भारत का पहला कमर्शियल रोपवे सिटी वाराणसी का शिलान्यास PM मोदी द्वारा

विश्व की प्राचीनतम जीवित नगर काशी अर्थात वाराणसी अपने आप में अद्भुत है। अब आप शीघ्र ही काशी का आकाशीय अवलोकन वाराणसी में बनने वाले भारत के पहले Commercial Ropeway के माध्यम से भी कर पाएंगे।

भगवान भोलेनाथ की प्रीय नगरी काशी को देखने व यहाँ के अल्हड़पन जीवन का अनुभव करने के लिए लाखों लोग वाराणसी आते हैं तथा नगर के बढ़ती जनसंख्या के कारण वाराणसी के सड़कों पर भार बढ़ता ही जा रहा है जिसके समाधान के लिए नगर में कई मल्टीलेवल व भूमिगत पार्किंग पर कार्य हुआ है तथा सड़क चौड़ीकरण व फ्लाईओवरों का भी निर्माण हो रहा है एवं एक एक करके उनका उद्घाटन किया जा रहा है। परंतु यह सभी मिलकर भी यातायात समस्या का पूर्ण समाधान वाराणसी में तो नहीं है तथा वाराणसी में मेट्रो व लाईट मेट्रो में विलंब को देखते हुए अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नगर के यातायात के लिए भारत में पहली बार रोपवे सेवा को क्रियाशील करने की तैयारी है।

Also Read
PM मोदी ने किया वाराणसी में नया कारनामा, लोगों ने कहा वाह मोदी जी वाह

वाराणसी के सड़कों का कायाकल्प, नगर की सडकें भी होंगी फोरलेन

बता दें की ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित हो रही वाराणसी के विकास में एक और नया अध्याय जुड़ने वाला है। जिसके अंतर्गत वाराणसी के कैंट से लेकर गोदौलिया के मध्य में प्रस्तावित रोपवे के पायलट प्रोजेक्ट को प्रदेश सरकार ने हरी झंडी दे दी है।

वाराणसी शीघ्र ही सार्वजनिक परिवहन में रोपवे सेवाओं का उपयोग करने वाला पहला भारतीय शहर बनने वाला है। विश्व भर से बनारस आने वाले यात्रीयों को अब कैंट स्टेशन से गिरिजाघर तक की यात्रा के लिए रोपवे की सुविधा मिलेगी।

वाराणसी रोपवे प्रोजेक्ट की अधिक जानकारी के लिए बता दें की Comprehensive Mobility Plan और मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के अंतर्गत बनने वाले वाराणसी रोपवे का क्रियान्वयन सार्वजनिक निजी भागीदारी अर्थात Public Private Partnership Mode पर किया जाएगा। केंद्र सरकार की सहयोगी कम्पनी वैपकॉस ने वाराणसी रोपवे का खाका अर्थात फिजि़बिलिटी रिपोर्ट तैयार किया है।

वाराणसी रोपवे की विशेषताओं की अधिक जानकारी के लिए बता दें की लगभग 4 किमी क्षेत्र में रोपवे सेवा 220 केबल कारों के साथ आरंभ होगी। प्रत्येक केबल कार में 10 सीटें होंगी। ये कारें 90 सेकंड अर्थात 1.5 मिनट के अंतराल में आगे बढ़ेंगी। अंतिम संरेखण के अनुसार, मुख्य टर्मिनस कैंट रेलवे स्टेशन पर स्थित पं. कमलापति त्रिपाठी इंटर कॉलेज के सामने से आरम्भ होगा। जो कि बनारस नगर में लगभग 45 मीटर से ऊंचाई से गुजरेगा तथा यह रोपवे साजन तिराहा सिगरा, रथयात्रा, लक्सा होते हुए गोदौलिया के समीप गिरिजाघर पर पहुंचेगा। कैंट, साजन तिराहा, रथयात्रा और गिरिजाघर चौराहे पर रोपवे स्टेशन के लिए भूमि भी चिह्नित कर ली गई है। गोदौलिया चौराहे पर रहने वाली भीड़ और गोदौलिया पर स्थान के अभाव के कारण रोपवे को गोदौलिया चौराहे से 200 मीटर पहले गिरजाघर चौराहे पर समाप्त किया जाएगा।

