CM योगी की मेहनत रंग लायी, उत्तर प्रदेश को मिला नया मेट्रोपोलिटन सिटी
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कोई राज्य कितनी तेजी से विकास कर सकता है यह वर्तमान भारत के उत्तर प्रदेश को देख कर समझा जा सकता है। नोएडा कानपुर लखनऊ अयोध्या वाराणसी में हो रहे तीव्र विकास ही नहीं अति शिघ्र अब इस राज्य को एक और मेट्रोपोलिटन सिटी की सौगात मिल रही है जहाँ पर अब मेट्रो भी दौड़ेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर को भी महानगर घोषित कर दिया है। बीते शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। महानगर बनने के साथ ही अब यहां पर मेट्रो के संचालन का रास्ता साफ हो गया है।
जानकारी के लिए बता दें की सरकार ने गोरखपुर नगर निगम के अतिरिक्त तीन नगर पंचायत व आठ विकास खंडों को सम्मिलित कर इसे महानगर क्षेत्र घोषित किया है। और यह इसीलिए हुआ है क्योंकि प्रदेश सरकार गोरखपुर में मेट्रो चलाना चाहती है, परंतु कम जनसंख्या के कारण यह नगर उस सीमा में नहीं आ पा रहा था। इसके लिए नगर को मेट्रोपोलिटन सिटी (महानगर) होना आवश्यक होता है। और इसका बड़ा कारण है कि इसके बिना केंद्र सरकार से मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए अंशदान भी नहीं मिल पाता। इसलिए प्रदेश सरकार ने गोरखपुर नगर को महानगर घोषित कर दिया है। तथा नगर विकास विभाग ने शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
बता दें की अपर मुख्य सचिव नगर विकास की ओर से जारी आदेश के अनुसार गोरखपुर महानगर क्षेत्र में अब गोरखपुर नगर निगम, नगर पंचायत पिपराईच, नगर पंचायत पीपीगंज, नगर पंचायत मुण्डेरा बाजार के अतिरिक्त चरगांवा, खोराबार, पिपराईच, सरदार नगर, पिपरौली, जंगल कौडिय़ा, कैम्पियरगंज व भटहट विकास खंड के संपूर्ण क्षेत्र को सम्मिलित कर लिया है।
अर्थात गोरखपुर अब महानगर यानी मेट्रोपोलिटन नगर बन चुका है। यह भी बता दें की गोरखपुर को महानगर बनाने की प्रक्रिया बहुत पहले ही आरंभ हो गई थी। इसकी नींव गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के सीमा विस्तार के साथ ही पड़ गई थी। जीडीए के सीमा विस्तार में जिन गांवों को सम्मिलित किया गया है, उन्हें महानगर क्षेत्र में भी सम्मिलित कर लिया गया है। गोरखपुर महानगर अब चौरी चौरा, पिपराइच एवं पीपीगंज तक हो गया है। गीडा क्षेत्र में सम्मिलित सहजनवा भी अब नगर का ही भाग होगा।
बता दें की योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के पश्चात से ही गोरखपुर का विकास तेजी से हो रहा है। मुख्यमंत्री बनने के पश्चात जब उन्होंने जीडीए सभागार में पहली बैठक की थी, उसी समय महानगर क्षेत्र की रूपरेखा के बारे में चर्चा हुई थी। उसके पश्चात चरणबद्ध तरीके से कार्य हुआ। योजना पर काम करते हुए चारो ओर सड़कों का जाल पहले ही बिछ चुका है। नगर के चारो ओर रिंग रोड का अंतिम चरण का काम शिघ्र ही पूरा हो जाएगा। रिंग रोड की कार्ययोजना बनने के साथ ही इसके आस-पास आने वाले गांवों के विकास की रूपरेखा भी तैयार कर ली गई।
यह भी बता दें की जीडीए की सीमा में पहले जहां महानगर के अतिरिक्त 100 गांव से भी कम सम्मिलित थे, वहीं सीमा विस्तार के पश्चात 319 गांव जीडीए का भाग हैं। तथा जीडीए ने नया गोरखपुर बसाने की प्रक्रिया पहले ही आरंभ कर दी है।
कालेसर से जंगल कौड़िया, जंगल कौड़िया से जगदीशपुर, जगदीशपुर से कालेसर रिंग रोड का दो तिहाई भाग तैयार हो चुका है। अंतिम भाग को भी स्वीकृति मिल चुकी है। इसी रिंग रोड के दोनों ओर नगर का विस्तार तेजी से किया जाना है।
यही नहीं प्रदेश सरकार गोरखपुर में लाइट रेल ट्रांजिट परियोजना के अंतर्गत तीन कोच वाली लाइट मेट्रो चलाना चाहती है, परंतु कम जनसंख्या के कारण यह महत्वाकांक्षी परियोजना स्थिर थी किंतु अब प्रदेश कैबिनेट से मेट्रोपोलिटन नगर के रूप में हरी झंडी मिलने के पश्चात गोरखपुर में मेट्रो का मार्ग प्रशस्त हो गया है। तथा नगर की सीमा तो बढ़ेगी ही साथ ही विकास की गति और तीव्र होगी।
