदि आवश्यकता पड़ी तो ट्रस्ट जनता से सहायता लेगा।

महत्वपूर्ण है कि मंदिर निर्माण के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय व नागरिक उड्डयन मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र भी मिल चुका है। इस मंदिर में देश के विभिन्नता की झलक मिलेगी। अब मंदिर निर्माण में सारी बाधाएं दूर हो जाने से क्षेत्र के लोगों में प्रसन्नता है। प्रस्तावित मंदिर में विभिन्न देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित होगी। जिसमें मुख्य आराध्य भगवान राम सीता होंगे। इस मंदिर का नाम विश्व की सबसे ऊंचे शिखर वाली मंदिर में सम्मिलित होगा। यह विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक संरचना होगी।

Kishore Kunal

इस स्थान पर अयोध्या से जनकपुर तक स्वीकृत राम-जानकी मार्ग मन्दिर को स्पर्श कर गुजर रहा है। बिहार की सीमा में दो लेन के पूर्व प्रस्तावित धार्मिक महत्व की इस सड़क को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में फोर लेन किए जाने की स्वीकृति दी है। तो शीघ्र ही भविष्य में जनकपुरी से अयोध्या के श्री राम मंदिर का दर्शन तो होगा ही साथ ही इसी के मध्य में विराट रामायण मन्दिर भी होगा जिसकी ऊंचाई 270 फीट होगी। 

बहुप्रतिक्षित विराट रामायण मन्दिर का निर्माण शीघ्र आरंभ हो रहा है। नये संसद भवन का निर्माण शीघ्र पूरा होने के पश्चात विशेष तकनीक के अनुभवी कारीगरों और अभियंताओं की टीम विराट रामायण मन्दिर के निर्माण में जुटेगी।

मित्रों यदि आपको उपरोक्त विराट रामायण मन्दिर की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो जय श्री राम कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें:

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