Also Read
वाराणसी का सपना हुआ सच, मिलेगा रोजगार बढेगा आहार

उत्तर प्रदेश को मिली 15 वर्षों पश्चात् बहुत बड़ी सौगात

गोदौलिया वही स्थान है जहां काशी दौरे के समयावधि में आधी रात पीएम मोदी पहुंचे और पैदल ही निरीक्षण किया था। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से रोप के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।

अधिक जानकारी के लिए बता दें की वाराणसी के कैंट स्टेशन से गिरजाघर चौराहे की दूरी 4.2 किलोमीटर है और इस दूरी को तय करने में रोपवे को लगभग 15 मिनट का समय लगेगा। तथा एक दिशा में एक बार में 4000 लोग यात्रा कर सकेंगे। इस प्रकार से एक बार में 8000 लोग दोनों दिशा से आने-जाने की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।

वाराणसी रोपवे परियोजना में हुए नवीन परिवर्तन के अनुसार बता दें की माना जा रहा है कि रोप-वे पर प्रतिदिन 80 हजार यात्री चलेंगे। वाराणसी में पीपीपी मॉडल पर रोप-वे का निर्माण कराया जाएगा। इसके निर्माण पर 410 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें 20 प्रतिशत वायबिल्टी गैप फंडिंग केंद्र और 20 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। शेष 60 प्रतिशत कंसेशनेयर अर्थात प्राइवेट पार्टनर द्वारा खर्च किया जाएगा। केंद्र सरकार ने अपनी भागिदारी देने के लिए अनुमति दे दी है।

आवास विभाग ने पूर्व में पीपीपी गाइडलाइन्स के अंतर्गत 21 अक्तूबर 2021 को इवैलुएशन कमेटी गठित की थी। बिड इवैलुएशन कमेटी की संस्तुति में वाराणसी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में रोप-वे केबल कार की पायलट परियोजना पीपीपी मॉडल पर चलाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

Also Read
Exclusive: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से भी भव्य बन रहा है उज्जैन का महाकाल कॉरिडोर

अयोध्या श्री राम मंदिर निर्माण के द्वितीय चरण में आई सबसे बड़ी खुशखबरी

इसके लिए मूल आरएफपी डाक्यूमेंट व ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेंट व प्री-बिड के पश्चात वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित संशोधित फिजिबिलिटी रिपोर्ट व परियोजना के कैपिटल कास्ट 410 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया। जिसेको कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है।

इस रोप-वे परियोजना से वाराणसी के घनी जनसंख्या वाले क्षेत्रों में जहां एक ओर यातायात का भार कम होगा तो वहीं दूसरी ओर वाराणसी के नगरवासियों और यहां आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं को त्वरित सुविधाजनक, सुरक्षित व कम लागत की परिवहन व्यवस्था उपलब्ध होगी। परियोजना के क्रियान्यवन से प्रदूषण में कमी, यात्रा समय में बचत और दुर्घटनाओं में भी कमी होगी।

वाराणसी विकास प्राधिकरण पूरी परियोजना की नोडल एजेंसी के रूप में नामित है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर वैपकास और वीडीए के बीच संसाधनों की उपलब्धता के लिए एग्रीमेंटभी भी कर लिया गया है।

वाराणसी रोपवे प्रोजेक्ट की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी के लिए बता दें की इसे कौन सी कम्पनी पूरा करेगी, इसकी जानकारी टेंडर खुलने के पश्चात सामने आएगी, जिसपर की कार्यदायी संस्था वाराणसी विकास प्राधिकरण ने बीते 13 नवम्बर को निविदा जारी कर दी थी।

अधिक जानकारी के लिए बता दें कि इसमें बीते 23 नवंबर को प्री बीड मीटिंग वाराणसी विकास प्राधिकरण कार्यालय में हुई थी और इसमें 7 कंपनियों ने भाग लिया था।
इसपर और अधिक जानकारी के लिए बता दें कि वाराणसी में बनने वाले ट्रांसपोर्ट रोपवे को लेकर वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण प्री-बिड की बैठक में जो कंपनीयों ने भाग लिया उनके नाम हैं-