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बता दें की फिलहाल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गोरखपुर नगर में लाइट रेल ट्रांजिट परियोजना (एलआरटी) के अंतर्गत तीन कोच वाली लाइट मेट्रो का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार है। कैबिनेट ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को अपनी स्वीकृति भी दे दी है। केंद्र की अनुमति मिलते ही निर्माण कार्य आरंभ हो जाएगा। तथा वर्ष 2024 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है।
गोरखपुर मेट्रो की अधिक जानकारी के लिए बता दें की डीपीआर के अनुसार गोरखपुर मेट्रो में दो कॉरिडोर होंगे। दोनों कारिडोर पर कुल मिलाकर 27 स्टेशन बनाए जाएंगे। सभी स्टेशन एलिवेटेड अर्थात ऊपर बनाए जाएंगे। तथा गोरखपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के निर्माण पर लगभग 4672 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है।
गोरखपुर मेट्रो के दोनों कॉरिडोर की अधिक जानकारी के लिए बता दें की पहला कॉरिडोर श्याम नगर से लेकर मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक 15.14 किमी लंबा होगा। इसमें 14 स्टेशन बनाए जाएंगे। अनुमान है कि वर्ष 2024 में 1.55 लाख लोग इसमें प्रतिदिन यात्रा करेंगे। यह संख्या वर्ष 2031 में बढ़कर 2.05 लाख होगी, जबकि अगले दस वर्ष में अर्थात 2041 तक इसमें 2.73 लाख लोग प्रतिदिन यात्रा कर सकेंगे।
इसके अतिरिक्त गोरखपुर मेट्रो का दूसरा कॉरिडोर बीआरडी मेडिकल कालेज से नौसढ़ के बीच बनेगा, जो 12.70 किमी लंबा होगा। इसमें 13 स्टेशन प्रस्तावित है। अनुमान है कि वर्ष 2024 में 1.24 लाख लोग इसमें प्रतिदिन यात्रा करेंगे। यह संख्या वर्ष 2031 में बढ़कर 1.73 लाख होगी। जबकि अगले दस वर्ष में अर्थात 2041 तक इसमें 2.19 लाख लोग प्रतिदिन यात्रा कर सकेंगे।
यदि आप मेट्रो और लाइट मेट्रो में ठोड़ा कनफ्यूज़ हैं तो हम आपको बता दें की लाइट मेट्रो में तीन या चार कोच होते हैं. एक कोच में सौ यात्री सफर करते हैं। इसके स्टेशन भी छोटे होते हैं। कम जनसंख्या अथवा छोटे नगरों में यात्रीयों की सुविधा के लिए केंद्र सरकार ने लाइट मेट्रो प्रोजेक्ट तैयार की है।
लाइट मेट्रो प्रोजेक्ट में काफी समानताएं मेट्रो की तरह हैं। परंतु, इसमें सारी सुविधाएं मेट्रो की तरह नहीं होती हैं। लाइट मेट्रो लाइन के ट्रैक के किनारे फेंसिंग लगाए जाते हैं। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में ऊपरी रूट तैयार किया जाता है।
बता दें की गोरखपुर मेट्रो ट्रेन की लंबाई के एक तिहाई भाग में प्लेटफॉर्म पर शेड लगेगा। इसमें एक्सरे स्कैनर, ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन गेट, कनकोर्स जैसी सुविधाएं नहीं होंगी। एलिवेटेड रूट पर ओवरहेट स्टेशन बनेंगे। इसमें एक ही एंट्री और एग्जिट गेट होगा तथा लाइट मेट्रो में यात्रा के समयावधि में नियम तोड़ने पर आम मेट्रो से अधिक अर्थ दंड लगाने की बातें भी सामने आई है।
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इनसब के अतिरिक्त एक और नवीन जानकारी के लिए बता दें की केंद्र सरकार की ओर से बिहार को एक और एक्सप्रेस वे का प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव में गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जाना है। केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से आरंभ होकर बिहार के गोपालगंज, सिवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज होते हुए सिलीगुड़ी तक जाएगी। अर्थात गोरखपुर की सीधी कनेक्टिविटी अब सिलीगुड़ी तक एक्स्प्रेस वे के माध्यम से भी होगी.
बता दें की देश में अभी लगभग 1800 किलोमीटर एक्सप्रेसवे का निर्माण हो चुका है। इनमें सबसे अधिक उत्तरप्रदेश में 930 किमी एक्सप्रेसवे है। तथा यूपी में अभी लगभग एक हजार किलोमीटर और एक्सप्रेस-वे के निर्माण का कार्य जारी है जो गंगा एक्सप्रेसवे के शिलान्यास अगले माह दिसंबर में होने से और बढ़ जाएगी। तथा जेवर एयरपोर्ट, डिफेंस कॉरिडोर, नोएडा फिल्म सिटी आदि प्रोजेक्ट पर भी कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है जो अति शीघ्र उत्तर प्रदेश को भारत में सबसे अग्रणी प्रदेश का दर्जा दिलाने में सहायक सिद्ध होगा।
मित्रों यदि आपको वीडियो में दी हुई गोरखपुर मेट्रोपोलिटन सिटी व गोरखपुर मेट्रो परियोजना की जानकारी पसंद आई हो तो हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।
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