वाराणसी में एक ऐसे परियोजना का हो रहा है उद्घाटन जो विकास से नहीं भूख से जुडी है

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वाराणसी (Varanasi) में विकास परियोजनाओं (Development Projects) को तो आपने बहुत देगा होगा, परंतु PM मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब एक ऐसा कार्य हुआ है जिसे कोई विकास तो नहीं कहा जा सकता परंतु इससे लाखों गरीबों को प्रतिदिन लाभ अवश्य होगा।

Akshay Patra Kitchen Varanasi

मित्रों भारत में मोदी सरकार द्वारा हर एक क्षेत्र को आधुनिक बनाने व उनके क्षमता को विस्तार देने के उद्देश्य से ढ़ेरों विकास परियोजनाएं संचालित हैं जिनका की उद्घाटन व शिलान्यास समय समय पर किया जाता रहा है। और यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की बात करें तो विगत 8 वर्षों में वाराणसी का कायाकल्प हो रहा है तथा नगरवासियों के जीवनशैली को सुगम व सुविधायुक्त करने का कार्य निरंतर हो रहा है। परंतु आधुनिक समय में आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने में लीन समाज में एक और श्रेणी है जो अपनी आवाज़ भी नहीं रख पाता। किंतु भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री के कार्यकाल में भला ऐसा कैसे हो सकता है।

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आपको हम बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस बार की वाराणसी आगमन पर गरीब बच्चों के मध्यान्ह भोजन के प्रबंध हेतु एक वृहद स्वचालित व अत्याधुनिक इकाई का उद्घाटन होने जा रहा है। यह इकाई प्रतिदिन लाखों लाभार्थियों तक अपनी सेवा प्रदान करने में सक्षम होगी।

इस परियोजना की ग्राउंड रिपोर्ट में आपको हम इसकी विस्तृत जानकारी देते हैं। बता दें कि इस अत्याधुनिक रसोईघर को वाराणसी के LT College के कैंपस में स्थापित किया गया है। तथा इसका निर्माण अक्षय पात्र फाउंडेशन ने करवाया है। आगे हम आपको अक्षय पात्र फाउंडेशन के बारे में भी बताएंगे पर उससे पहले आपको हम इस विशेष रसोईघर की जानकारी देते हैं।

बता दें कि वाराणसी जनपद के सभी प्राथमिक विद्यालयों में लाखों बच्चों के लिए प्रतिदिन पका हुआ भोजन तैयार करने की व्यवस्था होगी, जिससे स्कूलों में मिड-डे-मील अर्थात मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अंतर्गत रोटी, चावल, दाल और सब्जी सभी कुछ तैयार करने के लिए विद्युत चालित उपकरण लगाये गये हैं।

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इस सेंट्रलाइज्ड किचन से बच्चों को भरपेट भोजन मिलेगा। काशी में यह रसोईघर 24 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है जिसे देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आ सकते हैं।
जैसा कि हम आपको दिखाने का प्रयास कर रहे हैं तथा आप देख सकते हैं कि यह कितना वृहद अत्याधुनिक है तथा कितने सारे मशीन हैं जिनके संयोजन का कार्य संचालित है। सबसे बड़ी बात क्या है वह भी हम आपको बता दें की यह मशीन विदेशी नहीं हैं यह अपने देश भारत में ही निर्मित हैं अर्थात इस रसोईघर के निर्माण में मेक इन इंडिया का भी पूरा ध्यान रखा गया है।

वर्तमान समय में यहां पर फिनिशिंग कार्य संचालित है तथा बाहरी भाग का दृश्य दिखाते हुए आपको बता दें कि यहां पर भी पेंटिंग व सफाई आदि का कार्य हो रहा है।

आइए अब जानते हैं इस रसोईघर को बनाने वाली अक्षय पात्र फाउंडेशन (Akshay Patra Foundation) के बारे में। बता दें कि अक्षय पात्र फाउण्डेशन, भारत की एक अशासकीय संस्था अर्थात NGO है जो देश के 12 राज्यों में 14702 स्कूलों में लगभग 17 लाख स्कूली छात्रों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराती है। इस संस्था का नाम दिसम्बर, २००९ में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी अंकित किया गया है तथा सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उसे सीएनबीसी ने सम्मानित किया है।

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वर्ष 2000 में इस संस्था का गठन कर्नाटक के ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब बच्चों की सहायता करने के लिए किया गया था और धीरे-धीरे राज्य सरकार तथा कॉरपोरेट जगत की सहायता मिलने से संस्था ने 7 राज्यों में अपनी विशिष्ट पहचान बना ली है। इस संस्था का मंशा यही है कि देश में कोई भी गरीब बच्चा भूख के कारण से अपनी पढाई नहीं छोडे और इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर उन्होंने दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों को ही प्राथमिकता दी है। वर्तमान में यह संस्था कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उडीसा, गुजरात, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ में ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों को भोजन उपलब्ध करा रही है।

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वाराणसी में आगे चलकर अक्षय पात्र के इस रसोईघर की सीमा अन्य जिलों में भी बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में इसकी क्षमता 25000 लोगों के भोजन की है परंतु छह माह पश्चात इस रसोईघर की क्षमता बढ़ाकर एक लाख और एक वर्ष पश्चात दो लाख करने का लक्ष्य है। निश्चित रूप से इस केंद्रीकृत रसोईघर का आरंभ होने से परिषदीय स्कूल के शिक्षकों को मिड डे मील बनवाने से मुक्ति मिलेगी। बच्चों को भी मशीनीकृत आधुनिक रसोई से शुद्ध व पौष्टिक गरमा गरम मध्याह्न भोजन मिलेगा।

जानकारी हेतु बता दें कि वाराणसी जिले में कुल 1143 परिषदीय विद्यालय है।

बता दें कि यूपी में वृंदावन और लखनऊ में अक्षय पात्र के दो रसोईघर पहले से हैं। लखनऊ में 1,400 स्कूलों के 1,25,000 बच्चों को प्रतिदिन मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। एनजीओ भारतीय खाद्य निगम से गेहूं और चावल निशुल्क प्राप्त करता है, जबकि दाल आदि का क्रय बाजार से किया जाता है।

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जानकारी हेतु बता दें कि पिछले दिनों वाराणसी मण्डलायुक्त दीपक अग्रवाल और जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने इस एलटी कालेज परिसर में निर्माणाधीन अक्षय पात्र कम्युनिटी किचेन भवन और इसमें भोजन पकाने के लिए लगायी जा रही मशीनों का निरीक्षण भी किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सात से 10 जुलाई के बीच काशी के संभावित आगमन को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने तैयारी कर रही है।

पीएम मोदी शिक्षा मंत्रालय की ओर सिगरा स्थित अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर रुद्राक्ष में आयोजित दो दिनी शिक्षा सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। काशी में इस तरह का सम्मेलन पहली बार हो रहा है। प्रधानमंत्री करीब 1800 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास समारोह में भाग लेंगे।

महत्वपूर्ण है कि यह इस प्रकार की परियोजना है जो देश की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ तो नहीं करेगी परंतु लाभार्थीयों को स्वच्छ आहार उपलब्ध कराकर स्वर्णिम भारत के स्वास्थ्य भविष्य का आधार अवश्य बनेगी।

मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई वाराणसी की अत्याधुनिक रसोईघर की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

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