1. ईसीएल मैनेजमेंट एसडीएचडीएचडी,

2. डोपल्मेयर,

3. एफआईएल,

4. पोमा,

5. एक्रान इंफ्रा,

6. एजीस इंडिया,

7. और कन्वेयर एंड रोपवे सिस्टम
जिनमें से ईसीएल, डोपल्मेयर, एफआईएल और पोमा फर्म ने लिखित रूप से रोपवे के निर्माण की इच्छा भी जताई थी।

Also Read
किसी एयरपोर्ट से कम नहीं है PM मोदी के वाराणसी में बना बनारस रेलवे स्टेशन

अद्भुत है काशी का लोटस टेम्पल, स्वर्वेद महामंदिर धाम

टेंडर प्रक्रिया की अधिक जानकारी के लिए बता दें की यह टेंडर पहले 18 दिसंबर को खुलने वाली थी जो नहीं खुल सकी थी। तत्पश्चात निविदा खोलने की तिथि 24 दिसंबर कर दी गई थी। तथा 24 दिसंबर को जब निविदा खुली तो निविदा में किसी फर्म के बीड नहीं करने की स्थिति में वीडीए प्रशासन ने टेंडर की तिथि बढ़ाकर उसे 31 दिसम्बर तक कर दी है।

बता दें की निविदा तय होने के पश्चात 630 दिन अर्थात 21 महीनों में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त 3 महीने का समय इसकी तकनीक, डिजाइन एवं अन्य बारीकियों को जानने में लगेगा। अर्थात कुल 24 महीनों में रोपवे का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।

महत्वपूर्ण है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना की आधारशिला नव वर्ष के आगमन में 8 जनवरी को रखेंगे। तथा अपने संसदीय क्षेत्र काशी के लोगों को रोपवे की सौगात देंगे। शासन स्तर पर रोपवे के डीपीआर की स्वीकृति की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। परंतु यह देखना भी आतुरतापूर्ण होगा कि भारत के इस पहले व अति महत्कांक्षी परियोजना को कौन सी कंपनी निर्माण करेगी जिसके लिए बस थोड़ा सा और विलंब करना शेष है।

यह भी बता दें की रोपवे प्रोजेक्ट के पायलट फेज़ के चार स्टेशन जो बनेंगे वे 11 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर होंगे, साथ ही प्रत्येक स्टेशन पर एस्केलेटर की सुविधा भी रहेगी।
बता दें की वर्तमान में वाराणसी के कैंट से गोदौलिया की दूरी तय सड़क मार्ग से तय करने में 25 से 30 मिनट का समय लगता है परंतु रोपवे से मात्र 15 मिनट में ही यह यात्रा पूरी की जा सकेगी।

आपके ज्ञान में वृद्धि करने के लिए बता दें कि सार्वजनिक परिवहन के लिए रोपवे का उपयोग करने के लिए वाराणसी भारत का पहला नगर ही नहीं अपितु विश्व के चुनिंदा नगरों में सम्मिलित होने वाला है। वर्तमान में बोलिविया के ला पाज़, मेक्सिको के मेक्सिको सिटी और कोलंबिया के मेडेलिन ही ऐसे नगर हैं जो सार्वजनिक परिवहन के लिए रोपवे का उपयोग करते हैं। तथा वाराणसी विश्व का ऐसा चौथा नगर बनने की ओर अग्रसर है। वाराणसी रोपवे प्रोजेक्ट को बोलिविया के ला पाज़ के रोपवे जैसा ही बनाया जाएगा और वाराणसी रोपवे रात्रि का में भी संचालित होगा।

Also Read
अयोध्या एयरपोर्ट ने पकड़ी रफ़्तार, राम भक्तों को शीघ्र ही मिलेगी दोहरी खुशी

उद्घाटन को तैयार काशी में बना भारत का सबसे आधुनिक घाट

काशी के लिए यातायात की संजीवनी के रूप में साबित होने वाले इस ड्रीम प्रोजेक्ट का लोगों का बेसब्री से इंतजार है। रोप-वे के आरंभ हो जाने से यहां आने वाले यात्रीयों को सुविधा मिलेगी और कम समय में लोग यहां के तीर्थ स्थलों व ऐतिहासिक स्मारकों के साथ मंदिरों में पहुंचकर दर्शन-पूजन भी कर सकेंगे।

मित्रों यदि उपरोक्त रोपवे की जानकारी पसंद आई हो तो हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

video

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *